अमेरिका के नेशनल कैंसर इंस्टिट्यूट (American National Cancer Institute) के अनुसार फिजिकल एक्टिविटी उस मूवमेंट को कहा जाता है, जिसमें स्केलेटल मसल्स का प्रयोग किया जाता है। फिजिकल एक्टिविटी में वाकिंग (Walking), रनिंग (Running),डांसिंग (Dancing), स्विमिंग (Swimming) आदि शामिल है। कार्डियो, फिजिकल एक्टिविटी का ही एक प्रकार हैं। कार्डियो उस व्यायाम को कहा जाता है, जिसे करने से हार्ट रेट बढ़ता है और ब्लड सर्कुलेशन में सुधार होता है। इस व्यायाम के कई लाभ हैं। कार्डियो एक्सरसाइज लो इंपेक्ट और हाय इंपेक्ट किसी भी तरह की हो सकती है। लो इंपेक्ट कार्डियो एक्सरसाइजेज (Low Impact Cardio Exercises) मोबिलिटी को मेंटेन करने और सम्पूर्ण हेल्थ को सुधारने का बेहतरीन तरीका है। यही नहीं, इससे जॉइंट्स पर कोई बुरा प्रभाव नहीं पड़ता है। आइए जानते हैं लो इंपेक्ट कार्डियो एक्सरसाइजेज (Low Impact Cardio Exercises) के बारे में विस्तार से।
लो इंपेक्ट कार्डियो एक्सरसाइजेज किन्हें कहा जाता है? (Low Impact Cardio Exercises)
कार्डियो वर्कऑउट्स जैसे रनिंग, स्प्रिन्टिंग आदि का प्रभाव हमारे जोड़ों पर पड़ता है, जिससे जोड़ों में दर्द होने की संभावना बढ़ जाती है। लो इंपेक्ट कार्डियो एक्सरसाइजेज (Low Impact Cardio Exercises) स्ट्रेंथ को बनाए रखने के लिए बेहद लाभदायक हैं। आगे लो इंपेक्ट एक्सरसाइज के अन्य उदाहरण बताए जा रहे हैं।
बता दें कि इन एक्सरसाइजेज का प्रभाव शरीर पर अच्छा होता है। यही नहीं, इन वर्कऑउट्स में आपको इंजरी की संभावना कम रहती है। इन्हें करने से हमें कई लाभ होते हैं। जानिए लो इंपेक्ट कार्डियो के लाभ के बारे में।
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लो इंपेक्ट कार्डियो एक्सरसाइजेज के फायदे क्या हैं? (Benefits of Low Impact Cardio Exercises)
यह तो हम सभी जानते हैं कि व्यायाम करने से हमारी सेहत सही रही RAHTI HAI है। इसका न केवल हमारे शरीर बल्कि दिमाग सब भी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसके कई अन्य फायदे हैं, जैसे:
स्ट्रेंथ और एंड्यूरेंस को बढ़ाए (Enhance Strength and endurance)
लो इंपेक्ट कार्डियो एक्सरसाइजेज (Low Impact Cardio Exercises) समय के साथ स्लो बिल्डिंग स्ट्रेंथ (Slow Building strength) और मस्कुलर एंड्यूरेंस (Muscular Endurance) के लिए बेहतरीन है। यही नहीं इसके लिए जॉइंट्स पर भी स्ट्रेस नहीं पड़ता है।
फैट लॉस है संभव (Fat loss)
लो इंपेक्ट एक्सरसाइज फैट लॉस (Fat Loss) यानी वजन को कम करने के लिए भी बेहतरीन है। यानि, इन्हें करने से आप कैलोरीज बर्न कर सकते हैं। इससे कई हेल्थ कंडीशंस से भी बचाव हो सकता है।
कार्डियोवैस्कुलर हेल्थ के लिए बेहतरीन (Good for cardiovascular health)
कार्डियोवैस्कुलर हेल्थ को सुधारने के लिए आपको कड़ी मेहनत करने की जरूरत नहीं है। लो इंपेक्ट कार्डियो एक्सरसाइजेज (Low Impact Cardio Exercises) बिना किसी स्ट्रेन के हार्ट हेल्थ को बूस्ट करने में मददगार साबित हो सकती हैं।
इंजरी का खतरा है कम (Less Chance of Injury)
लो इंपेक्ट कार्डियो एक्सरसाइजेज (Low Impact Cardio Exercises) का सबसे बेहतरीन फायदा यही है कि इन्हें करने से इंजरी का खतरा कम रहता है। कोई भी वर्कआउट करने के लिए हमारा प्रॉपर फ्रॉम में होना भी जरूरी है। जैसा कि आप जानते हैं कि इस व्यायाम से जॉइंट्स और मसल्स पर कम प्रभाव पड़ता है, जिससे हमारे शरीर पर कम स्ट्रेस पड़ता है।
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फ्लेक्सिबिलिटी सुधरती है (Improved Flexibility)
ऐसी कई एक्सरसाइजेज हैं जिन्हें करने से फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ती है। इन्हें लो इंपेक्ट व्यायाम कहा जाता है। योगा (Yoga), स्विमिंग (Swimming), पिलाटे (Pilate) आदि इनके उदाहरण है। जो कोर को मजबूत करने और फ्लेक्सिबिलिटी को सुधारने में मददगार होते हैं। कई इंपेक्ट कार्डियो एक्सरसाइजेज (Low Impact Cardio Exercises) को धीरे-धीरे किया जाता है। जिससे खास मूवमेंट और हमारे शरीर को एडजस्ट होने के लिए समय मिल जाता है। जितना अधिक आप इन व्यायामों को करेंगे, उतना ही अधिक आप फ्लेक्सिबल होते जाते हैं।
दिमाग के लिए लाभदायक (Mental Health Benefits)
लो इंपेक्ट कार्डियो एक्सरसाइजेज के कई लाभ हैं। जिनमें मेंटल बेनिफिट्स (Mental benefits) भी शामिल हैं। एक शोध के मुताबिक रोजाना एक घंटे इन एक्सरसाइजेज को करने से आपको डिप्रेशन से छुटकारा पाने में मदद मिलती है। यही नहीं, इन व्यायामों को करने से आपका मूड सुधरता है, दिमाग शांत रहता है, एंग्जायटी कम होती है और एनर्जी मिलती है। संक्षिप्त में कहा जाए तो यह व्यायाम शरीर और दिमाग दोनों के लिए फायदेमंद है।
अगर आप इन लो इंपेक्ट कार्डियो एक्सरसाइजेज (Low Impact Cardio Exercises) के लाभों को पाना चाहते हैं, तो आप इन्हें घर पर भी कर सकते हैं। लेकिन इन्हें करने से पहले किसी प्रशिक्षित व्यक्ति से सलाह लें और ट्रेनर के मार्गदर्शन में ही इन्हें करें। अब जानिए लो इंपेक्ट कार्डियो एक्सरसाइजेज (Low Impact Cardio Exercises) के उदाहरणों के बारे में।
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लो इंपेक्ट कार्डियो एक्सरसाइजेज के उदाहरण क्या हैं? (Low Impact Cardio Exercises)
अगर आप लो इंपेक्ट कार्डियो एक्सरसाइज (Low Impact Cardio Exercises) करना चाहते हैं, तो थोड़ा भी न सोचें। क्योंकि, इन एक्सरसाइजेज को दिन में बीस मिनट करने से आपको बहुत से लाभ हो सकते हैं। यह व्यायाम इस प्रकार हैं:
लो इंपेक्ट कार्डियो एक्सरसाइजेज में लो इंपेक्ट जंपिंग जैक (Low-impact jumping jack)
लो इंपेक्ट जंपिंग जैक को एक अच्छी वार्म-अप एक्सरसाइज माना जा सकता है। जो हार्ट पम्पिंग और मसल्स मूविंग के लिए फायदेमंद है। इसमें आपकी बाजुओं का भी व्यायाम होता है और कैलोरीज भी बर्न होती हैं। इस तरह से किया जाता है यह व्यायाम:
- इस एक्सरसाइज को करने के लिए सबसे पहले सीधे खड़े हो जाएं। इस दौरान आपकी बाजुओं को अपने शरीर के दोनों तरफ सीधा रखें।
- आपके दाएं पैर को बाहर निकालें और उसी समय अपनी बाजू को सिर के ऊपर ले जाएं।
- मूवमेंट के दौरान अपने शरीर के वजन को दाएं पैर पर डालें और शुरुआती पोजीशन में वापस आ जाएं।
- अब अपने बाएं पैर को तुरंत बाहर निकालें। एक बार फिर, अपने बाएं पैर पर अपने वजन के साथ, अपनी बाजुओं को अपने सिर के ऊपर लाएं।
- इसी तरह से मॉडरेट स्पीड से इस एक्सरसाइज को बार-बार दोहराएं।
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लो इंपेक्ट कार्डियो एक्सरसाइजेज में स्केटर्स (Skaters)
लो इंपेक्ट कार्डियो एक्सरसाइजेज (Low Impact Cardio Exercises) में आप इस व्यायाम को भी शामिल कर सकते हैं। इस व्यायाम से आपके पूरे शरीर का अच्छे से वर्कआउट होता है। यही नहीं, इसे करना भी बेहद आसान है। जानिए कैसे की जाती है यह एक्सरसाइज:
- इस एक्सरसाइज को करने के लिए सीधे इस तरह से खड़े हो जाएं कि आपके पैरों के बीच में अंतर् हो।
- अब दोनों पैरों को मोड़कर, अपने दाहिने पैर को पीछे ले जाएं।
- संतुलन के लिए आपका बायां हाथ सीधा नीचे की तरफ होना चाहिए और दाहिना हाथ आराम से ऊपर की ओर झुकना चाहिए।
- अब बाएं पैर को पुश करते हुए, खड़े होना शुरू करें, दाहिने पैर को आगे लाएं और अपने बाएं पैर को पीछे की ओर घुमाएं।
- इस व्यायाम को जल्दी-जल्दी करें लेकिन लो इंपेक्ट एप्रोच को बनाए रखें और जम्प न करें।
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रिवर्स-लंजेस फ्रंट किक (Reverse-lunge front kick)
रिवर्स-लंजेस फ्रंट किक को करने के बाद आप कैलोरी बर्न कर सकते हैं। लो इंपेक्ट कार्डियो एक्सरसाइजेज (Low Impact Cardio Exercises) में इस एक्सरसाइज को करने से आपकी बाजु, कोर, छाती और बाजू को मजबूती मिलेगी। यही नहीं, इससे हिप्स की मोबिलिटी भी सुधरेगी। इस व्यायाम को आप इस प्रकार कर सकते हैं:
- इस व्यायाम को करने के लिए आपको इस तरह से खड़े होना है कि आपके आर्म्स थोडी बेंट हों।
- इस व्यायाम की शुरुआत करने के लिए अपनी राइट लेग से सामने की तरफ किक करें और इस लेग को नीचे ले जाते समय, एक रिवर्स लंज में वापस कदम रखें।
- फिर से खड़े हो जाएं और दूसरी टांग के साथ इस व्यायाम को दोहराएं।
- बार-बार इसका अभ्यास करें।
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स्टैंडिंग ऑब्लिक क्रंच (Standing oblique crunch )
स्टैंडिंग ऑब्लिक क्रंच को नियमित रूप से करने पर आप अपने कोर का सही प्रयोग करना सीख जाएंगे। लेकिन, लो इंपेक्ट कार्डियो एक्सरसाइजेज (Low Impact Cardio Exercises) में इस व्यायाम को करने से पहले यह बात पूरी तरह से जान लें कि इसे करते हुए कोर पूरी तरह से एंगेज्ड हों और अधिकतर प्रभाव के लिए मूवमेंट कंट्रोल्ड हों। इस तरह से की जाती है यह एक्सरसाइज:
- इस व्यायाम को करते हुए आपको सीधे खड़े हो जाना है।
- इस दौरान आपकी बाहें मुड़ी हुई हों, हाथ आपके सिर के पीछे और कोहनियाँ बाहर की ओर निकली हों।
- मूवमेंट शुरू करने के लिए, अपनी कोहनी को नीचे लाते हुए, अपनी दाहिनी ओर झुकें, साथ ही साथ अपने दाहिने घुटने को छूने के लिए ऊपर लाएं।
- इसके बाद अपनी प्रारंभिक स्थिति पर लौटें और बाईं ओर से इन चरणों को दोहराएं।
यह तो थे लो इंपेक्ट कार्डियो एक्सरसाइजेज (Low Impact Cardio Exercises) के कुछ उदाहरण। अब जानिए कि कुछ अन्य व्यायामों के बारे में, जिन्हें आप इस श्रेणी में शामिल कर सकते हैं। कई अन्य लो इंपेक्ट कार्डियो एक्सरसाइजेज (Low Impact Cardio Exercises) भी हैं, जिन्हें आप कर सकते हैं। अगर आप एक ही तरह के व्यायाम से तंग आ गए हैं, तो कुछ अन्य वर्कआउट आपके काम आ सकते हैं, जैसे:
साइकिलिंग/बाइक राइडिंग (Cycling/bike riding)
साइकिलिंग/बाइक राइडिंग नॉन वेट बेअरिंग व्यायाम है, जो हाय इंटेंसिटी इंटरवेल ट्रेनिंग वर्कआउट (High Intensity Interval training workout) प्रोवाइड कर सकते हैं।
रोलरब्लेडिंग (Rollerblading)
मिनिमम जॉइंट जारिंग (Minimum joint jarring) के साथ स्केट्स आपकी टांगों की टोनिंग के लिए बेहतरीन हैं। इसके साथ ही यह सच में मजेदार भी होते हैं। स्ट्रेंथ ट्रेनिंग और कार्डियो दोनों में इसे शामिल किया जा सकता है।
स्विमिंग (Swimming)
स्विमिंग से भी पूरे शरीर का व्यायाम होता है और इसके साथ ही यह भी बेहद मजेदार वर्कआउट है। अब जानिए कि लो इंपेक्ट कार्डियो एक्सरसाइजेज (Low Impact Cardio Exercises) के लिए किन चीजों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है?
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लो इंपेक्ट कार्डियो एक्सरसाइजेज को करते हुए इन चीजों का रखें ख्याल
लो इंपेक्ट कार्डियो एक्सरसाइजेज (Low Impact Cardio Exercises) को करना बेहद आसान है, लेकिन फिर भी इन्हें करते हुए कुछ खास चीजों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है, जैसे:
- इन व्यायामों को शुरू करने के लिए सबसे बेहतरीन तरीका है वार्म-अप करना। ताकि, आप किसी भी तरह की इंजरी से बच सकें।
- इन व्यायामों का इफेक्ट लो होता है। ऐसे में आप इसे बिना विपरीत प्रभावों के इन एक्सरसाइजेज को हफ्ते में कई बार कर सकते हैं। इनका प्रयोग आप स्ट्रेंथ ट्रेनिंग व्यायामों (Strength Training Exercises) को करते हुए वार्म-अप के रूप में भी कर सकते हैं।
- आप इस वर्कआउट को अपने फिटनेस लेवल के अनुसार एडजस्ट कर सकते हैं।
- लो इंपेक्ट कार्डियो एक्सरसाइजेज (Low Impact Cardio Exercises) को करते हुए आप बीच में ब्रेक ले सकते हैं।
- अगर लगातार इन्हें करते हुए आपको लगता है कि यह व्यायाम आपके लिए बेहद आसन हैं तो आप चुनौतियों को बढ़ा सकते हैं जैसे इन्हें करते हुए अपने हाथों में डम्बल ले लें या इन एक्सरसाइजेज का समय बढ़ा दें।
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यह तो थी लो इंपेक्ट कार्डियो एक्सरसाइजेज (Low Impact Cardio Exercises) के बारे में जानकारी। लो इंपेक्ट कार्डियो एक्सरसाइजेज (Low Impact Cardio Exercises) को सप्ताह में कई बार किया जा सकता है। ताकि, आपके कार्डियोवैस्कुलर एंड्यूरेंस (cardiovascular Endurance) और स्ट्रेंथ में सुधार हो। इसके साथ ही इन्हें करते हुए आप अपने शरीर की सुनें। अगर आपको लगता है कि कुछ किसी एक्सरसाइज को करते हुए आपको दर्द या अन्य समस्या हो रही है, तो तुरंत उसे करना छोड़ दें और डॉक्टर की सलाह लें। इसके साथ ही इस व्यायाम को करने से पहले भी डॉक्टर या किसी एक्सपर्ट की सलाह और मार्गदर्शन जरूरी है।
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