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जानें महिलाओं में हार्ट अटैक के लक्षण पुरुषों की तुलना में कैसे होते हैं अलग!

जानें महिलाओं में हार्ट अटैक के लक्षण पुरुषों की तुलना में कैसे होते हैं अलग!

हार्ट अटैक का नाम सुनते ही सबके दिमाग में एक ही ख्याल आता है कि उसके बाद व्यक्ति का बचना मुमकिन नहीं है। लेकिन ऐसा नहीं है, कोई भी बीमारी अचानक से नहीं आती है, बल्कि हर बीमारी की एक आहट होती है, जिसे सुनना और समझना पड़ता है। ठीक इसी तरह से हार्ट अटैक (Heart attack) या महिलाओं में हार्ट अटैक के लक्षण आने के पहले भी कुछ लक्षण दिखाई पड़ते हैं, जिसकी जानकारी हम सभी को होना बेहद जरूरी है। इस सभी में महिला और पुरुष दोनों आते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि महिलाओं में हार्ट अटैक (Heart attack) के लक्षण अलग और पुरुषों में हार्ट अटैक के लक्षण (Symptoms of Heart attack) अलग होते हैं। इसलिए हार्ट के लक्षणों के बारे में महिलाओं को जरूर जानकारी होनी चाहिए। आइए जानते हैं कि महिलाओं में हार्ट अटैक के लक्षण (Symptoms of Heart attack in women) क्या हैं? 

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हार्ट अटैक (Heart attack) क्या है?

महिलाओं में हार्ट अटैक के लक्षण (Symptoms of Heart attack in women)

हार्ट अटैक एक प्रकार की स्वास्थ्य समस्या है, जिसमें दिल तक खून पहुंचाने वाली नसें और दिल से खून ले जाने वाली नसें ब्लॉक हो जाती है। जिससे शरीर में होने वाला ब्लड फ्लो रूक जाता है और कोशिकाओं तक ऑक्सिजन (Oxygen) नहीं पहुंच पाता है। इसलिए सीने में दर्द (Chest pain) और बेहोशी जैसी समस्या होती है और ये स्थिति व्यक्ति के लिए जानलेवा होती है। पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा मौतें हार्ट अटैक के कारण होती हैं। हार्ट अटैक महिलाओं और पुरुषों में एक समान नहीं आता है। ज्यादातर मामलों में देखा गया है कि हार्ट अटैक (Heart attack) आने के एक महीने पहले से ही शरीर में कुछ लक्षण दिखाई देने लगते हैं। जिसे महिलाएं काफी नजरअंदाज करती हैं और पुरुषों में हार्ट अटैक अचानक से सामने आते हैं। आइए जानते हैं कि हार्ट अटैक (Heart attack) आने का कारण क्या है? 

हार्ट अटैक का कारण क्या है? (Cause of Heart attack) 

हार्ट अटैक (Heart attack) आने का कारण निम्न हो सकता है :

  • कोरोनरी धमनियों में फैट जमने की वजह से हृदय में रक्तप्रवाह बंद हो जाता है
  • ज्यादा धूम्रपान (Smoking) करने से
  • अवसाद या डिप्रेशन (Depression) के कारण 
  • मोटापे (Obesity) के कारण
  • मधुमेह (Diabetes)
  • हाय ब्लड प्रेशर (High blood pressure)
  • हाय ब्लड शुगर लेवल (High blood sugar level) का होना
  • हाय कोलेस्ट्रॉल (High Cholesterol)
  • हार्ट अटैक का पारिवारिक इतिहास होना
  • शारीरिक गतिविधि का कम होना या एक्सरसाइज ना करना
  • कोकीन जैसे मादक पदार्थों का सेवन करने से

हार्ट अटैक आने के और भी कई कारण हो सकते हैं। ऐसे में बेहतर यही होगा कि स्मोकिंग (Smoking) ना करें, शारीरिक वजन को नियंत्रित रखें, हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं और स्ट्रेस ना लें। आइए अब जानते हैं कि महिलाओं में हार्ट अटैक के लक्षण पुरुषों में हार्ट अटैक की तुलना से कैसे अलग हैं?

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महिलाओं और पुरुषों में हार्ट अटैक के लक्षण किस तरह से अलग हैं? (Symptoms of Heart attack in women)

महिलाओं में हार्ट अटैक के लक्षण (Symptoms of Heart attack in women)

महिलाओं में हार्ट अटैक के लक्षण और पुरुषों में हार्ट अटैक के लक्षण एक जैसे होते हुए भी अलग होते हैं। महिलाओं में हार्ट अटैक (Heart attack) का रिस्क पुरुषों की तुलना में अधिक होता है, क्योंकि वे हार्ट अटैक के लक्षणों को नजरअंदाज करती हैं। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन (American Heart Association) के द्वारा हाल ही में हुए एक सर्वे में ये बात सामने आई थी कि 65 फीसदी महिलाएं हार्ट अटैक (Heart attack) आने के बाद ही मेडिकल इमरजेंसी से संपर्क करती हैं, जबकि लक्षण सामने आने के बाद ही उन्हें इलाज के लिए डॉक्टर से मिलना चाहिए। स्वीटजरलैंड में हुए एक रिसर्च के अनुसार महिलाओं में हार्ट अटैक पुरुषों की तुलना में 37 गुना ज्यादा देर तक रहता है।

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महिलाओं द्वारा लक्षणों को ना समझने के पीछे दो वजह है : पहला तो ये कि महिलाएं सीने में दर्द, बाहों में दर्द जैसे लक्षणों को सामान्य समझती हैं और किसी भी तरह की स्वास्थ्य संबंधी मदद लेने से हिचकती हैं। दूसरी वजह ये है कि महिलाओं में एक भ्रम है कि हार्ट अटैक पुरुषों की बीमारी है और महिलाओं को ये समस्या नहीं होती है। इन्हीं दो कारणों से महिलाएं अपना इलाज समय पर नहीं करती हैं और अपनी जान को जोखिम में डालती हैं। महिलाओं और पुरुषों में हार्ट अटैक के लक्षणों में निम्न अंतर होते हैं :

महिला में हार्ट अटैक के लक्षण (Heart attack symptoms in women) 

पुरुष में हार्ट अटैक के लक्षण (Heart attack symptoms in women) 

इस तरह से आपने देखा कि महिला और पुरुष में हार्ट अटैक के लक्षण लगभग एक जैसे होते हैं। आइए अब विस्तार से जानते हैं कि महिलाओं में हार्ट अटैक के लक्षण क्या हैं?

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महिलाओं में हार्ट अटैक के लक्षण (Symptoms of Heart attack in women)

इस आर्टिकल को अब तक पढ़ कर आपके मन में सवाल जरूर आया होगा कि महिलाओं में दिल के दौरे का लक्षण, पुरुषों में हार्ट अटैक (Heart attack) के लक्षणों से कैसे अलग होते हैं? इस सवाल का जवाब है कि ज्यादा अलग नहीं होते हैं, सिर्फ फर्क ये होता है कि महिलाएं हार्ट अटैक के लक्षणों को समझ नहीं पाती है या समझने में देर करती हैं। जबकि, एक खास बात ये हैं कि महिलाओं में हार्ट अटैक (Heart attack) के लक्षण एक महीने पहले से ही दिखाई देने लगते हैं। महिला में हार्ट अटैक के लक्षण होते तो पुरुष के समान ही हैं, सिर्फ कुछ चीजें हैं जो महिलाओं के हार्ट अटैक को पुरुषों से अलग करता है। आइए महिला में हार्ट अटैक के लक्षणों का जानने से पहले ये जानते हैं कि अगर किसी महिला को हार्ट अटैक आने वाला है तो वह एक महीने पहले किन लक्षणों को महसूस कर सकती है :

महिलाओं में एक महीने पहले से दिखने वाले हार्ट अटैक के लक्षण क्या हैं?

अगर आपको या आपके परिवार में किसी महिला सदस्य को इस तरह की समस्या हो रही है तो तुरंत डॉक्टर के पास ले जाएं, क्योंकि इससे आप उनका इलाज समय रहते करा सकते हैं।

महिलाओं में दिल के दौरे के लक्षण : सीने में दर्द या बेचैनी महसूस होना

सीने में दर्द (Chest pain) होना हार्ट अटैक का काफी आम लक्षण है, लेकिन महिलाओं में हार्ट अटैक के लक्षण में सीने में दर्द पुरुषों से अलग होते हैं। महिलाओं में सीने का दर्द ऐंठन के साथ या निचोड़ की तरह दर्द होता है, यह दर्द न केवल सीने के बाईं ओर हो सकता है, बल्कि पूरे सीने में हो सकता है। 

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महिलाओं में दिल के दौरे के लक्षण : सांस लेने में परेशानी होना

महिलाओं में हार्ट अटैक के लक्षणों में एक खास लक्षण यह भी होता है कि सांस लेने में कठिनाई महसूस होती है। ये संकेत है कि आपको दिल (Heart) का दौरा पड़ा है। अगर आपको किसी काम को करने के बाद थकान महसूस होने लग रही है और साथ ही आपकी सांस फूलने लग रही है तो आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

महिलाओं में दिल के दौरे का लक्षण : हाथों, पीठ, गर्दन, जबड़े या पेट में दर्द

महिलाओं में हार्ट अटैक के लक्षण पुरुषों की तुलना में दर्द के स्थानों के आधार पर भी अलग होते हैं। महिलाओं में ये दर्द सिर्फ छाती और बाएं हाथ में ही नहीं होता है बल्कि जबड़े, गर्दन, पेट या पीठ में भी हो सकता है। यह दर्द दिल की धड़कनों (Heart beat) के साथ बढ़ता है। अगर आप सो रहे हैं तो हार्ट अटैक के कारण होने वाले दर्द से आपकी नींद टूट सकती है। कार्डियोलॉजिस्ट (Cardiologist) की मानें तो, जो लोग कमर के ऊपर शरीर के किसी भी हिस्से में ऐसे लक्षणों का अनुभव करते हैं, उन्हें एक बार अपने डॉक्टर से बात करनी चाहिए।

महिलाओं में अगर हमेशा पेट दर्द होता है तो इसे हमेशा पेट का अल्सर (Ulcer), पेट का खराब होना या फ्लू समझना गलत है, क्योंकि यह दिल के दौरे के संकेत हो सकते हैं। कार्डियोलॉजिस्ट (Cardiologist) कहते हैं कि महिलाएं पेट के गंभीर दबाव से पीड़ित हो सकती हैं, जिसमे ऐसा महसूस होता हैं की कोई भारी चीज उनके पेट पर रखा हो।

महिलाओं में दिल के दौरे के लक्षण : थकान होना

जिन महिलाओं को दिल का दौरा पड़ता है उन्हें कम काम करने पर भी ज्यादा थकान का अनुभव होता है। ऐसा होने के पीछे का कारण ये है कि हार्ट में ब्लॉकेज के कारण सही से ब्लड फ्लो नहीं हो पाता है और शरीर को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सिजन (Oxygen) नहीं मिल पाता है। 

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महिलाओं में दिल के दौरे के लक्षण : पसीना आना       

महिलाओं में हार्ट अटैक के लक्षण में पसीना आना सामान्य है। हालांकि, पुरुषों में हार्ट अटैक के लक्षण में भी पसीना आना शामिल है। पसीने के साथ ही घबराहट होना या हाथ-पैर कांपने जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं।

महिलाओं में दिल के दौरे के लक्षण : दोनों कंधों के बीच में पीछे की तरफ दर्द उठना

महिलाओं में दिल के दौरे के लक्षणों में ये देखा गया है कि दोनों कंधों के पीछे की तरफ बीच में दर्द होता है। कई बार सीने में दर्द (Chest pain) ना हो कर पीठ में पीछे की तरफ हो सकता है।

महिलाओं में दिल के दौरे के लक्षण : अपाचन या गैस जैसा दर्द होना

महिलाएं कई बार हार्ट अटैक के लक्षणों को अपाचन या गैस की समस्या समझ लेती है। अपाचन होने पर या गैस होने पर पेट में होने वाले दर्द जैसा ही दर्द होता है। इस स्थिति में आपको इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए और डॉक्टर से जा कर तुरंत मिलना चाहिए।

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हार्ट अटैक के रिस्क को कैसे कम कर सकते हैं?

महिलाओं में हार्ट अटैक के लक्षण (Symptoms of Heart attack in women)

बीमारी से बचाव ही उसका पहला इलाज होता है, ऐसे में आपको हार्ट अटैक के रिस्क को कम करना होगा। हार्ट अटैक के लिए आपको निम्न बातों का ध्यान रखना होगा :

  • धूम्रपान से परहेज करें। धूम्रपान करने से हार्ट अटैक का रिस्क काफी हद तक बढ़ जाता है। इसके साथ ही स्मोकिंग छोड़ने से अन्य हार्ट डिजीज के जोखिम को भी कम किया जा सकता है।
  • हर दिन आधा घंटे तक टहलना स्ट्रोक (Stroke) और हार्ट अटैक (Heart attack) के खतरे को कम कर सकता है।
  • अपने शारीरिक वजन पर ध्यान दें। अपना बीएमआई टेस्ट (BMI Test) कर के खुद से वजन को नियंत्रित करना शुरू करें।
  • सुनिश्चित करें कि आप अपने आहार में पोषक खाद्य पदार्थों का ही सेवन करें। हरी सब्जियों का सेवन ज्यादा करें और फैट्स का सेवन कम करें या फिर आप डैश डायट भी ले सकती हैं।
  • पर्याप्त मात्रा में नींद लें। कई बार नींद भी आपकी सेहत को बिगाड़ने के लिए जिम्मेदार होती है।
  • शराब का सेवन ना करें। शराब स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होती है, ऐसे में अगर आप हार्ट के पेशेंट हैं तो ये आपकी तबियत को और खराब कर सकती है। साथ ही हार्ट अटैक के रिस्क को बढ़ा सकती है।

इस तरह से आपने जाना कि महिलाओं में हार्ट अटैक के लक्षण पुरुषों की तुलना में अलग होते हैं। हमेशा एक बात याद रखें कि महिलाओं में दिल के दौरे के लक्षण धीमे-धीमे पता चलते हैं, लेकिन पुरुषों में हार्ट अटैक के लक्षण तुरंत पता चल जाते हैं। इसलिए महिलाएं अगर शुरू से ही सतर्क और सजग रहें तो हार्ट अटैक आने के बाद भी उनकी जान बचाई जा सकती है। उम्मीद करते हैं कि ये आर्टिकल आपके लिए मददगार साबित होगा। अपनी राय आप हमारे कमेंट बॉक्स में लिख सकते हैं। वहीं, इस विषय की अधिक जानकारी के लिए आप अपने डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।

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डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

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Current Version

23/05/2022

Nidhi Sinha द्वारा लिखित

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील

Updated by: Nidhi Sinha


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के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

डॉ. प्रणाली पाटील

फार्मेसी · Hello Swasthya


Nidhi Sinha द्वारा लिखित · अपडेटेड 23/05/2022

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