मेनोपॉज यानी पीरियड्स खत्म होना। आमतौर पर 45 से 50 साल की उम्र में महिलाओं को मेनोपॉज आता है, मगर कुछ कारणों से कुछ महिलाओं के पीरियड्स समय से पहले बंद हो जाते हैं। इसे अर्ली मेनोपॉज कहते हैं। अर्ली मेनोपॉज (early menopause) सेहत के लिए अच्छा नहीं होता है। 40 साल से पहले यदि मेनोपॉज आता है तो उसे प्रीमेच्योर मेनोपॉज कहा जाता है और ऐसा कई वजहों से हो सकता है, जिसमें से एक कारण है अनहेल्दी डायट।
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खाने और अर्ली मेनोपॉज में रिश्ता
हाल ही में यूके में हुए एक अध्ययन के मुताबिक, वाइट पास्ता और चावल जैसे रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट्स के ज्यादा सेवन से समय से पहले मेनोपॉज की संभावना बढ़ जाती है। जर्नल ऑफ एपिडेमियोलॉजी एंड कम्युनिटी हेल्थ में प्रकाशित निष्कर्षों के मुताबिक, हेल्दी फूड जैसे ऑयली फिश मटर व बीन्स जैसी ताजी सब्जियां खाना फायदेमंद होता है। बीन्स में भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सिडेंट होते हैं, जो मेनोपॉज को जल्दी आने से रोकता है। जल्दी मेनोपॉज आना सेहत के लिए अच्छा नहीं होता, इससे एस्ट्रोजन हार्मोन की कमी हो जाती है, जिससे जोड़ों का दर्द, कमजोर हड्डियां और तनाव की समस्या हो सकती है।
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अर्ली मेनोपॉज के कारण क्या हैं?
वैसे तो मेनोपॉज के लिए अनुवांशिक कारण, व्यवहार और पर्यावरण संबंधी कारणों के साथ ही डायट भी जिम्मेदार होती है। रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट के अधिक सेवन से मेनोपॉज जल्दी हो सकता है। इसके अलावा अधिक धूम्रपान, थायरॉइड, हेपेटाइटिस सी, कीमोथेरेपी, अनुवांशिक कारण और गंभीर पेल्विक सर्जरी आदि की वजह से भी समय से पहले मेनोपॉज हो सकता है।
मेनोपॉज के लक्षण
एक उम्र के बाद ओवरीज में ओवुलेशन (यानी अंडे का उत्पादन) बंद हो जाता है इसकी वजह से शरीर में एस्ट्रोजन की कमी होती है और कई लक्षण (menopause symptoms) दिखाई देते हैं जैसे-
- अनियमित ढंग से पीरियड (periods) का होना
- अचानक से तेज गर्मी लगना (hot flushes)
- वजन बढ़ना
- बालों का झड़ना
- नींद में समस्या आना
- योनि का सूखापन (vaginal dryness)
- मूड स्विंग्स (mood swings)
- स्किन का रूखा होना आदि।
हालांकि, इन लक्षणों के अलावा भी कुछ लक्षण दिख सकते हैं। शरीर में कोई भी आसामान्य लक्षण दिखें तो डॉक्टर से सलाह लेना ही बेहतर रहता है।
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अर्ली मेनोपॉज रोकने के उपाय
समय से पहले मेनोपॉज न आए, इसके लिए इन बातों का ध्यान रखें-
डायट में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा सीमित करें
बॉडी को एनर्जी के लिए कार्बोहाइड्रेट की जरूरत होती है, लेकिन इंस्टेंट एनर्जी देने वाली चीज़ों की बजाय डायट में कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट्स शामिल करें। साबुत अनाज इसका अच्छा स्रोत है। वाइट राइस की जगह ब्राउन राइस और ब्राउन ब्रेड खाएं, मैदे का सेवन कम करें।
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फॉलिक एसिड
डायट में भरपूर मात्रा में फॉलिक एसिड शामिल करने से मेनोपॉज को जल्दी आने से रोका जा सकता है। दालें, सोयाबीन, काबुली चना, ब्रोकली, तिल, पालक अदि फॉलिक एसिड के अच्छे स्रोत हैं। रेग्युलर एक्रसाइज है जरूरी नियमित रूप से एक्सरसाइज करना भी जरूरी है। कम से कम रोज 30 मिनट की फिजिकल एक्टिविटी जैसे- जॉगिंग, योग, जिमिंग, वॉकिंग आदि करना जरूरी है।
सप्लीमेंट्स का सेवन न करें
बेहतर होगा कि आप डायट में ताजे फल और सब्जियों को ही शामिल करें। प्रोटीन और विटामिन के नेचुरल स्रोत बेहतर होते हैं, न की सप्लीमेंट्स। इसलिए सप्लीमेंट्स लेने से परहेज करें।
प्रोटीन और ट्रांस फैट
- हेल्दी डायट के लिए आपके भोजन में प्रोटीन और ट्रांस फैट का होना ज़रूरी है। इससे मसल्स की ग्रोथ अच्छी होती है। वैसे इस बात का ध्यान रखें कि यह पॉली अनसैच्युरेटेड एसिड होने चाहिए। साथ ही ताजे फल और सब्जियां खाएं।
- हेल्दी डायट और लाइफस्टाइल रूटीन अपनाकर मेनोपॉज को समय से पहले आने से रोका जा सकता है और आप बीमारियों से भी दूर रहेंगी।
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नियमित व्यायाम करें
मीनोपॉज के बाद एक्सरसाइज न करने पर आपका वजन बढ़ सकता है। इसलिए, आप नियमित रूप से दिन में कम-से-कम 30-40 मिनट टहलने जाएं या एरोबिक्स करें इससे वजन कंट्रोल में रहेगा।
अर्ली मेनोपॉज का इलाज क्या है?
रजोनिवृत्ति महिलाओं के शरीर में एक निश्चित समय में होने वाली एक प्राकृतिक प्रक्रिया है। इसीलिए जिन महिलाओं को सही उम्र में मेनोपॉज होता है, उन्हें किसी इलाज की आवश्यकता नहीं होती। हालांकि, लक्षणों की गंभीरता की वजह से कुछ महिलाएं इसका इलाज करवाती हैं। मेनोपॉज के लिए निम्नलिखित उपचार उपलब्ध हैं:
एस्ट्रोजन क्रीम
शरीर में एस्ट्रोजन हॉर्मोन की कमी के चलते स्किन में ड्रायनेस की समस्या बढ़ जाती है। इसकी वजह से वजाइना में भी ड्रायनेस होने लगती है। त्वचा से संबंधित अर्ली मेनोपॉज के लक्षणों के लिए एस्ट्रोजन क्रीम एक असरदार उपाय है। इस क्रीम को डॉक्टर की सलाह के अनुसार हफ्ते में दो या तीन बार उपयोग करना चाहिए।
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फाइटोएस्ट्रोजेन और ब्लैक कोहोश
फाइटोएस्ट्रोजेन नेचुरल रूप से पाए जाने वाले ऐसे खाद्य पदार्थ होते हैं, जो अर्ली मेनोपॉज के लक्षणों को कंट्रोल करने में मदद करते हैं, जैसे वजाइना का सूखापन और हॉट फ्लैशेस। इससे महिलाओं में ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा भी कम होता है। ज्यादातर सब्जियों और फलों में फाइटोएस्ट्रोजेन होता है, लेकिन सोयाबीन से बने पदार्थों में इनकी मात्रा ज्यादा पाई जाती है। रजोनिवृत्ति के लक्षणों को कम करने के लिए आयुर्वेद में कुछ ऐसी जड़ी बूटियां भी हैं जिनका इस्तेमाल महिलाएं करती हैं जैसे- ब्लैक कोहोश। हालांकि, डॉक्टर से परामर्श के बिना दवा या हर्बल प्रोडक्ट का उपयोग नहीं करना चाहिए।
हॉर्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (HRT)
हॉर्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी मेनोपॉज के इलाज के लिए काफी प्रभावी मानी जाती है। यह एक ऐसा असरदार इलाज है, जिससे अर्ली मेनोपॉज के ज्यादातर लक्षणों में आराम मिलता है। इस थेरेपी में, एस्ट्रोजन या एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टिन (Progestogen) को मिलाकर टेबलेट, पैच या इंजेक्शन के रूप में दिया जाता है। इस थेरेपी का एक नुकसान यह है कि इसे बंद करने के बाद लक्षण दोबारा आने लगते हैं। साथ ही इससे ब्रेस्ट कैंसर और दिल के रोगों की संभावना बढ़ जाती है।
ऊपर बताई गई बातों को ध्यान में रखकर अर्ली मेनोपॉज के लक्षणों जैसे- योनि का सूखापन, हॉट फ्लैशेस, नींद न आना, कामेच्छा की कमी और सिरदर्द जैसी स्थितियों से बचा जा सकता है उम्मीद है। आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा अर्ली मेनोपॉज से जुड़ा हुआ कोई और सवाल है तो आप हमसे कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं।
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