एंडोर्फिन : यह ऑपियोड न्यूरोपेप्टाइड हैं। यह नर्वस सिस्टम के द्वारा उत्पादित होता है। यह शरीर में होने वाले दर्द से लड़ने में मदद करता है। जैसे अगर जब भी हमें सिरदर्द महसूस होता है या चक्कर आता है, तो एंडोर्फिन उससे लड़ने में मददगार होता है।
ऑक्सिटोसिन : इसे लव हॉर्मोन कहा जाता है या खुशियों और भावनाओं को बढ़ाने का काम करता है। आमतौर पर जब महिलाएं गर्भवती होती हैं या ब्रेस्टफीडिंग कराती हैं तो, उस दौरान इसकी मात्रा अधिक बढ़ जाती है। इसकी वजह से भी सेक्स के बाद अटैचमेंट बढ़ने लगता है।
डोपामिन : यह एक न्यूरोट्रांसमीटर है। इसे केमिकल ऑफ रिवॉर्ड भी कहते हैं। जब भी आप अपने लिए कोई लक्ष्य तय करते हैं और उसे पूरा कर लेते हैं, तो उस दौरान मस्तिष्क में डोपामिन रिलीज होता है, जो लक्ष्य की प्राप्ति की खुशी जाहिर करता है।
तो अब आपको समझ आ गया होगा कि सेक्स के बाद अटैचमेंट की वजह हॉर्मोंस हैं, जो आपको आपके पार्टनर के और भी करीब ले आते हैं। सेक्स एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसे अगर आप अपने प्यार के साथ करते हैं, तो यकीनन आपका अटैचमेंट और भी ज्यादा बढ़ जाता है। इस दौरान निकलने वाले हॉर्मोन ही आपको सेक्स के बाद अटैचमेंट होने के लिए और भी ज्यादा इमोश्नल कर देते हैं। तो अगर आपको लगे कि जब आपने सेक्स किया है और आपके पार्टनर के साथ सेक्स के बाद अटैचमेंट बढ़ने लगा है, तो इसके पीछे कोई और कारण मत समझिए, इसके पीछे के कारण केवल वो हॉर्मोन हैं, जो आपको फील गुड कराते हैं।
उम्मीद है आपको पता चल गया होगा कि आखिर सेक्स के बाद अटैचमेंट क्यों होने लगता है। आशा करते हैं कि हैलो हेल्थ का ये आर्टिकल आपको पसंद आया होगा। अगर इससे संबंधित आपको किसी अन्य सवाल का जवाब चाहिए तो हमसे हमारे फेसबुक पेज पर जरूर पूछें। हम आपके सभी सवालों के जवाब देने की पूरी कोशिश करेंगे। इसके अलावा आप हमारा ये आर्टिकल ज्यादा से ज्यादा लोगों के साथ शेयर करने की कोशिश करें, ताकि सेक्स के बाद अटैचमेंट की ये जानकारी ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचे।