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क्रोनिक डिजीज के दौरान यात्रा में बरतें ये सावधानियां

क्रोनिक डिजीज के दौरान यात्रा में बरतें ये सावधानियां

कहते हैं ट्रैवल करना किसी स्ट्रेस बस्टर से कम नहीं होता है। दरअसल ये हम नहीं कह रहें हैं। नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन (NCBI) के अनुसार एक्टिव ट्रैवलिंग मोटापे के साथ-साथ अन्य बीमारियों को दूर रखती है और आपको ज्यादा एक्टिव रहने में मददगार होती है। अगर इसे आसान भाषा में समझें तो इसका अर्थ ये हैं कि फिट एंड फाइन रहने के लिए यात्रा करना जरूरी है। हालांकि, लाख कोशिश के बाद भी कई लोग बीमारियों के शिकार हो जाते हैं लेकिन, क्या इससे ये समझा जाए की क्रोनिक डिजीज के दौरान यात्रा (Traveling During Chronic Disease) नहीं कर सकते हैं? हालांकि ऐसा बिलकुल नहीं है। क्रोनिक डिजीज के दौरान यात्रा (Traveling During Chronic Disease) कर सकते हैं, लेकिन इस दौरान विशेष ध्यान रखने की जरूरत होती है।  

क्रोनिक डिजीज के दौरान यात्रा (Traveling During Chronic Disease) कैसे करें?

यू.एस.नेशनल सेंटर फॉर हेल्थ स्टेटिक्स के अनुसार क्रोनिक डिजीज की श्रेणी में वे सभी बीमारियां आती हैं, जो तीन महीने या इससे ज्यादा वक्त से हैं। वहीं वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) के अनुसार पूरे विश्व में ज्यादातर लोग क्रोनिक डिजीज (पुरानी बीमारी) से पीड़ित होते हैं। आज आर्टिकल में ह्रदय संबंधी बीमारियों के साथ-साथ अन्य क्रोनिक डिजीज के दौरान यात्रा (Traveling During Chronic Disease) कैसे करें यह जानेंगे।

और पढ़ें: क्या यात्रा पर जा कर स्ट्रेस फ्री हो सकते हैं?

हार्ट डिजीज (Heart disease)

साल 2018 में आई एक रिपोर्ट के अनुसार 28.1 प्रतिशत भारतीय लोगों की मौत हार्ट डिजीज और स्ट्रोक की वजह से हुई। इसलिए किसी भी बीमारी से लड़ने के लिए अपना विशेष ख्याल रखना चाहिए। क्रोनिक डिजीज के दौरान यात्रा (Traveling During Chronic Disease) करना बंद नहीं करना चाहिए। अगर आप हार्ट पेशेंट हैं, तो कुछ बातों का ध्यान रखकर ट्रैवल को आसान बनाया जा सकता है। इसलिए हार्ट पेशेंट को यात्रा पर जाने से पहले कुछ आवश्यक टिप्स फॉलो करना चाहिए। इन टिप्स में शामिल हैं:-

  • क्रोनिक डिजीज के दौरान यात्रा पर जाने से पहले अपने डॉक्टर से संपर्क करें। अगर आपको किसी तरह की परेशानी समझ आ रही हो, तो इसकी जानकारी अपने डॉक्टर को दें।
  • ट्रैवल के दौरान इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (ECG) की कॉपी अपने साथ कैरी करें।
  • जितने दिनों के लिए यात्रा पर जा रहें हैं, उससे दो-चार दिनों की ज्यादा दवाइयां अपने पास रखें।
  • क्रोनिक डिजीज के दौरान यात्रा अपनी डायट का पूरा-पूरा ख्याल रखें। ऐसी किसी भी खाद्य पदार्थों या पेय पदार्थों का सेवन न करें जिससे आपको नुकसान पहुंचे या एलर्जी हो। बेहतर होगा कि अगर आप होम मेड फूड या स्नैक्स अपने साथ लेकर ट्रैवल पर निकलें। टूर पर पानी खूब पिएं
  • क्रोनिक डिजीज के दौरान यात्रा करते वक्त आरामदायक कपड़े पहने। फूट वेयर भी आरामदायक ही चुनें।
  • क्रोनिक डिजीज के दौरान यात्रा अपनी हेल्थ पॉलिसी अपने साथ रखें या पॉलिसी नंबर नोट डाउन कर लें।

और पढ़ें: ब्लैक टी के फायदे से डायबिटीज और हार्ट डिजीज को रखें दूर

डायबिटीज (Diabetes)

एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में 77 मिलियन लोग डायबिटीज की समस्या से पीड़ित हैं। भारत पूरे विश्व में डायबिटीज की समस्या से पीड़ित होने वाला दूसरा देश है। ऐसी स्थिति में सावधानी रखना बेहद जरूरी है। क्रोनिक डिजीज के दौरान यात्रा (Traveling During Chronic Disease) करना गलत निर्णय नहीं होता है बल्कि ट्रैवल से डायबिटीज पेशेंट और बेहतर महसूस कर सकते हैं। इसलिए कुछ आसान टिप्स फॉलो कर आप अपने ट्रैवल डेज को एंजॉय कर सकते हैं। इन टिप्स में शामिल करें।

  • डॉक्टर से मिलें और उनसे अपनी सेहत के बारे में जानें। आपके हेल्थ एक्सपर्ट जो आपको सलाह दें उसे नजरअंदाज न करें।
  • डायबिटीज पेशेंट अगर एयर ट्रैवल करने जा रहें हैं, तो अपनी सभी दवाओं को एक साथ रखें और इसकी एक अलग किट तैयार कर लें। एयर लाइंस डायबिटीज की दवाइयों को फ्रीज में रखने की इजाजत भी देते हैं। इस बारे में आप एयर लाइंस से बात भी कर सकते हैं।
  • यात्रा पर जाने से पहले हेल्दी स्नैक्स जरूर पैक करें। जिसमें मिक्सड नट्स, पॉपकॉर्न, होल ग्रेन क्रेकर्स और ड्राय फ्रूट्स शामिल करें। किसी भी खाद्य पदार्थों के सेवन से पहले उसमें कार्ब्स और कैलोरी की मात्रा कितनी है यह ध्यान रखें।
  • यात्रा के दौरान ग्लूकोज लेवल की जांच करते रहें। हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार ट्रिप के दौरान खाली पेट (फास्टिंग) और खाना खाने के बाद शुगर लेवल चेक करते रहें। नॉर्मल शुगर लेवल 100 mg/dL होता है। फास्टिंग शुगर लेवल 100 से 125 mg/dL लेकिन, इससे ज्यादा होने पर ध्यान दें। ट्रिप के दौरान शुगर लेवर बैलेंस्ड बनाए रखें जैसे शुगर लेवल सामान्य दिनों में बनाए रखते हैं।
  • अपने साथ स्वीट कैंडी जरूर रखें। कई बार हाइपोग्लाइसिमिया की वजह से थकान महसूस हो सकती है।

और पढ़ें: लीन डायबिटीज क्या होती है? हेल्दी वेट होने पर भी होता है इसका खतरा

हाई ब्लड प्रेशर (High blood pressure)

अगर किसी व्यक्ति को हाई ब्लड प्रेशर की समस्या है, तो ट्रिप पर जाने से अपने आपको न रोकें। हाई ब्लड प्रेशर के पेशेंट को सिर्फ सतर्कता बरतने की जरूरत है। कार्डियोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया (CSI) के अनुसार भारत में पांच में से एक वयस्क हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से पीड़ित है। इसलिए इन शारीरिक परेशानियों को देखते हुए थोड़ी सी सतर्कता आपको फिट रहने में मदद करेगी और आप ट्रिप को एंजॉय भी कर सकेंगे। हाई बी पी पेशेंट अगर फ्लाइट से ट्रैवल करने वाले हैं (क्रोनिक डिजीज के दौरान), तो उन्हें निम्नलिखित परेशानी महसूस हो सकती है। जैसे-

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इसलिए अगर आप ट्रिप पर जा रहें हैं और एयर ट्रैवल करने वालें हैं, तो ऊपर बताई गई शारीरिक परेशानी को ठीक तरह से समझें और इससे अपने आपको बचाए रखें। इसलिए फ्लाइट में पैनिक न हों और अपने आपको रिलैक्स रखें। इसलिए इस दौरान सोने की कोशिश करें, किताबें पढ़ें या फिर किसी एंटरटेनमेंट का सहारा लें। इन सभी बातों को ध्यान में रखने के साथ-साथ ट्रिप के दौरान निम्नलिखित टिप्स फॉलो करें।

  • सबसे पहले तो ब्लड प्रेशर नॉर्मल बनाए रखने के लिए ज्यादा नमक का सेवन न करें। जैसे नमक पानी न पिएं, खाने में ऊपर से नमक न डालें और हेल्दी डायट मेंटेन करें। आप चाहें तो अपने साथ घर से हेल्दी स्नैक्स साथ लेकर चलें।
  • एयरपोर्ट जल्दी पहुचें और आराम से एयरपोर्ट की प्रॉसेस को पूरा करें। अगर इसी काम को आप तेजी से करेंगे वक्त की कमी की वजह से तो आप तनाव में आ सकते हैं। तनाव की वजह ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है, जो आपके लिए ठीक नहीं होगा। 
  • चिप्स न खाएं, एल्कोहॉल का सेवन न करें और स्मोकिंग न करें। स्मोकिंग जोन से भी दूरी बनाए रखें।
  • अपने साथ ब्लड प्रेशर की दवा कैरी करना न भूलें। जितने दिन की ट्रिप हो उससे कुछ ज्यादा दवाइयां अपने साथ जरूर रखें। दवा हमेशा ऐसी जगह रखें जहां से आप आसानी से उसे ले सकते हैं।
  • अगर आप किसी विदेश यात्रा पर जा रहें हैं, तो हमेशा अपने डॉक्टर के दिए हुए प्रिस्क्रिप्शन को अपने पास रखें, जिसमें दवा का नाम लिखा हो।

अस्थमा (Asthma)

साल 2018 में आए द ग्लोबल अस्थमा रिपोर्ट के अनुसार भारत में 1.31 बिलियन लोग अस्थमा से पीड़ित हैं। इस रिपोर्ट के अनुसार इनमें 6 प्रतिशत बच्चे और 2 प्रतिशत एडल्ट भी शामिल हैं। क्रोनिक डिजीज की लिस्ट में अस्थमा भी शामिल है और क्रोनिक डिजीज के दौरान यात्रा (Traveling During Chronic Disease) करना फिटनेस के लिए बेहतर माना जाता है। हालांकि, अस्थमा या एलर्जी की वजह से यात्रा में परेशानी हो सकती है। अगर कुछ अहम बातों का ध्यान रखा जाए तो आप ट्रिप के दौरान अच्छा महसूस कर सकते हैं। इसलिए कुछ आसान टिप्स को अवश्य फॉलो करें।
  • अपनी दवाओं को अलग-अलग रखने की बजाए सिर्फ एक जगह पर रखें। इन्हेलर भी अपने साथ रखें। दवा ऐसी जगह रखें जहां से दवा को निकालने में परेशानी न हो। इस दौरान ऐसी दवाओं को भी अपने साथ रखें जिसे इमरजेंसी की स्थिति में आपको सेवन करने की जरूरत पड़ती है।
  • एल्कोहॉल का सेवन न करें और स्मोकिंग जोन या किसी भी स्मोकिंग कर रहे व्यक्ति के पास न रहें। क्योंकि ऐसा नहीं करना आपको परेशानी में डाल सकता है।
  • ऐसे होटल रूम का चयन करें जो नॉन स्मोकिंग हो, मोल्ड फ्री होने के साथ-साथ पैट फ्री भी होना चाहिए। आप एलर्जी फ्री रूम का भी विकल्प अपना सकते हैं।
  • एलर्जी की समस्या से बचने के लिए मास्क का इस्तेमाल करें। कोशिश करें जानवरों के संपर्क में न आएं। संक्रमण से बचने के लिए साबुन से हाथ धोएं। अगर साबुन से हाथ धोना संभव न हो पाए तो सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें। सर्दी-जुकाम से बचने के लिए विटामिन-सी युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करें।
  • गर्म मौसम (हॉट वेदर) के दौरान अस्थमा और एलर्जी की परेशानी न हो इसलिए ट्रिप के दौरान हाइड्रेटेड रहें। डिहाइड्रेशन न हो इसलिए तरल पदर्थों का सेवन ज्यादा से ज्यादा करें।
  • जिस जगह आप यात्रा पर जा रहें हैं वहां के मौसम के बारे में अच्छी तरह जानकारी लें और उस अनुसार अपने कपड़े और खाने-पीने का सामान साथ रखें।

हाई कोलेस्ट्रॉल (High Cholesterol)

नेशनल सेंटर फॉर बायोटक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन (NCBI) द्वारा किए गए रिसर्च के अनुसार भारत के शहरी क्षेत्रों में 25 से 30 प्रतिशत लोग हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या से पीड़ित हैं, तो वहीं ग्रामीण इलाकों में 15 से 20 प्रतिशत लोगों में हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या से पीड़ित हैं। इसलिए अगर आप भी हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या से परेशान रहते हैं तो इस क्रोनिक डिजीज के दौरान यात्रा (Traveling During Chronic Disease) करने से पहले कुछ बातों को इग्नोर नहीं करना चाहिए। क्योंकि अगर आप सेफ्टी बरतेंगे तो आप अपने ट्रिप के दौरान किसी भी शारीरिक परेशानी से बच सकते हैं। इसलिए निम्नलिखित टिप्स फॉलो करें। इन टिप्स में शामिल हैं:
  • ट्रिप पर जाने से पहले अपनी दवाइयों के बारे में अच्छी तरह से समझें। डॉक्टर द्वारा प्रिस्क्राइब की गई दवाओं का कंप्लीट डोज लें। इमरजेंसी की स्थिति में जिन दवाओं का सेवन करते हों उन दवाओं को भी अपने पास अवश्य रखें। दवाइयों की किट तैयार करें और उसमें ही सारी दवाओं को रखें। यात्रा के दौरान किसी भी दवा को स्किप न करें। अपनी दवाओं को समय-समय पर लेते रहें। सभी दवाओं को ठीक तरह से पैक करें जिससे लिक्विड दवाएं लीक न हों।
  • हाई कोलेस्ट्रॉल के पेशेंट को अपने आहार में फाइबर की मात्रा का सेवन ज्यादा करना चाहिए। इसलिए हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या है और आप यात्रा पर हैं, तो ऐसे आहार का सेवन करें जिनमें फाइबर की मात्रा ज्यादा हो। यात्रा पर जाने से पहले अपने हेल्थ एक्सपर्ट से फाइबर सप्लीमेंट्स लेने की सलाह लें या ऐसे खाद्य पदार्थों के सेवन के बारे समझें जिसके लेने से शरीर में फाइबर की मात्रा कम न हों।
  • यात्रा के दिनों में डिहाइड्रेशन से बचें। इसलिए पानी, जूस और नारियल पानी का सेवन करना लाभकारी होता है। अपने साथ हमेशा पानी की बोतल कैरी करें। ऑयली खाने से बचें। सलाद और उबले हुआ खाना बेहतर होगा।
  • अगर आप बाहर की यात्रा पर हैं, तो योग, वॉकिंग, स्विमिंग और वर्कआउट करते रहें। कई होटल में जिम की सुविधा दी जाती है, तो वहां आप एक्सरसाइज कर सकते हैं। अगर जिम या स्विमिंग पूल की सुविधा नहीं है तो ऐसी स्थिति में आप वॉकिंग या योग कर सकते हैं। ऐसा करने से आप एक्टिव रहेंगे और एनर्जेटिक महसूस करेंगे।

कैंसर (Cancer)

कैंसर पेशेंट को विशेष देखभाल की जरूरत होती है। ऐसे में पेशेंट और उनके परिवार वाले बाहर जाने या किसी भी ट्रिप पर जाने से डरते हैं। हालांकि, बीमारी कोई भी अगर प्रिकॉशन लिया जाए तो आप आउटडोर ट्रिप्स पर जा सकते हैं। इसलिए कुछ बातों को ध्यान में रखकर आप आउटडोर ट्रिप प्लान कर सकते हैं।

  • पहले से ट्रिप प्लान करें और सबसे पहले अपने डॉक्टर से सलाह लें।
  • अपने साथ एक्स्ट्रा दवा रखें और प्रिस्क्रिपशन भी कैरी करें।
  • कैंसर पेशेंट को इंफेक्शन से बचना चाहिए। इसलिए हैंड वॉश करते रहना चाहिए।
  • हेल्दी डायट फॉलो करें और स्ट्रीट फूड का सेवन करें।

और पढ़ें: सर्वाइकल कैंसर और सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस को लेकर लोग अक्सर रहते हैं कंफ्यूज, ये दोनों हैं अलग बीमारी

क्रोनिक डिजीज के दौरान यात्रा (Traveling During Chronic Disease) पर जाने से पहले नीचे बताई गईं बातों को इग्नोर न करें

1. क्रोनिक डिजीज के दौरान यात्रा(Traveling During Chronic Disease) के लिए टिप्स नंबर 1: अपनी दवाओं को सबसे पहले अपनी मेडिसिन किट में रखें। इस किट में सभी दवा एक साथ रखें। अपने लगेज बैग में रखने की बजाए इसे अपने साथ कैरी करें। डॉक्टर द्वारा दिए गए प्रिस्क्रिप्शन को भी अपने साथ रखें।
2. क्रोनिक डिजीज के दौरान यात्रा (Traveling During Chronic Disease)के लिए टिप्स नंबर 2: होम मेड स्नैक्स अपने साथ अवश्य रखें।
3. क्रोनिक डिजीज के दौरान यात्रा के लिए टिप्स नंबर 3: जहां आप जाने वाले हैं उस जगह के बारे में अच्छी तरह से जाने या समझें।
4. क्रोनिक डिजीज के दौरान यात्रा(Traveling During Chronic Disease) के लिए टिप्स नंबर 4: अपनी स्किन का ख्याल रखें। इसलिए सनस्क्रीन का इस्तेमाल करें। कैप, स्टॉल और चश्मे का इस्तेमाल करें। इसके साथ ही आरामदायक कपड़े पहने।
5. क्रोनिक डिजीज के दौरान यात्रा (Traveling During Chronic Disease) के लिए टिप्स नंबर 5: अगर आप किसी विदेश यात्रा पर जा रहें हैं, तो अपने साथ ट्रैवल पॉलिसी जरूर रखें।
6. क्रोनिक डिजीज के दौरान यात्रा (Traveling During Chronic Disease) के लिए टिप्स नंबर 6: यात्रा में आराम करना भी जरूर है। इसलिए आराम करें और 7 से 8 घंटे की नींद अवश्य लें
7. क्रोनिक डिजीज के दौरान यात्रा के लिए टिप्स नंबर 7: तेल-मसाले वाले खाद्य पदार्थों से बचें। इससे डायजेशन की समस्या शुरू हो सकती है।
8. क्रोनिक डिजीज के दौरान यात्रा (Traveling During Chronic Disease) के लिए टिप्स नंबर 8: ट्रिप के दौरान अगर थकावट महसूस हो तो रेस्ट करें। एक दिन में सबकुछ कवर करने जैसे प्लान न बनाएं।
9. क्रोनिक डिजीज के दौरान यात्रा (Traveling During Chronic Disease) के लिए टिप्स नंबर 9: यात्रा पर जाने के दौरान या डेस्टिनेशन पर पहुंचने के बाद शारीरिक परेशानी महसूस हो तो इसे नजरअंदाज न करें और अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
इन ऊपर बताई गई बातों को ध्यान में रखकर आपने ट्रिप को यादगार बना सकते हैं और एक क्या कई हॉलीडे ट्रिप प्लान कर सकते हैं।

अगर आप क्रोनिक डिजीज के दौरान यात्रा (Traveling During Chronic Disease) पर जा रहें हैं और कोई परेशानी भी न हो तो इससे जुड़े किसी भी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।

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डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

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Current Version

25/05/2022

Nidhi Sinha द्वारा लिखित

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील

Updated by: Manjari Khare


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डॉ. प्रणाली पाटील

फार्मेसी · Hello Swasthya


Nidhi Sinha द्वारा लिखित · अपडेटेड 25/05/2022

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