आर्टरियोस्क्लेरोसिस (Arteriosclerosis) कार्डियोवैस्कुलर डिजीज (Cardiovascular Disease) का एक प्रकार है। जिसमें धमनिकाओं (Arterioles) या स्मॉल आर्टरीज (Small Arteries) का सख्त होना या इलास्टिसिटी का कम होना शामिल है। यह समस्या अधिकतर उन लोगों को होती है, जिन्हें हाइपरटेंशन या डायबिटीज मेलाइटस (Diabetes Mellitus) की समस्या हो। आर्टरियोस्क्लेरोसिस (Arteriosclerosis) और एथेरोस्क्लेरोसिस (Atherosclerosis) में यही फर्क होता है कि एथेरोस्क्लेरोसिस (Atherosclerosis ) भी आर्टरीज के सख्त होने को कहा जाता है, लेकिन यह एथेरोमेटस प्लाक (Atheromatous Plaque) के कारण होती है। आज हम बात करने वाले हैं आर्टरियोस्क्लेरोसिस (Arteriosclerosis) के एक प्रकार जिसे मोंकबर्ग ‘स आर्टरियोस्क्लेरोसिस (Mönckeberg’s Arteriosclerosis) कहा जाता है। जानिए इसके बारे में विस्तार से।
मोंकबर्ग ‘स आर्टरियोस्क्लेरोसिस (Mönckeberg’s Arteriosclerosis) क्या है?
मोंकबर्ग ‘स आर्टरियोस्क्लेरोसिस (Mönckeberg’s Arteriosclerosis) को मोंकबर्ग ‘स स्क्लेरोसिस (Mönckeberg’s Sclerosis) के नाम से भी जाना जाता है। जो एथेरोस्क्लेरोसिस या वेसल के सख्त होने का एक प्रकार है। इसमें कैल्शियम डिपॉजिट्स आर्टरीज वॉल्स की मस्कुलर मिडिल लेयर में पाया जाता है। यह डिस्ट्रोफिक कैल्सिफिकेशन (Dystrophic Calcification) का उदाहरण है। इसका नाम मोंकबर्ग ‘स आर्टरियोस्क्लेरोसिस, जॉन मोंकबर्ग (John Mönckeberg) के नाम पर पड़ा था ,जिन्होंने पहली बार इस बीमारी के बारे में बताया था। यह बीमारी उम्र के साथ बढ़ती है और कुछ स्वास्थ्य स्थितियां जैसे डायबिटीज मेलाइटस (Diabetes Mellitus), क्रॉनिक किडनी डिजीज (Chronic Kidney Disease), क्रॉनिक इंफ्लेमेटरी कंडीशन (Chronic Inflammation Disease) आदि के कारण यह समस्या अधिक होती है। आइए, जानें क्या हैं इसके लक्षण?
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मोंकबर्ग ‘स आर्टरियोस्क्लेरोसिस के लक्षण क्या हैं? (Symptoms of Mönckeberg’s Arteriosclerosis)
मोंकबर्ग ‘स आर्टरियोस्क्लेरोसिस (Mönckeberg’s Arteriosclerosis) के आमतौर पर कोई लक्षण नजर नहीं आते हैं। लेकिन, इससे संबंधित कुछ जटिलताएं हैं एथेरोस्क्लेरोसिस (Atherosclerosis ), कैल्सीफलैक्सिस (Calciphylaxis) आदि। इस स्थिति का निदान आसान नहीं है और इसका निदान तब तक मुश्किल है जब तक वैस्कुलर कैल्सिफिकेशन (Vascular Calcification) के कारण आर्टेरिअल स्टिफनेस न बढ़ जाए। इसके कारण पल्स प्रेशर बढ़ सकता है और हार्ट या किडनी को नुकसान हो सकता है। मोंकबर्ग ‘स आर्टरियोस्क्लेरोसिस के कारण के बारे में भी जान लें।
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मोंकबर्ग ‘स आर्टरियोस्क्लेरोसिस के कारण (Causes of Mönckeberg’s Arteriosclerosis)
मोंकबर्ग ‘स आर्टरियोस्क्लेरोसिस (Mönckeberg’s Arteriosclerosis) को एक धीमी और प्रोग्रेसिव बीमारी माना जाता है, जो बचपन से शुरू हो जाती है। हालांकि इसके सही कारणों के बारे में जानकारी नहीं है। लेकिन, ऐसा माना जाता है कि आर्टरी की इनर लेयर में किसी चोट या उसको नुकसान होने के कारण यह समस्या होती है। यह डैमेज किसी भी कारण हो सकता है जैसे:
- हाय ब्लड प्रेशर (High blood pressure)
- हाय कोलेस्ट्रॉल (High cholesterol)
- हाय ट्राइग्लिसराइड्स (High triglycerides)
- स्मोकिंग (Smoking)
- मोटापा (Obesity)
- डायबिटीज (Diabetes)
जब आर्टरीज की इनर वॉल को नुकसान होता है, तो ब्लड सेल और अन्य सब्सटांस अक्सर चोट वाली जगह पर चिपक जाते हैं और धमनी की अंदरूनी परत में जमा हो जाते हैं। समय के साथ प्लाक (Plaque) जो कोलेस्ट्रॉल से बने होते हैं और अन्य सेलुलर प्रोडक्ट भी नुकसान वाली जगह पर इकठ्ठा हो जाते हैं और सख्त हो जाते हैं। जिससे आर्टरीज तंग हो जाती हैं। इस समस्या के रिस्क फैक्टर्स इस प्रकार हैं:
- हाय ब्लड प्रेशर (High blood pressure)
- हाय कोलेस्ट्रॉल (High cholesterol)
- डायबिटीज (Diabetes)
- ओबेसिटी (Obesity)
- स्लीप एप्निया (Sleep Apnea)
- स्मोकिंग और अन्य प्रकार के तंबाकू उत्पादों का प्रयोग (Smoking and other Tobacco use)
- अर्ली हार्ट डिजीज की फैमिली हिस्ट्री (Family History of Early Heart Disease)
- व्यायाम की कमी (Lack of Exercise)
- अनहेल्दी डायट (Unhealthy diet)
मोंकबर्ग ‘स आर्टरियोस्क्लेरोसिस (Mönckeberg’s Arteriosclerosis) को एक दुर्लभ बीमारी माना जाता है जो बहुत कम लोगों को होती है। इस समस्या का निदान इस तरह से संभव है।
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मोंकबर्ग ‘स आर्टरियोस्क्लेरोसिस का निदान (Diagnosis of Mönckeberg’s Arteriosclerosis)
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन (National Library of Medicine) के अनुसार मोंकबर्ग ‘स आर्टरियोस्क्लेरोसिस (Mönckeberg’s Arteriosclerosis) का निदान अक्सर अचानक होता है। इसे या तो क्लिनिकली या प्लेन रेडियोग्राफी (Plain Radiography) से पहचाना जाता है। यह रोग आमतौर पर डायबिटीज मेलाइटस (Diabetes Mellitus) या क्रॉनिक किडनी डिजीज (Chronic Kidney Disease) से संबंधित होता है। अगर डॉक्टर को किसी व्यक्ति के यह बीमारी होने का संदेह होता है तो वो इस बीमारी के निदान के लिए रोगी की शारीरिक जांच भी की जाती है और उनसे निजी और फैमिली हेल्थ हिस्ट्री के बारे में जाना जाता है। डॉक्टर स्टेथोस्कोप की मदद से रोगी की हार्ट और आर्टरीज की आवाज भी सुन सकते हैं। शारीरिक जांच के आधार पर अन्य टेस्ट्स की सलाह दी जा सकती है, जैसे
- ब्लड टेस्ट्स (Blood Tests)
- इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (Electrocardiogram).
- एकोकार्डियोग्राम (Echocardiogram)
- एक्सरसाइज स्ट्रेस टेस्ट (Exercise stress test)
- डॉप्लर अल्ट्रासाउंड (Doppler ultrasound)
- कोरोनरी कैल्शियम स्कैन (Coronary calcium scan)
- कार्डियक कैथेटेराइजेशन और एंजियोग्राफी (Cardiac catheterization and Angiogram)
इन टेस्ट्स के परिणामों से मोंकबर्ग ‘स आर्टरियोस्क्लेरोसिस (Mönckeberg’s Arteriosclerosis) का निदान संभव है। इसके निदान के बाद उपचार किया जाता है। जानिए कैसे किया जाता है इस समस्या का उपचार।
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मोंकबर्ग ‘स आर्टरियोस्क्लेरोसिस का उपचार (Treatment of Mönckeberg’s Arteriosclerosis)
इस समस्या के उपचारों में रोगी की जीवनशैली में बदलाव, दवाईयां सर्जरी आदि शामिल है। जानिए इनके बारे में विस्तार से:
जीवनशैली में बदलाव (Lifestyle Change)
अपने लाइफस्टाइल में बदलाव जैसे संतुलित और पौष्टिक आहार का सेवन, व्यायाम इस बीमारी का पहला ट्रीटमेंट है। जानिए, क्या परिवर्तन करने चाहिए आपको इस समस्या से बचने के लिए:
- धूम्रपान न करें (Don’t Smoke)
- व्यायाम करना न भूलें (Exercise Daily)
- अगर आपका वजन अधिक है तो उसे कम करें (Loose Weight)
- हमेशा पौष्टिक आहार का सेवन करें (Eat Healthy)
- तनाव से बचें (Avoid Stress)
अधिकतर मामलों में इन बदलावों से रोगी को जल्दी ठीक होने में मदद मिलती है लेकिन इसके साथ ही दवाईयों और सर्जरी का सहारा भी लिया जा सकता है। जानिए, इस दौरान ली जाने वाली दवाइयों के बारे में।
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दवाइयां (Medications)
इस समस्या को धीमा करने के लिए कई दवाइयां मौजूद हैं, उनमें से कुछ इस प्रकार हैं:
- स्टैटिन्स और अन्य कोलेस्ट्रॉल मेडिकेशन्स (Statins and other Cholesterol Medications) : यह दवाइयां लो-डेंसिटी लिपोप्रोटीन (Low-Density Lipoprotein) कोलेस्ट्रॉल ( जिसे बैड कोलेस्ट्रॉल भी कहा जाता है) को कम कर सकती है। इसके साथ ही कोलेस्ट्रॉल को कम करने की अन्य दवाइयां भी मौजूद हैं। जैसे इजेटिमिब (Ezetimibe ) जो कोलेस्ट्रॉल अब्सॉर्प्शन इन्हीबिटर (Cholesterol Absorption Inhibitor ) है।
- ब्लड थिनर्स (Blood Thinners) : डॉक्टर ब्लड थिनर्स जैसे एस्पिरिन (Aspirin) की सलाह भी दे सकते हैं ताकि तंग आर्टरीज़ में ब्लड क्लॉट बनने का खतरा कम हो और ब्लॉकेज न हो।
- अन्य दवाईयां डॉक्टर उन स्थितियों के उपचार के लिए अन्य दवाइयों की सलाह भी दे सकते हैं जैसे डायबिटीज (Diabetes), ब्लड प्रेशर मेडिकेशन्स (Blood Pressure Medications) इसके लिए डॉक्टर से सलाह लें।
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सर्जरी या अन्य प्रोसीजर (Surgery or other Procedures)
मोंकबर्ग ‘स आर्टरियोस्क्लेरोसिस (Mönckeberg’s Arteriosclerosis) के उपचार के लिए कई बार सर्जरी का सहारा भी लिया जा सकता है। अगर रोगी में गंभीर लक्षण या ब्लॉकेज हो तो इन सर्जरी के तरीकों को अपनाया जा सकता है।
- एंजियोप्लास्टी और स्टंट प्लेसमेंट (Angioplasty and Stent Placement)
- एंडारटेरेक्टॉमी (Endarterectomy)
- फाइब्रिनोलिटिक थेरेपी (Fibrinolytic Therapy).
- कोरोनरी आर्टरी बायपास सर्जरी (Coronary Artery Bypass Surgery)
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यह तो थी मोंकबर्ग ‘स आर्टरियोस्क्लेरोसिस (Mönckeberg’s Arteriosclerosis) के बारे में पूरी जानकारी यह स्थिति दुर्लभ है। लेकिन गंभीर हो सकती है। यही नहीं, यह किसी भी उम्र में हो सकती है लेकिन अधिकतर बुजुर्गों को यह समस्या होने की संभावना होती है। एक हेल्दी लाइफस्टाइल अपना कर न केवल आप इस बल्कि अन्य कई हेल्थ कंडीशंस से भी बच सकते हैं। ऐसे में इस समस्या का कोई भी लक्षण नजर आने पर तुरंत डॉक्टर से सम्पर्क करें और समय पर उपचार करना अनिवार्य है।
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