यूरिक एसिड खून में पाया जाने वाला वेस्ट प्रोडक्ट है। यह तब बनता है जब हमारा शरीर कुछ केमिकल्स को तोड़ता है, जिन्हें प्यूरीन (Purines) कहा जाता है। अधिकतर यूरिक एसिड खून में घुल जाता है और किडनी के माध्यम से पास हो कर यूरिन में मिल कर शरीर से बाहर निकल जाता है। लेकिन अगर हमारा शरीर किन्हीं कारणों से बहुत अधिक मात्रा में यूरिक एसिड बनाता है और उसे शरीर से बाहर नहीं निकाल पाता तो मनुष्य बीमार पड़ सकता है। शरीर में यूरिक एसिड को बढ़ाने के लिए कई फैक्टर्स जिम्मेदार हो सकते हैं जैसे अधिक एल्कोहॉल का सेवन (Access Alcohol), जेनेटिक्स (Genetics), हायपोथायरायडिज्म (Hypothyroidism), इम्यून-सप्रेसिंग ड्रग्स (Immune-suppressing drugs), मोटापा (Obesity), अधिक प्यूरीन युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन (Purine-Rich Diet) आदि। शरीर में यूरिक एसिड के हाय लेवल को हायपरयुरिसीमिया (hyperuricemia) कहा जाता है। यूरिक एसिड के इलाज के लिए अन्य तरीकों के साथ ही होम्योपैथिक तरीके भी अपनाए जाते हैं। आज हम उन्हीं होम्योपैथिक तरीकों के बारे में बताने वाले हैं। यूरिक एसिड के लिए होम्योपैथिक इलाज (Homeopathic Treatment for Uric Acid) के बारे में जानें विस्तार से।
यूरिक एसिड कंट्रोल के लिए होम्योपैथिक इलाज किस तरह से फायदेमंद है? (Benifit of Homeopathic Treatment for Uric Acid Control)
यूरिक एसिड के लिए होम्योपैथिक इलाज से पहले इसके लाभों के बारे में जान लेते हैं। यूरिक एसिड के लिए होम्योपैथिक इलाज (Homeopathic Treatment for Uric Acid) से शरीर के यूरिक एसिड के लेवल को कम होने में मदद मिलती है। इसके साथ ही होम्योपैथिक दवाइयों से शरीर की अधिक यूरिक एसिड को होल्ड करने की क्षमता का भी इलाज होता है। आमतौर पर हायपरयुरिसीमिया (Hyperuricemia) का इलाज और मैनेजमेंट करने के लिए नॉन-स्टेरॉयडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स (Non-Steroidal Anti-Inflammatory Drugs), कोर्टिकोस्टेरोइड (corticosteroids) , एक्सथाइन ऑक्सीडेज (Xanthine Oxidase), एलोप्यूरिनॉल (Allopurinol) आदि दवाइयों का प्रयोग किया जाता है।
जिसमें कुछ दवाइयों जैसे नॉन-स्टेरॉयडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स (Non-Steroidal Anti-Inflammatory Drugs) की सलाह डॉक्टर गंभीर अटैक की स्थिति में देते हैं और उनके कुछ साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं। जैसे डायरिया, उलटी आना और जी मचलना। यही नहीं, यह दवाइयां ब्लड शुगर लेवल (Blood Sugar Level), ब्लड प्रेशर (Blood Pressure), ब्लड काउंट (Blood Count) आदि को प्रभावित कर सकता है। कॉर्टिकॉस्टेरॉइड्स का लंबे समय तक प्रयोग करने वाले कुछ लोगों को गंभीर मूड चेंज की समस्या भी होती है।
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अन्य दवाइयां भी शरीर में अधिक यूरिक एसिड को रिमूव करने के लिए प्रयोग में लाई जाती हैं, लेकिन इनके भी कुछ साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं जैसे रैशेज, पेट में दर्द और किडनी स्टोन (Kidney Stone) आदि। लेकिन यूरिक एसिड के लिए होम्योपैथिक इलाज (Homeopathic Treatment for Uric Acid) कराने के कोई साइड इफ़ेक्ट नहीं हैं। यह दवाइयां यूरिक एसिड के लेवल को कम करती हैं। यही नहीं, होम्योपैथिक दवाइयां शरीर की उस मेटाबोलिक प्रोसेस का भी उपचार करती हैं, जो प्यूरीन (Purine) को हैंडल करती है। अब जानते हैं, यूरिक एसिड के लिए होम्योपैथिक इलाज के बारे में विस्तार से।
यूरिक एसिड के लिए होम्योपैथिक इलाज (Homeopathic Treatment for Uric Acid)
द अमेरिकन एसोसिएशन ऑफ होम्योपैथिक फार्मासिस्ट्स (The American Association of Homeopathic Pharmacists) के मुताबिक होम्योपैथी पूरी तरह से सुरक्षित, प्रभावी और इलाज का नैचुरल सिस्टम है। जो शरीर को न केवल रोग के लक्षणों से छुटकारा दिलाता है बल्कि संपूर्ण स्वास्थ्य को भी सुधारता है। होम्योपैथिक ट्रीटमेंट पूरी तरह से सुरक्षित है और छोटे बच्चे भी इसका प्रयोग कर सकते हैं। इसकी कई ट्रेडिशनल मेडिकेशन्स के कोई साइड-इफेक्ट्स नहीं हैं। यूरिक एसिड के लिए होम्योपैथिक इलाज (Homeopathic Treatment for Uric Acid) के लिए इन दवाइयों का प्रयोग किया जाता है:
कोलचिकम (Colchicum)
कोलचिकम ऑटमनाले Colchicum Autumnale) नाम की यह दवा कोलचिकम ऑटमनाले हर्ब्स से बनाई जाती है। यह हर्ब्स लिलियासी (Liliaceae) परिवार से संबंधित है। कोलिकम को विशेष रूप से उन मामलों में लेने की सलाह दी जाती है, जहां हाय यूरिक एसिड के कारण गठिया (Gout) की शुरुआत होती है। इसके कारण बड़े अंगूठे में बहुत अधिक दर्द होती है। इसके कारण प्रभावित स्थान सूज जाता है और छूने पर गर्म प्रतीत होता है। शाम और रात में इस स्थान में दर्द अधिक तीव्र हो सकता है। हाय यूरिक एसिड के लेवल के अधिकांश मामलों में कोलचिकम को एक बेहतरीन दवा माना जाता है। कई बार हाय यूरिक एसिड की समस्या होने पर रोगी को मूवमेंट में भी परेशानी होती है और उसका चलना भी मुश्किल हो जाता है। ऐसे में यह दवा अंगूठे की सूजन और दर्द को कम करने के साथ ही मूवमेंट बहाल करने में भी उपयोगी है।
बेंजोइक एसिड (Benzoic Acid )
बेंजोइक एसिड यूरिक एसिड के लिए वो एक दवा है, जो हाय यूरिक एसिड यूरिनरी सिम्पटम्स को दर्शाता है। यूरिक एसिड क्रिस्टल किडनी या यूरिनरी ट्रैक्ट (Urinary tract) में जमा हो सकते हैं, जिससे वो स्टोन बन सकते हैं। जांच करने पर, मूत्र में यूरिक एसिड के हाय लेवल शो हो सकता है। मूत्र का रंग भी गहरे भूरे से हल्के पीले रंग में बदल सकता है। जोड़ों में समस्याएं होने पर भी यह दवा दी जा सकती है। यूरिक एसिड में पैर का अंगूठा सूज जाता है और चलने में समस्या होती है। यूरिक एसिड के लिए होम्योपैथिक इलाज (Homeopathic Treatment for Uric Acid) में इस दवा को लेने के साथ ही बेंजोइकम एसिडम (Benzoicum Acidum) की सलाह भी दी जा सकती है। यह दवा उस स्थिति में भी दी जा सकती है, जब घुटनों का दर्द बदतर हो जाए।
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लेडम पाल (Ledum Pal)
यूरिक एसिड के लिए होम्योपैथिक इलाज (Homeopathic Treatment for Uric Acid) में प्रयोग होने वाली इस दवा को छोटी सी फूलों वाली झाड़ी मार्श टी (Marsh tea) से बनाया जाता है। यह एक एवरग्रीन झाड़ी होती है, जो हीथ फैमिली (Heath Family) से संबंधित है। लेडम पाल (Ledum Pal) लेने की सलाह तब दी जाती है, जब खून में यूरिक एसिड के हाय लेवल के परिणामस्वरूप जोड़ों की जगह में क्रिस्टल हो जाते हैं। इसमें अधिक एल्कोहॉल या मीट का सेवन करने से दर्द भी बढ़ सकती है। एडी के दर्द में होने वाले दर्द या सूजन को कम करने के लिए भी यह दवा को दिया जा सकता है।
गुआयकम (Guaiacum)
गुआयकम को गुआयाकम ऑफिशनेले (Guaiacum Officinale) की लकड़ियों से तैयार किया जाता है। इसे हाय यूरिक एसिड लेवल के उपचार के लिए दिया जाता है और यह दवा डेफोर्मिटीज (Deformities) और कॉन्ट्रेक्चर्स की स्थिति में भी अच्छे से काम करती है। इस स्थिति में प्रभावित जोड़ों से हीट निकलती है और यह छूने पर गर्म प्रतीत होते हैं। इसके साथ ही शरीर में दुर्गंध भी आती है। इस दवा को गंभीर मामलों में दिया जाता है, जहां प्रभावित अंग दर्द भरे, कठोर होते हैं और जिन्हें मूव करना मुश्किल होता है।
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लिथियम कार्ब (Lithium Carb)
यूरिक एसिड के लिए होम्योपैथिक इलाज (Homeopathic Treatment for Uric Acid) में अगली दवा है लिथियम कार्ब, जिसका उपयोग बढे हुए यूरिक एसिड लेवल को ठीक करने के लिए किया जाता है। यह यूरिक एसिड का बढ़ा हुआ लेवल शरीर में असामान्य स्टिफनेस को भी बढ़ा देता है। इसके साथ ही जोड़ों की त्वचा पर खुजली होती है। यूरिक एसिड जोड़ों में जमा हो सकता है जिससे नोडोसिटीज (Nodosities) बन सकते हैं जिन्हें बाहरी रूप से महसूस किया जा सकता है। उंगलियों के जोड़ों में भी गांठें महसूस हो सकती हैं। गंभीर मामलों में, उन्हें कान के छेद में महसूस किया जा सकता है। इन स्थितियों में लिथियम कार्ब का उपयोग कर के लाभ हो सकता है।
हाय यूरिक एसिड को मैनेज करने के अन्य तरीके (Ways to Manage Uric Acid)
यह तो थे यूरिक एसिड के लिए होम्योपैथिक इलाज (Homeopathic Treatment for Uric Acid) के कुछ तरीके। लेकिन, यूरिक एसिड की समस्या से राहत पाने के लिए आपको अपने लाइफस्टाइल में भी परिवर्तन करने चाहिए। इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए आपको अपने लाइफस्टाइल में यह बदलाव लाने चाहिए:
- अधिक एल्कोहॉल का सेवन करने से भी बचें (Avoid Access Alcohol Intake)।
- जितना अधिक हो सके पानी पीएं (Drink More Water)।
- अगर आपका वजन अधिक है, तो उसे कम करने के उपाय करें (Loose your Weight)। इसके लिए आप डॉक्टर की सलाह भी ले सकते हैं।
- व्यायाम अवश्य करें (Exercise Daily)। दिन में कम से कम कुछ समय व्यायाम के लिए निकाले। यह संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है।
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यूरिक एसिड के लेवल को मैनेज करने के लिए कौन से खाद्य पदार्थ न खाएं?
यूरिक एसिड के लेवल को मैनेज करने के लिए प्यूरीन-रिच फूड (purine-rich food) को खाने से बचना चाहिए। यह खाद्य पदार्थ इस प्रकार हैं
- प्यूरीन-रिच फूड (Purine-Rich Food) : जैसे मीट, फिश, सीफूड, बींस, पालक, दालें आदि को कम खाएं।
- ऑक्सालेट-रिच फूड (Oxalate-Rich Foods) : जैसे मेवे, पालक, चॉकलेट, ब्लैक टी, बींस और स्ट्रॉबेरी आदि का सेवन करने से बचे।
- सामान्य एलर्जेंस (Common Allergens) : जैसे ग्लूटेन, डेयरी, कॉर्न आदि का सेवन भी सीमित कर दें। इसके साथ ही रिफाइंड फूड का सेवन भी न करें।
यूरिक एसिड के लेवल को मैनेज करने के लिए कौन से खाद्य पदार्थ खाएं?
अगर आपको हाय यूरिक एसिड की समस्या से बचना है तो आपको अपने आहार में कुछ चीजों को शामिल भी करना होगा। जैसे:
- हाय फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ (High Fiber Food) : जैसे ब्राउन राइस, केले, आलू, एवोकाडो आदि को अपने आहार में जगह दें।
- विटामिन-सी रिच फूड (Vitamin-C Rich Food) : जैसे संतरे, अमरुद, ब्रोकली, कीवी, चेरी आदि का भरपूर मात्रा में सेवन करें।
- मैग्नीशियम से भरपूर आहार (Magnesium Rich Food) जैसे दही, बादाम, काजू, सालमोन, अंजीर, कददू के बीज आदि को भी खाएं।
- ओमेगा -3 रिच फूड (Omega-3 Rich Food) : यूरिक एसिड की समस्या से राहत पाने के लिए आप अपने आहार में अखरोट, अलसी के बीज, चिया सीड्स, सालमोन आदि को शामिल कर सकते हैं।
यह तो थी यूरिक एसिड के लिए होम्योपैथिक इलाज (Homeopathic Treatment for Uric Acid) के बारे में पूरी जानकारी। इसमें कोई संदेह नहीं है कि होम्योपैथी को पूरी तरह से सुरक्षित माना जाता है। जिसमें प्राकृतिक तरीकों से उपचार किया जाता है और इनके कोई साइड इफेक्ट नहीं होते। लेकिन मेडिकल साइंस होम्योपैथिक इलाज के प्रभाव को लेकर पूरी तरह से संतुष्ट नहीं है। ऐसा माना जाता है कि कुछ ऐसे उत्पाद जिन्हें होम्योपैथिक के रूप में लेबल किया जाता है, उनमे कुछ एक्टिव इंग्रीडिएंट हो सकते हैं। ऐसे में इनके कारण कुछ साइड इफेक्ट और ड्रग इंटरैक्शन हो सकते हैं।
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यही नहीं, कोई भी नैचुरल या हर्बल उत्पाद पूरी तरह से सुरक्षित नहीं हो सकता। इसलिए, आप अगर कोई भी होम्योपैथिक दवा या उपचार को लेने के बारे में सोच रहे हैं तो अपने डॉक्टर से अवश्य सलाह करें। अगर आप कोई भी होम्योपैथिक दवा ले रहे हैं, जिससे आपको कोई लाभ नहीं हो रहा हो या इसके कारण आपको कोई परेशानी हो रही हो। तो तुरंत इसका सेवन बंद कर दें और अपने डॉक्टर की सलाह लें।
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