लंग नीडल बायोप्सी (Lung Needle Biopsy) को अकेले भी किया जा सकता है या इन्हें अन्य टेस्ट्स की मदद से भी किया जा सकता है, जैसे:
ब्रोंकोस्कोपी (Bronchoscopy) : ब्रोंकोस्कोपी में रोगी के मुंह के माध्यम से एक स्कोप को गले में डाला जाता है और उसके बाद इसे लंग्स में एयरवेज में डाला जाता है। इससे डॉक्टर लंग्स के विभिन्न भागों को देखने में सक्षम होते हैं।
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मीडियास्टिनोस्कोपी (Mediastinoscopy) : इस टेस्ट में एक खास स्कोप को छाती में एक चीरे के माध्यम से डाला जाता है। इसके बाद डॉक्टर लिम्फ नोड्स टिश्यू (Lymph Nodes Tissue) को टेस्टिंग के लिए इकठ्ठा करते हैं।
लंग नीडल बायोप्सी को कैसे किया जाता है? (Process of Lung Needle Biopsy)
इस तकनीक को परक्यूटीनियस नीडल एस्पिरेशन (Percutaneous Needle Aspiration) भी कहा जाता है। लंग नीडल बायोप्सी (Lung Needle Biopsy) की प्रक्रिया में आमतौर पर तीस से साठ मिनट लगते हैं। किन्हीं स्थितियों में इससे अधिक समय भी लग सकता है। यह बायोप्सी को करने का तरीका इस प्रकार हैं:
- सबसे पहले बायोप्सी की सही जगह को ढूंढने के लिए चेस्ट एक्स रे (Chest X-ray) या चेस्ट सीटी स्कैन (Chest CT Scan) किया जाता है।
- इसमें आपको आराम दिलाने के लिए सेडेटिव (Sedative) दिया जा सकता है।
- मरीज को एक टेबल पर अपनी बाजुओं को आराम की स्थिति में रख कर आगे की तरफ बैठना होता है। अब रोगी की त्वचा जहां बायोप्सी नीडल इंसर्ट करनी होती है, उसे साफ किया जाता है।
- डॉक्टर रोगी की त्वचा में एक छोटा कट लगाते हैं।
- बायोप्सी नीडल को एब्नार्मल टिश्यू, ट्यूमर और लंग टिश्यू में इंसर्ट किया जाता है। इस नीडल की मदद से एक छोटे टिश्यू के टुकड़े को रिमूव किया जाता है।
- इसके बाद नीडल को रिमूव कर दिया जाता है और उस स्थान पर कुछ समय के लिए दबाव बनाया जाता है। एक बार जब ब्लीडिंग रुक जाती है, तो उस स्थान पर बैंडेज लगा दी जाती है।
- बायोप्सी के ठीक बाद चेस्ट एक्स-रे (Chest X-Ray) किया जाता है।
- बायोप्सी सैंपल को लैब में भेज दिया जाता है और टिश्यू की जांच की जाती है। इसका परिणाम आने में कुछ समय लग सकता है। यह तो थी इस टेस्ट की पूरी प्रक्रिया की जानकारी। अब जानते हैं कि इस टेस्ट की तैयारी आप कैसे कर सकते हैं?
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टेस्ट की तैयारी की जाती है? (Preparation of Lung Needle Biopsy)
लंग नीडल बायोप्सी (Lung Needle Biopsy) टेस्ट से पहले रोगी को 6 से 12 घंटे पहले तक कुछ न खाने की सलाह दी जाती है। इसके साथ ही उन्हें कोई भी नॉन-स्टेरॉयडल एंटी इंफ्लेमेटरी ड्रग (Nonsteroidal Anti-Inflammatory Drugs) जैसे एस्पिरिन (Aspirin), आइबुप्रोफेन (Ibuprofen)या ब्लड थिनर जैसे वार्फरिन (Warfarin) न लेने की सलाह दी जाती है। किसी भी दवा को बदलने या खाना बंद करने के लिए डॉक्टर से सलाह लेना जरुरी है। जानिए इस बायोप्सी से पहले तैयारी की तैयारी के बारे में:
- लंग नीडल बायोप्सी (Lung Needle Biopsy) से पहले चेस्ट एक्स-रे और चेस्ट सीटी स्कैन करना जरूरी है। इस टेस्ट में सर्जन बायोप्सी नीडल का प्रयोग करते हैं। जिसकी लंबाई इंच की होती है। इस नीडल का डिजाइन थोड़ा अलग होता है।
- त्वचा में एक छोटा चीरा त्वचा में लगाया जाता है ताकि बायोप्सी नीडल को आसानी से त्वचा में इंसर्ट किया जा सके।
- टेस्ट के दौरान रोगी को न हिलने की सलाह दी जाती है और इस दौरान खांसने को भी नजरअंदाज करने के लिए कहा जाता है। जब डॉक्टर टिश्यू सैंपल को रिमूव करने के लिए तैयार होते हैं, तो मरीज को अपनी सांस को रोकने की भी सलाह दी जाती है।
- गवर्नमेंट ऑफ वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया (Government of Western Australia ) के डिपार्टमेंट ऑफ हेल्थ (Department of Health ) अगर आप प्रेग्नेंट (Pregnant) हैं, ब्लड थिंनिंग मेडिकेशन (Blood Thinning Medication) ले रहे हैं, आपको डायबिटीज (Diabetes) है या प्रोसीजर के बाद आपको कहीं हवाई यात्रा करनी है तो इस लंग नीडल बायोप्सी (Lung Needle Biopsy) से पहले डॉक्टर की राय अवश्य लें