बायोप्सी एक ऐसा मेडिकल टेस्ट है जिसमें बीमारी के कारण की जांच करने के लिए सैंपल सेल्स और टिश्यू को निकाला जाता है। यह टिश्यू और सेल्स का सैंपल कहीं से भी लिया जा सकता है जैसे त्वचा (Skin), पेट (Stomach), किडनी (Kidney), लिवर (Lever) और लंग्स (Lungs)। आज हम बात करने वाले हैं लंग नीडल बायोप्सी (Lung Needle Biopsy) के बारे में जो लंग बायोप्सी का एक प्रकार है। आइए सबसे पहले जानते हैं लंग बायोप्सी के बारे में।
लंग बायोप्सी क्या है? (Lung Biopsy)
लंग बायोप्सी वह प्रक्रिया है, जिसमें लंग टिश्यू से सैंपल रिमूव किया जाता है, ताकि जाना जा सके कि कहीं रोगी को कोई लंग डिजीज या कैंसर तो नहीं है। लंग बायोप्सी में क्लोज्ड या ओपन दोनों मेथड्स शामिल हैं। क्लोज्ड मेथड को स्किन या विंड पाइप के माध्यम से किया जाता है, जबकि ओपन बायोप्सी ऑपरेटिंग रूम में जनरल एनेस्थीसिया के अंडर की जाती है। लंग बायोप्सी के कई तरीके हैं जैसे:
और पढ़ें : Lung Biopsy: लंग बायोप्सी क्या है?
- लंग नीडल बायोप्सी (Needle Lung Biopsy)
- ट्रांसब्रोन्कियल बायोप्सी (Transbronchial Biopsy)
- थोरैकोस्कोपी बायोप्सी (Thoracoscopy Biopsy)
- ओपन बायोप्सी (Open Biopsy)
अब जानते हैं लंग बायोप्सी के एक प्रकार लंग नीडल बायोप्सी (Lung Needle Biopsy) के बारे में:
लंग नीडल बायोप्सी क्या है? (Lung Needle Biopsy)
जब चेस्ट वॉल के नजदीक एब्नार्मल टिश्यू विकसित हो जाते हैं, तो विशेषज्ञ टिश्यू को कलेक्ट करने के लिए नीडल बायोप्सी करते हैं। आमतौर पर नीडल बायोप्सी के लिए रोगी को जनरल एनेस्थीसिया (General Anesthesia) की जरूरत नहीं पड़ती। यही नहीं, इस प्रक्रिया के लिए रोगी को अधिक देर तक अस्पताल में भी नहीं रुकना पड़ता। इसमें डॉक्टर एक्स-रे (X-Ray) या सीटी स्कैन (CT Scan) से मॉनिटर करने के बाद स्किन के माध्यम से लंग में नीडल इंसर्ट करते हैं। इस पूरी प्रक्रिया में आमतौर पर एक घंटा लगता है और जिस व्यक्ति का यह टेस्ट होता है, उसे इस टेस्ट से पहले कुछ घंटों तक कुछ खाना नहीं होता है। अब जानते हैं कि क्योंकि जरूरी है इस टेस्ट?
और पढ़ें : फेफड़ों में इंफेक्शन के हैं इतने प्रकार, कई हैं जानलेवा
लंग नीडल बायोप्सी की जरूरत क्यों होती है? (Improtance of Lung Needle Biopsy)
लंग नीडल बायोप्सी (Lung Needle Biopsy) को लंग में मौजूद किसी अब्नोर्मलिटीज़ की जांच के लिए किया जाता है। जिसका निदान एक्स-रे (X-Ray), सीटी स्कैन (CT Scan)या अन्य इमेजिंग टेस्ट के माध्यम से होता है। इसका उद्देश्य समस्या का सही निदान करना होता है। डॉक्टर इस प्रक्रिया का प्रयोग इन कारणों से कर सकते हैं:
- यह जानने के लिए की लंग मास मैलिग्नैंट है (Malignant ) या बिनाइन (Noncancerous) इसका अर्थ है कि वो कैंसर्स हैं या नॉनकैंसर्स।
- मैलिग्नैंट लंग ट्यूमर की स्टेज को जानने के लिए।
- लंग डिजीज की प्रोग्रेशन को मॉनिटर करने के लिए।
- लंग में होने वाली सूजन के कारण की पहचान करने के लिए।
- लंग में जमा फ्लूयड के कारण के बारे में जानने के लिए।
- लंग इंफेक्शन के लिए निदान के लिए।
लंग नीडल बायोप्सी (Lung Needle Biopsy) को अकेले भी किया जा सकता है या इन्हें अन्य टेस्ट्स की मदद से भी किया जा सकता है, जैसे:
ब्रोंकोस्कोपी (Bronchoscopy) : ब्रोंकोस्कोपी में रोगी के मुंह के माध्यम से एक स्कोप को गले में डाला जाता है और उसके बाद इसे लंग्स में एयरवेज में डाला जाता है। इससे डॉक्टर लंग्स के विभिन्न भागों को देखने में सक्षम होते हैं।
और पढ़ें : Kidney Biopsy : किडनी बायोप्सी क्या है?
मीडियास्टिनोस्कोपी (Mediastinoscopy) : इस टेस्ट में एक खास स्कोप को छाती में एक चीरे के माध्यम से डाला जाता है। इसके बाद डॉक्टर लिम्फ नोड्स टिश्यू (Lymph Nodes Tissue) को टेस्टिंग के लिए इकठ्ठा करते हैं।
लंग नीडल बायोप्सी को कैसे किया जाता है? (Process of Lung Needle Biopsy)
इस तकनीक को परक्यूटीनियस नीडल एस्पिरेशन (Percutaneous Needle Aspiration) भी कहा जाता है। लंग नीडल बायोप्सी (Lung Needle Biopsy) की प्रक्रिया में आमतौर पर तीस से साठ मिनट लगते हैं। किन्हीं स्थितियों में इससे अधिक समय भी लग सकता है। यह बायोप्सी को करने का तरीका इस प्रकार हैं:
- सबसे पहले बायोप्सी की सही जगह को ढूंढने के लिए चेस्ट एक्स रे (Chest X-ray) या चेस्ट सीटी स्कैन (Chest CT Scan) किया जाता है।
- इसमें आपको आराम दिलाने के लिए सेडेटिव (Sedative) दिया जा सकता है।
- मरीज को एक टेबल पर अपनी बाजुओं को आराम की स्थिति में रख कर आगे की तरफ बैठना होता है। अब रोगी की त्वचा जहां बायोप्सी नीडल इंसर्ट करनी होती है, उसे साफ किया जाता है।
- डॉक्टर रोगी की त्वचा में एक छोटा कट लगाते हैं।
- बायोप्सी नीडल को एब्नार्मल टिश्यू, ट्यूमर और लंग टिश्यू में इंसर्ट किया जाता है। इस नीडल की मदद से एक छोटे टिश्यू के टुकड़े को रिमूव किया जाता है।
- इसके बाद नीडल को रिमूव कर दिया जाता है और उस स्थान पर कुछ समय के लिए दबाव बनाया जाता है। एक बार जब ब्लीडिंग रुक जाती है, तो उस स्थान पर बैंडेज लगा दी जाती है।
- बायोप्सी के ठीक बाद चेस्ट एक्स-रे (Chest X-Ray) किया जाता है।
- बायोप्सी सैंपल को लैब में भेज दिया जाता है और टिश्यू की जांच की जाती है। इसका परिणाम आने में कुछ समय लग सकता है। यह तो थी इस टेस्ट की पूरी प्रक्रिया की जानकारी। अब जानते हैं कि इस टेस्ट की तैयारी आप कैसे कर सकते हैं?
और पढ़ें : Heart Biopsy: हार्ट बायोप्सी क्या है?
टेस्ट की तैयारी की जाती है? (Preparation of Lung Needle Biopsy)
लंग नीडल बायोप्सी (Lung Needle Biopsy) टेस्ट से पहले रोगी को 6 से 12 घंटे पहले तक कुछ न खाने की सलाह दी जाती है। इसके साथ ही उन्हें कोई भी नॉन-स्टेरॉयडल एंटी इंफ्लेमेटरी ड्रग (Nonsteroidal Anti-Inflammatory Drugs) जैसे एस्पिरिन (Aspirin), आइबुप्रोफेन (Ibuprofen)या ब्लड थिनर जैसे वार्फरिन (Warfarin) न लेने की सलाह दी जाती है। किसी भी दवा को बदलने या खाना बंद करने के लिए डॉक्टर से सलाह लेना जरुरी है। जानिए इस बायोप्सी से पहले तैयारी की तैयारी के बारे में:
- लंग नीडल बायोप्सी (Lung Needle Biopsy) से पहले चेस्ट एक्स-रे और चेस्ट सीटी स्कैन करना जरूरी है। इस टेस्ट में सर्जन बायोप्सी नीडल का प्रयोग करते हैं। जिसकी लंबाई इंच की होती है। इस नीडल का डिजाइन थोड़ा अलग होता है।
- त्वचा में एक छोटा चीरा त्वचा में लगाया जाता है ताकि बायोप्सी नीडल को आसानी से त्वचा में इंसर्ट किया जा सके।
- टेस्ट के दौरान रोगी को न हिलने की सलाह दी जाती है और इस दौरान खांसने को भी नजरअंदाज करने के लिए कहा जाता है। जब डॉक्टर टिश्यू सैंपल को रिमूव करने के लिए तैयार होते हैं, तो मरीज को अपनी सांस को रोकने की भी सलाह दी जाती है।
- गवर्नमेंट ऑफ वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया (Government of Western Australia ) के डिपार्टमेंट ऑफ हेल्थ (Department of Health ) अगर आप प्रेग्नेंट (Pregnant) हैं, ब्लड थिंनिंग मेडिकेशन (Blood Thinning Medication) ले रहे हैं, आपको डायबिटीज (Diabetes) है या प्रोसीजर के बाद आपको कहीं हवाई यात्रा करनी है तो इस लंग नीडल बायोप्सी (Lung Needle Biopsy) से पहले डॉक्टर की राय अवश्य लें
और पढ़ें : Lung Cancer: फेफड़े का कैंसर क्या है? जानें इसके कारण, लक्षण और इलाज
टेस्ट के दौरान कैसा महसूस होता है?
लंग नीडल बायोप्सी (Lung Needle Biopsy) से पहले आपको एनेस्थीसिया का इंजेक्शन दिया जाता है। इस इंजेक्शन के समय ऐसा लगता है जैसे किसी कीड़े ने काटा हो। लेकिन जब बायोप्सी नीडल लंग को छूती है, तो शार्प पैन हो सकती है।
लंग नीडल बायोप्सी का नार्मल रिजल्ट (Normal Results of Lung Needle Biopsy)
लंग नीडल बायोप्सी (Lung Needle Biopsy) के नार्मल रिजल्ट का अर्थ है कि टिश्यू सामान्य है और यदि कोई कल्चर टेस्ट किया जाता है तो कोई कैंसर या बैक्टीरिया, वायरस या कवक का विकास नहीं हुआ होता।
असामान्य रिजल्ट (Abnormal Results)
लंग नीडल बायोप्सी (Lung Needle Biopsy) में असामान्य रिजल्ट के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं:
- बैक्टीरिया, वायरल और फंगल लंग इंफेक्शन (Bacterial, Viral, or Fungal Lung Infection)
- कैंसरस सेल्स (Cancerous Cells)
- निमोनिया (Pneumonia)
- बिनाइन ग्रोथ Benign growth)
इस टेस्ट के रिजल्ट्स के बारे में तो आप जान ही गए होंगे। लेकिन, इस बायोप्सी से जुड़े कुछ रिस्क्स भी हैं, जिनके बारे में जानना भी आवश्यक है। यह रिस्क्स इस प्रकार हैं
और पढ़ें : Bone Marrow Biopsy: बोन मैरो बायोप्सी क्या है?
लंग नीडल बायोप्सी इससे जुड़े रिस्क (Risks of Lung Needle Biopsy)
कई बार इस टेस्ट के बाद कॉलेप्सड लंग (Collapsed Lung) जिसे न्यूमोथोरैक्स (Pneumothorax) कहा जाता है, उसकी समस्या हो सकती है। इसकी जांच करने के लिए चेस्ट एक्स-रे (Chest X-Ray) किया जाता है यदि आपको कुछ फेफड़ों के रोग जैसे एम्फिसीमा (Emphysema) है, तो इस समस्या का जोखिम अधिक होता है। आमतौर पर, बायोप्सी के बाद कॉलेप्सड लंग को उपचार की आवश्यकता नहीं होती है। लेकिन अगर न्यूमोथोरैक्स लार्ज है या इसमें सुधार नहीं होता है, तो आपके लंग को एक्सपैंड करने के लिए एक चेस्ट ट्यूब डाली जाती है। जानिए, लंग नीडल बायोप्सी (Lung Needle Biopsy) से जुड़े अन्य रिस्क्स के बारे में:
- जब भी लंग नीडल बायोप्सी (Lung Needle Biopsy) की जाती है, तो ब्लीडिंग का जोखिम भी होता है। कुछ ब्लीडिंग तो सामान्य होती है और डॉक्टर द्वारा ब्लीडिंग की मात्रा को मॉनिटर किया जाता है। दुर्लभ मामलों में अधिक ब्लीडिंग हो सकती है जो जान के लिए जोखिम हो सकती है।
- बायोप्सी के बाद डॉक्टर कॉम्प्लीकेशन्स के लक्षणों को मॉनिटर करेंगे। अगर आपको सेडेटिव दिया जाता है तो आपको इस दवा के प्रभाव से रिकवर होने में एक दिन लगेगा। इस मामले में आपको ड्राइव करने की सलाह नहीं दी जाती है। इस बायोप्सी के बाद आपको कितने दिन आराम करना चाहिए। यह भी आपको डॉक्टर से पूछ लेना चाहिए। इसके साथ ही अपने डॉक्टर से वर्कआउट, हैवी सामान उठाने आदि के बारे में जान लें। इस बायोप्सी के बाद आपकी खांसी में कुछ खून भी आ सकता है अगर आप इस चीज को लेकर चिंतित हैं तो अपने डॉक्टर से बात करें।
- बायोप्सी के बाद अगर आपको कोई दर्द हो, तो आपको दर्द के लिए दवाईयां भी दी जा सकती है। लेकिन एस्पिरिन और NSAID को नजरअंदाज करने के लिए कहा जाएगा। क्योंकि, इनसे ब्लीडिंग का खतरा बढ़ सकता है। अगर आपको कुछ समस्याएं हैं तो इस बायोप्सी की सलाह नहीं दी जाती है। लंग नीडल बायोप्सी को इन स्थितियों में नहीं करना चाहिए:
- किसी भी तरह के ब्लीडिंग डिसऑर्डर (Bleeding Disorder)
- कोर प्लमोनल (Cor Pulmonale)
- लंग में सिस्ट्स (Cysts of the Lung)
- लंग आर्टरीज में हाय ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure in the Lung Arteries)
Quiz : लंग कैंसर के उपचार से पहले जान लें उससे जुड़ी जरूरी बातें
और पढ़ें : फेफड़ों के बाद दिमाग पर अटैक कर रहा कोरोना वायरस, रिसर्च में सामने आईं ये बातें
किन स्थितियों में तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए?
लंग नीडल बायोप्सी एक सामान्य प्रक्रिया है लेकिन इसके बाद लोगों को कुछ जटिलताओं का सामना भी करना पड़ सकता है। ऐसे में अगर इसके बाद आपको यह लक्षण दिखाई देते हैं तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें:
- बायोप्सी साइट से ब्लीडिंग (Bleeding from Biopsy Site)
- खांसते हुए अधिक खून आना (Coughing up Blood)
- सांस लेने में परेशानी (Difficulty in Breathing)
- चेस्ट पेन (Chest Pain)
- बुखार (Fever)
- बायोप्सी साइट पर लालिमा या पस निकलना (Redness and Pus)
और पढ़ें : कुछ ऐसे किया जाता है रेक्टल बायोप्सी से कई समस्याओं का निदान
लंग नीडल बायोप्सी (Lung Needle Biopsy) के बाद डॉक्टर रिजल्ट्स के अनुसार रोगी को अतिरिक्त टेस्ट्स करने की सलाह दे सकते हैं। इस बायोप्सी को टिश्यू सैंपल को निकालने और ग्रोथ कैंसरस है या नहीं, यह जानने का एक प्रभावी और आसान तरीका माना जाता है। यह प्रक्रिया दर्दभरी नहीं होती लेकिन इसके कुछ रिस्क फैक्टर्स हो सकते हैं। ऐसे में इस प्रक्रिया से पहले डॉक्टर से इसके बारे में पूरी जानकारी ले लें। अगर बायोप्सी के बारे आपको कोई भी समस्या होती है तो भी तुरंत मेडिकल हेल्प लें।