महिलाओं में मेनोपॉज तो आपने सुना होगा, लेकिन क्या आपने कभी पुरुषों में मेनोपॉज (Male Menopause) के बारे में सुना है या पढ़ा है! दरअसल पुरुषों में होने वाले मेनोपॉज को मेल मेनोपॉज (Male Menopause) कहते हैं। लेकिन आपके मन में एक सवाल जरूर आया होगा कि महिलाओं में पीरियड्स बंद होने की प्रक्रिया को मेनोपॉज (Menopause) कहा जाता है। पुरुषों में तो पीरियड्स होता ही नहीं है, तो क्या है आखिर पुरुषों में मेनोपॉज? महिलाओं में उम्र ढ़लने के साथ मेनोपॉज होता है, ठीक उसी तरह से पुरुषों में मेनोपॉज भी उम्र ढ़लने के साथ होता है। आइए जानते हैं मेल मेनोपॉज क्या है और मेल मेनोपॉज से जुड़ी पूरी जानकारी।
- मेल मेनोपॉज क्या है?
- मेल मेनोपॉज के लक्षण क्या हैं?
- उम्र बढ़ने के साथ टेस्टोस्टेरॉन के स्तर में होती है कमी?
- महिलाओं में मेनोपॉज पुरुषों में मेनोपॉज से कैसे अलग है?
- मेल मेनोपॉज का पता कैसे लगाएं?
- मेल मेनोपॉज होने पर किन-किन बातों का रखें विशेष ध्यान?
मेल मेनोपॉज से जुड़े इन सवालों को इस आर्टिकल में एक-एक कर समझते हैं।
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मेल मेनोपॉज क्या है? (What is Male Menopause?)
मेल मेनोपॉज को एंड्रोपॉज भी कहते हैं। ये पुरुषों में उम्र ढ़लने के साथ मेल हॉर्मोन (Male Hormone) में कमी के कारण होता है। मेल मेनोपॉज जैसे लक्षण पुरुषों में टेस्टोस्टेरॉन डेफिसिएंसी और लेट-ऑनसेट हाइपोगोनैडिज्म भी आते हैं। 50 साल से ज्यादा उम्र के पुरुषों में टेस्टोस्टेरॉन (Testosterone) हॉर्मोन का निर्माण कम हो जाता है। जिससे पुरुषों में मेनोपॉज होता है और यह हाइपोगोनैडिज्म का भी संकेत है।
टेस्टोस्टेरॉन हॉर्मोन पुरुषों के टेस्टिस (Testis) में बनता है। टेस्टोस्टेरॉन सेक्स ड्राइव (Sex drive) को बढ़ाने के लिए मदद करता है। टेस्टोस्टेरॉन लड़कों में प्यूबर्टी के समय मानसिक और शारीरिक बदलाव के लिए भी जिम्मेदार होता है। साथ ही मसल्स मास और शारीरिक शक्ति बढ़ाने में मदद करता है। मेल मेनोपॉज फीमेल मेनोपॉज से अलग होता है। हालांकि मेनोपॉज सभी महिलाओं को होता है, लेकिन सभी पुरुषों में मेनोपॉज नहीं होता है। ऐसे में पुरुषों में सेक्सुअल कॉम्लिकेशन भी हो सकता है।
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मेल मेनोपॉज के लक्षण क्या हैं? (Symptoms of Male Menopause)
पुरुषों में मेनोपॉज के दौरान कई तरह के फिजिकल, सेक्शुअल और साइकोलॉजिकल समस्याएं होती हैं। ध्यान ना देने पर लक्षण बदतर होते जाते हैं :
- ऊर्जा में कमी
- डिप्रेशन या उदासी
- मोटिवेशन में कमी
- आत्मविश्वास में कमी
- एकाग्र होने में समस्या
- नींद ना आना या इन्सोम्निया
- बॉडी फैट बढ़ना
- कमजोरी महसूस होना
- गाइनेकोमास्टिया या मेल ब्रेस्ट
- इरेक्टाइल डिसफंक्शन
- लिबिडो में कमी
- इनफर्टिलिटी (Infertility)
उपरोक्त लक्षणों के अलावा आप सूजे हुए या मुलायम ब्रेस्ट महसूस कर सकते हैं। टेस्टिकल की साइज में कमी, शरीर के बाल झड़ना या हॉट फ्लैशेज होना भी हो सकता है। पुरुषों में मेनोपॉज के दौरान टेस्टोस्टेरॉन की कमी होने का सीध संबंध ऑस्टियोपोरोसिस (Osteoarthritis) से हो सकता है। हालांकि पुरुषों में मेनोपॉज के दौरान ऑस्टियोपोरोसिस होना बहुत रेयर है।
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उम्र बढ़ने के साथ टेस्टोस्टेरॉन के स्तर में होती है कमी
लड़कों में प्यूबर्टी के समय टेस्टोस्टेरॉन का लेवल कम होता है। फिर जैसे-जैसे सेक्शुअल मैच्योरिटी होती है, वैसे-वैसे टेस्टोस्टेरॉन का लेवल बढ़ने लगता है। टेस्टोस्टेरॉन के कारण लड़कों में प्यूबर्टी के दौरान निम्न प्रभाव देखने को मिलता है :
- मसल्स मास का विकास
- शरीर पर बालों का विकास
- आवाज में भारीपन
- सेक्शुअल फंक्शन में बदलाव
एक रिसर्च के अनुसार जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, वैसे-वैसे टेस्टोस्टेरॉन का लेवल कम होने लगता है। 30 साल के बाद पुरुषों में टेस्टोस्टेरॉन की कमी हर साल एक प्रतिशत होती है।
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महिलाओं में मेनोपॉज पुरुषों में मेनोपॉज से कैसे अलग है? (What is the difference between Male Menopause and Female Menopause)
मेनोपॉज एक ऐसा दौर है, जिसका सामना हर महिला को अपनी बढ़ती उम्र के साथ करना पड़ता है। ज्यादातर महिलाओं को यह 49 से 52 वर्ष की उम्र में होता है। लगातार 12-24 महीने तक पीरियड्स का न आना ही मेनोपॉज कहा जाता है। मेनोपॉज में महिला के शरीर में एस्ट्रोजेन (Estrogen) और प्रोजेस्टेरॉन (Progesterone) हॉर्मोन बनना बंद हो जाता है। इस दौरान अनेक महिलाएं शारीरिक और भावनात्मक लक्षणों को भी महसूस करती हैं –
- थकान
- अचानक बुखार महसूस होना
- चक्कर आना
- योनि (Vagina) में सूखापन रहना
- ठीक से नींद न आना
- मूड स्विंग (Mood Swing)
- वजन का बढ़ना
- यूरिन अधिक होना
महिलाओं में मेनोपॉज (Female Menopause) होना एक प्राकृतिक प्रक्रिया है। जबकि सभी पुरुषों में मेनोपॉज नहीं होता है।
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मेल मेनोपॉज का पता कैसे लगाएं? (How to about Male Menopause)
मेल मेनोपॉज (Male Menopause) के इलाज के पहले इसको डायग्नोस करना ज्यादा जरूरी है। आपके डॉक्टर आपके टेस्टोस्टेरॉन के लेवल का परीक्षण करने के लिए ब्लड सैंपल (Blood sample) ले सकते हैं। जब तक मेल मेनोपॉज आपके जीवन को किसी भी तरह से हानि नहीं पहुंचाता है तब तक बिना इलाज के लक्षणों को ठीक करने का प्रयास करते हैं। ऐसा देखा गया है कि कई पुरुष अपने डॉक्टरों के साथ यौन विषयों पर बात करने से झिझकते हैं।
मेल मेनोपॉज के लिए उपचार का सबसे सामान्य प्रकार स्वस्थ जीवनशैली को अपनाना है। उदाहरण के लिए, आपके डॉक्टर आपको सलाह दे सकते हैं:
- हेल्दी फूड खाएं
- रोजाना एक्सरसाइज करें
- पर्याप्त नींद लें
- तनाव को कम करें
लाइफस्टाइल में उपरोक्त बदलाव करने से फायदा हो सकता है। अगर आप डिप्रेशन का सामना कर रहे हैं, तो डॉक्टर आपको एंटीडिप्रेसेंट, थेरिपी कराने की सलाह दे सकते हैं।
हॉर्मोन रिप्लेसमेंट थेरिपी एक और विकल्प है। हालांकि, यह अभी भी बहुत विवादास्पद है। परफॉर्मेंस बढ़ाने वाले स्टेरॉयड की तरह, सिंथेटिक टेस्टोस्टेरॉन के साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं। उदाहरण के लिए, यदि आपको प्रोस्टेट कैंसर (Prostate Cancer) है, तो इससे आपकी कैंसर कोशिकाएं और ज्यादा विकसित हो सकती हैं। यदि आपको डॉक्टर हॉर्मोन रिप्लेसमेंट थेरिपी का सुझाव देते हैं, तो आप पहले इसके नकारात्मक और सकारात्मक दोनों पहलुओं के बारे में जान लें।
मेल मेनोपॉज होने पर किन-किन बातों का रखें विशेष ध्यान (Tips for Male Menopause)
मेल मोनपॉज के घरेलू इलाज लाइफस्टाइल में बदलाव करने के ही अंतर्गत आता है। इसलिए मेल मेनोपॉज होने पर निम्न बातों को जरूर फॉलो करें :
- आपको अपने आहार में कम से कम 3 से 5 भाग फल और 2 से 4 कप सब्जियों को शामिल करना चाहिए। फल और सब्जियों का सेवन रोज करें।
- हर बीमारी की एक दवा पानी है। सर्वश्रेष्ठ परिणामों के लिए दिन भर में लगभग 5 लीटर पानी पीना जरूरी है। इसके अलावा आपको कोई अन्य स्वस्थ पेय पदार्थ पीते रहना चाहिए। आप जितना पानी पिएंगे उतने स्वस्थ्य रहेंगे।
- मेल मेनोपॉज में ग्रीन टी पिएं। ग्रीन टी (Green Tea) में कैटेचिन नामक पदार्थ होते हैं जिनमें शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट गुण होते हैं। मीठे ड्रिंक की जगह पर ग्रीन टी पीने से पुरुषों में मेनोपॉज के लक्षण को रोकने में मदद मिल सकती है और आप स्वस्थ महसूस कर सकते हैं।
- पुरुषों में रजोनिवृत्ति को ठीक करने के लिए नियमित रूप से एक्सरसाइज बहुत जरूरी है। एक्सरसाइज करने से एंड्रॉफिन रिलीज होता है। एंड्रॉफिन एक न्यूरोट्रांसमिटर है, जो डिप्रेशन (Depression) को ठीक करने में मदद कर सकता है। साथ ही मसल्स भी टोन होती हैं।
- आप अपने आहार में दूध से बने उत्पादों की भरपूर मात्रा शामिल करें। इसके अलावा कैल्शियम (Calcium) से भरपूर खाद्य पदार्थों जैसे- तिल, सोयाबीन, रागी और पोषण युक्त पदार्थ जैसे- जूस, साबूत अनाज आदि का सेवन करें। जिससे ऑस्टियोआर्थराइटिस (Osteoarthritis) में राहत मिल सकती है।
हमें उम्मीद है कि मेल मेनोपॉज पर लिखा यह आर्टिकल आपके लिए उपयोगी साबित होगा। अगर आप मेल मेनोपॉज (Male Menopause) से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं, तो विशेषज्ञों से समझना बेहतर होगा।
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