पैरों की मसाज में रिफ्लेक्सोलॉजी (Reflexology) काम कैसे करती है?
रिफ्लेक्सोलॉजी को लेकर कई तरह के थ्योरीज काम करती हैं :
रिफ्लेक्सोलॉजी एक पारंपरिक चायनीज थेरिपी है
चीन में रिफ्लेक्सोलॉजी (Reflexology) के लिए जो थ्योरी प्रसिद्ध है, उसमें ये बात मानी जाती है कि इंसान के शरीर की ऊर्जा को स्ट्रेस (Stress) ब्लॉक कर देता है। इस शारीरिक ऊर्जा को चाइनीज में ‘qi’ यानी कि ‘ची’ कहते हैं। जब तनाव या चिंता शारीरिक ऊर्जा को बाधित करता है तो हमारा शरीर बीमार होता जाता है। रिफ्लेक्सोलॉजी इसी शारीरिक ऊर्जा को सुचारु रूप से प्रवाहित करने में मदद करता है। जिससे हमारे शरीर से बीमारियां दूर रहती हैं। इस चायनीज थेरिपी में शरीर के विभिन्न अंगों पर प्रेशर देकर स्ट्रेस को दूर किया जाता है। ची थ्योरी में इस बात पर विश्वास किया जाता है कि जब शरीर या पैरों की मसाज की जाती है तो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति का शरीर टच होता है, जिससे एक व्यक्ति की शारीरिक ऊर्जा दूसरे व्यक्ति में ट्रांसफर होती है।
और पढ़ें : Saturday Night Palsy : सैटरडे नाइट पाल्सी क्या है?
अन्य थ्योरीज
1890 के दशक में एक ब्रिटिश वैज्ञानिक ने पाया कि हमारी नर्व्स हमारी त्वचा और आंतरिक अंगों से जुड़ी होती हैं। सिर्फ छूने भर से ही हमारे शरीर का नर्वस सिस्टम बाहरी फैक्टर्स के प्रति रिएक्ट करना शुरू कर देता है। एक रिफ्लेक्सोलॉजिस्ट जब हमारे शरीर के सेंट्रल नर्वस सिस्टम को छूता है तो नर्वस सिस्टम हमारे शरीर को शांत करता है।
इसके अलावा दूसरी थ्योरी में ये बात बताई गई है कि ब्रेन से ही हमें शरीर में दर्द का पता चलता है। वहीं, ब्रेन ही मानसिक दर्द यानी कि स्ट्रेस और तनाव का कारण भी होता है। इसलिए मसाज हमारे ब्रेन को शांत करती है और तनाव से राहत दिलाती है।
एक जोन थ्योरी है, जिसमें यह कहा गया है कि हमारे शरीर में 10 वर्टिकल जोन होते हैं। हर जोन से हाथों और पैरों की उंगलियों का संबंध होता है। अगर हम हर जोन पर प्रेशर देते हैं तो इससे हमारे शरीर के सभी अंग रिलैक्स होंगे।
और पढ़ें : मनोरोग आपको या किसी को भी हो सकता है, जानें इसे कैसे पहचानें
रिफ्लेक्सोलॉजी (Reflexology) का सेशन कितनी देर का होता है?
रिफ्लेक्सोलॉजी का 30 से 60 मिनट तक का सेशन होता है, लेकिन ये मसाज कराने वाले व्यक्ति के स्वास्थ्य पर भी निर्भर करता है कि उसे कितने देर की मसाज की जरूरत है। जब आप रिफ्लेक्सोलॉजिस्ट के पास जाते हैं तो वह पहले आपको आराम से जूते उतार के मसाज टेबल या चेयर पर बैठने के लिए कहते हैं। इसके बाद आपके पैरों को साफ करते हैं फिर आपके पैरों के मुलायम और तनावपूर्ण स्थान को देखते हैं। इसके बाद पहले सिर्फ हाथों से पैरों को सहलाते हैं और हल्का-हल्का दबाते हैं। जिसके बाद कुछ टेक्नीक्स का इस्तेमाल कर के तेल या लोशन की मदद से मसाज किया जाता है। मसाज करने के लिए बॉल, ब्रश और लकड़ी की दानेदार रॉड (dowels) का इस्तेमाल किया जाता है।
रिफ्लेक्सोलॉजी (Reflexology) किन्हें नहीं कराना चाहिए?
सामान्यतः रिफ्लेक्सोलॉजी पूरी तरह से सुरक्षित है, लेकिन ये कुछ लोगों के लिए नहीं होती है। अगर आपको निम्न में से कोई भी समस्या है तो आप अपने रिफ्लेक्सोलॉजिस्ट से एक बार जरूर बात कर लें :
- पैरों की नसों में खून जम गया हो
- पैरों में ब्लड फ्लो को लेकर कोई भी प्रॉब्लम हो
- गाउट
- पैरों में छाले हो
- पैरों में फंगल इंफेक्शन (Fungal infection) हो, जैसे- एथलिट्स फूट
- पैरों में चोट लगी हो
- थायरॉइड (Thyroid) की समस्या हो
- एपिलेप्सी (Epilepsy)
- लो ब्लड प्लेटलेट्स या ब्लड से जुड़ी कोई भी समस्या हो, जिसमें आपके त्वचा में जल्दी से खून के निशान या खून बहने लगे।