वैक्सिनेशन कराना संक्रामक बीमारियों से बचने का बेहतरीन तरीका है। इस आसान और प्रभावी तरीके से कई संक्रामक बीमारियों से बचा जा सकता है। इसलिए बच्चों के जन्म के बाद ही उन्हें समय-समय पर वैक्सिनेशन कराने की सलाह दी जाती है। क्योंकि जन्म के बाद से ही बच्चे कई वायरस (Virus), बैक्टीरिया (Bacteria) और अन्य मायक्रोब्स (Microbes) के संपर्क में आते हैं। हालांकि, यह सब नुकसानदायक नहीं होते हैं। इनमें कई लाभदायक होते हैं लेकिन कुछ बीमारी का कारण बन सकते हैं। अभयरैब वैक्सीन (Abhayrab Vaccine), जिसका प्रयोग रेबीज संक्रमण से बचाव के लिए किया जाता है। जानिए अभयरैब वैक्सीन (Abhayrab Vaccine) के बारे में विस्तार से। लेकिन सबसे पहली रेबीज के बारे में जानना भी जरूरी है।
रेबीज क्या है? (Rabies)
रेबीज एक ऐसा वायरस है जो संक्रमित जानवरों से फैलता है। यह वायरस कुत्ते, बिल्ली, चमगादड़ और अन्य कई जानवरों के काटने या स्क्रैच करने से फ़ैल सकता है। इस समस्या का उपचार तुरंत करना जरूरी है। क्योंकि जब तक इसके लक्षण नजर आने लगते हैं। तब तक यह स्थित बेहद गंभीर हो सकती है। इसलिए, रोगी को पहले ही वैक्सिनेशन की सलाह दी जाती है, जिनमें से एक है अभयरैब वैक्सीन (Abhayrab Vaccine)। यह इंफेक्शन इंफेक्टेड जानवरों के सलाइवा से फैलता है। यह तब भी फ़ैल सकता है, जब जानवरों की इंफेक्टेड लार हमारे खुले घाव या मुंह या आंखों में चली जाती है। अब जानते हैं कि क्या है रेबीज इंफेक्शन के लक्षण? इस समस्या के सामान्य लक्षण इस प्रकार हैं:
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- सिरदर्द (Headache)
- उल्टी आना और जी मचलना (Nausea and Vomiting)
- बुखार (Fever )
- घबराहट (Agitation)
- मतिभ्रम (Hallucinations)
- एंग्जायटी (Anxiety)
- हायपरएक्टिविटी (Hyperactivity)
- कुछ भी निगलने में समस्या (Difficulty swallowing)
- अनिद्रा (Insomnia)
- पार्शियल पैरालिसिस (Partial paralysis)
इसके अलावा भी लोग कुछ अन्य लक्षणों को महसूस कर सकते हैं। इस वायरस के कारण सेंट्रल नर्वस सिस्टम (Central nervous system) पर असर होता है। इन का समय पर उपचार न होने पर यह वायरस ब्रेन डिजीज (Brain Disease) का कारण भी बन सकता है। इसलिए इन लक्षणों के नजर आने से पहले ही इस वायरस का उपचार जरूरी है। इनके उपचार के लिए अभयरैब वैक्सीन (Abhayrab Vaccine) का प्रयोग किया जाता है। आइए, जानते हैं इस वैक्सीन के बारे में।
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अभयरैब वैक्सीन क्या है? (Abhayrab Vaccine)
अभयरैब वैक्सीन (Abhayrab Vaccine) उन लोगों को दिया जाता है जिन्हें रेबीज होने की संभावना अधिक होती है जैसे जानवरों के डॉक्टर को या ऐसे लोगों को जो जंगल में अधिक समय बिताते हैं। अगर जानवर को रेबीज हुआ हो, जानवरों के काटने के बाद भी इसे रोगी को दिया जाता है। अगर इस वैक्सीन को तुरंत और सही तरीके से दिया जाए, तो यह वैक्सीन 100 प्रतिशत प्रभावी हैं। यह वैक्सीन डॉक्टर या नर्स द्वारा दी जाती है। इस वैक्सीन को बच्चों और वयस्कों दोनों के लिए प्रभावी माना गया है। अगर किस व्यक्ति को जानवर ने काटा या स्क्रैच किया हो। तो तुरंत सबसे पहले उस घाव को साबुन और पानी से धोना चाहिए। इसके बाद तुरंत उपचार शुरू करना बेहतर है।
एक्सपोजर के बाद के एंटी-रेबीज वैक्सिनेशन (Anti-Rabies Vaccination) में इम्युनोग्लोबुलिन और अभयरैब वैक्सीन (Abhayrab Vaccine) दोनों की सलाह दी जा सकती है। इस जानलेवा बीमारी से बचाव के लिए वैक्सीन का कोर्स पूरा करना बेहद जरूरी है। अभयरैब वैक्सीन (Abhayrab Vaccine) के साइड इफेक्ट्स में जोड़ों में दर्द, वैक्सिनेशन वाली जगह पर लालिमा और सूजन आदि शामिल है। हालांकि, यह समस्या लंबे समय तक नहीं रहती है। अगर इसका कोई भी साइड-इफेक्ट्स नजर आते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
इंजेक्शन लगाने से पहले, आपको अपने डॉक्टर को बताना चाहिए कि क्या आपको कभी किसी टीके से एलर्जी की प्रतिक्रिया हुई है या नहीं। कुछ अन्य दवाएं रेबीज के टीके के साथ इंटरैक्ट कर सकती हैं, इसलिए अपने चिकित्सक को उन सभी दवाओं के बारे में बताएं जो आप ले रहे हैं। अब जान लेते हैं इस वैक्सीन के फायदों के बारे में।
अभयरैब वैक्सीन के फायदे (Benefits of Abhayrab Vaccine)
रेबीज वायरस (Rabies Virus) के कारण होने वाली रेबीज की समस्या एक गंभीर बीमारी है। यह इंफेक्टेड सलाइवा के माध्यम से फैलता है। जिन लोगों को रेबीज वायरस (Rabies Virus) के कांटेक्ट में आने की संभावना अधिक होती है उन्हें यह अभयरैब वैक्सीन (Abhayrab Vaccine) दिया जाता है। यह वैक्सीन शरीर में एंटीबाडीज को बना कर इम्यूनिटी को विकसित करने में मदद कर सकती है। जिससे वायरस के कारण होने वाले इंफेक्शन से उनकी सुरक्षा हो सकती है। अगर इस वैक्सीन को किसी व्यक्ति को इसके संपर्क में आने के बाद दिया जाए, तो भी वैक्सिनेशन बीमारी को रोक सकती है। लेकिन, इसकी सलाह केवल डॉक्टर की सलाह के बाद ही देनी चाहिए। खुद से इसे नहीं लेना चाहिए।
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इस इंजेक्शन को कब लगाया जाता है?
रेबीज के अलावा इस वैक्सीन का प्रयोग हायड्रोफोबिया (Hydrophobia) और अन्य स्थितियों के उपचार के लिए भी किया जाता है। अभयरैब वैक्सीन (Abhayrab Vaccine) में एक्टिव इंग्रीडिएंट्स के रूप में रेबीज़ वैक्सीन होती है। यह तो थी इस वैक्सीन के फायदों के बारे में जानकारी। अभयरैब वैक्सीन (Abhayrab Vaccine) को बाजु के ऊपर मसल्स में लगाया जाता है। अगर आपको जानवर के काटे जाने का जोखिम हो, तो यह वैक्सीन के तीन इंजेक्शन 0, 7वें and 28वें दिन लगाए जाते हैं। इस कोर्स के पूरे होने के एक साल के बाद इसका बूस्टर दिया जाता है।
अगर आपको रेबीज के लिए वैक्सीन पहले ही दे दी गई हों। लेकिन, इसके बाद आपको ऐसे किसी जानवर द्वारा काट लिया जाए जिसे रेबीज होने का संदेह हो। तो वैक्सीन को काटे जाने के बाद दो डोजेज में दिए जाने जरूरत हो सकती है। एक काटे जाने के पहले दिन और दूसरी काटे जाने के तीसरे दिन। लेकिन, अभयरैब वैक्सीन (Abhayrab Vaccine) को लेने की सलाह तब नहीं दी जाती है, अगर आपका इम्यून सिस्टम कमजोर (Week Immune System) हो। अब जानिए कि इसे लेते हुए किन चीजों का ध्यान रखना जरूरी है?
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अभयरैब वैक्सीन लेते हुए किन सावधानियों को बरतना जरूरी है?
अभयरैब वैक्सीन (Abhayrab Vaccine) को लेने से पहले डॉक्टर से इसके बारे में पूरी जानकारी लेना आवश्यक है। इस वैक्सीन के प्रयोग से पहले डॉक्टर को उन दवाईयों, विटामिन्स या हर्बल सप्लीमेंट्स के बारे में अवश्य बताएं जिन्हें आप ले रहे हैं। क्योंकि इन सब का अभयरैब वैक्सीन (Abhayrab Vaccine) की इफेक्टिवनेस पर असर हो सकता है। इसके साथ ही अपनी हेल्थ कंडीशंस के बारे में भी डॉक्टर को बताना जरूरी है। कुछ हेल्थ कंडीशन में इस ड्रग को लेने से कई साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। डॉक्टर की बताए अनुसार ही इसे लें। अगर आपको लगता है कि इसे लेने के बाद आपकी स्थिति बदतर हो रही है, तो तुरंत मेडिकल हेल्प लें। जानिए इस वैक्सीन को लेते हुए किन चीजों का ध्यान रखना चाहिए?
- इस वैक्सीन को आमतौर पर प्रेग्नेंसी (Pregnancy) के दौरान लेना सुरक्षित माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इसका प्रभाव शिशु के विकास पर नहीं पड़ता है। लेकिन, इसके बारे में सही जानकारी मौजूद नहीं है। इसलिए सुरक्षित रहने के लिए गर्भावस्था में इसे लेने से बचें और डॉक्टर की सलाह अवश्य ले लें।
- अभयरैब वैक्सीन (Abhayrab Vaccine) को ब्रेस्टफीडिंग (Breastfeeding) के दौरान लेना भी सुरक्षित है। लेकिन, इस स्थिति में भी आप बिना डॉक्टर की सलाह के इसे लेने से बचें।
- इस बारे में जानकारी नहीं है कि इस वैक्सीन के बाद आपकी ड्राइविंग की क्षमता प्रभावित होती है या नहीं। लेकिन, अगर आपको इस वैक्सीन के बाद ध्यान लगाने में समस्या हो, तो ड्राइविंग करने से बचें।
- वैसे तो किडनी की समस्या (Kidney Disease) होने पर इस वैक्सीन का रोगी के स्वास्थ्य पर क्या प्रभाव पड़ता है इसके बारे में भी सही जानकारी नहीं है। इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर की सलाह लें।
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बच्चों के लिए भी यह वैक्सीन सुरक्षित है। लेकिन, डॉक्टर की सलाह के बाद और मार्गदर्शन के बाद ही इसे बच्चों को देना चाहिए। इसके साथ ही अभयरैब वैक्सीन (Abhayrab Vaccine) को लेने से पहले अपने डॉक्टर से इसके फायदों और साइड इफेक्ट्स के बारे में पूरी जानकारी लेना जरूरी है। अगर आपको इस वैक्सीन या इसमें मौजूद कंपोनेंट्स से एलर्जी है, तो भी डॉक्टर को पहले ही बताना बेहतर रहेगा। अब जानिए इसके साइड इफेक्ट्स के बारे में।
अभयरैब वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स (Side effects of Abhayrab Vaccine)
अभयरैब वैक्सीन (Abhayrab Vaccine) में मौजूद इंग्रीडिएंट्स के कारण कई साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। हालांकि, ऐसा जरूरी नहीं है कि सभी को यह लक्षण नजर आएं। यही नहीं, आमतौर पर यह साइड इफेक्ट्स हल्के होते हैं। लेकिन कुछ लोगों को इसके गंभीर दुष्प्रभाव भी नजर आ सकते हैं। इसके कुछ लक्षण दुर्लभ हैं, लेकिन गंभीर हो सकते हैं। इस इंजेक्शन को लेने के बाद होने वाले सामान्य साइड इफेक्ट्स इस प्रकार हैं:
- लिम्फ नोड्स में सूजन (Swollen lymph node
- जोड़ों में दर्द (Joint Pain)
- इंजेक्शन की जगह पर लालिमा (Injection site Redness)
- इंजेक्शन की जगह पर दर्द और सूजन (Injection site Pain and Swelling)
- अन्य एलर्जिक रिएक्शन (Other Allergic Reactions)
इसके अलावा भी इस वैक्सीन के कुछ साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। अगर आप ऊपर दिए साइड इफेक्ट्स के अलावा कुछ समस्याओं का अनुभव करें। तो मेडिकल एडवाइस के लिए डॉक्टर से संपर्क करें। अगर आपको इनमे से कोई भी साइड इफेक्ट्स नजर आएं लेकिन वो अधिक गंभीर हों और समय के साथ न जाएं, तो भी तुरंत मेडिकल हेल्प लेना जरूरी है। अब जानिए इस वैक्सीन के इंटरैक्शन के बारे में।
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अभयरैब वैक्सीन की अन्य ड्रग्स के साथ इंटरैक्शन
अगर आप किसी अन्य ड्रग्स या ओवर द काउंटर प्रोडक्ट्स का प्रयोग कर रहे हैं। तो अभयरैब वैक्सीन (Abhayrab Vaccine) को इसके साथ लेने से इंटरैक्शन हो सकता है। यही नहीं, इससे इस वैक्सीन का प्रभाव भी बदल सकता है। इसके साथ ही इससे ड्रग्स के काम करने के तरीके पर भी असर हो सकता है और साइड इफेक्ट्स के जोखिम भी बढ़ सकता है। इसलिए अगर आप कोई भी ड्रग (Drug), विटामिन (Vitamin) या अन्य हर्बल सप्लीमेंट (Other Herbal Supplement) ले रहे हैं, तो डॉक्टर को पहले ही बता दें। ताकि डॉक्टर ड्रग इंटरैक्शंस (Drug Intractions) से बचने और मैनेज करने में आपकी मदद कर सके। अभयरैब वैक्सीन (Abhayrab Vaccine) का निम्नलिखित ड्रग्स या प्रोडक्ट्स से इंटरैक्शन हो सकता है:
- एबेटासेप्ट (Abatacept)
- एब्रक्सेन (Abraxane)
- बेलिनोस्टैट (Belinostat)
- बेंडैमेस्टिन (Bendamustine)
- कारफिलज़ोमिब (Carfilzomib)
- कार्मिस्टीन (Carmustine)
- हाइड्रोकार्टिसोन Hydrocortisone)
- मिथाइलप्रिडेंसोलोन (Methylprednisolone)
- टोसिलिजमैब (Tocilizumab)
इनके अलावा भी कुछ अन्य दवाईयां या उत्पाद हो सकते हैं जो इस वैक्सीन के साथ इंटरैक्ट कर सकते हैं। इन वैक्सीन के साथ इन्हें लेने से कई हेल्थ समस्याएं हो सकती हैं। इसके बारे में अधिक जानने के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है।
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यह तो थी अभयरैब वैक्सीन (Abhayrab Vaccine) के बारे में पूरी जानकारी। जिसका प्रयोग रेबीज इंफेक्शन (Rabies Infection) या कुछ अन्य स्थितियों में किया जा सकता है। अगर समय पर इन स्थितियों पर उपचार न किया जाए तो यह जानलेवा हो सकती हैं। इसलिए अगर आपको किसी जानवर द्वारा काटे या स्क्रैच किए जाने का संदेह भी है तो भी तुरंत उपचार कराएं, ताकि जटिलताओं से बचा जा सके। अगर आपके दिमाग में इस वैक्सीन से जुड़ी कोई भी चिंता या सवाल है तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें। अगर आप रेबीज जैसी समस्या से बचना चाहते हैं तो आपको जानवरों से दूरी बना कर रखनी चाहिए। ताकि आप इस इंफेक्शन से बच सकें। इसमें कोई संदेह नहीं है कि यह वैक्सीन बेहद प्रभावी है। लेकिन, इसके बारे में पूरी जानकारी होना अनिवार्य है।
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