हम सभी जानते हैं कि ब्रेस्टफीडिंग नवजात शिशु के लिए बेहद जरूरी है। इसके बारे में एक मां भले ही बेहद अच्छे तरीके से जानती व समझती हो, लेकिन एक पिता के लिए भी ब्रेस्टफीडिंग की जानकारी होना बेहद आवश्यक है। पिता के लिए ब्रेस्टफीडिंग की जानकारी होना इसलिए भी जरूरी है क्योंकि वह भले ही बच्चे की नर्सिंग न कराता हो। लेकिन, ब्रेस्टफीडिंग की जानकारी होने के बाद वह बच्चे के साथ बाॅन्ड को आसानी से शेयर कर पाता है। साथ ही आजकल महिलाएं वर्किंग होने के कारण हर समय बच्चे के लिए उपलब्ध नहीं हो पाती हैं और मां पम्प मशीन के जरिए अपने न होने पर भी शिशु के लिए फीडिंग की व्यवस्था करती हैं। ऐसे में पिता को ब्रेस्टफीडिंग के बारे में जानकारी होने पर वह शिशु की आसानी से नर्सिंग कर सकता है। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको कुछ ऐसी ही बातों के बारे में बता रहे हैं, जो एक पिता को ब्रेस्टफीडिंग के बारे में अवश्य पता होनी चाहिए-
पिता के लिए ब्रेस्टफीडिंग की जानकारी (बच्चे के संदर्भ में)
- ब्रेस्टफीडिंग से शिशु को सभी पोषक तत्व आसानी से मिल जाते हैं।
- ब्रेस्टमिल्क बच्चे के स्वास्थ्य की रक्षा करने में मदद करता है। जिन शिशुओं को स्तनपान नहीं कराया जाता है, उनमें छाती का संक्रमण, कान का संक्रमण व पेट में कीड़े होने की आशंका काफी अधिक होती है।
- ब्रेस्टमिल्क बच्चे के इम्युन सिस्टम को मजबूत बनाता है। उन्हें बड़े होने पर अस्थमा, मधुमेह, मोटापा व अन्य कई तरह के कैंसर होने की संभावना कम हो जाती है।
- बच्चे को कम से कम छह माह तक स्तनपान अवश्य करवाना चाहिए। वैसे महिलाएं इसके बाद भी स्तनपान करवा सकती हैं।
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पिता के लिए ब्रेस्टफीडिंग की जानकारी (मां के संदर्भ में)
- ब्रेस्टफीडिंग जहां एक ओर शिशु के लिए जरूरी है, वहीं यह मां के लिए भी उतना ही फायदेमंद है। इससे महिला को ब्रेस्ट कैंसर, ओवेरियन कैंसर, कमजोर हड्डियां, दिल की बीमारी व मोटापा होने की संभावना कम हो जाती है।
- जो महिला शिशु को बारह महीनों से अधिक समय तक स्तनपान कराती हैं, उनमें उच्च रक्तचाप, उच्च कोलेस्ट्रॉल, हृदय
रोग और मधुमेह का जोखिम कम होता है।
- ब्रेस्टफीडिंग से मां का बच्चे के जन्म के बाद होने वाले डिप्रेशन से भी बचाव होता है। इससे मां और बच्चे के बीच एक भावनात्मक जुड़ाव होता है।
ब्रेस्टफीडिंग के बारें में यह भी जान लें पिता
- ब्रेस्टफीड बच्चे के लिए हर समय उपलब्ध होता है। यह सस्ता है और पूरी तरह सुरक्षित है। आपको प्लास्टिक की बोतलों की तरह इसे बार-बार धोना या उबालने की जरूरत नहीं होती।
- अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स बच्चे को छह महीने तक केवल स्तनपान कराने की सलाह देता है। जब आप अपने
बच्चे के आहार में ठोस खाद्य पदार्थ शामिल करते हैं, तो एक मां कम से कम 12 महीने तक स्तनपान जारी रख सकती है।
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पिता के लिए ब्रेस्टफीडिंग की जानकारी (बिना ब्रेस्टफीड के शिशु के साथ बेहतर संबंध कैसे बनाएं)
- बहुत से पुरूष जो अभी-अभी पिता बने हैं, उनके मन में यह सवाल जरूर आएगा कि वह शिशु को स्तनपान नहीं करा सकते, ऐसे में वह शिशु के साथ बेहतर संबंध कैसे बनाएं। ऐसे में पिता को ब्रेस्टफीडिंग व उसके पीछे के अहसास को समझना होगा। जब एक महिला शिशु को स्तनपान कराती है तो वह शिशु के साथ कुछ बेहतरीन सुकूनभरे पल बिताती है। साथ ही उनका स्किन कॉन्टैक्ट उनके आपसी रिश्ते को मजबूत बनाता है। ऐसा ही कुछ आप भी कर सकते हैं। इसके लिए आप बच्चे को कुछ वक्त के लिए अपने सीने पर लिटाएं। कोशिश करें कि उस वक्त आपने उपर कुछ न पहना हो। इससे आपको भी फील-गुड ऑक्सीटोसिन बढ़ेगा जो आपकी पत्नी को स्तनपान के दौरान मिलता है।
- इसके अतिरिक्त जिस तरह एक मां बच्चे के साथ आई कॉन्टैक्ट बनाती है, आप भी वैसा ही करें। आप बच्चे के करीब
लेटें और उससे अपनी बातें करें। भले ही उस वक्त बच्चा आपकी बातें नहीं समझ पाएगा, लेकिन उसे आपकी आवाज अच्छी लगेगी क्योंकि वह गर्भ से ही उस आवाज को पहचानता है।
- अगर आप बच्चे के साथ उसी रिश्ते को कायम करना चाहते हैं, जैसा मां अपने बच्चे के साथ करती है तो आप शिशु को स्तनपान के बाद कुछ एक्टिविटीज में शामिल हो सकते हैं। जब बच्चे का पेट भरा होगा तो आपके लिए उसे संभालना भी आसान होगा। ऐसे में आप ब्रेस्टफीडिंग के बाद कुछ देर के लिए उसके साथ खेलें या फिर आप उसे टहलने के लिए ले जाएं। आप उसके साथ नहा सकते हैं, उसकी नैपी बदल सकते हैं या फिर उसे अपनी छाती पर लेटाएं या फिर गोद में लेकर कुछ देर
वक्त बिताएं।
पिता के लिए ब्रेस्टफीडिंग में जरूरी मदद
- भले ही आप अपने शिशु को ब्रेस्टफीड नहीं करा सकते, लेकिन आप इसमें अपनी पत्नी की मदद जरूर कर सकते हैं ताकि आपके बच्चे को जरूरी पोषण बेहद आराम से मिल सके। अगर महिला बहुत अधिक थकी हुई होगी या फिर परेशान होगी तो उसके लिए बच्चे को स्तनपान करवाना काफी मुश्किल होगा। इतना ही नहीं, इस अवस्था में स्तनपान करवाने पर इसका असर शिशु पर भी पड़ेगा। इसलिए आप महिला के काम में उसकी मदद करके शिशु के लिए ब्रेस्टफीडिंग को आसान बनाएं।
- अगर आपकी पत्नी के लिए स्तनपान कराना मुश्किल हो रहा है तो आप उसे मानसिक रूप से प्रोत्साहित करें। उसे
बताएं कि वह कितना बेहतर काम कर रही है। समस्या होने पर अपने डॉक्टर या स्तनपान विशेषज्ञ की मदद लेकर उसके काम को आसान बनाएं।
- ब्रेस्टफीडींग करा रही मां के लिए पिता खाने की चीजों का ध्यान रख सकते हैं। साथ ही उनके लिए तकिया लाकर दें, जिससे कि वह ब्रेस्टफीडींग कराते समय सही पुजिशन में रह सकें और उसे सपोर्ट भी मिले।
- कुछ पिता मानते हैं कि ब्रेस्टफीडिंग में उनका कोई रोल नहीं है। जबकि वास्तव में ऐसा नहीं है। कुछ रिसर्च बताते हैं कि जिन महिलाओं के पति जितना अधिक सहायक होते हैं, वह महिलाएं उतना जल्दी स्तनपान शुरू करती हैं और लंबे समय तक इसे बरकरार रखती हैं। इसलिए पिता के लिए भी ब्रेस्टफीडिंग की जानकारी होना उतना ही जरूरी है।
यह सच है कि ब्रेस्टफीडिंग करवाना एक मां का काम है, लेकिन पिता के लिए भी ब्रेस्टफीडिंग की जानकारी होना बेहद जरूरी है। इससे वह शिशु के लिए स्तनपान के महत्व को समझ पाते हैं और उसमें अपनी सक्रिय भूमिका निभा पाते हैं।
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