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सिम्फिसिस प्यूबिस डिसफंक्शन: कितनी कॉमन है, प्रेग्नेंसी में पेल्विक पेन का कारण बनने वाली यह कंडिशन?

सिम्फिसिस प्यूबिस डिसफंक्शन: कितनी कॉमन है, प्रेग्नेंसी में पेल्विक पेन का कारण बनने वाली यह कंडिशन?

गर्भावस्था में पेल्विक पेन (Pelvic pain) होना कोई नई या गंभीर बात नहीं है। जैसे-जैसे गर्भ में शिशु ग्रो और मूव करता है और चाइल्डबर्थ के लिए शरीर तैयार होता है, तो ऐसे में पेल्विक पेन हो सकता है। इसे अनकंफर्ट प्रेग्नेंसी कंडिशन भी कहा जा सकता है। इस दर्द के एक कारण को सिम्फिसिस प्यूबिस डिसफंक्शन (Symphysis pubis dysfunction) के नाम से जाना जाता है। ऐसा भी माना जाता है कि प्रेग्नेंसी में सिम्फिसिस प्यूबिस डिसफंक्शन (Symphysis Pubis Dysfunction during Pregnancy) से लगभग 30% प्रेग्नेंट महिलाएं पीड़ित रहती हैं। आइए पाएं जानकारी प्रेग्नेंसी में सिम्फिसिस प्यूबिस डिसफंक्शन (Symphysis Pubis Dysfunction during Pregnancy) के बारे में। जिसे शार्ट फॉर्म SPD के नाम से भी जाना जाता है।

प्रेग्नेंसी में सिम्फिसिस प्यूबिस डिसफंक्शन किसे कहा जाता है? (Symphysis Pubis Dysfunction during Pregnancy)

जैसा की पहले ही बताया गया है कि सिम्फिसिस प्यूबिस डिसफंक्शन (Symphysis pubis dysfunction) एक तरह की पेल्विक पेन (Pelvic pain) है, जो गर्भावस्था में होती है। इसे पेल्विक गिर्डल पेन (Pelvic girdle pain) भी कहा जाता है। प्यूबिस सिम्फिसिस एक जॉइंट है, जो प्यूबिक बोन्स के बीच में होता है। जब कोई महिला गर्भवती होती है, तो जॉइंट के आसपास लिगामेंट्स अधिक इलास्टिक और फ्लेक्सिबल हो जाते हैं। ताकि शिशु डिलीवरी के दौरान आसानी से मूव कर सके। हालांकि, जब लिगामेंट्स इससे पहले बहुत अधिक रिलेक्सड हो जाते हैं, तो यह इंस्टैबिलिटी और दर्द का कारण बन सकते हैं।

प्रेग्नेंसी में सिम्फिसिस प्यूबिस डिसफंक्शन (Symphysis Pubis Dysfunction during Pregnancy) की समस्या आरामदायक से लेकर गंभीर दर्द तक हो सकती है, जिससे आपकी मोबिलिटी पर असर तक हो सकता है। यह समस्या पेल्विस के आगे और पीछे दोनों जगह हो सकती है। यही नहीं, रात को यह परेशानी बदतर होती है या जब गर्भवती महिला बहुत अधिक एक्टिव होती है, तब भी यह परेशानी बढ़ सकती है। आप यह भी अनुभव कर सकते हैं कि आपका पेल्विस अनस्टेबल हो गया है। ऐसा माना जाता है कि सिम्फिसिस प्यूबिस डिसफंक्शन (Symphysis pubis dysfunction) की समस्या लगभग एक तिहाई महिलाओं में होती है। अब जानिए कि इस रोग में पीड़ित को कैसा अनुभव होता है?

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प्रेग्नेंसी में सिम्फिसिस प्यूबिस डिसफंक्शन की समस्या में रोगी को कैसा अनुभव होता है?

अधिकतर महिलाएं सिम्फिसिस प्यूबिस डिसफंक्शन (Symphysis pubis dysfunction) के दौरान तेज दर्द महसूस करती हैं। इस दौरान वो प्यूबिक बोन के फ्रंट मिडिल, लोअर बैक एक या दोनों साइड्स में और पेरिनियल में भी दर्द का अनुभव कर सकती है। यह दर्द, टांगों की मूवमेंट के दौरान या जब आप एक टांग पर वेट रखा हो, तो बदतर हो सकती है। इसके साथ ही इन एक्टिविटीज में  यह परेशानी अधिक बढ़ सकती है:

  • वॉकिंग (Walking)
  • सीढ़ियां चढ़ना (Climbing stairs)
  • कपड़े पहनना (Getting dressed)
  • कार के अंदर और बाहर आना (Getting in and out of a car)

ऐसा इसलिए है, क्योंकि इस दौरान एब्डोमिनल प्रेशर (Abdominal pressure) बढ़ जाता है। कई बार खांसी या छींक से भी पेल्विक गिर्डल पेन (Pelvic girdle pain) बढ़ सकती है। प्रेग्नेंसी में सिम्फिसिस प्यूबिस डिसफंक्शन (Symphysis Pubis Dysfunction during Pregnancy) के लक्षण और रिस्क फैक्टर्स क्या है जानिए।

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प्रेग्नेंसी में सिम्फिसिस प्यूबिस डिसफंक्शन के लक्षण और रिस्क-फैक्टर (Symptoms and risk-factors of Symphysis Pubis Dysfunction during Pregnancy)

सिम्फिसिस प्यूबिस डिसफंक्शन (Symphysis pubis dysfunction) आमतौर पर पेल्विक रीजन में होता है, हालांकि यह समस्या टांगे, कूल्हे और पीठ तक फैल सकती है। यह समस्या कुछ एक्टिविटीज के दौरान बढ़ जाती है। प्रेग्नेंसी के दौरान यह समस्या किसी भी समय हो सकती है। लेकिन, ऐसी समस्या आमतौर पर 12-14 हफ्ते की प्रेग्नेंसी के दौरान चरम पर होती है। यानी, इस समय यह समस्या होने की संभावना अधिक रहती है। प्रेग्नेंसी के बाद के चरणों में भी यह परेशानी बहुत अधिक होती है क्योंकि उस समय शिशु ग्रो चुका होता है और पेल्विस स्ट्रेच होता है। अब जानिए क्या हैं इसके कारण?

प्रेग्नेंसी में सिम्फिसिस प्यूबिस डिसफंक्शन

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प्रेग्नेंसी में सिम्फिसिस प्यूबिस डिसफंक्शन के कारण (Causes of Symphysis Pubis Dysfunction during Pregnancy)

महिला का शरीर गर्भावस्था के 10 सप्ताह की शुरुआत में रिलैक्सिन (Relaxin) नामक हॉर्मोन्स का उत्पादन करता है। यह वो हॉर्मोन है, जो लिगामेंट्स को रिलेक्स करता है। इन लिगामेंट्स में वो लिगामेंट्स भी शामिल है जो पेल्विक बोन्स को एकसाथ जोड़ कर रखते हैं। हालांकि, शिशु के प्रसव के समय यह मददगार होता है लेकिन अगर लिगामेंट्स अधिक स्ट्रेच होते हैं, तो इससे इंस्टैबिलिटी और दर्द हो सकती है। जैसे-जैसे गर्भ में शिशु का वजन बढ़ता है और उसकी पोजीशन बदलती है, तो यह दर्द बदतर हो सकता है।

SPD की समस्या तब भी हो सकती है, जब आप गर्भवती न हों। हालांकि, ऐसा होना सामान्य नहीं है, लेकिन किसी चोट या ऑस्टियोआर्थराइटिस (Osteoarthritis) की स्थिति में यह दर्द हो सकता है। अगर किसी महिला को निम्नलिखित समस्याएं हों, तो उन्हें यह परेशानी होने का जोखिम अधिक रहता है, जैसे :

  • पहली प्रेग्नेंसी में सिम्फिसिस प्यूबिस डिसफंक्शन (Symphysis Pubis Dysfunction during Pregnancy) की समस्या होना
  • मल्टीपल प्रेग्नेन्सीज (Multiple pregnancies)
  • अगर आपको कोई पेल्विक ट्रॉमा (Pelvic trauma) हो, जैसे मोटर व्हीकल एक्सीडेंट जिसमें पेल्विस या बैक इंजरी आदि
  • अगर आपका वजन अधिक हो (Are overweight)
  • अगर गर्भ में शिशु बड़ा हो  (Having a very large baby)

अब जानिए सिम्फिसिस प्यूबिस डिसफंक्शन (Symphysis pubis dysfunction) के निदान के बारे में।

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प्रेग्नेंसी में सिम्फिसिस प्यूबिस डिसफंक्शन का निदान कैसे संभव है? (Diagnosis of Symphysis Pubis Dysfunction during Pregnancy)

नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ चाइल्ड हेल्थ एंड ह्यूमन डेवलपमेंट (National Institute of Child Health and Human Development) के अनुसार प्रेग्नेंसी में इस समस्या के निदान के लिए डॉक्टर कुछ इमेजिंग या अन्य टेस्ट्स करा सकते हैं। सिम्फिसिस प्यूबिस डिसफंक्श (Symphysis Pubis Dysfunction) का शुरुआती निदान इस समस्या को मैनेज करने में मददगार होता है। अगर आप प्रेग्नेंट हैं तो आप पेल्विक पेन (Pelvic pain) का अनुभव करती हैं, तो तुरंत अपने डॉक्टर से बात करें। फिजियोथेरेपिस्ट आपकी जॉइंट्स और पेल्विक मसल्स (Pelvic muscles) को मजबूत और स्टेबल रखने में मदद कर सकते हैं। इसके साथ ही वो उन एक्टिविटीज को लेकर भी आपकी मदद करेंगे, जिन्हें आप कर सकते हैं। अब प्रेग्नेंसी में सिम्फिसिस प्यूबिस डिसफंक्शन (Symphysis Pubis Dysfunction during Pregnancy) के उपचार के बारे में जाने।

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प्रेग्नेंसी में सिम्फिसिस प्यूबिस डिसफंक्शन का उपचार (Treatment of Symphysis Pubis Dysfunction during Pregnancy)

जैसा की पहले ही बताया गया है कि यह रोग बेहद दुर्लभ और दर्दभरा है। इसके उपचार में आमतौर पर पेल्विस को ब्रेस या बेल्ट से स्थिर करना और आसपास की मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए व्यायाम करना आदि शामिल है। अधिकतर मामलों में कुछ ही महीनों में यह समस्या ठीक हो जाती है। कुछ महिलाओं को इसके लिए लॉन्ग-टर्म फिजिकल थेरेपी (Long-term physical therapy) भी दी जा सकती है। इस समस्या के उपचार में विभिन्न उपचार के तरीके इस प्रकार हैं:

सिम्फिसिस प्यूबिस डिसफंक्शन में दर्द (Pain in Symphysis pubis dysfunction)

जैसा की आप जानते ही हैं कि सिम्फिसिस प्यूबिस डिसफंक्शन (Symphysis pubis dysfunction) में होने वाली दर्द बेहद गंभीर होती है। इसे आप इस तरह से नजरअंदाज कर सकते हैं:

  • अपनी एक टांग पर वेट न रखें। ऐसी कोई भी मूवमेंट करने से बचें, जिसमें आपको टांगों पर अधिक जोर पड़े।
  • हैवी चीज को लिफ्ट या पुश करने से बचें। जब आप किसी चीज को उठाती हैं तो ट्विस्ट न करें। किसी भी हैवी चीज को पुश भी न करें।
  • फ्लोर पर या ट्विस्टेड पोजीशन में बैठना भी नजरअंदाज करें।
  • अधिक समय तक न तो बैठे और न ही खड़े हों।
  • किसी भी चीज को एक हाथ में न पकड़ें।
  • अनकम्फर्टेबल जूत्ते पहनने से बचें।

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दर्द की स्थिति में क्या करें?

अगर आपको दर्द हो रही है, तो आप इन तरीकों को अपना कर इससे बच सकते हैं:

  • कोल्ड और हीट पैक का इस्तेमाल करें। पेल्विक गिर्डल पेन (Pelvic girdle pain) होने पर प्यूबिक बोन पर आइस पैक (Ice pack) या हीटिंग पैड (Heating pad) का इस्तेमाल करना लाभदायक हो सकता है।
  • कीगल और पेल्विक टिल्ट एक्सरसाइजेज (Pelvic tilt exercises) करें, ताकि इस एरिया की मसल्स को मजबूत किया जा सके और पेल्विक गिर्डल पेन (Pelvic girdle pain) से राहत मिल सके।
  • प्रेग्नेंसी पिलो (Pregnancy pillows) के इस्तेमाल से आपको कम्फर्टेबल स्लीपिंग पोजीशन को पाने में मदद मिल सकती है। घुटनों के बीच में इस पिलो को रखने से आप अपने हिप्स और लोअर बैक की स्ट्रेस को कम कर सकती हैं।
  • पेल्विक सपोर्ट के लिए बेल्ट या गिर्डल का इस्तेमाल करें। इससे मूवमेंट के दौरान दर्द कम हो सकती है।
  • आप सेफ पेनरिलिवर्स (Safe Pain Relievers) का इस्तेमाल भी कर सकती हैं। लेकिन, इन्हें लेने से पहले डॉक्टर से अवश्य बात करें।

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अन्य तरीके

प्रेग्नेंसी में सिम्फिसिस प्यूबिस डिसफंक्शन (Symphysis Pubis Dysfunction during Pregnancy) से राहत पाने के लिए कुछ अन्य तरीके भी हैं। यह तरीके इस प्रकार हैं:

  • फिजिकल थेरेपी (Physical therapy): फिजिकल थेरेपी के दौरान फिजियोथेरेपिस्ट (Physiotherapist) रोगी को स्ट्रेंथ एक्सरसाइजेज (Strength exercises) की सलाह देते हैं। इसके साथ ही वो आपको उन कम्फर्ट पोजिशन्स के बारे में भी बता सकते हैं, जिनसे आप अपने रोजाना के काम आसानी से कर सकती हैं। इससे आपको प्रसव में भी आसानी होगी।
  • एक्यूपंक्चर (Acupuncture): ऐसे कुछ सबूत भी मिले हैं कि एक्यूपंक्चर से प्रेग्नेंसी के दौरान पेल्विक गिर्डल पेन (Pelvic girdle pain) में मदद मिल सकती है। लेकिन, इसके बारे में भी पहले डॉक्टर और एक्यूपंक्चर एक्सपर्ट से बात करना न भूलें।

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यह तो थी प्रेग्नेंसी में सिम्फिसिस प्यूबिस डिसफंक्शन (Symphysis Pubis Dysfunction during Pregnancy) के बारे में जानकारी। हालांकि, यह कंडिशन सीधे तौर पर गर्भ में बच्चे के स्वास्थ्य को प्रभावित नहीं करती है। लेकिन, इससे इस बात पर असर हो सकता है कि आप प्रेग्नेंसी में कैसा अनुभव कर रही हैं। घरेलू ट्रीटमेंट्स, फिजिकल थेरेपी (Physical therapy) और अपनी मूवमेंट्स का ध्यान रख कर आप इस दर्द से काफी हद तक छुटकारा पा सकती हैं। सिम्फिसिस प्यूबिस डिसफंक्शन (Symphysis pubis dysfunction) की परेशानी आमतौर पर शिशु के जन्म के बाद ठीक हो जाती है। प्रेग्नेंसी में इसके कारण होने वाली मां परेशानी का अनुभव कर सकती है। इस समस्या से बचने के लिए अपने डॉक्टर की सलाह लेना और उसका पालन करना न भूलें। अगर आपको इसके लक्षण नजर आते हैं, तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें।

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डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

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Current Version

15/12/2021

AnuSharma द्वारा लिखित

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Sayali Chaudhari

Updated by: AnuSharma


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Sayali Chaudhari

फार्मेकोलॉजी · Hello Swasthya


AnuSharma द्वारा लिखित · अपडेटेड 15/12/2021

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