त्वचा हमारे शरीर का सबसे बड़ा अंग है जिससे पूरा शरीर कवर होता है। त्वचा हमारे शरीर की हानिकारक तत्वों से सुरक्षा भी करती है। अपनी त्वचा यानी स्किन की सुरक्षा का हम सब भी पूरा ख्याल रखते हैं। लेकिन, इसमें खुजली, लालिमा या फफोले आदि होना सामान्य हैं। इसका कारण एलर्जी भी हो सकती है, किसी कीड़े के काटने से भी ऐसा संभव है या इसके पीछे कुछ अन्य वजहें भी हो सकती हैं। ऐसी एक समस्या और है, जिसके कारण त्वचा के ऊपर अनचाही ग्रोथ हो जाती है। यह रोग मुंह के अंदर भी हो सकता है। इसे पायोजेनिक ग्रेन्युलोमा (Pyogenic Granuloma) के नाम से जाना जाता है। आज हम इसी समस्या के बारे में आपको बताने वाले हैं। आइए, जानते हैं इस बीमारी के बारे में विस्तार से।
पायोजेनिक ग्रेन्युलोमा क्या है? (Pyogenic Granuloma)
पायोजेनिक ग्रेन्युलोमा (Pyogenic Granuloma) एक सामान्य और बिनायन ग्रोथ (Benign Growth) है, जो तेजी से बढ़ती है। यह आमतौर पर मुंह के अंदर या स्किन के ऊपर होने वाले ब्लीडिंग बंप हैं और मामूली चोट के स्थान पर भी हो सकता है। पायोजेनिक ग्रेन्युलोमा ब्लड वेसल्स से बना होता है। अगर यह समस्या गर्भवती महिला को होती है तो कई बार इसे प्रेग्नेंसी ट्यूमर (Pregnancy Tumor) भी कहा जाता है। इसके अन्य नाम लोब्युलर केपिलरी हिमेनजियोमा (Lobular Capillary Hemangioma) और ग्रेन्युलोमा पायोजेनिकम (Granuloma Pyogenicum) भी हैं। जानिए पायोजेनिक ग्रेन्युलोमा (Pyogenic Granuloma) कहां और किन्हें हो सकता है?
और पढ़ें : Skin Disorders : चर्म रोग (त्वचा विकार) क्या है? जानें इसके कारण, लक्षण और उपाय
पायोजेनिक ग्रेन्युलोमा (Pyogenic Granuloma) आमतौर पर 6 साल के बच्चों, टीनएजर्स या बुजुर्गों को होता है। यही नहीं, पुरुषों को महिलाओं की तुलना में यह रोग होने की संभावना अधिक रहती है। महिलाओं को गर्भावस्था या ओरल कंट्रासेप्टिव का प्रयोग करने से यह समस्या होने की संभावना अधिक होती है। आमतौर पर पायोजेनिक ग्रेन्युलोमा (Pyogenic Granuloma) का होना इन अंगों पर सामान्य है:
- हाथ (Hands)
- उंगलियों (Fingers)
- बाजू (Arms)
- चेहरा (Face)
- गर्दन (Neck)
- छाती (Chest)
- पीठ (Back)
और पढ़ें : अगर चाहिए पिगमेंटेशन (झाइयां) से मुक्त त्वचा, तो अपनाएं ये घरेलू उपाय
इसके अलावा यह इन अंगों पर भी विकसित हो सकते हैं:
- होंठ (Lips)
- आईलिड्स (Eyelids)
- जेनिटल्स (Genitals)
- मुंह के अंदर (Inside Mouth)
दुर्लभ मामलों में यह समस्या आंख में कंजंक्टिवा (Conjunctiva ) या कॉर्निया (Cornea ) पर भी विकसित हो सकती है। कंजंक्टिवा आंख के सफेद एरिया पर मौजूद क्लियर टिश्यू है। कॉर्निया आंख की पुतली पर मौजूद क्लियर कवरिंग है। जानते हैं इसके कारणों के बारे में।
और पढ़ें : अगर चाहिए पिगमेंटेशन (झाइयां) से मुक्त त्वचा, तो अपनाएं ये घरेलू उपाय
पायोजेनिक ग्रेन्युलोमा के कारण क्या हैं? (Causes of Pyogenic granuloma)
पायोजेनिक ग्रेन्युलोमा (Pyogenic Granuloma) के कारण स्पष्ट नहीं हैं। यह ग्रोथ किसी चोट लगने के बाद हो सकती हैं, लेकिन इसका सही कारण ज्ञात नहीं है। किसी कीड़े के काटने या त्वचा को जोर से बार-बार स्क्रैच करने से भी यह बीमारी हो सकती है। प्रेग्नेंसी के दौरान हॉर्मोन परिवर्तन भी पायोजेनिक ग्रेन्युलोमा का कारण बन सकते हैं। जानते हैं इससे जुड़े रिस्क फैक्टर्स के बारे में:
- ट्रॉमा (Trauma) — माइनर ट्रॉमा को इस समस्या का रिस्क फैक्टर माना जाता है। ओरल कैविटी, क्रोनिक माइनर इर्रिटेशन इसको बढ़ाने के सामान्य तरीकों में शामिल हैं। नाक छिदवाने को भी पायोजेनिक ग्रेन्युलोमा (Pyogenic Granuloma) से जोड़ा गया है।
- हार्मोनल इन्फ्लुएंसेस (Hormonal influences) — कुल मामलों में से पांच प्रतिशत प्रेग्नेन्सीज ओरल कंट्रासेप्टिव के प्रयोग से यह समस्या हो सकती है।
- दवाइयां (Medications) — ओरल रेटिनॉइड्स (Oral Retinoids), प्रोटिएज इन्हिबिटर्स (Proteases Inhibitors), टार्गेटेड कैंसर थेरपीज (Targeted Cancer Therapies)और इम्यूनोसप्रेशन (Immunosuppression) आदि भी इस समस्या को बढ़ा सकते हैं। इसके अलावा कुछ इंफेक्शंस को भी इस समस्या से जोड़ा गया है।
Quiz : हेल्दी स्किन के लिए करने चाहिए ये जरूरी उपाय:
और पढ़ें : त्वचा के कालेपन को दूर करने के लिए अपनाएं यह आसान घरेलू उपाय
पायोजेनिक ग्रेन्युलोमा का क्लीनिकल फीचर? (Clinical Features of Pyogenic Granuloma)
पायोजेनिक ग्रेन्युलोमा (Pyogenic Granuloma) देखने में सामान्य छोटा घाव जैसा लग सकता है इसके क्लीनिकल फीचर इस प्रकार हैं:
- त्वचा में मौजूद पायोजेनिक ग्रेन्युलोमा एक दर्दरहित लाल फ्लेशी नोड्यूल (Fleshy Nodule) है। यह आमतौर पर 5 – 10mm के डायग्राम का होता है और कुछ ही हफ्तों में यह बहुत अधिक बढ़ जाता है।
- इसकी सतह शुरुआत में स्पॉट होती है, लेकिन यह अल्सरेटेड हो सकती है। पायोजेनिक ग्रेन्युलोमा (Pyogenic Granuloma) आमतौर पर एक ही होता है, लेकिन कई बार मल्टीपल नोड्यूल भी हो सकते हैं। इसका चेहरे और उंगलियों पर होना आम है। इनमें मामूली चोट लगने पर आसानी से खून बहने लगता है। जो इस बीमारी से जुडी सबसे मुख्य बात है।
ओरल म्यूकोसल पायोजेनिक ग्रेन्युलोमा (Oral Mucosal Pyogenic Granulomas) मसूड़ों और होंठों पर विकसित होते हैं। इनका आकार कुछ मिलीमीटर से लेकर सेंटीमीटर तक हो सकता है। यह सतह अल्सरेटेड हो सकती है और इसमें भी आसानी से ब्लीडिंग भी हो सकती है। समय के साथ, इस घाव का रंग हल्का गुलाबी हो जाता है। अन्य म्यूकोसल साइट्स जो प्रभावित हो सकती हैं उनमें कांजिक्टायवा ( Conjunctiva) और नेजल म्यूकोसा (Nasal Mucosa) शामिल हैं। अब जानिए इसके निदान और उपचार के बारे में।
और पढ़ें : घाव का प्राथमिक उपचार क्या है, जानिए फर्स्ट ऐड से जुड़ी सारी जानकारी यहां
पायोजेनिक ग्रेन्युलोमा का निदान कैसे होता है? (Diagnosis of Pyogenic Granuloma)
पायोजेनिक ग्रेन्युलोमा (Pyogenic Granuloma) के निदान के लिए सबसे पहले डॉक्टर इसकी जांच करते हैं। शारीरिक जांच से इसका निदान संभव है। इसके अलावा सही निदान के लिए डॉक्टर बायोप्सी भी करा सकते हैं। इसमें टिश्यू का सैंपल किया जाता है। बायोप्सी, मैलिग्नेंट (कैंसरयुक्त) चिकित्सीय स्थितियों के निदान में भी मदद कर सकती, जिसमे भी इस के जैसी ही ग्रोथ होती है। इन स्थितियों में बैजल सेल कार्सिनोमा (Basal Cell Carcinoma), मेलेनोमा (Malignant) आदि शामिल हैं।
नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इनफार्मेशन (National Center for Biotechnology Information) के अनुसार पायोजेनिक ग्रेन्युलोमा को कई बार ग्रेन्युलोमा पायोजेनिकम (Granuloma Pyogenicum) भी कहा जाता है। जो एक सामान्य, बिनाइन, वैस्कुलर ट्यूमर है और टिश्यूज में विकसित होता है जैसे त्वचा और म्यूकस मेम्ब्रेन (Mucous Membranes) में। कई स्थितियों में यह समस्या खुद ही ठीक हो जाती है लेकिन गंभीर स्थिति में सर्जरी भी की जा सकती है। यह आमतौर पर दर्दरहित और हानिरहित होते हैं।
और पढ़ें : आपके शरीर में दिखने वाले स्किन टैग, हो सकते हैं डायबिटीज का संकेत…
पायोजेनिक ग्रेन्युलोमा का उपचार (Treatment of Pyogenic Granuloma)
पायोजेनिक ग्रेन्युलोमा (Pyogenic Granuloma) का उपचार इसके आकार और लोकेशन पर निर्भर करता है। जैसा की आप जानते ही हैं कि यह हानिरहित होते हैं। लेकिन, फिर भी इन्हें रिमूव करना जरूरी है। इनका उपचार इन तरीकों से संभव है:
- स्मॉल पायोजेनिक ग्रेन्युलोमा (Small Pyogenic Granulomas) : स्मॉल पायोजेनिक ग्रेन्युलोमा (Pyogenic Granuloma) की स्थिति में उपचार की जरूरत नहीं होती। यह खुद ही कुछ दिनों में ठीक हो जाते हैं।
- लार्ज पायोजेनिक ग्रेन्युलोमा (Large Pyogenic Granulomas) : अगर यह ग्रोथ बड़ी है तो डॉक्टर इसे रिमूव करने के लिए कहेंगे। इसके लिए इसे दाग़ा (Cauterize) या जलाया जा सकता है। दाग़ना (Cauterization) ब्लीडिंग को रोकने और फिर से इसके न होने से बचने का लाभदायक तरीका है।
इसके अलावा इस समस्या की पूरी ग्रोथ को सर्जिकली भी रिमूव किया जा सकता है और टांकों की मदद से घाव को बंद किया जा सकता है। अगर नॉन-सर्जिकल तरीके के प्रयोग के बाद यह समस्या फिर से हो जाती है तो स्थायी रूप से उसे दूर करने के लिए सर्जिकल तरीका बेहतरीन है। यही नहीं, डॉक्टर इसके उपचार के लिए एक केमिकल जिसे सिल्वर नाइट्रेट कहा जाता है, उसका प्रयोग भी कर सकते हैं। ग्रोथ को रिमूव करने के लिए लेजर सर्जरी भी की जा सकती है। पायोजेनिक ग्रेन्युलोमा (Pyogenic Granuloma) को कभी भी खुद से रिमूव करने की कोशिश न करें। अगर आप ऐसा करते हैं तो इससे खून निकल सकता है। इसलिए डॉक्टर इसे रिमूव करने के लिए सही तकनीक और उपकरणों का प्रयोग करते हैं।
आंखों पर पायोजेनिक ग्रेन्युलोमा (Pyogenic Granulomas on the Eye)
आंखों पर अगर पायोजेनिक ग्रेन्युलोमा हो तो इस ग्रोथ को सर्जिकली रिमूव किया जा सकता है या इसके उपचार के लिए एक दवा जिसमें कॉर्टिकॉस्टेरॉइड्स ( Corticosteroids) होता है, का भी प्रयोग किया जा सकता है। इससे सूजन को कम होने में मदद मिलती है।
और पढ़ें : प्रेग्नेंसी के तीसरी तिमाही में हाे सकती है सांस की दिक्कत और सूजन, खुद को ऐसे करें ट्रीट
गर्भावस्था में पायोजेनिक ग्रेन्युलोमा (Pyogenic Granulomas during Pregnancy)
अगर आप गर्भवती हैं, तो डॉक्टर इस समस्या से संबंधित आपको यही सलाह देंगे कि प्रसव के बाद तक का इंतजार किया जाए। क्योंकि, यह ग्रोथ प्रसव के बाद खुद ही रिमूव हो जाती है। डिलीवरी के बाद हार्मोन लेवल से कमी इसे खुद रिमूव होने में मदद करती है। गर्भ में पल रहे शिशु की सुरक्षा के लिए भी यही तरीका बेहतर है।
अभी शोधकर्ता विशेष रूप से बच्चों के लिए पायोजेनिक ग्रेन्युलोमा (Pyogenic Granuloma) के लिए नॉन-इनवेसिव उपचार (Non-invasive Treatments) के बारे में अध्ययन कर रहे हैं। हाल के अध्ययनों में पाया गया है कि अगर टिमोलोल (Timolol) नामक एक टोपिकल दवा को नोड्यूल पर जेल के रूप में लगाया जाता है, तो यह बिना किसी साइड इफेक्ट के घाव के उपचार में प्रभावी है।
पायोजेनिक ग्रेन्युलोमा (Pyogenic Granuloma) हमेशा बिनाइन होते हैं लेकिन इसके लेकर चिंता होना सामान्य है। खासतौर पर अगर इससे ब्लीडिंग हो रही हो। अगर यह चेहरे पर हो तो ऐसा पाया गया है कि लोग इसे लेकर अधिक चिंतित होते हैं। अगर आपके मन में इसके बारे में कोई भी सवाल हो, तो तुरंत अपने डॉक्टर से सलाह लें। डॉक्टर सबसे पहले इस बात को सुनिश्चित करते हैं कि यह ग्रोथ बिनाइन है या नहीं और उसके बाद ही सही उपचार के बारे में निर्णय लिया जाता है। बहुत कम और असामान्य मामलों में कुछ समय के बाद पायोजेनिक ग्रेन्युलोमा (Pyogenic Granuloma) सिकुड़ सकते हैं या खुद ही ठीक हो सकते हैं। खासतौर पर अगर मामला गर्भावस्था या कुछ खास दवाइयों से जुड़ा हो।
और पढ़ें : सावधान! संक्रामक त्वचा रोग कहीं आपकी स्किन की बिगाड़ ना दें रंगत
इन मामलों में रिमूवल प्रोसीजर की जरूरत नहीं होती। हालांकि, इस समस्या के अधिकतर मामलों में इसके उपचार और उन्हें रिमूव करने के लिए किसी न किसी प्रोसीजर की जरूरत पड़ती ही है। अगर आपको त्वचा पर कोई भी ऐसी ग्रोथ नजर आती है, जो बढ़ रही हो या जिससे ब्लीडिंग हो रही हो तो बिना किसी देरी के तुरंत डॉक्टर को संपर्क करें। क्योंकि यह ग्रोथ किसी अन्य समस्या का संकेत भी हो सकती है जैसे कैंसर। ऐसे में समझदारी यही है कि समय रहते इस समस्या का निदान किया जाए ताकि इसका जल्दी सही उपचार हो सकें।