यह तो हर कोई जानता है कि स्मोकिंग अच्छी बात नहीं है, दोस्तों से लेकर घर के बड़े या फिर परिवार के सदस्य अक्सर स्मोकिंग करने वालों को कहते हैं कि इस लत को छोड़ दो। साइंटिफिकली बात की जाए तो स्मोकिंग इतनी ज्यादा बुरी और खतरनाक है कि यह आपकी त्वचा की रंगत को आपसे छीन ले सकता है। वहीं स्मोकिंग का स्किन पर काफी इफेक्ट पड़ता है। तो आइए इस आर्टिकल में हम स्मोकिंग स्किन को कैसे करता है इफेक्ट, इस बारे में जानते हैं। वहीं जानते हैं कि आखिर कैसे इससे सबक लेकर लोग स्मोकिंग छोड़ सही रास्ते पर आ सके, और इसके बदले अच्छी चीजें खाने-पीने की आदतें डालें, और अपने स्वास्थ्य को बेहतर बनाएं। तो चलिये जानते हैं कि स्मोकिंग से स्किन पर कौन-कौन-से बदलाव नजर आते हैं।
स्मोकिंग के कारण त्वचा पर आने वाले बदलाव-
स्किन का लूज होना (Saggy Skin)
शोध में पाया गया है कि तंबाकू के धुएं में करीब चार हजार से भी ज्यादा जहरीले केमिकल्स होते हैं। इनमें से कई केमिकल्स कोलेजन (collagen) और इलास्टिन (elastin) को प्रभावित करते हैं। यह फाइबर्स हमारे स्किन को स्ट्रेंथ और इलास्टिसिटी प्रदान करते हैं। स्मोकिंग करने वाले, यहां तक कि धुएं के आसपास रहने वाले लोगों की त्वचा को भी नुकसान पहुंचता है। इस कारण त्वचा का लटकना और ढीला होना जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं।
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हाथ और ब्रेस्ट की स्किन का झूलना ( Sagging Breasts & Hand)
स्मोकिंग का सिर्फ फेस की स्किन पर ही इफेक्ट नहीं पड़ता बल्कि शरीर के अन्य हिस्सों पर भी असर देखने को मिलता है। यह इनर आर्म और ब्रेस्ट की स्किन को लूज कर देता है। इसके कारण वहां की स्किन लटक जाती हैं। शोधकर्ताओं ने यह पता किया कि जो धूम्रपान करते हैं उनके ब्रेस्ट की स्किन झूल जाती है, ऐसा पुरुषों और महिलाओं दोनों में होता है।
सोरायसिस (Psoriasis) की होती है समस्या
हालिया शोध से पता चला है कि स्मोकिंग का स्किन पर इफेक्ट इतना गंभीर होता है कि लोगों को सोरायसिस जैसी गंभीर बीमारी तक हो सकती है। सोरायसिस (Psoriasis) एक प्रकार का क्रॉनिक कंडीशन है जिसके कारण स्किन पर पतला, स्केली पैचेस बनते हैं। ऐसे पैचेस खासतौर पर घुटनों, एल्बो, स्कैल्प, हाथ, पैर और पीठ पर देखने को मिलते हैं। इन पैचेस का रंग सफेद, लाल और सिल्वर रंग का हो सकता है।
आंखों के नीचे की स्किन होती है ढीली (Saggy eye)
केस वेस्टर्न रिसर्व यूनिवर्सिटी की एमडी गुयुरॉन के अनुसार एक शोध में पाया गया कि दो बहनों में से एक ने 14 वर्षों तक स्मोकिंग की, वो रोजाना आधा पैकेट सिग्रेट का डिब्बा खत्म करती थी। कुछ समय बाद पाया कि जो स्मोकिंग करती थी उसके आंखों की नीचे की स्किन लूज हो गई व बुजुर्ग दिखने लगी। इससे यह पता चलता है तंबाकू हमारे शरीर के लिए घातक है। यह शरीर के अंदर नुकसान पहुंचाने के साथ शरीर के बाहर भी नुकसान पहुंचाता है।
आंख के पास झुर्रियां (Eye wrinkles)
स्मोकिंग का स्किन (Smoking) पर इफेक्ट इतना ज्यादा खतरनाक है कि हर धूम्रपान करने वाले की आंखों के आसपास कुछ समय के बाद झुर्रियां बन जाती है। लोगों के चेहरे पर समय से पहले यह झुर्रियां बनती है, वहीं काफी डीप रहती है। सिगरेट से निकलने वाले धुएं के कारण स्किन में इस प्रकार का बदलाव होता है। सिगरेट के केमिकल्स के कारण स्किन अंदर ही अंदर से डैमेज होने लगती है, वहीं यह ब्लड वेसल्स को भी नुकसान पहुंचाते हैं। जिस कारण आंखों के आसपास झुर्रियां देखने को मिलती है।
होंठ के आस-पास आती है लाइंस
धूम्रपान करने से मुंह के आसपास असर दिखता है। सिगरेट का कश लगाने के कारण होंठ के आसपास रिंकल बन जाते हैं, जो नॉन स्मोकर्स में देखने को नहीं मिलता है। स्मोकिंग करने वाले लोगों के स्किन की इलास्टिसिटी में कमी आती है, इस कारण होंठ के आसपास डीप लाइन बनती है। वहीं जो धूम्रपान का सेवन करते हैं सामान्य लोगों की तुलना में उनके होंठ काले हो जाते हैं। कोई भी आम आदमी उनके होंठ को देखकर पहचान कर सकता है कि व्यक्ति धूम्रपान करता है या नहीं।
एज स्पॉट का बनना (Age spot)
स्मोकिंग का स्किन पर इफेक्ट यही पड़ता है कि हाथ और चेहरे की स्किन पर एज स्पॉट विकसित हो जाते हैं। एज स्पॉट वह है जो प्राकृतिक रूप से जब कोई बुजुर्ग होता है तब, उसके चेहरे पर अपने आप ही स्किन टोन में बदलाव हो जाता है, लेकिन जो धूम्रपान करते हैं उनको समय से पहले ही उनमें एज स्पॉट नजर आने लगते हैं। उनका स्किन टोन वैसा हो जाता है जैसा सामान्य लोगों में सूर्य की रोशनी में ज्यादा समय बिताने पर होता है।
स्किन टोन होती है खराब (Skin tone problem)
स्मोकिंग का स्किन पर इफेक्ट इतना बुरा पड़ता है कि इसका सेवन करने वालों की स्किन टोन खराब हो जाती है। जो लंबे समय तक धूम्रपान करते हैं उनके स्किन को ऑक्सीजन और पोषक तत्व कम मिलते हैं। तो कुछ धूम्रपान करने वाले पीला दिखाई देते हैं, जबकि अन्य में असामान्य रंग विकसित होता है। यूनिवर्सिटी ऑफ मियामी मिलर स्कूल ऑफ मेडिसिन की डर्मेटोलॉजिस्ट जॉनिटी केरी के अनुसार युवा नॉन स्मोकर्स में उनके स्किन की रंगत नहीं बदलती। लेकिन जो स्मोकिंग करते हैं उनकी स्किन में बदलाव देखने को मिलता है।
जवां लोगों को बनाता है बूढ़ा(Anti Aging)
स्मोकिंग का स्किन पर इफेक्ट की बात करें तो यह लोगों को कम उम्र में ही बुजुर्ग बनाता है। स्मोकिंग करने वाले लोगों की स्किन, दांत, बाल सामान्य या फिर उनकी उम्र के लोगों की तुलना में वो ज्यादा बुजुर्ग दिखते हैं। वहीं यह फर्टिलिटी को प्रभावित करने के साथ हार्ट, लंग्स और हडि्डयों को कमजोर करता है।
उंगलियों-नाखून का रंग बदलने लगता है (Nail colors Problem)
उंगलियों के बीच में सिगरेट आपको भले ही अच्छा फील कराए लेकिन ज्यादा धूम्रपान करने वाले लोगों की उंगलियों का रंग और नाखून का रंग बदलने लगता है। लेकिन यह भी सही है कि यदि कोई स्मोकिंग करना बंद कर देता है तो उसके नाखूनों और उंगलियों की रंगत वापिस लौटने लगती है। स्मोकिंग का स्किन पर यह भी एक इफेक्ट है।
धूम्रपान करने वालों पर होने वाले अन्य इफेक्ट्स को भी जानें
सिगरेट की दुर्गंध (Cigarette)
धूम्रपान करने वालों की सांस, बाल, कपड़े, हाथ से बदबू आती है। वहीं यह नॉन स्मोकर्स के लिए यह हानिकारक हो सकता है। खासतौर पर यह छोटे बच्चों के लिए हानिकारक हो सकता है।
हेयर लॉस की होती है समस्या (Hair loss Problem)
जैसे-जैसे कोई भी महिला-पुरुष बुजुर्ग होता है ठीक उसी प्रकार उसके बाल पतले होने लगते हैं। लेकिन धूम्रपान करने वालों के बाल समय से पहले ही पतले होने लगते हैं। शोध से यह पता चला है कि जो लोग स्मोकिंग करते हैं उनके बाल जल्दी झड़ते हैं।
दांतों को नुकसान पहुंचाने के साथ गम संबंधी होती है परेशानी
स्मोकिंग का स्किन पर इफेक्ट तो हमने जान लिए वहीं यह दांतों को भी प्रभावित करता है। स्मोकिंग करने वाले लोगों के दांत पीले पड़ जाते हैं। दांतों की यह समस्या यहीं समाप्त नहीं होती है, जो लोग स्मोकिंग करते हैं उनमें गम यानि मसूड़ा संबंधी परेशानी भी विकसित होती है। जैसे मुंह से बदबू आना, ओरल हाईजीन से जुड़ी समस्याओं के साथ सामान्य लोगों की तुलना में वैसे लोगों के दांत गिरने की संभावना अधिक रहती है।
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स्मोकिंग बनता है मोतियाबंद का कारण (Cataract)
स्मोकिंग का स्किन पर इफेक्ट तो पड़ता ही है साथ ही इसके कारण मोतियाबिंद की बीमारी हो सकती है। शोध से पता चला है कि तंबाकू का आंखों पर विपरित असर पड़ता है। स्मोकिंग के कारण मोतियाबिंद होने की संभावना रहती है। वहीं आंखों से जुड़ी गंभीर बीमारी हो सकती है। कई मामलों में सर्जरी कर इसका इलाज किया जाता है।
हडि्डयों का कमजोर होना ( Bones Weakness)
यह तो हर कोई जानता है कि सिगरेट पीने से फेफड़े खराब होते हैं, लेकिन शोध कुछ और ही बताते हैं। उससे पता चलता है कि धूम्रपान करने से सबसे पहले हडि्डयां कमजोर होती हैं। यहां तक कि ऑस्टियोपोरोसिस होने की संभावना होती है, इस कंडीशन के कारण बोन फ्रैक्चर भी हो सकता है, खासतौर पर स्पाइन संबंधी इंज्यूरी हो सकती है। इसलिए जरूरी है कि यदि स्मोकिंग कोई करता है तो वो जल्द से जल्द इसे छोड़ दे।
हार्ट डिजीज का खतरा (Heart Disease Risk)
स्मोकिंग शरीर के सभी अंगों को प्रभावित कर सकता है। यहां तक कि यह हमारे हार्ट को भी प्रभावित करता है। धूम्रपान करने वाले लोगों के दिलों की आर्टरी पतली हो जाती है, इस कारण उससे ब्लड सर्कुलेशन सामान्य रूप से नहीं हो पाता। स्मोकिंग के कारण ब्लड प्रेशर की संभावना बढ़ती है। इसके कारण ब्लड क्लोटिंग होने की समस्या भी देखने को मिलती है। इन कारणों से व्यक्ति को हार्ट अटैक तक हो सकता है।
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एथलेटिक एबिलिटी (athletic ability)g76 होती है कम
स्मोकिंग का स्किन पर इफेक्ट तो पड़ता ही है साथ ही धूम्रपान करने वाले लोगों की एथेलेटिक एबिलिटी कम होती है। हार्ट और लंग्स पर इफेक्ट पड़ने की वजह से वो सामान्य लोगों की तरह दौड़ नहीं पाते हैं। स्मोकर्स का हार्ट रेट तेजी से बढ़ता है, सांसें जल्दी फूलती हैं, एथलीट क्वालिटी खराब हो जाती है। यदि आपको स्पोर्ट्स पसंद है तो आपको स्मोकिंग छोड़ना चाहिए।
रिप्रोडक्टिव समस्याओं (Reproductive Health )का करना पड़ता है सामना
वैसी महिलाएं जो स्मोकिंग करती हैं उनके साथ तो और ज्यादा समस्या है। ऐसा इसलिए है क्योंकि उन्हें शिशु को जन्म देने में बहुत परेशानी होती है, वहीं स्वस्थ शिशु के जन्म को लेकर जटिलताएं देखने को मिलती हैं। सिगरेट पीना फर्टिलिटी की समस्याओं से जुड़ा होता है। वहीं प्रेग्नेंसी के दौरान सिगरेट पीने से मिसकैरेज, प्री मैच्योर बर्थ, शिशु का कम वजन होने के साथ-साथ अन्य जन्म से जुड़ी समस्याएं होने की संभावना होती है। पुरूषों में स्मोकिंग के कारण ब्लड फ्लो कम होने की वजह से उनमें इरेक्टाइल डिसफंक्शन की संभावना बढ़ती है।
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होती हैं यह समस्याएं
- समय से पहले मेनोपॉज : महिलाओं में यह समस्या सामान्य है। वैसे तो 50 साल के बाद महिलाओं में मेनोपॉज होता है। लेकिन जो महिलाएं धूम्रपान करती हैं, उनमें सामान्य से एक से दो साल पहले ही मेनोपॉज आ जाता है।
- ओरल कैंसर : नॉन स्मोकर्स की तुलना में वैसे व्यक्ति जो स्मोकिंग करते हैं या तंबाकू का सेवन करते हैं उनको ओरल कैंसर होने की संभावना अधिक रहती है। वैसे स्मोकर्स जो ज्यादा शराब पीते हैं उनको 15 फीसदी अधिक कैंसर होने की संभावना रहती है। इस बीमारी के सामान्य लक्षणों में जीभ में सोर पैचेस, होंठ में, गम्स में और मुंह के अंदर घाव या पैचेस हो सकता है। स्मोकिंग छोड़कर कैंसर के रिस्क को कम किया जा सकता है।
- लंग्स कैंसर : महिला हो या पुरुष मौजूदा समय में इस बीमारी से काफी संख्या में लोग मर रहे हैं। इनमें अधिकतर लोग स्मोकिंग के कारण मौत को गले लगाते हैं। सिग्रेट लंग्स को भी डैमेज करता है। वहीं उन्हें सांस लेने में परेशानी और निमोनिया की बीमारी होती है।
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जानें धूम्रपान छोड़ कैसे सुधार सकते हैं (No Smoking)
यदि कोई सिग्रेट छोड़ता है तो महज 20 मिनट में उसका ब्लड प्रेशर और हार्ट रेट सामान्य हो जाता है। 24 घंटे में हार्ट अटैक की रिस्क कम होने लगती है। सिग्रेट छोड़ने के पहले सप्ताह में लंग्स की जलन कम होने लगती है, वहीं एक साल में हार्ट डिजीज की संभावनाएं जो सिग्रेट पीते थे उनकी तुलना में आधी हो जाती है। वहीं दस साल तक यदि आप स्मोकिंग छोड़ देते हैं तो आपकी मौत लंग्स कैंसर से नहीं होगी, वहीं सामान्य की तरह जी सकेंगे।
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स्मोकिंग छोड़ने के साथ ही दिखता है बदलाव ( Quit Smoking)
लंबे समय तक धूम्रपान के बाद यदि कोई इसे छोड़ने का फैसला लेता है तो उसके स्किन के साथ शरीर में सकारात्मक बदलाव देखने को मिलते हैं। जैसे व्यक्ति का ब्लड फ्लो बेहतर होता है, जिस कारण स्किन ज्यादा ऑक्सीजन लेने के साथ न्यूट्रिएंट्स हासिल कर पाता है। इस कारण व्यक्ति अच्छा दिखता है। यदि आप धूम्रपान करना छोड़ देते हैं तो उंगलियों और नाखून पर आए दाग मिट जाते हैं। वहीं आप अनुभव करेंगे कि आपके दांत पहले की तुलना में ज्यादा सफेद दिखने लगेंगे।
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स्मोकिंग छोड़ स्किन डैमेज में लाया जा सकता है सुधार (Skin Damage)
स्मोकिंग का स्किन पर पड़ने वाले इफेक्ट को तो हमने जाना, वहीं जब कोई स्मोकिंग छोड़ने का निर्णय लेता है तो उसके डमैज स्किन में सुधार देखने को मिलता है। वहीं आप बुजुर्ग दिखने से बच सकते हैं। यदि आपके स्किन में झुर्रियां, एज स्पॉट आ गई हैं तो वो जल्दी नहीं जाती हैं।
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स्किन डैमेज को ट्रीटमेंट के जरिए ठीक करें (Skin Damage Treatment)
स्मोकिंग का स्किन पर इतना खराब असर पड़ता है कि कुछ लोग कॉस्मेटिक ट्रीटमेंट तक करवाते हैं। लेजर स्किन रीसर्फेसिंग और केमिकल्स दवाओं का सेवन कर स्किन के आउटर लेयर के डैमेज को कम कर ट्रीटमेंट किया जाता है, ताकि वो न दिखे। मौजूदा समय में स्किन के कई ट्रीटमेंट मौजूद हैं। वहीं जब आप अपनी अच्छी स्किन देखेंगे तो आप भी निकोटीन का सेवन करना पसंद नहीं करेंगे। डर्मेटोलॉजिट्स बताते हैं कि कुछ क्रीम का इस्तेमाल कर स्किन पर हुए नुकसान को काफी हद तक कम किया जा सकता है, और पहले से बचा भी जा सकता है। इसमें टॉपिकल रेटिनॉयड्स के साथ एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन सी व ई युक्त क्रीम का इस्तेमाल करने की सलाह दी जाती है। वैसे लोगों को रोजाना सन्सक्रीम लगाने की सलाह दी जाती है।
एक्सपर्ट बताते हैं कि धूम्रपान को छोड़ना काफी मुश्किल होता है। लेकिन यह भी सही है कि वर्तमान में मीलियन्स लोग ऐसे हैं जिन्होने धूम्रपान छोड़ दिया है। लेकिन उनमें करीब 4 से 7 फीसदी ही ऐसे लोग हैं जो बिना डॉक्टरी सलाह से स्मोकिंग छोड़ पाते हैं। इसलिए जरूरी है कि आप डॉक्टरी सलाह लें। वहीं धूम्रपान छोड़ने को लेकर डॉक्टर द्वारा बताए गए तरीकों को आजमाकर बीमारी से छुटकारा पाएं। यह तरीका ज्यादा इफेक्टिव होता है। वहीं इससे आप शत प्रतिशत स्मोकिंग से छुटकारा पा सकते हैं।
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