कभी-कभी दूध की अधिक मात्रा लेने की वजह से दूध का पाचन कठिन बन जाता है। इसलिए, एक बार में 4 औंस (118 मिलीलीटर) तक ही दूध का सेवन करें। ली गई सर्विंग्स जितनी कम होंगी, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याओं की संभावना उतनी ही कम होगी।
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अन्य खाद्य पदार्थों के साथ दूध लें (Take milk along with other foods)
दूध को अन्य खाद्य पदार्थों के साथ लेने पर यह पाचन प्रक्रिया को धीमा कर देता है और लैक्टोज इन्टॉलरेंस के लक्षणों को कम कर सकता है।
डेयरी उत्पादों के साथ करें एक्सपेरिमेंट (Experiment with dairy products)
सभी डेयरी उत्पादों में लैक्टोज की समान मात्रा नहीं होती है। उदाहरण के लिए, हार्ड चीज जैसे; स्विस या चेडर में लैक्टोज की थोड़ी मात्रा होती है। ऐसे ही आप कल्चर्ड डेयरी प्रोडक्ट्स जैसे कि योगर्ट का भी सेवन कर सकते हैं, क्योंकि संवर्धन प्रक्रिया (culturing process) में उपयोग किए जाने वाले बैक्टीरिया स्वाभाविक रूप से लैक्टोज को तोड़ने वाले एंजाइम का उत्पादन करते हैं।
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दूध का पाचन: लैक्टोज फ्री उत्पादों को देखें (Lactose Free Products)
“लैक्टोज-फ्री” या “कम लैक्टोज” दूध और अन्य डेयरी उत्पाद मार्केट में व्यापक रूप से उपलब्ध हैं। इसलिए, प्रोडक्ट्स लेते समय फूड लेबल की जांच करनी चाहिए। हालांकि, ये प्रोडक्ट्स मिल्क एलर्जी वाले लोगों के लिए उपयुक्त नहीं होते हैं क्योंकि दूध की एलर्जी वाले लोगों को दूध में मौजूद प्रोटीन से एलर्जी होती है। ये प्रोटीन प्रोडक्ट्स से लैक्टोज को हटाने पर भी उसमें मौजूद होते हैं।
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क्या लैक्टोज इनटॉलेरेंस डेयरी एलर्जी (Lactose Intolerance Dairy Allergies)की तरह ही है?
नहीं, इनटॉलेरेंस और एलर्जी अलग-अलग हैं। पीनट एलर्जी के बाद मिल्क एलर्जी दूसरी सबसे आम फूड एलर्जी है। दूध से एलर्जी होने पर दूध में पाए जाने वाले प्रोटीन के प्रति शरीर विपरीत प्रतिक्रिया करता है जबकि लैक्टोज इनटॉलेरेंस या दूध न पचने का कारण उसमें मौजूद शुगर होती है। मिल्क एलर्जी, दूध न हजम होने की स्थिति से ज्यादा नुकसानदेह हो सकती है।
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ध्यान दें
दूध वेजीटेरियन लोगों में पोषक तत्व की पूर्ति का एक मुख्य पेय पदार्थ है। इसमें मौजूद कैल्शियम, विटामिन A, प्रोटीन, विटामिन D, विटामिन B12 जैसे कई नुट्रिशन्स मौजूद होते हैं। दूध का पाचन न होने पर एक व्यक्ति में इन पोषक तत्वों की कमी हो सकती है। हालांकि, अच्छी बात यह है कि आप ऐसे खाद्य पदार्थों के सेवन कर सकते हैं जो इन पोषक तत्वों की पूर्ति करते हों। जैसे-संतरा, बादाम, ब्रोकली, तिल, पालक, खजूर, नारियल, सोया मिल्क, अंजीर, चना, गाजर आदि। इसके अलावा प्राकृतिक रूप से विटामिन D पाने के लिए सुबह की धूप का उपयोग करना चाहिए। साथ ही आहार में बदलाव के लिए डॉक्टर की सलाह भी लें।