ब्रेन ट्यूमर दिमाग में किसी असामान्य सेल्स की ग्रोथ को कहा जाता है। यह कई तरह के होते हैं। कुछ ब्रेन ट्यूमर मलिग्नैंट यानि कैंसर्स होते हैं, जबकि कुछ बिनाइन यानी नॉन-कैंसर्स होते हैं। जो ब्रेन ट्यूमर दिमाग में शुरू होते हैं, उन्हें प्राइमरी ब्रेन ट्यूमर (Primary Brain Tumors) कहा जाता है और जो कैंसर शरीर के अन्य भागों में शुरू होते हैं व दिमाग में फैलते हैं, उन्हें सेकेंडरी या मेटास्टैटिक ब्रेन ट्यूमर (Secondary or Metastatic Brain Tumors) कहा जाता है। इस ट्यूमर की ग्रोथ रेट और इसकी लोकेशन से पता चलता है कि इससे रोगी के नर्वस सिस्टम के फंक्शन पर क्या प्रभाव पड़ा है। आज हम बात करने वाले हैं ब्रेन ट्यूमर रेडिएशन थेरेपी (Brain Tumor Radiation Therapy) के बारे में। इस थेरेपी का प्रयोग ब्रेन ट्यूमर के उपचार के लिए किया जाता है। पहले जान लेते हैं ब्रेन ट्यूमर के लक्षणों के बारे में।
ब्रेन ट्यूमर के लक्षण क्या हैं? (Symptoms of Brain Tumor)
ब्रेन ट्यूमर के उपचार के विकल्प ब्रेन ट्यूमर के प्रकार, इसके साइज और लोकेशन पर निर्भर करते हैं। ऐसे ही इनके लक्षण भी इसके साइज, लोकेशन और ग्रोथ की दर पर निर्भर करते हैं। जानिए क्या हो सकते हैं इस समस्या के लक्षण:
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- सिरदर्द जो कभी भी गंभीर हो सकती है (Headaches)
- जी मचलना या उल्टी आना (Nausea or Vomiting)
- दृष्टि में समस्या (Vision Problems)
- बाजु और टांग की मूवमेंट या सेंसेशन में समस्या (Gradual loss of Sensation or Movement)
- बैलेंस करने में समस्या (Difficulty with Balance)
- बोलने में परेशानी (Speech Difficulties)
- पर्सनालिटी या बिहेवियर में बदलाव (Personality or Behavior Changes)
- सीज़र्स (Seizures)
- सुनने में समस्या (Hearing Problems)
यह तो थे इसके लक्षण। अब बात करते हैं इस समस्या के उपचार के बारे में। जिसमें रेडिएशन थेरेपी भी एक है। जानिए ब्रेन ट्यूमर रेडिएशन थेरेपी (Brain Tumor Radiation Therapy) के बारे में विस्तार से।
ब्रेन ट्यूमर रेडिएशन थेरेपी क्या है? (Brain Tumor Radiation Therapy)
रोगी में ब्रेन ट्यूमर का निदान होने पर डॉक्टर आपको रेडिएशन थेरेपी की सलाह दे सकते हैं। रेडिएशन थेरेपी में हाय एनर्जी बीम (High Energy Beam) जैसे एक्स-रे (X-Ray) या फोटोन्स (Photons) का प्रयोग किया जाता है ताकि ट्यूमर सेल्स को नष्ट किया जा सके। इस थेरेपी के प्रयोग के दौरान ट्यूमर सेल्स के साथ ही सामान्य सेल्स को भी हानि हो जाती है। लेकिन,अब रेडिएशन थेरेपी को देने के नए तरीके को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि हेल्दी ब्रेन टिश्यू को कम से कम नुकसान हो। इन स्थितियों में रेडिएशन थेरेपी को मुख्य उपचार के रूप में प्रयोग किया जा सकता है:
- अगर सर्जरी के बाद अगर ट्यूमर पूरी तरह से रिमूव न हो।
- सर्जरी के बाद ट्यूमर के फिर से होने के जोखिम को कम करने के लिए।
- अगर रोगी को हाय ग्रेड ग्लिओमा (High-Grade Glioma) है, तो कीमोथेरेपी के साथ इस थेरेपी का प्रयोग किया जा सकता है।
- अगर ट्यूमर फिर से हो जाए तो भी यह तरीका अपनाया जाता है।
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ब्रेन ट्यूमर रेडिएशन थेरेपी के प्रकार कौन से हैं? (Types of Brain Tumor Radiation Therapy)
ब्रेन ट्यूमर रेडिएशन थेरेपी (Brain Tumor Radiation Therapy) कई प्रकार की हो सकती है। इसका प्रयोग ब्रेन ट्यूमर के उपचार के लिए विभिन्न तरीकों से किया जाता है। इस थेरेपी के प्रयोग से पहले रोगी के उपचार के लिए डॉक्टर और रेडियोथेरेपी टीम को अच्छी तरह से प्लान करना जरूरी है। जानिए कौन-कौन से हैं ब्रेन ट्यूमर रेडिएशन थेरेपी के प्रकार:
स्टैंडर्ड एक्सटर्नल बीम रेडिएशन थेरेपी (Standard External Beam Radiation Therapy)
इस ब्रेन ट्यूमर रेडिएशन थेरेपी (Brain Tumor Radiation Therapy) में रोगी के शरीर के बाहर से एक रेडियोथेरेपी मशीन के माध्यम से यह थेरेपी दी जाती है। इसे एक्सटर्नल बीम रेडिएशन थेरेपी कहा जाता है। इसे रोजाना दिन में कुछ शॉट्स के माध्यम से दिया जाता है। रोजाना के हरेक उपचार को ट्रीटमेंट फ्रैक्शन (Treatment Fraction) कहा जाता है। यह रेडिएशन थेरेपी मशीन भी कई तरह की होती हैं। इसमें सबसे सामान्य मशीन है लीनियर एक्सेलरेटर (Linear Accelerator)। आमतौर पर रोगी को यह उपचार हफ्ते में पांच दिन दिया जाता है। कई लोगों को इसका प्रयोग केवल हफ्ते में तीन ही दिन करना होता है।यह उपचार कम से कम दो से छे हफ्ते तक चलता और यह निर्भर करता है ट्यूमर के प्रकार और आकार पर। इस उपचार में केवल कुछ ही मिनट लगते हैं।
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स्टीरियोटेक्टिक रेडीओथेरेपी (Stereotactic Radiotherapy Therapy)
स्टीरियोटेक्टिक रेडिएशन थेरेपी (Stereotactic Radiotherapy Therapy) एक्सटर्नल बीम रेडिएशन थेरेपी को सही तरीके से फोकस करने का तरीका है। इस तरीके के प्रयोग से ट्यूमर का उपचार के साथ ही दिमाग के साथ के हिस्सों को नुकसान होने का रिस्क कम होता है। स्टीरियोटेक्टिक रेडिएशन थेरेपी को स्टैंडर्ड एक्सटर्नल बीम रेडिएशन थेरेपी के जैसे ही दिया जाता है और इसका प्रयोग भी कई हफ्तों तक रोजाना किया जाता है। इस थेरेपी का प्रयोग सिंगल हाय डोज ट्रीटमेंट के रूप में भी किया जाता है जिसे स्टीरियोटेक्टिक रेडियोसर्जरी (Stereotactic Radiosurgery) कहा जाता है। लेकिन, स्टीरियोटेक्टिक रेडियोसर्जरी ब्रेन ट्यूमर के हर मरीज के लिए सही नहीं है। इसके बारे में आप अपने डॉक्टर से सलाह ले सकते हैं। स्टीरियोटेक्टिक रेडिएशन थेरेपी के लिए लीनियर पार्टिकल एक्सेलरेटर (Linear Particle Accelerator) मशीन का इस्तेमाल किया जाता है। इस ट्रीटमेंट के सेशन को पंद्रह मिनट से लेकर चार घंटे तक लगते हैं और यह निर्भर करता है कि इसके लिए किस तरह ही मशीन का प्रयोग किया गया है।
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प्रोटोन बीम थेरेपी (Proton Beam Therapy)
प्रोटोन बीम थेरेपी भी एक तरह की एक्सटर्नल बीम थेरेपी है। जिसमें हाय डोज एक्स-रे की जगह फोटोन का प्रयोग किया जाता है। इस रेडिएशन थेरेपी की सलाह कुछ दुर्लभ तरह के ब्रेन ट्यूमर के मामलों में दी जाती है। अगर किसी को इस तरह का ट्यूमर है, तो डॉक्टर यह निर्धारित कर सकते हैं कि क्या यह थेरेपी आपके लिए सही है या नहीं। ब्रेन ट्यूमर रेडिएशन थेरेपी के दौरान रोगी को लाइट वेट मास्क भी पहनने पड़ते हैं। ताकि चेहरा और सिर के सामने का हिस्सा कवर हो सके। इससे रोगी को सही स्थिति में रहने में मदद मिलती है। कई रेडिएशन थेरेपीज के दौरान हेड फ्रेम पहनने की जरूरत भी हो सकती है। अगर रोगी को इन्हें पहनते हुए कोई समस्या हो रही हो तो डॉक्टर की मदद लें।
ब्रेन ट्यूमर रेडिएशन थेरेपी से पहले की तैयारी (Preparation of Brain Tumor Radiation Therapy)
ब्रेन ट्यूमर रेडिएशन थेरेपी (Brain Tumor Radiation Therapy) से पहले मरीज के ब्रेन का सीटी-स्कैन (CT-Scan) या मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग स्कैन कराया जाता है। इसके बाद ही डॉक्टर आपके ब्रेन ट्यूमर रेडिएशन थेरेपी (Brain Tumor Radiation Therapy) के बारे में निर्धारित करते हैं। रेडियोग्राफर आपको पहले ही स्कैन के लिए सही पोजीशन में बारे में बता देंगे। मरीज को अपने कपड़ों की जगह अस्पताल में दिया गाउन पहनना होता है। इसके साथ ही किसी भी तरह का गहना या अन्य कोई चीज भी कानों या सिर में नहीं होनी चाहिए। इसके बाद रोगी को ट्राटमेंट काउच पर सीधा लेटा दिया जाता है। रोगी को मास्क या हेड फ्रेम भी पहनने के लिए दिया जा सकता है। रेडियोग्राफर काउच को सही स्थिति में फिक्स करते हैं। यही नहीं, मास्क और हेड फ्रेम पर कुछ निशान भी लगाए जाते हैं, ताकि रेडिएशन थेरेपी के सेशन के दौरान मरीज की सही स्थिति के बारे में जानने में मदद मिल सके। स्कैन के दौरान मरीज अकेला होता है। लेकिन, रेडियोग्राफर उन्हें देखने-सुनने और उनसे बात करने में सक्षम होते हैं।
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कैसे होती है ब्रेन ट्यूमर रेडिएशन थेरेपी? (Procedure of Brain Tumor Radiation Therapy)
ब्रेन ट्यूमर रेडिएशन थेरेपी (Brain Tumor Radiation Therapy) के दौरान रोगी को स्कैनिंग की स्थिति में रहना होता है। यह उपचार दर्दभरा नहीं होता है। लेकिन, रोगी रेडिएशन मशीन से कुछ अजीब आवाजों को सुन सकता है। रेडिएशन मशीन के प्रकार पर निर्भर करता है कि इस दौरान आपके आसपास के उपकरण मूव करते हैं या जिस काउच पर आप लेटे हैं उसकी स्थिति बदलती है। उपचार के दौरान रेडियोग्राफर आपको हर समय स्क्रीन पर देख सकते हैं और वो ट्रीटमेंट रूम में मायक्रोफ़ोन या स्पीकर के माध्यम से आपको सुन और आपसे बात कर सकते हैं।
ब्रेन ट्यूमर रेडिएशन थेरेपी के साइड इफेक्ट क्या हैं? (Side-effects of Brain Tumor Radiation Therapy)
ब्रेन ट्यूमर रेडिएशन थेरेपी (Brain Tumor Radiation Therapy) के दौरान और बाद में रोगी को कुछ साइड इफेक्ट हो सकते हैं। जो इस बार पर निर्भर करते हैं कि रोगी के दिमाग के कौन से हिस्से का उपचार हुआ है और उसे कितनी मात्रा में रेडिएशन थेरेपी दी गयी है। इसके कुछ साइड इफेक्ट माइल्ड होते हैं, जिन्हें वो आसानी से मैनेज कर सकते हैं। जबकि अन्य साइड इफेक्ट्स होने की स्थिति में रोगी को दवाई भी लेनी पड़ सकती है। अक्सर यह साइड इफेक्ट कुछ समय के बाद खुद ही बेहतर हो जाते है। यह साइड इफेक्ट इस प्रकार हैं:
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थकावट (Tiredness)
अन्य उपचारों के साथ ब्रेन ट्यूमर रेडिएशन थेरेपी (Brain Tumor Radiation Therapy) लेने के बाद रोगी अक्सर थकावट महसूस करते हैं। अगर आपका रेडिएशन थेरेपी के साथ कोई अन्य उपचार भी चल रहा है जैसे कीमोथेरेपी या सर्जरी, तो आप अधिक थकान महसूस कर सकते हैं। लेकिन इनसे बचने के लिए आप इन तरीकों को अपना सकते हैं:
- पर्याप्त आराम करें
- हल्दी एक्सरसाइज या सैर करें
- पौष्टिक और संतुलित आहार का सेवन करें
- रोजाना के कामों में अन्य लोगों की मदद लें
उपचार के खत्म होने के कुछ हफ़्तों या महीनों तक आप थकावट महसूस कर सकते हैं। लेकिन, कुछ समय के बाद आप बेहतर महसूस करना शुरू कर देंगे।
सिरदर्द (Headaches)
अगर आपको इस थेरेपी के बाद सिरदर्द की समस्या हो रही है, तो अपने डॉक्टर को अवश्य बताएं। इसे दूर करने के लिए वो आपको पेनकिलर या स्टेरॉइड्स दे सकते हैं।
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हेयर लॉस (Hair Loss)
रेडिएशन थेरेपी के दौरान आपके बालों को भी नुकसान हो सकता है। लेकिन, उपचार के कुछ महीनों बाद यह बाल फिर से आने शुरू हो जाते हैं। हालांकि, यह पहले से अलग रंग और पतले हो सकते हैं। कुछ लोग ब्रेन ट्यूमर रेडिएशन थेरेपी (Brain Tumor Radiation Therapy) के बाद फर्टिलिटी इशूज भी महसूस करते हैं। अगर आपको भी ऐसा कुछ महसूस हो रहा हो तो मेडिकल हेल्प लें।
त्वचा में समस्या (Skin Irritation)
इस थेरेपी के बाद कुछ रोगी उपचार की जगह पर लालिमा, त्वचा का काला होना या दर्द व खुजली की परेशानी महसूस कर सकते हैं। अगर यह समस्या बहुत अधिक है तो अपने डॉक्टर को अवश्य बताएं ताकि वो आपको सही उपचार की सलाह दें।
बीमार पड़ना (Feeling Sick)
अगर ब्रेन ट्यूमर रेडिएशन थेरेपी (Brain Tumor Radiation Therapy) के बाद आपको लगता है कि आप बीमार हैं, तो डॉक्टर आपको एंटी सिकनेस ड्रग्स दे सकते हैं। अगर आपको भूख न लग रही हो, तो आपको नुट्रिशयस, हाय कैलोरी ड्रिंक्स आदि की सलाह भी दी जा सकती है। लेकिन, इसके लिए डॉक्टर से बात करना अनिवार्य है।
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ब्रेन ट्यूमर रेडिएशन थेरेपी (Brain Tumor Radiation Therapy) ब्रेन ट्यूमर के उपचार का एक प्रभावी और आसान तरीका है। लेकिन, इसके साइड इफेक्ट इस थेरेपी के कई महीनों के बाद भी रह सकते हैं और धीरे-धीरे विकसित हो सकते हैं। ऐसे में आप अपने डॉक्टर से पहले ही इन साइड-इफेक्ट्स के बारे में जान लें। अगर आपको ब्रेन ट्यूमर है, तो सबसे पहले जरूरी है सही समय पर इसका निदान और उपचार। जल्दी निदान से न केवल उपचार जल्दी हो सकता है बल्कि आपको रिकवर होने में भी आसानी होगी। इसके साथ ही अपने डॉक्टर की सलाह का पूरी तरह से पालन करें। जल्दी रिकवर होने के लिए जरूरी है पर्याप्त आराम और अन्य हेल्दी हैबिट्स को अपनाना, ताकि आपके जीवन की गुणवत्ता बनी रहे।