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ब्रीयान्जी (Breyanzi)
ब्रीयान्ज़ी का प्रयोग वयस्कों में बी-सेल लिम्फोमा (B-Cells Lymphoma) के फिर से होने की स्थिति में किया जा सकता है। इसका प्रयोग आमतौर पर तब किया जाता है जब मरीज पर पिछले दो उपचार काम न कर रहे हों। ब्रीयान्ज़ी को मरीज के वाइट ब्लड सेल्स से बनाया जाता है। रोगी के लिंफोमा सेल्स को पहचानने और उन पर हमला करने के लिए कोशिकाओं को जेनेटिकली मोडिफाइड किया जाता है। इसके कुछ साइड इफेक्ट भी हो सकते हैं जैसे थकावट, सांस लेने में समस्या, बुखार , बैचैनी, बोलने में समस्या, गंभीर जी मचलना, उलटी होना, डायरिया , सिरदर्द ,सूजन, तेज हार्टबीट आदि। अगर आपको इस दवाई के बारे में कोई भी जानकारी चाहिए तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
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टेकार्टस (Tecartus)
टेकार्टस का जेनेरिक नाम ब्रेक्सुकैबटाजीन ऑटोल्यूसेल (Brexucabtagene Autoleucel) है और यह जेनेटिकली मोडिफाइड टी-सेल इम्यूनोथेरिपी दवाई (Modified T-Cell Immunotherapy Medicine) है। इस दवाई को वयस्कों में मेंटल सेल लिम्फोमा (Mantle Cell Lymphoma) के उपचार के लिए किया जा सकता है। यह दवाई तब भी दी जाती है जब अन्य कोई उपचार काम नहीं कर रहा हो। टेकार्टस को खून से निकाली गई व्हाइट ब्लड सेल्स का उपयोग करके बनाया जाता है, जिन्हें रोगी के शरीर से एक नस के माध्यम से निकाला जाता है। इस दवाई के साइड इफेक्ट को साइटोकाइन रिलीज सिंड्रोम (Cytokine Release Syndrome) कहा जाता है। जिसके कारण बुखार, सांस लेने में समस्या, उल्टी या अन्य लक्षण हो सकते हैं। यह दवाई आपके लिए सुरक्षित है या नहीं इसके बारे में जानने के लिए डॉक्टर की सलाह जरूरी है।
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किमरियाह (Kymriah)
किमरियाह वो इम्यूनोथेरिपी की दवाई है जिसका प्रयोग उन लोगों में किया जा सकता है, जिसकी उम्र 25 साल से कम हो और जो एक्यूट लिम्फोब्लास्टिक ल्यूकेमिया (Acute Lymphoblastic Leukemia) से पीड़ित हों। किमरिया का उपयोग लार्ज बी-सेल लिंफोमा (Large B-Cells Lymphoma) वाले कुछ वयस्क रोगियों के इलाज के लिए भी किया जा सकता है। इस दवाई का गंभीर साइड इफेक्ट है साइटोकाइन रिलीज़ सिंड्रोम (Cytokine Release Syndrome) जिसके कारण बुखार, ठंड लगना, सांस लेने में समस्या आदि हो सकती हैं। इस दवाई के प्रयोग से खतरनाक नर्व प्रॉब्लम भी हो सकती हैं। इसलिए डॉक्टर की सलाह के बिना इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
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यसकार्टा (Yescarta)
यसकार्टा वो इम्यूनोथेरिपी मेडिसिन है, जिसका प्रयोग लार्ज बी-सेल लिम्फोमा (B-cell lymphoma) या फॉलिक्युलर लिंफोमा (Follicular Lymphoma) की स्थिति में किया जा सकता है। इसके अलावा अन्य स्थितियों में भी इसका प्रयोग किया जा सकता है, जब बाकी उपचार काम नहीं करते हैं। इसका जेनेरिक नाम एक्सिकैब्टेगीन सिलोलेसेल (Axicabtagene Ciloleucel) है। इस दवाई को वाइट ब्लड सेल्स (White Blood Cells) से बनाया जाता, है जिसे शरीर की माध्यम से निकाले गए खून से रिमूव किया जाता है। इसके कुछ साइड इफेक्ट भी हो सकते हैं जैसे सांस लेने में समस्या, ठंड लगना, उल्टी आना, बुखार आदि। इसके कुछ गंभीर साइड-इफेक्ट भी हो सकते हैं। ऐसे में अगर आपको कोई भी गंभीर लक्षण जैसे बोलने में समस्या, सीज़र्स आदि महसूस होते हैं तो मेडिकल हेल्प लेनी चाहिए।
ल्यूकेमिया में प्रयोग होने वाली कार-टी सेल थेरिपी (CAR-T Cell Therapy) की ड्रग्स का प्रयोग अपनी मर्जी से नहीं करना चाहिए। इन्हें लेने से पहले डॉक्टर की सलाह अनिवार्य है, क्योंकि इसके सेवन से कई दुष्प्रभाव हो सकते हैं। इस थेरिपी के कुछ साइड इफेक्ट इस प्रकार हैं:
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कार टी सेल थेरिपी के साइड इफेक्ट (CAR T Cell Therapy Side Effects)
कार टी सेल थेरिपी का सबसे मुख्य साइड इफेक्ट है, साइटोकाइन रिलीज सिंड्रोम (Cytokine Release Syndrome)। इस सिंड्रोम के कारण मरीज को कुछ लक्षण महसूस हो सकते हैं, जो इस प्रकार हैं:
इसके कारण कुछ गंभीर समस्याएं भी हो सकती हैं, जैसे:

इन सब के अलावा भी इस सिंड्रोम के कुछ अन्य साइड इफेक्ट हो सकते हैं, जो जानलेवा हो सकते हैं। नेशनल इंस्टीटूट्स ऑफ हेल्थ (National Institutes of Health) के अनुसार एक्यूट लिम्फोब्लासटिक ल्यूकेमिया (Acute Lymphoblastic Leukemia) बच्चों में होने वाली सबसे सामान्य समस्या है। कार-टी सेल थेरिपी (CAR-T Cell Therapy) के प्रयोग के बाद के तीस दिन मरीज के लिए एक्यूट रिकवरी पीरियड होता है। इस दौरान मरीज को खास ख्याल रखने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा अगर मरीज को बुखार, इन्फेक्शन या अन्य कोई समस्याएं होती हैं तो तुरंत मेडिकल हेल्प लेने की जरूरत पड़ती है।
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यह तो थी कार-टी सेल थेरिपी (CAR-T Cell Therapy) के बारे में जानकारी। अगर आप ल्यूकेमिया से पीड़ित हैं तो किसी भी दवाई या थेरिपी का प्रयोग करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लें। क्योंकि डॉक्टर आपकी मेडिकल कंडीशन के आधार पर ही इस थेरिपी या अन्य उपचार की सलाह दे सकते हैं। डॉक्टर की जांच और सलाह के बिना किसी भी दवाई का सेवन करने से बचें।