हमारे फेफड़े फ्रेश ऑक्सीजन को शरीर में ले जाने और कार्बन डाइऑक्साइड और अन्य हानिकारक गैस को शरीर से बाहर निकालने में मदद करते हैं। सांस लेने के लिए यह अंग बेहद महत्वपूर्ण है। लेकिन, फेफड़ों के कुछ रोग जैसे निमोनिया (Pneumonia), ब्रोंकाइटिस (Bronchitis), क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD), अस्थमा (Asthma) आदि के कारण न केवल हमारे फेफड़े सही से काम नहीं कर पाते हैं बल्कि यह रोग हमारे पूरे शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है। फेफड़ों से जुड़ा एक भयानक रोग है, लंग कैंसर। लंग कैंसर के एक प्रकार को स्मॉल सेल लंग कैंसर कहा जाता है। यह भी लंग कैंसर की तरह ही गंभीर और जान के लिए खतरा है। लंग कैंसर के साथ ही स्मॉल सेल लंग कैंसर (Small Cell Lung Cancer) के बारे में जानना बेहद जरूरी है, ताकि सही समय पर इसकी पहचान हो सके। आइए जानते हैं इस कैंसर के बारे में।
स्मॉल सेल लंग कैंसर क्या है? (Small Cell Lung Cancer)
जब फेफड़ों में मौजूद कोशिकाएं अनियंत्रित तरीके से बढ़ना शुरू हो जाती हैं, तो इस स्थिति को लंग कैंसर कहा जाता है। कैंसर फेफड़ों के किसी भी हिस्से को प्रभावित कर सकता है। लंग कैंसर के दो मुख्य प्रकार होते हैं एक स्मॉल सेल लंग कैंसर जिसे कभी कभी स्माल-सेल कार्सिनोमा भी कहा जाता है। दूसरा है नॉन स्मॉल सेल लंग कैंसर (Small Cell Lung Cancer)। स्मॉल सेल लंग कैंसर, लंग कैंसर का सबसे दुर्लभ प्रकार है लेकिन यह बहुत ही तेजी से फैलता है। अगर शुरुआत में ही इस कैंसर का निदान हो जाए, तो फैलने से पहले ही इसका इलाज संभव है। इसके उपचार के लिए रेडिएशन थेरेपी (Radiation Therapy), इम्यूनोथेरपी (Immunotherapy) या कीमोथेरेपी (Chemotherapy) का सहारा लिया जाता है। पाइए जानकारी स्मॉल सेल लंग कैंसर (Small Cell Lung Cancer) के बारे में
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स्मॉल सेल लंग कैंसर के प्रकार (Types of Small Cell Lung Cancer)?
स्मॉल सेल लंग कैंसर, लंग कैंसर के दूसरे प्रकार नॉन स्मॉल सेल लंग कैंसर (Small Cell Lung Cancer) से अलग होता है। इस कैंसर के दो प्रकार होते हैं। कैंसर सेल की ग्रोथ और इनका फैलना कैंसर के प्रकार पर निर्भर करता है। स्मॉल सेल लंग कैंसर के प्रकार इस तरह से हैं:
- स्मॉल सेल कार्सिनोमा (Small Cell Carcinoma)
- कंबाइंड स्मॉल सेल कार्सिनोमा (Combined Small Cell Carcinoma)
इन दोनों प्रकारों में कई प्रकार की कोशिकाएं शामिल होती हैं, जो विभिन्न तरीकों से बढ़ती और फैलती हैं। अब जान लेते हैं इस कैंसर लक्षणों के बारे में ताकि इस समस्या का निदान जल्दी हो सके।
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स्मॉल सेल लंग कैंसर के लक्षण (Symptoms of Small Cell Lung Cancer)
ऐसा माना जाता है कि जो लोग लंग कैंसर से पीड़ित होते हैं, उनमें 10 से 15 प्रतिशत लोगों में ही स्माल लंग कैंसर होने की संभावना होती है। इस कैंसर के शुरुआती चरण में आमतौर पर कोई लक्षण नजर नहीं आते हैं। लेकिन, जैसे-जैसे इस कैंसर का विकास होता है, पीड़ित व्यक्ति इन लक्षणों का अनुभव कर सकते हैं:
- छाती में दर्द और बैचेनी (Chest Pain or Discomfort)
- गंभीर खांसी जो ठीक नहीं होती. बल्कि बदतर हो जाती है (Chronic Cough that doesn’t go away or Worsens)
- खांसी में खून आना (Coughing up Blood)
- सांस लेने में समस्या होना (Difficulty Breathing)
- चेहरे में सूजन (Facial Swelling)
- थकावट (Fatigue)
- भूख कम लगना (Loss of Appetite)
- गले की नसों का सूजन (Swollen Neck Veins)
- अचानक वजन बढ़ना (Unexplained Weight Loss)
- व्हीजिंग (Wheezing)
स्मोकिंग करने वाले लोगों में यह लंग कैंसर होने की संभावना अधिक होती है। हालांकि, स्मॉल सेल लंग कैंसर (Small Cell Lung Cancer) भी उन लोगों में होने के चांसेस अधिक होते हैं, जो लंबे समय से तंबाकू का इस्तेमाल करते हैं। यह कैंसर इन कारणों से हो सकता है:
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स्मॉल सेल लंग कैंसर के कारण (Causes of Small Cell Lung Cancer)
जैसा की पहले बताया गया है कि स्मॉल सेल लंग कैंसर और नॉन स्मॉल सेल लंग कैंसर (Small Cell Lung Cancer) का मुख्य कारण तंबाकू और स्मोकिंग है। सेकंडहैंड तंबाकू स्मोक भी लंग कैंसर का कारण बन सकता है। जो लोग स्मोकर्स के साथ रहते हैं, उनमें यह कैंसर होने की संभावना अधिक रहती है। इसके कुछ अन्य कारण इस प्रकार हैं:
- कैंसर ट्रीटमेंट आदि से रेडिएशन एक्सपोजर (Radiation Exposure via Cancer Treatments)
- लंग कैंसर की फैमिली हिस्ट्री (Family History of Lung Cancer)
- ह्यूमन इम्यूनोडिफिशिएंसी वायरस (Human Immunodeficiency Virus)
- अभ्रक (Asbestos), आर्सेनिक (Arsenic), निकल (Nickel), टार (Tar) या अन्य रसायनों के सम्पर्क में रहना
- वायु प्रदूषण (Air pollution)
- अधिक उम्र (Advanced age)
स्मॉल सेल लंग कैंसर से जुडी जटिलताएं कौन सी हैं (What are the Complications of Small Cell Lung Cancer)?
मेटास्टैसिस (Metastasis) या कैंसर का फैलना, स्मॉल सेल लंग कैंसर (Small Cell Lung Cancer) से जुडी सबसे बड़ी जटिलता है। यह कैंसर बहुत जल्दी विकसित हो सकता है और दिमाग, हड्डियों, लिवर आदि को प्रभावित कर सकता है। लंग कैंसर से जुडी जटिलताएं इस प्रकार हैं:
- प्ल्यूरल इफ्यूजन (Pleural Effusion)
- कैंसर का उपचार के बाद फिर से होना (Cancer Recurrence after Treatment)
- दर्द (Pain)
- सांस लेने में समस्या (Shortness of Breath)
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किन स्थितियों में तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए When to Seek Medical Care?
नेशनल इंस्टीटूट्स ऑफ हेल्थ (National Institutes of Health) के अनुसार स्मॉल सेल लंग कैंसर (Small Cell Lung Cancer) के निदान के बाद, यह जानने के लिए टेस्ट किए जाते हैं कि कहीं यह कैंसर छाती में या शरीर के अन्य भागों में तो नहीं फैल गया है। क्योंकि, कैंसर जहां से शुरू होता है, वहां से शरीर के अन्य अंगों तक फैल सकता है। यह कैंसर भी उपचार के बाद फिर से हो सकता है। ऐसे में, इन स्थितियों में आपको तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए:
- सांस में समस्या (Shortness of Breath)
- अचानक वजन कम होना (Unexplained Weight Loss)
- खांसी में खून आना (Blood in Cough )
- आवाज में बदलाव (Voice Change)
- अचानक लगातार थकावट (Unexplained Persistent Fatigue)
- अचानक अधिक दर्द (Unexplained deep Aches)
- सीजर्स (Seizures)
- आंखों में अचानक समस्या होना (Sudden Vision Problems)
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स्मॉल सेल लंग कैंसर का निदान कैसे होता है? (Small Cell Lung Cancer Diagnosis)
स्मॉल सेल लंग कैंसर (Small Cell Lung Cancer) के निदान के लिए सबसे पहले डॉक्टर रोगी से लक्षणों के बारे में जानेंगे। किसी भी तरह के लंग कैंसर की स्क्रीनिंग के लिए चेस्ट एक्स-रे (Chest X-ray) की सलाह दी जाती है। अगर एक्स रे इमेज से डॉक्टर को रोगी के फेफड़े में कोई स्पॉट्स नजर आते हैं। तो वो आपको अन्य डायग्नोस्टिक टेस्ट कराने की सलाह दे सकते हैं, जैसे:
- इमेजिंग स्कैन (Imaging Scans) : लंग ट्यूमर के निदान के लिए कंप्यूटेड टोमोग्राफी स्कैन (Computed Tomography Scan) और पॉजिट्रान एमिशन टोमोग्राफी (Positron Emission Tomography ) की सलाह दी जाती है। यह टेस्ट, कैंसर कितना फैला है इसके बारे में बताने में मदद कर सकते हैं। सिटी स्कैन लंग कैंसर के निदान का पहला तरीका है।
- स्प्यूटम सायटोलॉजी (Sputum Cytology) : यह टेस्ट थूक या बलगम में कैंसर सेल्स की जांच के लिए किया जाता है।
- बायोप्सी (Biopsy) : नीडल बायोप्सी के माध्यम से फेफड़ों से टिश्यू सैंपल निकाला जाता है और उसकी जांच की जाती है।
- ब्रोंकोस्कोपी (Bronchoscopy) : इसमें ब्रोंकोस्कोप का प्रयोग करके ट्यूमर के निदान के लिए डॉक्टर लंग्स के अंदर देखते हैं। इसी समय, डॉक्टर बायोप्सी के माध्यम से टिश्यू का सैंपल भी ले सकते हैं।
लंग कैंसर का उपचार उसकी स्टेज के अनुसार किया जाता है। ऊपर दिए गए टेस्ट इस बात को भी निर्धारित करते हैं कि लंग कैंसर कितना फैल चुका है और किस स्टेज पर हैं। इस कैंसर की स्टेजिज(Stages of Small Cell Lung Cancer) इस प्रकार हैं।
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स्मॉल सेल लंग कैंसर के स्टेजेस (Stages of small cell lung cancer)
कैंसर की स्टेजिज से मरीज की स्थिति का पता चलता है और इससे डॉक्टर बेस्ट ट्रीटमेंट के बारे में भी प्लान कर सकते हैं। स्मॉल सेल लंग कैंसर (Small Cell Lung Cancer) को दो स्टेजिज में बांटा गया है। यह स्टेजिज इस प्रकार हैं:
- लिमिटेड (Limited) : इस स्टेज का अर्थ है कि कैंसर एक फेफड़े और पास के लिम्फ नोड तक सीमित है।
- एक्सटेंसिव (Extensive) : एक्सटेंसिव स्टेज का अर्थ है कि कैंसर दूसरे फेफड़े और लिम्फ नॉड्स तक फैल चुके है। यह हड्डियों, दिमाग और अन्य अंगों तक फैल सकता है।
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स्मॉल सेल लंग कैंसर का उपचार कैसे किया जाता है?
स्मॉल सेल लंग कैंसर (Small Cell Lung Cancer) का उपचार रोगी की उम्र, संपूर्ण स्वास्थ्य, कैंसर की स्टेज आदि पर निर्भर करता है। इसके ट्रीटमेंट की सफलता भी इस कैंसर की स्टेज पर निर्भर करती है। इसके उपचार के विकल्प इस प्रकार हैं:
- रेडिएशन थेरेपी (Radiation Therapy) : एक्सटर्नल रेडिएशन थेरेपी में एक मशीन का प्रयोग किया जाता है। जिससे स्ट्रांग एक्स रे बीम्स (X-ray Beams) को सीधे ट्यूमर तक पहुंचाया जाता है। कैंसर सेल्स को खत्म करने के लिए यह प्रभावी है।
- कीमोथेरेपी (Chemotherapy) : कैंसर कैंसर को नष्ट करने के लिए डॉक्टर कीमोथेरेपी ड्रग्स का प्रयोग अन्य ट्रीटमेंट्स के साथ मिला के कर सकते हैं।
- इम्यूनोथेरेपी (Immunotherapy) : इस ट्रीटमेंट में रोगी के शरीर के इम्यून सिस्टम का कैंसर कोशिकाओं से लड़ने और नष्ट करने के लिए प्रयोग किया जाता है। इम्यून चेकपॉइंट इन्हिबिटर्स (Immune Checkpoint Inhibitors) एक प्रकार की इम्यूनोथेरेपी है जो एडवांस्ड स्मॉल सेल लंग कैंसर (Small Cell Lung Cancer) का इलाज करने के लिए प्रयोग की जाती है।
- सर्जरी (Surgery) : इस कैंसर से पीड़ित बीस में से एक व्यक्ति में जब इस कैंसर का निदान होता है, तब तक यह कैंसर फेफड़ों के बाहर नहीं फैला होता। इस स्थिति में सर्जरी का प्रयोग कर के उस प्रभावित भाग या पूरे खराब लंग को ही रिमूव कर दिया जाता है। एक बार अगर कैंसर फैल जाता है तो उसके बाद सर्जरी विकल्प नहीं रह जाती।
स्मॉल सेल लंग कैंसर के उपचार के बारे में आप जान ही गए होंगे। हालांकि, लंग कैंसर से बचाव संभव नहीं है। लेकिन, कुछ चीजों का ध्यान रखकर इसकी संभावना को कम किया जा सकता है। तो जानते हैं इससे बचाव के कुछ तरीकों के बारे में।
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लंग कैंसर से बचाव (Prevention From Lung Cancer)
लंग कैंसर (Lung Cancer) का मुख्य कारण तंबाकू है। ऐसे में तंबाकू का सेवन न करने से आप न केवल लंग कैंसर बल्कि और भी कई समस्याओं से बच सकते हैं। अगर आप स्मोकर हैं या तंबाकू का सेवन करते हैं और जब आप इसे छोड़ देंगे, तो इसके बाद आपके फेफड़े खुद ठीक होने लगेंगे। जिससे कैंसर का रिस्क कम होगा। इसके साथ ही इस कैंसर से बचने के अन्य उपाय इस प्रकार हैं:
- न्युट्रिशयस डायट लें (Eat Nutritious Diet)
- रोजाना व्यायाम करें (Exercise Regularly)
- अपने वजन को संतुलित और सही रखें (Maintain Healthy Weight)
- तनाव से बचें (Avoid Stress)
- हो सके तो केमिकल्स के सम्पर्क में आने से बचे (Avoid Getting in Touch with Chemicals if Possible)
- काम पर भी कैंसर का कारण बनने वाले केमिकल्स से खुद को बचाएं (Protect yourself from Cancer-causing Chemicals at Work)
- स्मोकिंग करने से बचें (AVOID SMOKING)
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यह तो थी स्मॉल सेल लंग कैंसर (Small Cell Lung Cancer) के बारे में पूरी जानकारी। अगर शुरुआत में इस कैंसर का निदान हो जाता है, तो रोगी सही उपचार से स्वस्थ हो कर एक हेल्दी लाइफ जी सकता है। लेकिन, एडवांस्ड स्टेज में इसका निदान होने पर ठीक होना संभव नहीं है। लेकिन, कुछ ऐसे ट्रीटमेंट हैं, जिनसे रोगी के जीवन की गुणवत्ता सुधर सकती है। अगर आपकी स्मोकिंग की हिस्ट्री के कारण आपको लंग कैंसर होने की संभावना अधिक है। तो अपने डॉक्टर से बात करें और नियमित रूप से लंग कैंसर स्क्रीनिंग (Lung Cancer Screening) कराएं। हेल्दी लाइफ जीने के लिए अपने जीवन में अच्छी आदतों को अपनाना न भूलें।