कैंसर शरीर में कोशिकाओं के अनियंत्रित तरीके से बढ़ने से होने वाले रोग कहा जाता है। यह एक घातक स्थिति है और यह बीमारी शरीर के किसी भी अंग में हो सकती है। ऐसे ही, पुरुषों के संवेदनशील अंग पीनस में भी कैंसर होने की संभावना रहती है, जिसे पीनायल कैंसर कहा जाता है। इस कैंसर की शुरुआत तब होती है जब पीनस में सेल्स अनियत्रित तरीके से बढ़ते हैं। यह रोग बेहद दुर्लभ है लेकिन इसका उपचार संभव है। आज हम पीनायल कैंसर के एक प्रकार “पीनायल मेलेनोमा’ (Penile Melanoma) के बारे में बताने वाले हैं। आइए, जानते हैं इसके बारे में विस्तार से।
पीनायल मेलेनोमा क्या है? (Penile Melanoma)
पीनायल मेलेनोमा (Penile Melanoma) एक दुर्लभ स्थिति है, जो पीनस के हेड और शाफ्ट पर त्वचा के डिस्कलर्ड एरिया के कारण होती है। यह एक तरह का स्किन कैंसर है, जो पीनस की त्वचा को प्रभावित करता है। यह बहुत जल्दी बढ़ता और फैलता है। यही नहीं, यह स्थिति भयानक हो सकती है। हालांकि, पीनायल कैंसर के कुल मामलों में केवल दो प्रतिशत लोग ही पीनायल मेलेनोमा (Penile Melanoma) से पीड़ित होते हैं। इस कैंसर में पीनस के आसपास की त्वचा डार्क ब्राउन या अन्य त्वचा से अलग और अधिक डार्क हो सकती है। जानिए क्या हैं इसके लक्षण?
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पीनायल मेलेनोमा के लक्षण क्या हैं? (Symptoms of Penile Melanoma)
पीनायल मेलेनोमा (Penile Melanoma) को पीनस पर ब्राउन या डार्क ब्राउन पैचेज कहा जाता है। यह स्पॉट्स आमतौर पर बड़े और फ्लेट होते हैं। पीनायल मेलेनोमा (Penile Melanoma) में त्वचा में अन्य पिग्मेंट कंपाउंड भी शामिल हो सकते हैं, जैसे:
- हिमोसिड्रिन (Hemosiderin)
- लिपोफजिन (Lipofuscin)
- फेरस सल्फेट (Ferrous Sulfate)
जैसे ही इन पिग्मेंट कंपाउंड का निर्माण होता है, इनके कारण त्वचा के रंग में नोटिसेबल परिवर्तन हो सकता है। यह हायपरपिग्मेंटेशन (Hyperpigmentation) पूरे लिंग को प्रभावित करने के बजाय लिंग में एक पैच के रूप में दिखाई देती है। इसके कोई अन्य लक्षण नहीं होते हैं। लेकिन, इसके कारण लिंग पर काले रंग के पैच हो सकते हैं। ऐसा भी माना गया है कि यह स्थिति संक्रामक नहीं होती और न ही यह एक व्यक्ति से दूसरे में पास होती है। कई मामलों में यह समस्या आमतौर पर हानिरहित होती है और इसके लिए उपचार की भी जरूरत नहीं होती। कुछ लोग स्पॉट्स को हटाने के लिए कॉस्मेटिक प्रक्रिया का प्रयोग कर सकते हैं। लेकिन किन्हीं स्थितियों में यह यह कैंसर फैल जाए तो यह गंभीर हो सकती है।
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अमेरिकन कैंसर सोसाइटी (American Cancer Society) के अनुसार कैंसर जैसी किसी भी बीमारी जिस चीज से बढ़ने की संभावना हो उसे रिस्क फैक्टर कहा जाता है। पीनायल मेलेनोमा (Penile Melanoma) या पीनायल कैंसर (Penile Cancer) के रिस्क फैक्टर भी कई हैं जैसे स्मोकिंग (Smoking), उम्र का बढ़ना (Aging) या फैमिली हिस्ट्री (Family History) आदि। ऐसे में, इस समस्या से बचने के लिए आपको इन रिस्क फैक्टर्स से भी बचना चाहिए। लेकिन, रिस्क फैक्टर होने का मतलब यह नहीं है कि आपको यह बीमारी हो जाएगी। दूसरी ओर, जिन्हें पीनायल कैंसर की समस्या होती है, उनमें कई बार कोई रिस्क फैक्टर्स नहीं होते। जानिए कैसे हो सकता है इसका निदान?
पीनायल मेलेनोमा का निदान कैसे होता है? (Diagnosis of Penile Melanoma)
अगर आपको पीनायल कैंसर के इस प्रकार का कोई भी लक्षण नजर आता है जैसे लिंग के सिरे पर काले धब्बे दिखाई देते हैं। तो डॉक्टर पहले इनकी जांच करेंगे और इसके निदान के लिए टेस्ट कराने के लिए कह सकते हैं। इसके साथ ही डॉक्टर रोगी से मेडिकल और फैमिली हिस्ट्री के बारे में भी जान सकते हैं। पीनायल मेलेनोमा के निदान के लिए इस प्रकार हैं:
बायोप्सी
पीनायल मेलेनोमा (Penile Melanoma) के निदान के लिए आपको बायोप्सी करानी पड़ सकती है। बायोप्सी में पीनस या लिम्फ नोड्स में से कुछ टिश्यू को रिमूव किया जाता है और उसकी जांच की जाती है। यह बायोप्सी इस प्रकार की हो सकती है:
इनसीसनल बायोप्सी (Incisional biopsy) : जिसमें केवल एब्नार्मल टिश्यू को ही रिमूव किया जाता है।
एक्सिशनल बायोप्सी (Excisional Biopsy) : इस बायोप्सी में पूरी गांठ या एब्नार्मल ग्रोथ को ही रिमूव किया जाता है।
लिम्फ नोड बायोप्सी (Lymph node biopsy) : यह बायोप्सी तब की जाती है जब पीनायल मेलेनोमा (Penile Melanoma) पीनस में टिश्यूज पर हमला कर चुका होता है। इससे डॉक्टर को यह भी पता चल सकता है कि कहीं कैंसर पीनस के टिश्यूज के परे तो नहीं फैल गया है। अन्य टेस्ट्स इस प्रकार हैं:
- कंप्यूटेड टोमोग्राफी स्कैन (computed tomography scan)
- मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग (magnetic resonance imaging)
- अल्ट्रासाउंड Ultrasound
इसके अलावा भी डॉक्टर अन्य कुछ टेस्ट्स की सलाह भी दे सकते हैं। यह टेस्ट कैंसर की स्टेज, यह किस अंग में है या कितना फैल चुका है इसके अनुसार हो सकते हैं। इसके निदान के बाद डॉक्टर उपचार की प्रक्रिया के बारे में निर्धारित करते हैं। पीनायल मेलेनोमा (Penile Melanoma) का उपचार इस प्रकार किया जा सकता है।
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पीनायल मेलेनोमा का उपचार (Treatments of Penile Melanoma)
पीनायल मेलेनोमा (Penile Melanoma) की शुरुआती स्टेजेस में इसे उपचार के लिए सर्जरी का प्रयोग किया जाता है ताकि मेलेनोमा को रिमूव किया जा सके। थिन पीनायल मेलेनोमा (Penile Melanoma) की स्थिति में बायोप्सी के दौरान इसे पूरी तरह से रिमूव किया जा सकता है। इसके बाद किसी उपचार की जरूररत नहीं पड़ती। अन्यथा, सर्जन कैंसर के साथ ही सामान्य स्किन का बॉर्डर और स्किन के नीचे टिश्यू की परत को भी रिमूव किया कर सकते हैं। इसके साथ ही इस कैंसर में उपचार के अन्य तरीके इस तरह हैं:
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लिम्फ नोड्स को रिमूव करने के लिए सर्जरी (Surgery for Lymph Nodes)
अगर पीनायल मेलेनोमा (Penile Melanoma) नजदीक के लिम्फ नोड्स तक फैल गए हों, तो प्रभावित नोड्स को रिमूव कर सकते हैं। सर्जरी के पहले और बाद में अतिरिक्त उपचार की सलाह भी दे सकते हैं।
इम्यूनोथेरेपी (Immunotherapy)
इम्यूनोथेरेपी एक ड्रग ट्रीटमेंट है जो हमारे इम्यून सिस्टम की कैंसर के खिलाफ लड़ने में मदद करता है। रोग से लड़ने वाला हमारा इम्यून सिस्टम, कैंसर पर हमला नहीं कर सकता है। क्योंकि, कैंसर कोशिकाएं प्रोटीन उत्पन्न करती हैं, जो उन्हें इम्यून सिस्टम सेल्स से छिपाने में मदद करती हैं। इम्यूनोथेरेपी उस प्रक्रिया में हस्तक्षेप करके काम करती है। इम्यूनोथेरेपी की सलाह अक्सर सर्जरी के बाद दी जाती है, जब कैंसर लिम्फ नोड्स या शरीर के अन्य भागों में फैल गया हो। जब सर्जरी से इसे पूरी तरह से रिमूव न की जा सके, तो इम्यूनोथेरेपी ट्रीटमेंट का प्रयोग किया जाता है।
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टार्गेटेड थेरेपी (Targeted therapy)
टार्गेटेड ड्रग ट्रीटमेंट का फोकस कैंसर सेल्स की खास कमजोरियों पर किया जाता है। इन कमजोरियों को टारगेट करने के साथ ही टार्गेटेड ड्रग ट्रीटमेंट कैंसर सेल्स को नष्ट करने में भी मदद कर सकता है। इस ट्रीटमेंट की सलाह तब दी जाती है अगर कैंसर लिम्फ नोड्स और शरीर के अन्य अंगों में फैल गया है।
रेडिएशन थेरेपी (Radiation Therapy)
इस ट्रीटमेंट में हाय पावर एनर्जी बीम जैसे एक्स-रे (X-Ray) और फोटोन (Photon) का प्रयोग किया जाता है, ताकि कैंसर सेल्स को नष्ट किया जा सके। इसका प्रयोग लिम्फ नोड्स (Lymph Nodes) के लिए भी किया जा सकता है। इसका प्रयोग तब भी किया जा सकता है जब सर्जरी से उसे रिमूव न किया जा सके।
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कीमोथेरेपी (Chemotherapy)
कीमोथेरेपी में ड्रग्स के प्रयोग से कैंसर सेल्स को नष्ट किया जा सकता है। इस ड्रग को इंट्रावेनस या पिल दोनों रूप में दिया जा सकता है।
यह तो थे पीनायल मेलेनोमा (Penile Melanoma) के उपचार के कुछ तरीके। लेकिन, इसके साथ ही डॉक्टर अपने लाइफस्टाइल में भी परिवर्तन करने की सलाह देंगे। जानिए कैसे आप इस समस्या के होने की संभावना को कम कर सकते हैं।
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स्किन कैंसर या पीनायल मेलेनोमा का बचाव (Prevention of Penile Melanoma)
पीनायल मेलेनोमा (Penile Melanoma) से बचना संभव नहीं है, लेकिन कुछ आसान तरीकों से इसका जोखिम कम किया जा सकता है। यह तरीके इस प्रकार हैं:
सूरज की हानिकारक किरणों से बचें
दिन में जब सूरज की हानिकारक किरणों का जोखिम अधिक होता है, तो उस दौरान अपनी स्किन को उससे बचाएं। ऐसा माना जाता है कि सनबर्न और सनटेन से स्किन डैमेज होने और स्किन कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है।
जेनिटल हायजीन
पीनायल मेलेनोमा (Penile Melanoma) से बचने के लिए सबसे जरूरी है, अच्छी जेनिटल हायजीन हैबिट्स को अपनाना। इसके लिए अपने जेनिटल पार्ट्स की साफ-सफाई पर खास ध्यान दें।
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ह्यूमन पेपिलोमा वायरस (Human Papillomavirus)
ह्यूमन पेपिलोमा वायरस बेहद सामान्य है। किसी व्यक्ति को सालों यह समस्या रह सकती है और उसे इसके बारे में पता भी नहीं होता। इसके लिए समय-समय पर डॉक्टर की सलाह और जांच जरूरी है। पीनायल कैंसर से बचने और इसके निदान के लिए आप समय समय पर पीनस की जांच करें और अगर आपको कोई भी कैंसर का लक्षण नजर आता है, तो तुरंत मेडिकल हेल्प जरूरी है। इसके साथ ही डॉक्टर आपको पीनायल मेलेनोमा (Penile Melanoma) या किसी भी अन्य हेल्दी कंडीशन से बचने के लिए अपनी जीवनशैली में परिवर्तन लाने की राय देंगे। इसके लिए वो आपको यह सब तरीके अपनाने की सलाह दे सकते हैं:
- सही और संतुलित आहार का सेवन करें।
- रोजाना नियमित रूप से व्यायाम करना जरूरी है।
- तनाव से बचने की कोशिश करें क्योंकि तनाव कई स्वास्थ्य समस्याओं को बढ़ा सकता है।
- पर्याप्त नींद और आराम करें।
- तंबाकू का पीनायल कैंसर की संभावना को बढ़ा सकता है, इसलिए तंबाकू का सेवन न करें। इसके साथ ही एल्कोहॉल का सेवन करने से भी बचें।
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यह तो थी पीनायल मेलेनोमा (Penile Melanoma) के बारे में जानकरी। पीनायल मेलेनोमा (Penile Melanoma) या पीनायल कैंसर (Penile Cancer) की स्थिति में सबसे जरूरी है समय पर इसका निदान होना। इसलिए, पीनस की जांच बेहद जरूरी है ताकि कोई भी लक्षण नजर आने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह ली जा सके और गंभीर स्थिति में भी उपचार हो सके। इसके साथ ही हेल्दी रहने के लिए अच्छी आदतों को अपनाना बेहद जरूरी है।