भारत में स्वास्थ्य से संबंधित रोजाना नई चुनौतियां सामने आ रही हैं। ऐसे में यदि किसी विशेष स्थान, शहर और गांव या किसी व्यक्ति की मेडिकल हिस्ट्री के बारे में जानकारी है तो उसकी स्वास्थ्य समस्याओं का उपचार किया जा सकता है। भारत में आज भी आधे से ज्यादा लोगों की मेडिकल हिस्ट्री जुटा पाना एक चुनौती है। अपर्याप्त स्वास्थ्य सुविधाओं और इलेक्ट्रॉनिक हेल्थ रिकॉर्ड्स के समुचित प्रबंधंन के आभाव में मेडिकल हिस्ट्री काफी महत्वपूर्ण हो जाती है। भारत में हिंदू धर्म में ज्यादातर लोग ज्योतिष विज्ञान पर विश्वास करते हैं। कुछ लोग तो स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म कुंडली से जोड़कर देखते हैं। हालांकि, यह मुद्दा अभी भी वाद-विवाद का विषय बना हुआ है। वैज्ञानिक आधार पर देखा जाए तो जन्म कुंडली की जगह मेडिकल हिस्ट्री काफी महत्वपूर्ण औजार है। यदि आप शादी करने जा रहे हैं तो आपके पार्टनर की मेडिकल हिस्ट्री के बारे में जानना बेहद ही जरूरी होता है। सही मेडिकल हिस्ट्री की जानकारी होने से संभावित स्वास्थ्य समस्याओं का उचित तरीके से प्रबंधंन किया जा सकता है।
मेडिकल हिस्ट्री क्या है?
मेडिकल हिस्ट्री किसी भी व्यक्ति के स्वास्थ्य से संबंधित सूचनाओं का एक समूह है। किसी भी व्यक्ति की मेडिकल हिस्ट्री में उसकी एलर्जी, बीमारियों, सर्जरी, टीकाकरण और फिजिकल एग्जाम और टेस्ट से की रिपोर्ट्स शामिल होती हैं। मेडिकल हिस्ट्री में सेवन की गई दवाइयों और हेल्थ से जुड़ी आदतों जैसे डायट और एक्सरसाइज को शामिल किया जाता है।
वहीं, एक परिवार की मेडिकल हिस्ट्री में व्यक्ति के परिवार के सदस्यों (माता पिता, दादा दादी, बच्चों, भाई और बहनों) के स्वास्थ्य से संबंधित सूचनाएं शामिल की जाती हैं। इस मेडिकल हिस्ट्री में उसकी मौजूदा और पिछली बीमारियों को भी शामिल किया जाता है। एक परिवार की मेडिकल हिस्ट्री से कुछ बीमारियों का परिवार में पैटर्न के बारे में पता चलता है। इसे हेल्थ हिस्ट्री के नाम से भी जाना जाता है। मेडिकल हिस्ट्री व्यक्ति के द्वारा मुहैया कराई गई सूचनाओं के आधार पर तैयार की जाती है।
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मेडिकल हिस्ट्री में किसे शामिल नहीं करना चाहिए?
यदि संभव हो तो हर व्यक्ति या अडल्ट्स को उसके परिवार की मेडिकल हिस्ट्री पता होनी चाहिए। यदि आप को परिवार के अन्य सदस्यों की मेडिकल हिस्ट्री के बारे में जानकारी है तो उसका क्रॉस वेरिफिकेशन जरूर करें। कोशिश करें कि इसमें आप रक्त संबंधियों को शामिल करें और इसमें आपके चचेरे बहन और भाई भी शामिल हो सकते हैं।
परिवार के जिन सदस्यों से आपका रक्त संबंध नहीं है उन्हें इस लिस्ट में न शामिल करें जैसे:
- आपकी पत्नी
- गोद लिया हुआ बच्चा या माता-पिता
- सौतेला बच्चा या सौतेले भाई बहन
- वह संबंधी जिनका विवाह आपके परिवार में हुआ हो।
उम्र बढ़ने के साथ अपने भाई बहन, बच्चों या पौते पोती के साथ यह सूचना साझा करें। मेडिकल हिस्ट्री बनाने के लिए परिवार के सदस्यों से व्यक्तिगत रूप से बात करें। परिवार के सदस्यों को आश्वस्त करें कि आप इस जानकारी का ढिंढोरा नहीं पीटेंगे, लेकिन आप यह सूचना परिवार के अन्य सदस्यों को स्वस्थ रखने के लिए इकट्ठा कर रहे हैं। आप मेडिकल हिस्ट्री से जो सीखते हैं, उसकी जानकारी सदस्यों के साथ साझा करें। आपको मौजूदा स्वास्थ्य समस्याओं की जानकारी जुटानी होगी।
निम्नलिखित बीमारियों से संबंधित जानकारी पूछें:
मौजूदा सदस्यों के अलावा आपको उन लोगों की मेडिकल हिस्ट्री के बारे में जानकारी जुटानी है, जिनका निधन हो चुका है।
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मेडिकल हिस्ट्री के क्या फायदे हैं?
एक बार मेडिकल हिस्ट्री की जानकारी मिलने के बाद आप अपनी हेल्थ को मजबूत बनाने के लिए कदम उठा सकते हैं। उदाहरण के लिए यदि आपके परिवार में दिल की बीमारी की समस्या है तो आप अपनी दिन चर्या में बदलाव करके इसके खतरे को कम कर सकते हैं जैसे स्मोकिंग छोड़ना, वजन कम करना या अधिक एक्सरसाइज करना।
कैंसर जैसी अन्य बीमारियों का शुरुआती चरण में पता लगाने के लिए आपका डॉक्टर मेडिकल हिस्ट्री को एक औजार के रूप में इस्तेमाल कर सकता है। वह आपके कुछ स्क्रीनिंग टेस्ट कर सकता है, जिससे संभावित बीमारियों का पता लगाया जा सकता है। मेडिकल हिस्ट्री एक ऐसा हथियार है, जो आपके डॉक्टर को आपकी हेल्थ का ध्यान रखने में एक बेहतर रास्ता दिखाती है।
मेडिकल हिस्ट्री के अन्य जरूरी फायदे:
- मेडिकल हिस्ट्री से मरीज की हेल्थ की सटीक, अपडेट और संपूर्ण जानकारी मिलती है, जिससे उसे एक बेहतर इलाज देने में मदद करती है।
- मेडिकल हिस्ट्री से मरीज का इलाज करने में आसानी होती है।
- मेडिकल हिस्ट्री के जरिए से अधिक प्रभावी इलाज किया जा सकता है।
- मेडिकल हिस्ट्री की जानकारियों का इस्तेमाल करते हुए क्लिनिकल स्तर पर इलाज के संबंध में सही निर्णय लेने में मदद मिलती है।
- सिंगल जीन में म्यूटेशन्स जैसे सिस्टिक फाइब्रोसिस (cystic fibrosis) और सिकल सेल बीमारी (sickle cell disease) दुर्लभ बीमारियों का इलाज करने में बेहतर जानकारी मिलती है।
जन्म कुंडली की जगह मेडिकल हिस्ट्री क्यों जरूरी?
हिंदू धर्म में अधिकतर लोग ज्योतिष विज्ञान के ऊपर विश्वास करते हैं। अक्सर लोग स्वास्थ्य से जुड़ी हुई समस्याओं को कुंडली में छिपे योग और ग्रहों की दशा से जोड़कर देखते हैं। ज्योतिष विज्ञान और हमारी स्वास्थ्य समस्याओं में क्या संबंध है, इस संबंध में अभी तक जानकारों के बीच आम सहमित नहीं बनी है।
परिवार में कई ऐसे कारक जैसे जीन, माहौल और लाइफस्टाइल समान होते हैं। यह कारक कहीं न कहीं परिवार में चल रहीं स्वास्थ्य समस्याओं की जानकारी देते हैं। इन कारकों के आधार पर तैयार की गई मेडिकल हिस्ट्री के जरिए डॉक्टर भविष्य में किसी व्यक्ति या परिवार के अन्य सदस्य या आने वाली पीढ़ी में किसी विशेष बीमारी के खतरे का अंदाजा पहले ही लगा सकते हैं। जन्म कुंडली के आधार पर इन सभी पक्षों का पूर्वानुमान लगाना कितना संभव है, इस संबंध में पर्याप्त जानकारी उपलब्ध नहीं है। 2020 यानिकी नए वर्ष में आपको भी जन्म कुंडली की जगह मेडिकल हिस्ट्री पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
शादी के लिए मेडिकल हिस्ट्री क्यों जरूरी?
शाद की एक ऐसा बंधंन है, जिसमें अलग-अलग परिवार और पृष्ठभूमि से जुड़े हुए दो लोग एक रिश्ते में बंध जाते हैं। ऐसे में दोनों ही लोगों की पारिवारिक मेडिकल हिस्ट्री भी अलग होती है। शादी से पहले दोनों पार्टनर्स को एक दूसरे की मेडिकल हिस्ट्री के बारे में पता होना जरूरी है। इससे पति पत्नी के बीच विश्वास और प्यार का संबंध और मजबूत होता है। शादी के बाद यदि दोनों में से किसी एक को दूसरे की कुछ ऐसी बीमारियों के बारे में जानकारी मिलती है, जिन्हें आज भी हमारे समाज में एक बुराई के रूप में देखा जाता है तो इसका असर पति पत्नि के रिश्ते पर पड़ता है।
मौजूदा समय में एचआईवी इंफेक्शन का उदाहरण देना गलत नहीं होगा। हेपेटाइटिस-बी और एचआईवी इंफेक्शन एक ऐसी स्वास्थ्य समस्याएं हैं, जिनकी जानकारी न होने पर यह असुरक्षित यौन संबंध बनाने पर दूसरे पार्टनर की बॉडी में प्रवेश कर सकती हैं। यदि आप माता पिता बनने की योजना बना रहे हैं तो एक दूसरे की मेडिकल हिस्ट्री की जानकारी होना बेहद ही जरूरी होता है। सही मेडिकल हिस्ट्री की जानकारी से इन बीमारियों को न सिर्फ एक दूसरे में फैलने से रोका जा सकता है, बल्कि संभावित संतान में भी इन्हें फैलने से रोका जा सकता है।
शादी के लिए मेडिकल हिस्ट्री में गोवा ने उठाया था बड़ा कदम
जुलाई, 2019 में गोवा सरकार के तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे ने मैरिज रजिस्ट्रेशन से पहले एचआईवी टेस्ट अनिवार्य करने की बात कही थी। हालांकि, उनके इस बयान की कई लोगों ने कड़ी आलोचना भी की थी। उन्होंने कहा था, ‘हम गोवा में कपल्स के मैरिज रजिस्ट्रेशन से पहले एचआईवी टेस्ट कराना अनिवार्य करने पर विचार कर रहे हैं। मौजूदा समय में मैरिज रजिस्ट्रेशन से पहले एचआईवी टेस्ट कराना अनिवार्य नहीं है।’
राणे उस वक्त गोवा के कानून मंत्री भी थे। उन्होंने कहा था कि शादी से पहले एचआईवी टेस्ट कराने की अनिवार्यता को विधि विभाग के समक्ष रखा गया है। उन्होंने कहा, ‘यदि विधि विभाग इसे अपनी मंजूरी दे देता है तो आने वाले मॉनसून सीजन में इसे विधानसभा के पटल पर रखा जाएगा।’
2006 में बिल्कुल ठीक ऐसा ही प्रस्ताव उस वक्त के तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री दयानंद नावरेकर ने रखा था। हालांकि, यह प्रस्ताव पास नहीं हो पाया था। गोवा सरकार के इस कदम की देशभर में आलोचना भी हुई थी। कुछ लोगों ने इसे सीधे-सीधे निजता के कानून के अधिकार का हनन भी कहा था।
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2020 में हेल्दी लाइफस्टाइल के लिए चुनें मेडिकल हिस्ट्री
स्वास्थ्य के नजरिए से यदि देखा जाए तो हर व्यक्ति अपनी हेल्थ को लेकर अलग-अलग तरह की योजना बनाता है। कुछ लोग इसी कड़ी में हेल्थ इंश्योरेंस भी लेते हैं। कुछ लोग हेल्थ बजट भी बनाते हैं। इन सभी कारकों में सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण मेडिकल हिस्ट्री है। 2020 में आपको अपनी मेडिकल हिस्ट्री तैयार करनी है। मेडिकल हिस्ट्री कैसे तैयार की जाए, इसकी जानकारी पहले ही ऊपर दे दी गई है। यह न्यूनतम निवेश की एक प्रक्रिया है। हेल्दी लाइफस्टाइल के लिए मेडिकल हिस्ट्री काफी जरूरी है। संभावित और मौजूदा स्वास्थ्य की विस्तृत जानकारी प्राप्त करने के बाद ही आपको कैसी दिनचर्या अपनानी है, इसका निर्णय लिया जा सकता है। यदि आपको या आपके पिता या भाई बहनों को डायबिटीज की समस्या है तो आपको अपने लाइफस्टाइल में प्रतिदिन एक्सरसाइज करने की आदत को जोड़ने की जरूरत है। ऐसी ही अनेक स्वास्थ्य समस्याएं हैं, जिनका निवारण या रोकथाम उनकी संपूर्ण जानकारी के आधार पर तय होती है।
माता-पिता बनने के लिए मेडिकल हिस्ट्री जरूरी
यदि आप माता पिता बनने वाले हैं या इसकी योजना बना रहे हैं तो मेडिकल हिस्ट्री तैयार करना आपके लिए बेहद ही जरूरी है। फैलोपियन ट्यूब का ब्लॉक होना, गर्भाशय में रसौली, इनफर्टिलिटी और रीसस कुछ ऐसी ही बीमारिया हैं, जो आपको माता पिता बनने से रोक सकती हैं। मेडिकल हिस्ट्री तैयार होने पर इन स्वास्थ्य समस्याओं के संबंध में सटीक जानकारी हासिल की जा सकती है। यदि मौजूदा समय में आप या आपका पार्टनर इनमें से किसी भी समस्या से पीड़ित है तो इनका समुचित इलाज करके आप माता पिता बन सकते हैं।
मेडिकल हिस्ट्री के आभाव में माता पिता बनने में क्या समस्या आ रही है, इस जानकारी के आभाव में आप 2020 में माता पिता नहीं बन पाएंगे। बेहतर होगा कि आप 2020 के लिए आज ही मेडिकल हिस्ट्री का रास्ता अपनाएं और नए वर्ष पर इसकी मदद से अपने सपनों को पूरा करें। अंत में हम यही कहेंगे कि 2020 में किसी भी प्रकार की जन्म कुंडली के तरजीह देने के बजाय आप हमेशा मेडिकल हिस्ट्री का रास्ता अपनाएं।
हैलो हेल्थ किसी भी प्रकार की चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार मुहैया नहीं कराता है।
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