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कोलेस्ट्रॉल में नैचुरल सप्लिमेंट्स का सेवन करना कितना है फायदेमंद, जानिए!

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. हेमाक्षी जत्तानी · डेंटिस्ट्री · Consultant Orthodontist


Nikhil deore द्वारा लिखित · अपडेटेड 21/12/2021

    कोलेस्ट्रॉल में नैचुरल सप्लिमेंट्स का सेवन करना कितना है फायदेमंद, जानिए!

    जब खून में कोलेस्ट्रॉल लेवल बहुत अधिक बढ़ जाता है, तो उसे हाय कोलेस्ट्रॉल या हायपरलिपिडिमिया (Hyperlipidemia) कहा जाता है। कोलेस्ट्रॉल हमारे शरीर के लिए एक जरूरी सब्स्टेंस है जो अच्छा या बुरा दोनों हो सकता है। लेकिन, अगर खून में इसका कंसंट्रेशन बहुत अधिक हो जाए तो यह हार्ट अटैक का कारण बन सकता है। इसके लिए डॉक्टर कई दवाईयों की सलाह दे सकते हैं, लेकिन कुछ नैचुरल सप्लीमेंट्स भी हैं कोलेस्ट्रॉल लेवल को सही बनाए रखने में मददगार हो सकते हैं। कोलेस्ट्रॉल में नैचुरल सप्लिमेंट्स (Natural Supplements in Cholesterol) की भूमिका के बारे में यहां बताया जा रहा है। हालांकि, नैचुरल सप्लिमेंट्स को लेने से पहले भी डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है। सबसे पहले जान लेते हैं कि कोलेस्ट्रॉल क्या है?

    कोलेस्ट्रॉल क्या है? (Cholesterol)

    लो-डेंसिटी लेपोप्रोटीन कोलेस्ट्रॉल (Low-Density Lipoprotein Cholesterol) जिसे बैड कोलेस्ट्रॉल भी कहा जाता है, को हार्ट डिजीज और स्ट्रोक का बड़ा रिस्क फैक्टर भी माना जाता है। कोलेस्ट्रॉल आयल बेस्ड सब्सटांस होता है, जिसे ब्लड में मिक्स नहीं किया जा सकता। यह हमारे शरीर के हर एक सेल में होता है और नेचुरल फंक्शन के लिए जरूरी है। चाहे वो खाना पचाना हो, हॉर्मोन्स प्रोड्यूस करना हो या विटामिन डी का निर्माण करना हो। हमारा शरीर इसे बनाता है और हम इसे भोजन के माध्यम से ग्रहण भी करते हैं। कोलेस्ट्रॉल दो तरह का होता है:

    • लो-डेंसिटी लिपोप्रोटींस (Low-Density Lipoproteins) या बैड कोलेस्ट्रॉल (Bad Cholesterol)
    • हाय डेंसिटी लिपोप्रोटींस (High-Density Lipoproteins) या गुड कोलेस्ट्रॉल (Good Cholesterol)

    जब शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बहुत अधिक बढ़ जाती है, तो यह हमारे पूरे शरीर खासतौर पर दिल संबंधी रोगो का कारण बन सकता है। आज हम बात करने वाले हैं हाय कोलेस्ट्रॉल में नैचुरल सप्लिमेंट्स (Natural Supplements in Cholesterol) के बारे में। जानिए इस बारे में विस्तार से:

    Cholesterol

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    कोलेस्ट्रॉल में नैचुरल सप्लिमेंट्स (Natural Supplements in Cholesterol)

    लो-डेंसिटी लिपोप्रोटींस (Low Density Lipoproteins) यानी बैड कोलेस्ट्रॉल होने से ब्लड वेसल की लायनिंग में समस्या होती है और एथेरोस्क्लेरोसिस (Atherosclerosis ) रोग बढ़ता है। एथेरोस्क्लेरोसिस को सामान्यतया आर्टरीज का सख्त होने के रूप में जाना जाता है। इन दोनों कोलेस्ट्रॉल से जुड़ी समस्याओं में ट्रीटमेंट और लाइफस्टाइल में बदलाव पर फोकस किया जाता है। हालांकि, अभी साइंटिफिक सपोर्ट की कमी है जो यह साबित करें कि कोई भी सप्लीमेंट या अल्टरनेटिव मेडिसिन से हाय कोलेस्ट्रॉल का उपचार हो सकता है। लेकिन, नेचुरल सप्लीमेंट को अगर सही मात्रा में लिया जाए, तो इनका कोई नुकसान नहीं होता है। डॉक्टर की सलाह के बाद आप इन सप्लीमेंट्स का सेवन कर सकते हैं। कोलेस्ट्रॉल में नैचुरल सप्लिमेंट्स (Natural Supplements in Cholesterol) से पहले अपने डॉक्टर से अवश्य पूछें खासतौर पर अगर आप गर्भवती हैं ताकि किसी भी समस्या से बचा जा सके।

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    कोलेस्ट्रॉल में नैचुरल सप्लिमेंट्स (Natural Supplements in Cholesterol) हो सकता है फिश आयल (Fish Oil)

    फिश आयल में ओमेगा-3 फैटी एसिड्स भरपूर होता है। यह एसिड ट्रायग्लिसराइड लेवल (Lower Triglyceride Levels) को लो करने में मदद कर सकता है। कुछ मछलियों में यह अच्छी मात्रा में होता है जैसे टूना, सालमोन आदि। यह बैड कोलेस्ट्रॉल के लेवल को कम करने में मदद कर सकता है। इसलिए, कोलेस्ट्रॉल में नैचुरल सप्लिमेंट्स (Natural Supplements in Cholesterol) में इसे शामिल किया जा सकता।

    कोलेस्ट्रॉल में नैचुरल सप्लिमेंट्स है नियासिन (Vitamin B3)

    नियासिन को विटामिन B3 भी कहा जाता है इसका प्रयोग भी कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए किया जा सकता है। ऐसा माना जाता है कि यह LDL (लो-डेंसिटी लेपोप्रोटीन) कोलेस्ट्रॉल और ट्रायग्लिसराइड के लेवल को कम करने और गुड कोलेस्ट्रॉल के लेवल को बढ़ाने में मदद कर सकता है। यही नहीं, नियासिन एथेरोस्क्लेरोसिस (Atherosclerosis) के रिस्क फैक्टर को कम करने में भी मददगार है। इसके साथ ही यह हाय ब्लड प्रेशर की दवाईयों के प्रभाव को बढ़ा सकता है।

    हालांकि नियासिन की हाय डोज का कुछ सामान्य साइड इफेक्ट भी हो सकते हैं जैसे स्किन फ्लशिंग। ऐसा ब्लड वेसल के चौड़े हो जाने के कारण होता है। इस समस्या को बहुत से लोग तब महसूस करते हैं जैसे वो नियासिन लेना शुरू करते हैं। इसलिए डॉक्टर से पहले इसे आपको लेना चाहिए या नहीं और अगर लेना चाहिए तो कितनी मात्रा में इसका सेवन करना उचित रहेगा। यह अवश्य जान लें।

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    कोलेस्ट्रॉल में नैचुरल सप्लिमेंट्स की तरह काम करता है सॉल्युबल फायबर (Soluble Fiber)

    सॉल्युबल फायबर लेने से इंटेस्टाइन में कोलेस्ट्रॉल का अवशोषण (Absorption) कम होने से LDL कोलेस्ट्रॉल भी कम हो सकता है। सॉल्युबल फायबर को कोलेस्ट्रॉल के साथ बाइंड किया जाता है ताकि इसे उत्सर्जित (Excreted) किया जा सके। सॉल्युबल फायबर को डाइटरी सप्लीमेंट की तरह लिया जा सकता है, जिसे सायलियम पाउडर (Psyllium Powder) या अन्य खाद्य पदार्थों से भी इसे प्राप्त किया जा सकता है जैसे:

    दिन में पांच से दस ग्राम सॉल्युबल फायबर लेने से LDL कोलेस्ट्रॉल (LDL Cholesterol) को कम करने में मदद मिलती है। ऐसे में साबुत अनाज का सेवन करना चाहिए और सफेद व रिफाइंड अनाज को कम से कम लेना चाहिए।

    कोलेस्ट्रॉल में नेचुरल सप्लीमेंट्स

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    कोलेस्ट्रॉल में नैचुरल सप्लिमेंट्स: अलसी के बीज (Flaxseed)

    कोलेस्ट्रॉल में नैचुरल सप्लिमेंट्स (Natural Supplements in Cholesterol) में अगला है अलसी के बीज। फ्लेक्ससीड छोटे बीज होते हैं जिनमें सॉल्युबल फाइबर और प्लांट बेस्ड ओमेगा 3 फैट (Plant-Based Omega-3 Fats) होता है। इन सभी कॉम्पोनेंट्स का प्रभाव हमारे आर्टरीज के स्वास्थ्य या ब्लड कोलेस्ट्रॉल के लेवल पर पड़ता है। इन बीजों का प्रयोग कुकिंग, बेकिंग, स्मूथीज आदि में भी किया जा सकता है। ऐसा माना जाता है जो न्यूट्रिशन और मेटाबोलिज्म इसमें पाया जाता है, वो कोलेस्ट्रॉल के लेवल को कम करने में प्रभावी है। क्योंकि, अलसी के बीज बहुत छोटे होते हैं और उनका आउटर शैल सख्त होता है। ऐसे में पूरे बीज की जगह पिसी हुई अलसी को लेना प्रभावशाली माना जाता है। जब अलसी पिसी हुई होती है तो हमारा शरीर इसके न्यूट्रिएंट्स को अच्छे से एब्जॉर्ब कर पाता है।

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    फाइटोस्टेरॉल्स (Phytosterols)

    फाइटोस्टेरॉल्स को पेड़ों से प्राप्त किया जाता है। यह हमारे शरीर को कोलेस्ट्रॉल एब्जॉर्ब करने से रोकने में मदद कर सकते हैं। यह प्राकृतिक रूप से साबुत अनाजों, मेवों, फलों और सब्जियों में पाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि यह भी कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में लाभदायक हो सकता है।

    कोलेस्ट्रॉल में नैचुरल सप्लिमेंट्स (Natural Supplements in Cholesterol): सोया प्रोटीन (Soy Protein)

    सोया प्रोटीन और इससे बनने वाले आहार से कुछ हद तक LDL कोलेस्ट्रॉल को कम किया जा सकता है। सोया मिल्क या स्टीम्ड सोया भी लीन प्रोटीन का अच्छा सोर्स हैं। इसका अर्थ यह है कि फैटी फ़ूड को खाने की जगह सोया प्रोटीन खाने से कोलेस्ट्रॉल को कम किया जा सकता है। हाय कोलेस्ट्रॉल में नैचुरल सप्लिमेंट्स (Natural Supplements in Cholesterol) में इसे भी शामिल किया जा सकता है।

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    लहसुन (Garlic)

    लहसुन का कोलेस्ट्रॉल कम करने वाला प्रभाव स्पष्ट नहीं है। ऐसा माना जाता है कि लहसुन हार्ट संबंधी समस्याओं को रोकने में मदद कर सकता है। इसके साथ ही यह ब्लड प्रेशर को कम करने में भी मददगार साबित हो सकता है। इसलिए कोलेस्ट्रॉल में इसका सेवन भी लाभदायक सिद्ध हो सकता है।

    ग्रीन टी (Green Tea)

    ग्रीन टी के फायदों के बारे में तो आप जानते ही होंगे। यह पॉलीफेनोल्स (Polyphenols) का रिच सोर्स है यह कंपाउंड्स हमारे शरीर को कई हेल्थ लाभ प्रदान करते हैं। ग्रीन टी में पॉलीफेनोल्स की बहुत अधिक कंसंट्रेशन होती है, जो न केवल LDL कोलेस्ट्रॉल को कम करती है। बल्कि HDL कोलेस्ट्रॉल को भी बढ़ाती है। एक अध्ययन के मुताबिक जो लोग ग्रीन टी पीते हैं, उनका कोलेस्ट्रॉल लेवल उन लोगों से कम होते हैं जो इसका सेवन नहीं करते हैं।

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    कोलेस्ट्रॉल को मैनेज करने के लिए लाइफस्टाइल में बदलाव

    यह तो थी हाय कोलेस्ट्रॉल में नैचुरल सप्लिमेंट्स (Natural Supplements in Cholesterol) के बारे में जानकारी। लेकिन याद रखें कि सप्लीमेंट्स केवल टोटल केयर प्लान का एक हिस्सा है।अगर आप इन्हें लेते हैं तो आपका उद्देश्य अपने शरीर में कोलेस्ट्रॉल और ट्रायग्लिसराइड्स (Triglycerides) को कम करना होना चाहिए। किसी भी तरह के उपचार के बारे में अपने डॉक्टर से सलाह अवश्य लें। हाय कोलेस्ट्रॉल में नैचुरल सप्लिमेंट्स (Natural Supplements in Cholesterol) की सेफ्टी और प्रभाव को सुनिश्चित करने के लिए आपको डॉक्टर से अवश्य बात करनी चाहिए। इसके अलावा यह सब चीजें भी आपके प्लान का हिस्सा होनी चाहिए, जैसे

  • सही आहार का सेवन करे। लो फैट आहार, फल, सब्जियों, साबुत अनाज को अपने आहार में शामिल करें
  • डॉक्टर की सलाह के अनुसार व्यायाम करें। दिन में कुछ समय व्यायाम के लिए निकालना जरूरी है।
  • तनाव से बचें। तनाव कोलेस्ट्रॉल या हाय ब्लड प्रेशर जैसी कई समस्याओं को बढ़ा सकता है, इसलिए इससे बचे। इसके लिए योग और मेडिटेशन की मदद ले सकते हैं।
  • डॉक्टर की सलाह के अनुसार दवाईया लें और नियमित चेकअप कराएं
  • अगर आपका वजन अधिक है तो अपने वजन को कम करें। इसके लिए आप अपने खानपान में बदलाव या व्यायाम कर सकते हैं। डॉक्टर भी इसमें आपका मार्गदर्शन कर सकते हैं।
  • पर्याप्त नींद लें।
  • स्मोकिंग और एल्कोहॉल का अधिक सेवन इस समस्या को बढ़ा सकता है। ऐसे में इन्हें पूरी तरह से नजरअंदाज करें।
  • कोलेस्ट्रॉल में नेचुरल सप्लीमेंट्स

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    द अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन (The American Heart Association) के अनुसार हमारा शरीर प्राकृतिक रूप से बैड कोलेस्ट्रॉल को बनाता है। अगर आपकी जीवनशैली अस्वस्थ है, तो हमारा शरीर जरूरत से ज्यादा बैड कोलेस्ट्रॉल को बना सकता है। इससे हमारे शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ती है जो कई हेल्थ प्रॉब्लम्स का कारण बन सकती है। ऐसे में अगर आपका कोलेस्ट्रॉल लेवल अधिक है तो सबसे पहले अपने लाइफस्टाइल को सुधारें।

    हाय कोलेस्ट्रॉल में नैचुरल सप्लिमेंट्स (Natural Supplements in Cholesterol) के बारे में तो आप जान ही गए होंगे। अपनी जीवनशैली में बदलाव भी कोलेस्ट्रॉल को सही रखने के ट्रीटमेंट प्लान का एक हिस्सा है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि नेचुरल सप्लीमेंट्स का सेवन करने से आपको लाभ हो सकता है। लेकिन, इस बात को याद रखना भी जरुरी है कि हब्स और अन्य सप्लीमेंट्स के भी साइड-इफेक्ट्स हो सकते हैं। खासतौर पर अगर उन्हें सही मात्रा में न लिया जाए। ऐसे में हाय कोलेस्ट्रॉल में नैचुरल सप्लिमेंट्स का सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर की राय और मार्गदर्शन लेना जरूरी है, ताकि भविष्य में होने वाली किसी भी जटिलता से बचा जा सके।

    डिस्क्लेमर

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