- अलिरोक्यूमेब (Alirocumab)
- एवोलोक्यूमैब(Evolocumab)
साइड इफेक्ट्स (Side Effects)
क्योंकि, यह कोलेस्ट्रॉल मॉडिफायिंग मेडिकेशन्स (Cholesterol Modifying Medications) अभी नई है, तो अभी इनके साइड इफेक्ट के बारे में जानने में कुछ समय लगेगा। लेकिन, ऐसा माना जाता है कि अलिरोक्यूमेब (Alirocumab) से फ्लू और सर्दी-जुकाम जैसे लक्षणों के साथ ही सूजन, दर्द या खुजली आदि हो सकती है। एवोलोक्यूमैब से भी कुछ लोग पीठ दर्द, सर्दी-जुकाम या स्किन रिएक्शंस महसूस कर सकते हैं।
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कोलेस्ट्रॉल मॉडिफायिंग मेडिकेशन्स: नियासिन (Niacin)
नायसिन विटामिन B3 का एक प्रकार है, जो खाद्य पदार्थों में पाया जाता है। यह सप्लीमेंट्स के रूप में भी मिलता है। इसका उदहारण है नियकोर (Niacor)। शोधकर्ताओं के अनुसार अगर आप पहले ही स्टैटिन का सेवन कर रहे हैं, तो नायसिन का सेवन हार्ट डिजीज (Heart Disease) के जोखिम को कम कर सकता है। इसके कुछ साइड इफेक्ट भी हो सकते हैं खुजली, सिरदर्द, फ्लशिंग आदि।

कोलेस्ट्रॉल मॉडिफायिंग मेडिकेशन्स: फायब्रेट्स (Fibrates)
नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (National Center for Biotechnology Information) के अनुसार फाइब्रेट्स ऐसी दवाएं हैं जो आपके शरीर में ट्राइग्लिसराइड (Triglyceride) की मात्रा को कम करती हैं और अच्छे एचडीएल कोलेस्ट्रॉल को बढ़ा सकती हैं। इसके उदाहरण इस प्रकार हैं:
- फेनोफायब्रेट (Fenofibrate)
- जेमफिब्रोजील (Gemfibrozil)
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कोलेस्ट्रॉल मॉडिफायिंग मेडिकेशन्स: एटीपी सिट्रेट लायेस इन्हिबिटर्स (ATP Citrate Lyase Inhibitors)
कोलेस्ट्रॉल मॉडिफायिंग मेडिकेशन्स (Cholesterol Modifying Medications) में अगली है एटीपी सिट्रेट लाइज़ इन्हिबिटर्स (ATP Citrate Lyase Inhibitors)। इनमें बंपीडोयक (Bempedoic) लीवर को कोलेस्ट्रॉल की प्रोसेसिंग को रोकती है। जिन व्यक्तियों को हेट्रोजायगस फेमिलियल हायपरकोलेस्ट्रॉलमिया (Heterozygous Familial Hypercholesterolemia) की समस्या है उनमें बैड” कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए इन्हें बनाया गया है। यही नहीं, यह दवाइयां एथेरोस्क्लेरोसिस कार्डियोवैस्कुलर डिजीज (Atherosclerosis cardiovascular disease) से पीड़ित लोगों में भी बैड कोलेस्ट्रॉल (Bad Cholesterol) को कम करने में मदद करती है। इसके कुछ साइड इफेक्ट भी हो सकते हैं, जो इस प्रकार हैं
साइड इफेक्ट
इसके साइड इफेक्ट्स में अपर रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (Upper Respiratory Tract Infection), खून में अधिक यूरिक एसिड (Excess Uric Acid) , पीठ में दर्द, पेट में दर्द या बैचैनी, ब्रोंकाइटिस (Bronchitis), एनीमिया (Anemia) आदि शामिल हो सकते हैं। यह तो थी कोलेस्ट्रॉल मॉडिफायिंग मेडिकेशन्स (Cholesterol Modifying Medications) के बारे में जानकारी। अब पाएं इन दवाइयों से जुड़े कुछ खास टिप्स।

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कोलेस्ट्रॉल मॉडिफायिंग मेडिकेशन्स से संबंधित कुछ टिप्स (Tips For Cholesterol Modifying Medications)
कोलेस्ट्रॉल की स्थिति में जब डॉक्टर रोगी को कुछ दवाइयों की सलाह देते हैं। तो रोगी को भी कुछ चीजों का ध्यान रखना चाहिए ताकि किसी भी समस्या से बचा जा सके। जैसे रोगी को इन दवाइयों के बारे में पूरा पता होना चाहिए। इससे जुड़े कुछ टिप्स इस प्रकार हैं:
- कोलेस्ट्रॉल मॉडिफायिंग मेडिकेशन्स (Cholesterol Modifying Medications) को हर दिन एक ही समय पर लें। डॉक्टर की सलाह के बिना इसे लेना न तो बंद करें न ही इनमें कोई बदलाव करें।
- मेडिसिन कैलेंडर रखें और रोजाना जब आप अपनी डोज ले लेते हैं, तो कैलेंडर में उसे नोट कर लें। अगर डॉक्टर कोई बदलाव करने की सलाह देते हैं तो उसे भी इसमें नोट करें।
- ओवर-द-काउंटर दवा (Over-The -Counter Medicine) या हर्बल ट्रीटमेंट (Herbal Treatment) को लेने से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।
- अगर आप एक डोज लेना भूल जाते हैं, तो याद आने पर इसे तुरंत ले लें। लेकिन अगर उस समय अगली डोज का समय हो रहा हो, तो डॉक्टर से एक बार पूछ लें कि आपको उस स्थिति में क्या करना चाहिए। अपनी मर्जी से इसकी ओवरडोज (Overdose) लेने से बचें।
- किसी यात्रा के दौरान भी दवाइयों को लेना न भूलें। अगर आप अधिक समय तक ट्रेवल कर रहे हैं तो अतिरिक्त दवा को अपने साथ रखें।
- एनेस्थीसिया के साथ सर्जरी (Surgery) कराने से पहले इन दवाइयों के बारे में डॉक्टर की सलाह लें ।
- कुछ दवाइयां आपकी हार्ट रेट को प्रभावित कर सकती हैं। इस बारे में भी अपने डॉक्टर से पूछ लें।
- कुछ दवाइयों को लेते हुए अगर आप एल्कोहॉल (Alcohol) का सेवन करते हैं तो उसके साइड-इफेक्ट होते हैं। यही नहीं इससे दवाइयों के प्रभाव पर भी बुरा असर हो सकता है। ऐसे में इस बारे में भी विशेषज्ञ से जानना बेहद जरूरी है।
ऐसी कई अन्य कोलेस्ट्रॉल मॉडिफायिंग मेडिकेशन्स (Cholesterol Modifying Medications) मौजूद है, जिनका प्रयोग हाय कोलेस्ट्रॉल (High Cholesterol) के उपचार के लिए किया जाता है। इसके साथ ही अभी रिसर्च भी जारी है ताकि कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करने के नए तरीकों का पता चल सके। अगर आपको इन दवाइयों से कोई साइड इफेक्ट या समस्या होती है, तो डॉक्टर से बात करें। हो सकता है कि बेहतर परिणामों के लिए डॉक्टर आपको अन्य दवाइयों की सलाह दें।
कोलेस्ट्रॉल मॉडिफायिंग मेडिकेशन्स के साथ ही रोगी के लिए लाइफस्टाइल में भी परिवर्तन (Change in Lifestyle) करना जरूरी है जैसे हेल्दी डायट (Healthy Diet), नियमित व्यायाम (Daily Exercise), पर्याप्त नींद (Enough Sleep) और तनाव से बचाव (Avoid Stress) आदि। क्योंकि, यह सब भी कोलेस्ट्रॉल लेवल (Cholesterol Level) को प्रभावित कर सकते हैं। आप आपके डॉक्टर और आप पूरे ट्रीटमेंट प्लान (Treatment Plan) पर विचार कर सकते हैं ताकि इस समस्या से बचा जा सके।