लेफ्ट एट्रियम हमारे दिल के चार चैम्बर्स में से एक है। यह दिल के अपर हाफ और हमारे शरीर के लेफ्ट साइड पर स्थित होता है। लेफ्ट एट्रियम हमारे लंग्स से ऑक्सिजनेटेड ब्लड प्राप्त करता है। इसके बाद यह माइट्रल वॉल्व के माध्यम से लेफ्ट वेंट्रिकल में इसे पंप करता है। लेफ्ट वेंट्रिकल से, ऑक्सिजन युक्त रक्त को एओर्टिक वॉल्व के माध्यम से शरीर के टिश्यूज को डिस्ट्रीब्यूट करने के लिए पंप किया जाता है। यह डिस्ट्रीब्यूशन हमारे सर्कुलेटरी सिस्टम से संभव होता है। लेकिन कई बार लेफ्ट एट्रियम एंलार्ज हो जाता है। आज हम इसी समस्या यानी लेफ्ट एट्रियल एंलार्जमेंट (Left Atrial Enlargement) के बारे में बात करने वाले हैं। जानिए क्या है लेफ्ट एट्रियल एंलार्जमेंट (Left Atrial Enlargement) और किस तरह संभव हैं इसके उपचार? लेकिन, सबसे पहले इसके लक्षणों के बारे में जान लेते हैं।
लेफ्ट एट्रियल एंलार्जमेंट के लक्षण (Left Atrial Enlargement Symptoms)
कई बार एंलार्ज एट्रियम के कारण कोई भी लक्षण नजर नहीं आता है। इसके लक्षणों का महसूस होना इस बात पर निर्भर करता है, कि लेफ्ट एट्रियम कितना एंलार्ज हुआ है। यदि यह एंलार्जमेंट बहुत अधिक है तो लक्षणों का अनुभव होना सामान्य है। इसके सामान्य लक्षण इस प्रकार हैं:
- छाती में दर्द (Chest pain)
- ब्रीदिंग प्रॉब्लम (Breathing problems), जिसमें सांस लेने में समस्या या खांसी शामिल है
- अधिक थकावट (Extreme fatigue)
- असामान्य हार्टबीट (Abnormal heartbeat)
- फ्लूइड बिल्डअप और सूजन (Fluid buildup and swelling)
- बेहोशी (Fainting)
यह ऊपर दिए यह लक्षण कई अन्य हार्ट डिजीज के भी हो सकते हैं, जिनमें कंजेस्टिव हार्ट फेलियर (Congestive heart failure) भी शामिल है। लेफ्ट एट्रियल एंलार्जमेंट (Left Atrial Enlargement) के कारण होने वाली अन्य परेशानियों में निगलने में समस्या (Dysphagia) भी शामिल है। ऐसा अन्नप्रणाली (Esophageal) के एट्रियम के बहुत अधिक एंलार्ज होने के कारण होता है। अंडरलायिंग हार्ट कंडिशंस (Underlying Heart Disease) के लक्षण इस समस्या के लिए चिंता का विषय हो सकते हैं। अब जानते हैं इस समस्या के कारणों के बारे में।
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लेफ्ट एट्रियल एंलार्जमेंट के कारण (Causes of Left Atrial Enlargement)
लेफ्ट एट्रियल एंलार्जमेंट (Left Atrial Enlargement) एक सामान्य समस्या है, जो कई बार गंभीर हो सकती है। कई फैक्टर लेफ्ट एट्रियम के साइज को प्रभावित कर सकते हैं। जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं:
- जेंडर (Gender): महिलाओं में आमतौर पर पुरुषों की तुलना में अधिक लार्ज लेफ्ट एट्रियम होते हैं।
- बॉडी साइज (Body size): बॉडी साइज के अनुसार लेफ्ट एट्रियम का साइज भी बढ़ता है।
लेफ्ट एट्रियम एंलार्जमेंट के लिए कई स्थितियां भी इसका कारण बन सकती हैं, जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं:
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हायपरटेंशन (Hypertension)
हायपरटेंशन (Hypertension) यानी हाय ब्लड प्रेशर (High blood pressure) से पीड़ित अधिकतर लोगों को लेफ्ट एट्रियल एंलार्जमेंट (Left Atrial Enlargement) की समस्या होती है। ऐसा माना जाता है कि 16 से 83 परसेंट हायपरटेंशन (Hypertension) के शिकार व्यक्तियों में लेफ्ट एट्रियल एंलार्जमेंट (Left Atrial Enlargement) की समस्या होती है। चाहे उन्होंने इसका उपचार कराया हो या न कराया हो।
माइट्रल वॉल्व डिस्फंक्शन (Dysfunction of Mitral valve)
माइट्रल वॉल्व से संबंधित कुछ कंडिशंस लेफ्ट एट्रियल एंलार्जमेंट (Left Atrial Enlargement) का कारण बन सकती हैं। माइट्रल वॉल्व लेफ्टर एट्रियम को लेफ्ट वेंट्रिकल से जोड़ता है। माइट्रल स्टेनोसिस (Mitral stenosis) में माइट्रल वॉल्व तंग हो जाता है और इससे लेफ्ट वेंट्रिकल को फिल होने में मुश्किल होती है। माइट्रल रिगर्जेटेशन (Mitral regurgitation) में ब्लड लेफ्ट वेंट्रिकल से लीक होता है और लेफ्ट एट्रियम तक वापस जाता है। यह स्थिति माइट्रल वॉल्व या लेफ्ट वेंट्रिकल के स्ट्रक्चरल और फंक्शनल इश्यूज के कारण पैदा हो सकती है। माइट्रल स्टेनोसिस (Mitral stenosis) और माइट्रल रिगर्जेटेशन (Mitral regurgitation) दोनों में लेफ्ट एट्रियम के लिए लेफ्ट वेंट्रिकल्स में ब्लड पंप करना अधिक मुश्किल हो जाता है। इसके कारण लेफ्ट एट्रियम में प्रेशर बढ़ सकता है, जिससे एंलार्जमेंट की समस्या हो सकती है।
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लेफ्ट वेंट्रिकल डिस्फंक्शन (Dysfunction of Left ventricle)
लेफ्ट वेंट्रिकल एंलार्जमेंट का एक कारण लेफ्ट वेंट्रिकल डिस्फंक्शन भी है। अगर आपके लेफ्ट वेंट्रिकल में समस्या है तो बाएं वेंट्रिकल को ठीक से भरने की स्थिति में बाएं लेफ्ट एट्रियम में प्रेशर बढ़ जाता है। प्रेशर के बढ़ने के कारण लेफ्ट एट्रियम में एंलार्जमेंट हो सकती है। इस मामले में लेफ्ट एट्रियम में एंलार्जमेंट की मात्रा लेफ्ट वेंट्रिकल के डिस्फंक्शन के लेवल को बताती है।
एट्रियल फिब्रिलेशन (Atrial fibrillation)
एट्रियल फिब्रिलेशन को एरिथमिया (Arrhythmia) भी कहा जाता है, जो असामान्य (Irregular heartbeat) हार्टबीट है। जिसके कारण स्ट्रोक और हार्ट फेलियर का रिस्क बढ़ जाता है। इस स्थिति में दिल के दो अपर चैम्बर्स या एट्रिया, हार्ट के दो लोअर चैम्बर्स, या वेंट्रिकल्स के साथ तालमेल बिठाते हैं। एट्रियल फिब्रिलेशन (Atrial fibrillation) की समस्या कभी-कभी भी हो सकती है या यह स्थाई भी हो सकती है। यह स्पष्ट नहीं है कि एट्रियल फिब्रिलेशन लेफ्ट एट्रियल एंलार्जमेंट (Left Atrial Enlargement) का कारण या जटिलता का कारण बन सकता है। जानिए क्या हैं इसे जुड़े रिस्क फैक्टर्स ?
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लेफ्ट एट्रियल एंलार्जमेंट के रिस्क फैक्टर्स (Risk factors of Left Atrial Enlargement)
लेफ्ट एट्रियल एंलार्जमेंट के रिस्क फैक्टर्स में हायपरटेंशन या अन्य हार्ट डिजीज के अलावा भी कई अन्य स्थितियां शामिल हो सकती हैं। इनके बारे में जानकारी होना भी बेहद जरूरी है। आइए जानते हैं इन रिस्क फैक्टर्स के बारे में।
- उम्र (Age): लेफ्ट एट्रियल एंलार्जमेंट की समस्या बुजुर्गों में अधिक सामान्य है।
- वजन(Weight): वजन के अधिक होने से हायपरटेंशन की समस्या बढ़ती है, जो लेफ्ट एट्रियल एंलार्जमेंट का एक कारण है।
- फैमिली हिस्ट्री (Family history): कई बार परिवार में यह रोग होने से भी इस समस्या का रिस्क बढ़ सकता है।
- अन्य हेल्थ स्थितियां (Other health conditions): कुछ अन्य हेल्थ कंडिशंस इस समस्या के लिए रिस्क फैक्टर्स हो सकती हैं जिनमें डायबिटीज भी एक है। इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें। अब जानिए इस रोग की जटिलताओं के बारे में।
लेफ्ट एट्रियल एंलार्जमेंट की जटिलताएं (Left Atrial Enlargement Complications)
लेफ्ट एट्रियल एंलार्जमेंट (Left Atrial Enlargement) निम्नलिखित हृदय स्थितियों के लिए खराब परिणामों से जुडी हुई है:
- एट्रियल फिब्रिलेशन (Atrial fibrillation): एट्रियल फिब्रिलेशन सामान्य और अक्सर हार्ट रेट के बढ़ने को कहा जाता है और इसे लेफ्ट एट्रियल एंलार्जमेंट (Left Atrial Enlargement) के कारण और जटिलता दोनों के रूप में जाना जाता है।
- स्ट्रोक (Stroke): ऐसा माना जाता है कि स्ट्रोक की स्थिति में भी इस समस्या का जोखिम बढ़ जाता है।
- कंजेस्टिव हार्ट फेलियर (Congestive heart failure): कंजेस्टिव हार्ट फेलियर से पीड़ित लोगों में भी यह समस्या होने की संभावना अधिक होती है। इस रोग की जटिलताओं के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर की सलाह लें। जानिए किस तरह से होता है इस रोग का निदान।
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लेफ्ट एट्रियल एंलार्जमेंट के निदान (Diagnosis of Left Atrial Enlargement)
लेफ्ट एट्रियल एंलार्जमेंट(Left Atrial Enlargement) के निदान के लिए सबसे पहले डॉक्टर रोगी से उसके लक्षणों के बारे में जानेंगे। इसके साथ ही रोगी की मेडिकल हिस्ट्री और फैमिली हिस्ट्री के बारे में जान जाएगा। यही नहीं, डॉक्टर कई टेस्ट्स की सलाह भी दे सकते हैं। जैसे हार्ट की जांच के लिए इकोकार्डियोग्राम (Echocardiogram) का प्रयोग करना। इस टेस्ट में हार्ट की तस्वीर लेने के लिए अल्ट्रासाउंड का प्रयोग किया जाता है। इस टेस्ट में रोगी की छाती में मेटल इलेक्ट्रोड्स (Metal Electrodes) को अटैच किया जाता है। उसके बाद इसमें स्मॉल साउंड वेव्स (Small Sound Waves) को पास कराया जाता है। यह साउंड वेव्स हार्ट से बाउंस ऑफ करती है और इमेज बनाती हैं। यह पूरी तरह से सुरक्षित तरीका है। इसमें कोई भी दर्द नहीं होता और न ही इसके कोई साइड इफेक्ट्स हैं।
इसके साथ ही डॉक्टर लेफ्ट एट्रियल एंलार्जमेंट (Left Atrial Enlargement) के निदान के लिए अन्य कुछ टेस्ट भी करा सकते हैं, जैसे मैग्नेटिक रेजोनेंस इमेजिंग (Magnetic resonance imaging) और कंप्यूटेड टोमोग्राफी स्कैन्स (Computed tomography scans) आदि। यह टेस्ट लेफ्ट एट्रियम के साइज को मापने के लिए उपयोगी माने जाते हैं। इस समस्या के निदान के बाद डॉक्टर इसके उपचार के बारे में जानते हैं। जानिए किस तरह से संभव है इसका उपचार?
लेफ्ट एट्रियल एंलार्जमेंट का उपचार (Treatment of Left Atrial Enlargement)
नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (National Center for Biotechnology Information) के अनुसार लेफ्ट एट्रियल एंलार्जमेंट (Left Atrial Enlargement) के लिए कोई खास उपचार नहीं है। लेकिन डॉक्टर का फोकस इसके अंडरलायिंग कारणों को पहचानने को उनके उपचार करना होता है। इन अंडरलायिंग कारणों के उपचार के कई तरीके हैं। इन तरीकों में दवाईयां, सर्जरी और जीवनशैली में बदलाव आदि शामिल है। इसके उपचार के लिए इन दवाईयों का प्रयोग किया जाता है। आइए जानते हैं इनके बारे में विस्तार से:
हायपरटेंशन का उपचार
अगर रोगी में लेफ्ट एट्रियल एंलार्जमेंट (Left Atrial Enlargement) का कारण हायपरटेंशन हो तो इस समस्या का उपचार इस तरह से संभव है:
- दवाईयां (Medicines), जिनमें बीटा ब्लॉकर्स (Beta-blockers), डाययुरेटिक्स (Diuretics), ACE इन्हिबिटर्स (ACE inhibitors) और कैल्शियम चैनल ब्लॉकर्स (Calcium channel blockers) शामिल हैं ।
- कम नमक वाले हेल्दी आहार का सेवन
- एल्कोहॉल को सीमित मात्रा में लें
- नियमित रूप से व्यायाम करें
- स्ट्रेस लेवल को कम रखें
- हेल्दी वजन को बनाए रखें
- स्मोकिंग से बचें
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माइट्रल स्टेनोसिस का उपचार (Treatment of Mitral stenosis)
माइट्रल स्टेनोसिस (Mitral stenosis) एक गंभीर समस्या है और यह लेफ्ट एट्रियल एंलार्जमेंट (Left Atrial Enlargement) का कारण बन सकती है। इसका उपचार इस तरह से संभव है:
- हेल्दी डायट हाय ब्लड प्रेशर के उपचार के लिए लाभदायक है।
- फ्लूइड बिल्डअप.से बचें के लिए ब्लड थिनर्स दिए जा सकते हैं।
- असामान्य हार्टबीट के लिए एंटी- अरिथमिक ड्रग्स (Anti-arrhythmic drugs) का प्रयोग किया जाता है।
- माइट्रल वॉल्व को रिप्लेस या रिपेयर करने के लिए सर्जरी कराई जा सकती है।
माइट्रल रिगर्जेटेशन का उपचार (Treatment of Mitral regurgitation)
माइट्रल रिगर्जेटेशन (Mitral regurgitation) का उपचार इस तरह से किया जा सकता है:
- क्लॉट्स (Clots) के जोखिम को कम करने के लिए एंटीकोआगुलेंट्स (Anticoagulants) का सेवन
- माइट्रल वॉल्व को रिपेयर या रिप्लेस करने के लिए सर्जरी (Surgery)
लेफ्ट वेंट्रिकल डिस्फंक्शन का उपचार (Treatment of Dysfunction of left ventricle)
लेफ्ट वेंट्रिकल डिस्फंक्शन के कारण भी लेफ्ट एट्रियल एंलार्जमेंट (Left Atrial Enlargement) का जोखिम बढ़ सकता है। इसका उपचार इस तरह से किया जाता है:
- एंजियोटेंसिन कंवर्टिंग एंजाइम इन्हिबिटर्स (Angiotensin Converting Enzyme Inhibitors) का प्रयोग
- बीटा ब्लॉकर्स (Beta-blockers) का प्रयोग
- इम्प्लांटेबल कार्डियोवर्टर डिफाइब्रिलेटर्स(Implantable cardioverter defibrillator) का प्रयोग
लेफ्ट एट्रियल एंलार्जमेंट (Left Atrial Enlargement) से जुडी अन्य डेवलपिंग कंडिशंस का रिस्क लाइफस्टाइल में बदलाव से भी कम किया जा सकता है। यह तरीके इस प्रकार हैं:
- हाय ब्लड प्रेशर और हाय कोलेस्ट्रॉल को मैनेज करें
- हेल्दी डायट का सेवन करके जिसमें फल और सब्जियां शामिल करें
- एल्कोहॉल की मात्रा को सीमित करें
- स्मोकिंग को पूरी तरह से छोड़ दें
- नियमित रूप से व्यायाम करें
- अगर आपका वजन अधिक है तो वजन कम करने के तरीकों के बारे में जानें
- तनाव से दूर रहें
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यह तो थी लेफ्ट एट्रियल एंलार्जमेंट (Left Atrial Enlargement) के बारे में पूरी जानकारी। लेफ्ट एट्रियल एंलार्जमेंट (Left Atrial Enlargement) से पीड़ित अधिकतर लोगों को इसका कोई भी लक्षण नजर नहीं आता है। इससे पीड़ित व्यक्ति को डॉक्टर दवाईयों या सर्जरी के साथ ही लाइफस्टाइल में बदलाव के लिए भी कहा जाता है। लेफ्ट एट्रियल एंलार्जमेंट के रोगी को अन्य हार्ट डिजीज होने की संभावना अधिक होती है। ऐसे में रोगी के लिए अपना ब्लड प्रेशर और हार्ट रिदम्स को कंट्रोल करना बेहद जरूरी है। अगर आपको हार्ट डिजीज की फैमिली हिस्ट्री है, तो आप अपने डॉक्टर को अवश्य बताएं।
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