हार्ट संबंधी समस्याएं आमतौर पर गंभीर मानी जाती है और कई बार यह जानलेवा भी हो सकती हैं। इन्हीं में से एक है हार्ट अटैक। हार्ट अटैक की स्थिति में तुरंत मेडिकल हेल्प की जरूरत होती है। क्योंकि इस स्थिति में हार्ट मसल्स नष्ट होने लगती हैं क्योंकि उन्हें पर्याप्त खून नहीं मिल पाता है। अगर ब्लड फ्लो तो तुरंत रिस्टोर न किया जाए, तो यह जान के लिए जोखिम भरी कंडिशन हो सकती है। क्या आपने माइल्ड हार्ट अटैक (Mild heart attack ) के बारे में सुना है? अगर नहीं, तो इस आर्टिकल के माध्यम से पाएं माइल्ड हार्ट अटैक (Mild heart attack ) के बारे में पूरी जानकारी और इसे भी नजरअंदाज न करें।
माइल्ड हार्ट अटैक क्या है? (Mild heart attack )
कई लोग जब हार्ट अटैक होने के बाद भी अधिक गंभीर समस्याओं का अनुभव नहीं करते, वो बेहद भाग्यशाली होते हैं। ऐसे हार्ट अटैक को माइल्ड हार्ट अटैक कहा जा सकता है। हालांकि, इस हार्ट अटैक में मरीज को अधिक नुकसान नहीं होता है। लेकिन, फिर भी एक गंभीर स्थिति है क्योंकि हार्ट अटैक चाहें कोई भी हो, गंभीर होता है। इस तरह के हार्ट अटैक में कोरोनरी आर्टरीज में से एक में ब्लड फ्लो पार्शियली ब्लॉक होता है। इसके कारण हार्ट मसल्स तक ऑक्सिजनेटेड ब्लड की सप्लाई लिमिटेड होती है। अगर आपको पार्शियली हार्ट अटैक हुआ है, तो इसका अर्थ है कि आपके हार्ट को अधिक नुकसान नहीं पहुंचा है और वो अभी भी सामान्य रूप से पंप कर रहा है। अब जानिए कि डॉक्टर कैसे जाना पाते हैं कि प्रभावित व्यक्ति को कौन सा हार्ट अटैक आया है?
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डॉक्टर कैसे जानते हैं कि रोगी को कौन सा हार्ट अटैक हुआ है?
हालांकि, केवल लक्षणों से हार्ट अटैक का पता नहीं चल सकता है। लेकिन, इसके लक्षणों को कभी भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। हार्ट अटैक के बाद आपको कितनी जल्दी मेडिकल हेल्प मिलती है, इससे आपके सफर (Suffer) करने की संभावना कम हो जाती है। अगर आपको हार्ट अटैक के लक्षण हैं और आप सही समय पर मेडिकल हेल्प लेते हैं, तो आपका उसी समय उपचार किया जाएगा। इसके निदान के लिए डॉक्टर आपके किसी एंजाइम के लिए ब्लड की जांच करेंगे। ताकि, जान पाएं कि आपकी हार्ट मसल्स को कोई नुकसान हुआ है या नहीं। इसके साथ ही नॉन इनवेसिव इकोकार्डियोग्राम (Non invasive echocardiogram) भी किया जायेगा। ताकि, पता चल पाए कि आपका हार्ट कितना सही से काम कर रहा है।
इस बात का निदान करने के लिए कई घंटे लग सकते हैं कि आपको हार्ट अटैक है या यह लक्षण किसी और समस्या के हैं। इसका अर्थ है कि अगर आप इस बात को लेकर निश्चित नहीं हैं कि आपको क्या समस्या है, तो आपको काफी समय एमरजेंसी रूम में गुजरना पड़ सकता है। अगर आपको लग रहा है कि माइल्ड हार्ट अटैक गंभीर स्थिति नहीं है, तो आप गलत हैं। क्योंकि, यह भी एक गंभीर कंडिशन है। यह आपके लिए एक वेक-अप कॉल हो सकती है। यह आपके लिए इस बात का संकेत हो सकती हैं कि आपको हार्ट अटैक या स्ट्रोक का जोखिम अधिक है और अब समय है गंभीर होने का।
ऐसी स्थिति में डॉक्टर हार्ट अटैक से बचने के लिए आपके लिए सही प्लान बना सकते हैं। हालांकि, आपके लिए भी खुद का ख्याल रखना जरूरी है। अब जानते हैं इस समस्या के लक्षणों के बारे में।
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माइल्ड हार्ट अटैक के लक्षण (Symptoms of Mild heart attack)
जैसा की पहले ही बताया गया है कि माइल्ड हार्ट अटैक से हार्ट मसल्स का छोटा सा पोरशन प्रभावित होता है और इससे अधिक परमानेंट हार्ट डैमेज नहीं होता। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि कोरोनरी आर्टरी का एक पोरशन डैमेज हो चुका होता है, जिससे हार्ट मसल्स तक खून का प्रवाह सही से नहीं हो पता है। लेकिन, इसके लक्षण भी सामान्य हार्ट अटैक की तरह हो सकते हैं, जैसे:
- चेस्ट डिस्कंफर्ट (Chest discomfort): सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (Centers for Disease Control and Prevention) के अनुसार अधिकतर हार्ट अटैक्स में छाती के सेंटर में डिस्कम्फर्ट होता है, जो कई मिनटों तक रह सकता है। ऐसे भी हो सकता है कि यह समस्या कुछ समय के बाद ठीक हो जाए और उसके बाद फिर से शुरू हो।
- अनकम्फर्टेबल प्रेशर (Uncomfortable Pressure): आप इसके कारण अनकम्फर्टेबल प्रेशर, स्क्वीज़िंग,दर्द आदि महसूस कर सकते हैं। यही नहीं, इसमें शरीर के हिस्सों में दर्द और डिस्कंफर्ट होना शामिल है जैसे एक या दोनों बाजुओं में, पीठ, गर्दन, जबड़े या पेट आदि।
- सांस लेने में समस्या (Shortness of breath): यह समस्या चेस्ट डिसकम्फर्ट के साथ या बिना हो सकती है। इसके साथ ही माइल्ड हार्ट अटैक के अन्य लक्षणों में कोल्ड स्वेट, जी मिचलाना या चक्कर आना आदि भी शामिल हैं। अगर आपको इनमें से कोई भी लक्षण नजर आते हैं, तो तुरंत मदद लें। क्योंकि, कुछ हार्ट अटैक अचानक और तीव्र होते हैं। लेकिन अधिकतर धीरे-धीरे माइल्ड पैन और डिस्कंफर्ट से शुरू होते हैं। जानिए क्या हैं इस समस्या के कारण?
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माइल्ड हार्ट अटैक के कारण (Causes of Mild heart attack)
हार्ट अटैक की तरह माइल्ड हार्ट अटैक (Mild heart attack) भी तब होता है, जब हार्ट मसल्स का कोई भाग ऑक्सीजन की कमी के कारण डैमेज हो जाता है। जब कोरोनरी आर्टरीज में ब्लॉकेज होती है, तो ब्लड व ऑक्सीजन हार्ट में नहीं जा पाते। अगर इसका उपचार जल्दी न कराया जाए, तो इसके कारण हार्ट अटैक हो सकता है। अधिकतर हार्ट अटैक्स कोरोनरी हार्ट या आर्टरी डिजीज के कारण होते हैं। एक वैक्स के जैसा सब्सटांस जिसे प्लाक कहा जाता है, आर्टरीज में जमा हो जाता है।
हालांकि, इसे जमा होने में कई साल लगते हैं। लेकिन, जब यह प्लाक ब्रेक-अप होते हैं, तो ब्लड स्ट्रीम के माध्यम से ट्रेवल करते हैं। जिन्हें ब्लड क्लॉट्स कहा जाता है। यह क्लॉट हार्ट तक ब्लड फ्लो के कम होने या रुकने का कारण बन सकते हैं। जिसके कारण हार्ट को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाती। ऐसे में टिश्यूज को पर्याप्त ऑक्सीजेन्ट न मिल पाने पर यह नष्ट होने लगते हैं। हार्ट अटैक और माइल्ड हार्ट अटैक (Mild heart attack) के रिस्क फैक्टर्स इस प्रकार हैं:
- स्मोकिंग (Smoking)
- डायबिटीज (Diabetes)
- अधिक उम्र (Age)
- हाय कोलेस्ट्रॉल (High cholesterol)
- हाय ब्लड प्रेशर (High blood pressure)
- हाई ब्लड शुगर (High blood sugar)
- हार्ट अटैक की फैमिली हिस्ट्री (Family history of heart attack)
- व्यायाम की कमी (Lack of exercise)
- स्ट्रेस (Stress)
- मोटापा (Obesity)
- जेंडर (Gender)
हार्ट अटैक या माइल्ड हार्ट अटैक (Mild heart attack) के लेस कॉमन कारण हैं कोरोनरी आर्टरी की गंभीर स्पाज्म और टाइटनिंग। अब जानिए किस तरह से संभव है इस समस्या का निदान?
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माइल्ड हार्ट अटैक का निदान कैसे होता है? (Diagnosis of Mild heart attack)
हार्ट अटैक चाहे कोई भी हो, उसका निदान एमरजेंसी रूम सेटिंग में किया जाता है। डॉक्टर माइल्ड हार्ट अटैक के निदान के लिए इन चीजों के बारे में मरीज से जानते हैं:
- फैमिली हिस्ट्री और मेडिकल हिस्ट्री (Family history and medical history )
- लक्षण (Symptoms)
इनके साथ ही शारीरिक जांच की जानी भी जरूरी है। इसके बाद डॉक्टर कुछ टेस्ट्स की सलाह दे सकते हैं, जो इस प्रकार हैं:
इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (Electrocardiogram) यानि ECG
इस टेस्ट में हार्ट की इलेक्ट्रिकल एक्टिविटी को रिकॉर्ड किया जाता है। इससे हार्ट रिदम प्रॉब्लम्स का निदान कराने में मदद मिलती है। इससे ब्लड फ्लो के कारण होने वाले डैमेज के बारे में पता चल सकता है।
ब्लड टेस्ट्स (Blood Tests)
जब ब्लड फ्लो कम होता है, तो ब्लड सिस्टम में से स्पेशल प्रोटीन लीक होती है। ब्लड टेस्ट से इन प्रोटीन्स के बारे में पता चल सकता है।
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इकोकार्डियोग्राम (Echocardiogram)
इकोकार्डियोग्राम में साउंड वेव का प्रयोग किया जाता है, ताकि हार्ट की पिक्चर बनाई जा सके। इस पिक्चर से यह जाना जा सकता है कि आपका हार्ट कितनी अच्छी तरह से पंप कर रहा है। इसके साथ ही हार्ट वॉल्व की समस्याओं को भी जाना जा सकता है।
चेस्ट एक्स-रे (Chest X-ray)
इस टेस्ट से हार्ट के साइज और शेप का पता चल सकता है। इस टेस्ट के माध्यम से लंग्स में फ्लूइड के बारे में जाना जा सकता है।
न्यूक्लियर इमेजिंग (Nuclear imaging)
इस टेस्ट में ब्लड में एक टायनी रेडियोएक्टिव सब्सटांस (Tiny Radioactive Substance) इंजेक्ट किया जाता है। यह सब्स्टांस हार्ट की पिक्चर बनाने के लिए हार्ट तक ट्रेवल करता है। इससे पता चलता है कि आपका हार्ट कितनी अच्छी तरह से पंप कर रहा है। यह रेडियोएक्टिव सब्सटांस सुरक्षित होता है।
कोरोनरी एंजियोग्राफी (Coronary angiography)
इस टेस्ट को कई बार कार्डिएक कैथेटेराइजेशन (Cardiac catheterization) कहा जाता है। इसमें ब्लड वेसल में लॉन्ग ट्यूब इन्सर्ट की जाती है। इस टेस्ट से हार्ट में उस ब्लॉकेज को डिटेक्ट किया जा सकता है। अब जानिए कैसे किया जाता है माइल्ड हार्ट अटैक (Mild heart attack) का उपचार?
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माइल्ड हार्ट अटैक का उपचार (Treatment of Mild heart attack)
माइल्ड हार्ट अटैक (Mild heart attack) का उपचार भी इसके लक्षणों पर निर्भर करता है। अगर आपको एक्यूट चेस्ट पैन है, तो डॉक्टर आपको नाइट्रोग्लिसरीन (Nitroglycerin) या एस्पिरिन (Aspirin) दे सकते हैं। नाइट्रोग्लिसरीन (Nitroglycerin) से हार्ट तक ब्लड फ्लो सुधरता है। इससे वो आर्टरीज वाइड होती है जो हार्ट में ब्लड केरी करती हैं, जिससे लक्षणों से टेम्पररी छुटकारा मिलता है। अगर आपको माइल्ड हार्ट अटैक (Mild heart attack) होता है, तो आपके डॉक्टर इन चीजों की सलाह दे सकते हैं:
- इस स्थिति में डॉक्टर आपको दवाई दे सकते हैं, जिन्हें थ्रंबोलेटिक (Thrombolytic) कहा जाता है। इससे उन ब्लड क्लॉट्स को डिसॉल्व होने में मदद मिलती है, जो कोरोनरी आर्टरी को ब्लॉक करते हैं।
- डॉक्टर रोगी की कोरोनरी एंजियोग्राफी (Coronary angiography) करा सकते हैं।
- डॉक्टर एंजियोप्लास्टी (Angioplasty) या स्टेंट (Stent) की सलाह दे सकते हैं। एंजियोप्लास्टी (Angioplasty) में रोगी की बाजू या टांग की आर्टरी में टाइनी बैलून इंसर्ट किया जाता है। बैलून पुश से ब्लॉक्ड कोरोनरी आर्टरीज ओपन हो जाती है। एक छोटे मेटल रॉड को स्टेंट कहा जाता है, जिसे उस आर्टरी में डाला जाता है, जहां ब्लॉकेज है। यह भी आर्टरी को ओपन करने में मददगार है।
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कोरोनरी आर्टरी बायपास सर्जरी (Coronary artery bypass surgery)
अगर मरीज के लिए एंजियोप्लास्टी (Angioplasty) या स्टेंट (Stent) सही न हों, तो उसके लिए मेजर सर्जरी की सलाह दी जा सकती है। इसमें डॉक्टर रोगी की लेग से हेल्दी वेन या अपर बॉडी से आर्टरी को रिमूव करते हैं। इससे ब्लॉकेज के आसपास ब्लड फ्लो होने में मदद मिलती है।
अन्य दवाइयां (Other Medicines)
माइल्ड हार्ट अटैक (Mild heart attack) के उपचार में अन्य दवाईयां भी शामिल हैं, जिन्हें आपको अस्पताल से छुट्टी के बाद लेना होगा। इन दवाईयों से आपको हार्ट में ब्लड फ्लो में मदद मिलेगी, क्लॉटिंग से छुटकारा मिलेगा और इसके साथ ही इससे दूसरे हार्ट अटैक के जोखिम भी कम हो सकता है। यह दवाईयां इस प्रकार हैं:
- एस्पिरिन (Aspirin)
- बीटा ब्लॉकर्स (Beta blockers)
- स्टेटिंस (Statins)
- ACE इन्हिबिटर्स (ACE inhibitors)
- फिश आयल (Fish oil)
डॉक्टर आपके लिए सही दवाई की निर्धारित कर सकते हैं। अगर किसी व्यक्ति को हार्ट अटैक आया हो, चाहे वो माइल्ड हार्ट अटैक (Mild heart attack) ही क्यों न हो, डॉक्टर उसे अपनी जीवनशैली में बदलाव के लिए अवश्य कहेंगे। ऐसे में, डॉक्टर की सलाह के अनुसार रोगी के लिए अपनी जीवनशैली में बदलाव करना आवश्यक है।
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हार्ट अटैक से बचाव कैसे संभव है? (Prevention of Mild heart attack)
हार्ट अटैक से बचने के लिए आपको अपनी जीवनशैली में हेल्दी परिवर्तन करने चाहिए। इससे न केवल आप माइल्ड हार्ट अटैक (Mild heart attack) बल्कि कई अन्य समस्याओं से भी बच सकते हैं। यह हेल्दी बदलाव इस प्रकार हैं :
- अगर आप स्मोकिंग करते हैं, तो उसे करना छोड़ दें। सेकंडहैंड स्मोकिंग (Secondhand smoking) से भी बचें।
- हेल्दी डायट को फॉलो करें। ऐसे आहार का सेवन करें, जिसमें फैट और कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कम हो। अपने लिए सही आहार के बारे में जानने के लिए डॉक्टर या डायटीशियन की सलाह लेना न भूलें।
- स्वस्थ रहने और हार्ट अटैक से बचाव के लिए नियमित रूप से व्यायाम करना भी जरूरी है। रोजाना इसके लिए समय निकालें।
- स्ट्रेस से बचें। इसके लिए योगा या मेडिटेशन करें। इसके साथ ही अगर यह समस्या आपको अधिक है, तो आप डॉक्टर से संपर्क करें।
- अपने ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर को कंट्रोल में रखें।
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अगर किसी व्यक्ति को माइल्ड हार्ट अटैक (Mild heart attack) आया है, तो आपको एक अन्य हार्ट अटैक का जोखिम अधिक रहेगा। इस जोखिम को कम करने के लिए हार्ट हेल्दी लाइफस्टाइल को अपनाना बेहद जरूरी है। इसके साथ ही हार्ट अटैक या माइल्ड हार्ट अटैक (Mild heart attack) के लक्षणों को पहचानें और इसका कोई भी लक्षण नजर आने पर तुरंत उपचार कराना जरूरी है। अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से सलाह अवश्य लें। आप हमारे फेसबुक पेज पर भी अपने सवालों को पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।
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