जुकाम और फ्लू में अंतर कर पाना थोड़ा सा मुश्किल होता है। वैसे तो जुकाम और फ्लू दोनों ही सांस से जुड़ी बीमारियां हैं और दोनों ही वायरस के कारण होती हैं। हालांकि, दोनों के होने के पीछे वायरस अलग-अलग होते हैं। लेकिन इन दोनों के लक्षण लगभग एक जैसे ही होते हैं। जानें कैसे करें जुकाम और फ्लू में अंतर।
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कैसे पहचाने जुकाम और फ्लू में अंतर
एक बात का ध्यान रखें कि जुकाम कोई बीमारी नहीं है, बल्कि जुकाम श्वसन तंत्र में संक्रमण होने का एक लक्षण होता है। इन संक्रमण के कारण निमोनिया (Pneumonia) और अपर रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट इंफेक्शन यूआरआई जैसी दूसरी बीमारियों का भी खतरा बढ़ सकता है।
जुकाम क्या है?
ठंड लगने या लंबे समय तक ठंडे मौसम में रहने के कारण जुकाम होता है। आमतौर पर इसकी समस्या सर्दी या बरसात के मौसम में सबसे अधिक होती है, जिसकी वजह से जुकाम को सर्दी भी कहा जाता है। जुकाम हर किसी में अलग-अलग तरह से होता है। किसी को जुकाम की वजह से खांसी होती है किसी की जुकाम की वजह से नाक बहने लगती है।
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जुकाम के होने का क्या कारण है? (Cause of Cold)
जुकाम कोरोना वायरस, रेस्पिरेटरी सिनसिशल वायरस, इंफ्लुएंजा जैसे कुछ वायरस के कारण होता है। जुकाम के शुरूआती लक्षणों में गले में खराश और हल्की खांसी होना, नाक बहने की समस्या होती है। कई बार हल्का बुखार भी हो सकता है। जुकाम के लक्षण सर्दी लगने पर 3 दिनों के बाद दिखाई देते हैं जो अगले 4 से 5 दिनों में ठीक भी हो जाते हैं। जुकाम और फ्लू के लिए कोई भी दवा लेने से पहले इसके अंतर को समझना जरूरी है।
इसके वायरस हवा में बूंदों के जरिए मुंह, आंख या नाक के माध्यम से शरीर में प्रवेश करते हैं।
जुकाम के शुरूआती संकेतः (Symptoms of Cold)
जुकाम के शुरूआती संकेत में आमतौर पर गले में खराश की समस्या देखी जाती है। इसके बाद सिरदर्द (Headache), फिर ठंड लगना या थकान महसूस किया जा सकता है। इसके कुछ दिनों में ही नाक बहने (Running nose) की भी समस्या शुरू हो जाएगी। जैसे-जैसे जुकाम के लक्षण बढ़ने लगेंगे वैसे-वैसे नाक से बहने वाला पानी गाढ़ा होता जाएगा। इसका रंग सफेद से पीला या हरा हो जाएगा।
जुकाम के लक्षणः
- बहती नाक
- गले में खराश
- खांसी
- शरीर में दर्द
- सिर दर्द
- छींक आना
- हल्का बुखार होना
- अस्वस्थ महसूस करना।
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जुकाम होने पर किस तरह की सावधानी बरतनी चाहिए?
- एक ही तापमान में रहें, जैसे बार-बार गर्म से ठंडे या ठंडे ले गर्म वातारवरण में न जाएं
- ठंडी चीजों का सेवन न करें, जैसे आईसक्रीम या कोल्डड्रिंक्स
- एंटीबायोटिक्स का इस्तेमाल न करें
- खांसी या छींक आने पर हाथ मुंह के ऊपर न रखें।
- खांसी या छींक आने पर मुंह पर साफ कपड़े का इस्तेमाल करें।
फ्लू या मौसमी फ्लू (इंफ्लुएंजा) क्या है?
इन्फ्लुएंजा या फ्लू को मौसमी फ्लू भी कहा जाता है। क्योंकि, इसके वायरस साल के किसी भी समय आपको प्रभावित कर सकते हैं और यही जुकाम और फ्लू में अंतर का सबसे बड़ा कारण भी है। फ्लू पतझड़ के मौसम से शुरू होकर वसंत ऋतु तक चलता है। लेकिन, इसका जोखिम सर्दियों में सबसे ज्यादा बढ़ जाता है। जिसकी वजह से इसे मौसमी बीमारी भी कहा जाता है। देखा जाए तो, सर्दियों में इम्यून सिस्टम बहुत जल्दी कमजोर हो जाता है। जिसके कारण व्यक्ति किसी भी संक्रमण के चपेट में जल्दी आ सकते हैं।
फ्लू (Flu) क्यों होता है?
मौसमी फ्लू इन्फ्लुएंजा ए, बी और सी वायरस के कारण होता है। इसमें इंफ्लुएंजा ए और बी सबसे आम प्रकार हैं। फ्लू के वायरस व्यक्ति में बहुत तेजी से विकसित होते हैं। इसके होने पर तेज बुखार, बहती नाक, सिर और जोड़ों में दर्द होना और बहुत ज्यादा थकान महसूस होने लगता है।
जुकाम और फ्लू में अंतर बुखार के तापमान से भी लगाया जा सकता है। फ्लू के कारण होने वाला बुखार लगभग 100 डिग्री से लेकर 104 डिग्री तक हो सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगंठन के आंकड़ों की माने, तो दुनिया भर में H1N1 सहित तमाम फ्लू के कारण लगभग 30 से 50 लाख लोग फ्लू की चपेट में आते हैं। जिसमें से हर साल 2.90 से 6.50 लाख लोगों की मौत भी हो जाती है।
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फ्लू (Flu) के शुरूआती संकेतः
जुकाम और फ्लू में अंतर कर पाना आसान नहीं हैं, क्योंकि फ्लू के भी लक्षण लगभग जुकाम के जैसे ही होते हैं। हालांकि, फ्लू के शुरुआती लक्षणों में अक्सर अचानक बुखार होना, बदन दर्द होना, कमजोरी महसूस करना या भूख न लगना शामिल है। अगर आपको अचानक से एक साथ खांसी और बुखार हो जाए, तो यह फ्लू होने का सीधा संकेत होता है।
फ्लू के लक्षण (Symptoms of Flu):
- सिरदर्द होना
- बुखार लगना
- बहती नाक
- खांसी आना
- मांसपेशियों में दर्द
- थकान महसूस होना
- मतली लगना
- दस्त आना
फ्लू होने पर किस तरह की सावधानियां बरतनी चाहिए?
- ज्यादा से ज्यादा आराम करें
- लोगों के संपर्क में आने या भीड़भाड़ वाले इलाकों में जाएं
- लिक्विड ड्रिंक का अधिक से अधिक सेवन करें
- शराब (Alcohol) या धूम्रपान (Smoking) न करें
जुकाम और फ्लू में अंतर कैसे समझें?
कैसे फैलता है जुकाम और फ्लू (Cold and flu)?
जुकाम और फ्लू के वायरस आमतौर पर सांसों के जरिए या हाथों के जरिए नाक या आंखों तक एक से दूसरे में फैलते हैं। इससे संक्रमित लोग जब खांसते हैं या छींकते हैं, तो उनके वायरस उनके मुंह से निकलने वाली सांस, बलगम या नाक के जरिए एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंच जाते हैं। इसके कारण संक्रमित व्यक्ति के आस-पास के दूसरे व्यक्तियों में भी इसके वायरस आसानी से फैल सकते हैं।
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कैसे करें जुकाम और फ्लू से बचाव (Cold and flu)?
- जुकाम या फ्लू (Cold and flu) होने पर संक्रमित व्यक्ति को पानी की अधिक मात्रा पीनी चाहिए।
- तरल पदार्थों का अधिक सेवन करें, जैसे ताजे फलों का जूस, नारियल पानी (Coconut water)।
- दर्द निवारक दवाओं का इस्तेमाल कर सकते हैं, हालांकि डॉक्टर की सलाह भी जरूरी है।
जुकाम और फ्लू बहुत ही सामान्य परेशानी है। कई बार इसकी वजह से लोगों को दूसरी परेशानियां जैसे चेस्ट कंजेशन, एलर्जी आदि होती है। जुकाम और फ्लू के इलाज के लिए अपने डॉक्टर से मिलें।
स्वस्थ रहने के लिए योगासन को दिनचर्या में शामिल करें।