बच्चों में मोलोस्कम कन्टेजियोसम (Molluscum Contagiosum) बहुत ही सामान्य स्किन रैश है, लेकिन बहुत से पेरेंट्स को इसके बारे में कोई जानकारी नहीं होती। हालांकि, इस बीमारी के बारे में सबसे अच्छी बात यह भी है कि ज्यादातर बच्चों में मोलोस्कम कन्टेजियोसम (Molluscum Contagiosum in kids) के रैश और दानें खुद ही ठीक हो जाते है।
और पढ़ें : बच्चों के नाखून काटना नहीं है आसान, डिस्ट्रैक्ट करने से बनेगा काम
बच्चों में मोलोस्कम कन्टेजियोसम (Molluscum Contagiosum) क्या है?
बच्चों में मोलोस्कम कन्टेजियोसम एक वायरल इंफेक्शन (Viral infection) है, जिसकी वजह से स्किन पर छोटे रैश होते हैं। बच्चों में मोलोस्कम कन्टेजियोसम का रैश देखने में मस्से जैसा दिखता है, जो गुलाबी, सफेद या स्किन के रंग का हो सकता है। बच्चों में मोलोस्कम कन्टेजियोसम के दाने ज्यादातर मुलायम और मोती जैसे चमकीले होते हैं। बच्चों में मोलोस्कम कन्टेजियोसम की वजह से इंफेक्शन एक से 12 साल के बीच में सबसे ज्यादा सामान्य है। बच्चों में मोलोस्कम कन्टेजियोसम पॉक्स परिवार का एक संक्रामक वायरस है, जो वास्तव में आम है।
लेकिन इसके अलावा मोलोस्कम कन्टेजियोसम औरों को भी प्रभावित करता है। जैसे
- ऐसे एथलीट जो स्किन-टू-स्किन कॉन्टैक्ट में रहते हैं जैसे कि रेसलर या एथलीट। इसके अलावा, जो उपकरण शेयर करते हैं जैसे जिमनास्ट।
- ऐसे लोग जिनका इम्यून सिस्टम (Immune system) एचआईवी (HIV), कैंसर (Cancer) के इलाज या स्टेरॉयड के लंबे उपयोग से कमजोर हो गया हो।
जैसा कि आप इसके नाम से पता चलता है यह स्किन डिसऑर्डर (Skin disorder) संक्रामक है और एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है। इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि कब तक ये दाने और वायरस संक्रमण में बदल सकते हैं।
और पढ़ें : ज्यादा कपड़े पहनाने से भी हो सकती है बच्चों में घमौरियों की समस्या
बच्चों में मोलोस्कम कन्टेजियोसम के कारण (Cause of Molluscum Contagiosum in child)
बच्चों में मोलोस्कम कन्टेजियोसम मोल्यूस्कम कॉन्टैगिओसम वायरस (Molluscum contagiosum virus, MCV)) के कारण होता है, जो पॉक्स वायरस फैमिली का हिस्सा है। यह वायरस गर्म, ह्यूमिड क्लाइमेट में और उन क्षेत्रों में पनपता है, जहां लोग बहुत पास-पास घरों में रहते हैं।
एमसीवी से संक्रमण तब होता है, जब वायरस त्वचा की सतह में एक छोटे से छोटे गैप में जाता है। बहुत से लोग, जो वायरस के संपर्क में आते हैं, उनके अंदर इसके खिलाफ इम्यूनिटी होती है और उनके अंदर इस वायरस का विकास नहीं होता। इस वायरस के लिए इम्यूनिटी न होने वालों में इंफेक्शन (Infection) के बाद आमतौर पर दो से सात सप्ताह तक ग्रोथ दिखाई देती है।
बच्चों में मोलोस्कम कन्टेजियोसम अलग-अलग तरीकों से फैलता है। यह आसानी से फैलता है और सबसे ज्यादातर डायरेक्ट स्किन टू स्किन कॉन्टेक्ट से फैलता है। लेकिन, बच्चों में मोलोस्कम कन्टेजियोसम को यह इंफेक्शन किसी ऐसे वस्तु को छूने से भी हो सकता है, जिसमें पहले से वायरस हो जैसे खिलौने, कपड़े, तौलिया या बिस्तर।
एक बार अगर बच्चों में मोलोस्कम कन्टेजियोसम हो जाए, तो यह शरीर के एक अंग से दूसरे अंग में आसानी से फैल सकता है। बच्चों में मोलोस्कम कन्टेजियोसम एक जगह से दूसरी जगह फैलने का मुख्य कारण है उस दाने को खुजलाना। एक जगह खुजली करके दूसरी जगह खुजलाना इसके फैलने का मुख्य कारण है।
मोलोस्कम कन्टेजियोसम व्यस्क लोगों में सेक्सुल पार्टनर से भी फैल सकता है।
और पढ़ें : बच्चों में एक्जिमा के शुरुआती लक्षण है लाल धब्बे और ड्राइनेस
बच्चों में मोलोस्कम कन्टेजियोसम के लक्षण (Symptoms of Molluscum Contagiosum)
बच्चों में मोलोस्कम कन्टेजियोसम एक स्किन इंफेक्शन है, जिसका सबसे साफ लक्षण है छोटे गुलाबी गोल दाने, सफेद या स्किन कलर के मस्से, जो आपके बच्चे की त्वचा (Babies skin) पर साफ दिखाई देते हैं। बच्चों की त्वचा पर होने वाले मस्से ज्यादातर सफेद होते हैं, जिनमें वायरस होता है और वह देखने में चमकदार और मोती जैसे दिखते हैं।
बच्चों में मोलोस्कम कन्टेजियोसम के रैश पहले छोटे दानों से शुरू होते हैं और आने वाले हफ्तों में यह बढ़ते जाते हैं। शुरुआत में छोटे दिखने वाले यह दानें बाद में मटर के दाने तक बड़े होते हैं। बच्चों में मोलोस्कम कन्टेजियोसम के लगभग हर दानों में एक छोटा डिंपल दिखाई देता है, जो इसकी पहचान का काम करता है।
बच्चों में मोलोस्कम कन्टेजियोसम का मस्सा अकेले या ग्रुप, क्लस्टर और लाइन में दिख सकता है। बच्चों में मोलोस्कम कन्टेजियोसम स्किन में कहीं भी दिखाई दे सकता है। लेकिन ज्यादातर बच्चों में यह छाती, पेट, हाथ, आर्मपिट, पैर, जेनाइटल एरिया और चेहरे पर दिखते हैं। कभी-कभी यह बंप आंख और मुंह के आस-पास भी दिखाई देते हैं। ज्यादातर लोगों को एक से बीस तक मस्से हो सकते हैं। यह ज्यादातर दर्दरहित होत हैं, लेकिन इसमें खुजली, लालिमा, सूजन, दर्द और संक्रमण हो सकता है खासकर अगर इन्हें खुजलाया जाए।
बच्चों में मोलोस्कम कन्टेजियोसम का डायग्नोसिस (Diagnosis of molluscum contagiosum in children)
ज्यादातर डॉक्टर मोलोस्कम कन्टेजियोसम के रैश को देखकर इसको डायग्रनोज कर लेते हैं। हो सकता है बच्चों के डॉक्टर आपको स्किन स्पेशलिस्ट को दिखाने की राय दें। लेकिन स्किन स्पेशलिस्ट भी रैश को चेक करने के बाद ही इसके बारे में बता सकते हैं।
और पढ़ें : बच्चों में स्किन की बीमारियां, जो बन जाती हैं पेरेंट्स का सिरदर्द
बच्चों में मोलोस्कम कन्टेजियोसम का इलाज (Treatment of molluscum contagiosum in children)
बच्चों में मोलोस्कम कन्टेजियोसम के बहुत से केस में यह बिना इलाज के अपने आप ठीक हो जाता है। जबकि अगर अडल्ट में इसका रैश दिखता है, तो वह दो-तीन महीने में खत्म हो जाता है। हालांकि जैसे-जैसे बच्चों में मोलोस्कम कन्टेजियोसम के रैश जाते हैं वैसे ही नए रैश दिखाई देने लगते हैं। इसलिए मोलोस्कम कन्टेजियोसम को पूरी तरह से ठीक होने में 6-18 महीने का समय लग सकता है।
डॉक्टर इसकी ग्रोथ को रोकने के लिए इलाज करते हैं, जिसमें वह इन रैश को हटाते हैंः
- स्कैल्पल और ट्विजर की मदद से बच्चों में मोलोस्कम कन्टेजियोसम के रैश को हटाना
- क्रायोथेरेपी (Cryotherapy) की मदद से दानों की ग्रोथ को रोकना या किसी शार्प इंस्ट्रूमेंट से इन दानों को हटाना।
- बच्चों में मोलोस्कम कन्टेजियोसम के रैश पर केमिकल एजेंट या क्रीम लगाना जैसे कि सेलिसिलिक एसिड
- रेैश से आराम के लिए ओरल मेडिसिन
हालांकि, इन उपचारों से यह परेशानी जल्दी ठीक हो जाती है। लेकिन, बहुत से डॉक्टर इन इलाजों को बच्चों को नहीं देते क्योंकि यह बच्चों को ज्यादा दर्द और जलन दे सकता है। इसके अलावा यह दाने फफोले बन सकते हैं, जिससे स्किन पर दाग और त्वचा का रंग कम हो सकता है। बच्चों में मोलोस्कम कन्टेजियोसम का इलाज जल्दी शुरू होने पर यह ज्यादा असर करता है क्योंकि शुरुआत में स्किन पर कम रैश होते हैं। अगर आपके बच्चे में परेशानी ज्यादा है तो डॉक्टर से मिलकर इसके उपचार के बारे में बात करें। किसी भी घरेलू उपचार की कोशिश करने से पहले अपने डॉक्टर से बात करें।
और पढ़ें : बच्चों में डर्मेटाइटिस के क्या होते है कारण और जानें इसके लक्षण
बच्चों में मोलोस्कम कन्टेजियोसम को कैसे रोकें (How to prevent molluscum contagiosum in children)
क्योंकि मोलस्कम संक्रामक है और शरीर के दूसरे हिस्सों में फैल सकता है। इसलिए इन बातों पर ध्यान देना चाहिए:
- रैश को छूंए, खरोंचे या रगड़ें नहीं।
- साबुन और पानी से हाथ धोएं।
- जिस एरिया में रैश दिखते हैं, उसको साफ रखें।
- जहां पर यह रैश दिखता है उसको कपड़े से ढ़के
- रैश को ढ़कने के लिए इस्तेमाल किए गए कपड़े को साफ रखें
- अगर बच्चे की त्वचा ड्राई है, तो उसको माश्चराइज करें
अपने बच्चों में इसके इंफेक्शन (Infection) को रोकने के लिए
- साबुन से हाथ धुलवाएं
- तौलिया, कपड़े और दूसरे शरीर में इस्तेमाल होने वाला सामान शेयर ना करें
- पानी में खेलने वाले खिलौने भी शेयर ना करें
- स्किन पर होने वाले रैश को ना छूएं
बच्चों की सही देख-रेख और सही समय पर इलाज इस परेशानी को कम कर सकता है। हालांकि, यह समय के साथ अपने आप ठीक हो जाता है लेकिन अगर इसके लक्षण ज्यादा दिखें, तो अपने डॉक्टर से मिलें।
[embed-health-tool-vaccination-tool]