गर्भवती महिलाओं को इस अवस्था में प्रीनेटल विटामिन (Prenatal Vitamin) लेने की सलाह दी जाती है ताकि उन्हें और गर्भ में शिशु को पूरे न्यूट्रिएंट्स प्राप्त हों। इनकी बहुत ज्यादा वैरायटी भी बाजार में मौजूद है। लेकिन, शिशु के जन्म के बाद क्या इनका सेवन करना बंद कर देना चाहिए? इस सवाल का जवाब है बिलकुल भी नहीं। क्योंकि प्रसव के बाद भी उनकी उतनी ही जरूरत होती है, जितनी गर्भावस्था में। शिशु के जन्म के बाद नई मां को पोस्टनेटल विटामिन्स (Postnatal Vitamins) लेने की सलाह दी जाती है। लेकिन, जहां बाजार में प्रीनेटल विटामिन (Prenatal Vitamin) में पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं। वहीं पोस्टनेटल विटामिन्स (Postnatal Vitamins) को केवल कुछ ही कंपनियां बनाती हैं।
यही नहीं, अधिकतर महिलाओं को इनके बारे में अधिक जानकारी तक नहीं होती। तो आज हम आपको पोस्टनेटल विटामिन्स (Postnatal Vitamins) के बारे में जानकारी देने वाले हैं। जानिए यह कौन-कौन से होते हैं और इनके फायदों के बारे में जानना न भूलें।
पोस्टनेटल विटामिन्स क्या हैं? (Postnatal Vitamins)
पोस्टनेटल विटामिन्स (Postnatal Vitamins) यानी वो विटामिन्स जिन्हें प्रसव के बाद महिलाओं को लेना चाहिए। शिशु के जन्म के बाद महिलाएं गंभीर हार्मोनल बदलावों का सामना करती है और उनके शरीर को हील होने की जरूरत भी होती है। सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल और प्रिवेंशन (Centers for Disease Control and Prevention) के अनुसार हर साल कई महिलाएं पोस्टपार्टम डिप्रेशन का सामना करती हैं। इसके साथ ही अधिकतर महिलाओं को विटामिन-डी की कमी होती है, जिसके कारण वो थकावट, शरीर में खुजली या सोचने में समस्या आदि महसूस कर सकती हैं। ऐसे में उनके शरीर को कुछ खास विटामिन्स और न्यूट्रिएंट्स की जरूरत होती है ताकि वो जल्दी ठीक हो सके। अब जानते हैं कि पोस्टनेटल विटामिन्स (Postnatal Vitamins) किस तरह से आवश्यक है।
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क्यों आवश्यक हैं पोस्टनेटल विटामिन्स? (Postnatal Vitamins)
प्रसव के बाद महिला के शरीर में कई पोषक तत्वों की कमी हो सकती है जिसमें फोलेट, कैल्शियम और विटामिन बी 6 शामिल हैं। इसके अलावा, यदि आप स्तनपान करा रही हैं, तो आपको गर्भावस्था की तुलना में कहीं अधिक न्यूट्रिएंट्स की जरूरत होती है। अक्सर, स्तनपान कराने वाली महिलाओं को कैल्शियम, जिंक, मैग्नीशियम और अन्य महत्वपूर्ण पोषक तत्वों की पूरी मात्रा प्राप्त नहीं होती और जो भी पोषक तत्व उन्हें मिलते हैं उनका ब्रेस्ट मिल्क के उत्पादन में भी प्रयोग हो जाता है। ऐसे में पोस्टनेटल विटामिन्स (Postnatal Vitamins) न केवल मां के स्वास्थ्य बल्कि शिशु के लिए भी आवश्यक है। यह पोस्टनेटल विटामिन्स (Postnatal Vitamins) और न्यूट्रिएंट्स बच्चे के शरीर और दिमाग के निर्माण में सहायक होते हैं।
हालांकि, पोषक तत्वों से भरपूर, एक अच्छी डायट आपकी पोषक तत्वों की जरूरतों को पूरा करने में आपकी मदद कर सकती है। लेकिन, विशेषज्ञ यह सलाह देते हैं कि प्रसव के बाद भी विटामिन्स और सप्लीमेंट लेने चाहिए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि आपके पोषक तत्वों की आपूर्ति ठीक से हो रही है।
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कितने दिनों तक पोस्टनेटल विटामिन्स लेने चाहिए?
गर्भावस्था से पहले, गर्भावस्था के दौरान और प्रसव के बाद न्यूट्रिएंट्स युक्त आहार का सेवन करना बेहद जरूरी है। इसके साथ विटामिन का सेवन भी आवश्यक है। ऐसा माना जाता है कि पोस्टनेटल विटामिन का सेवन प्रसव के बाद जारी रखना चाहिए। खासतौर, पर अगर आप दूसरे बच्चे की भी प्लानिंग कर रहे हैं। जैसे गर्भवती होने से पहले एक प्रीनेटल विटामिन (Prenatal Vitamin) लेना महत्वपूर्ण है। वैसे ही प्रसव के बाद पोस्टनेटल विटामिन्स (Postnatal Vitamins) लंबे समय तक लेना महत्वपूर्ण है। लेकिन, इन्हें लेने से पहले अपने डॉक्टर से अवश्य सलाह लें।
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प्रीनेटल और पोस्टनेटल विटामिन्स में क्या अंतर है? (Difference between Prenatal and Postnatal Vitamins)
अगर इन दोनों विटामिन्स की तुलना की जाए तो अधिकतर प्रीनेटल और पोस्टनेटल विटामिन्स (Postnatal Vitamins) से एक जैसे कोर एलिमेंट्स आते हैं। कुछ पोस्टनेटल विटामिन्स (Postnatal Vitamins) में DHA के एडिटिव होते हैं। DHA एक ओमेगा 3 फैट है जिसे नवजात शिशु के विकास के लिए अच्छा माना जाता है। विटामिन को भी ब्रेन डेवलपमेंट और नर्व नेटवर्क डेवलपमेंट के लिए मददगार माना जाता है।
अगर आप शिशु के आगमन की तैयारी कर रही हैं तो आपको प्रीनेटल विटामिन (Prenatal Vitamin) लेने की सलाह दी जाती है। अधिकतर माताएं इन विटामिन्स को शिशु के जन्म के बाद लेना बंद कर देती हैं। लेकिन, अब प्रसव के बाद भी नई बनी माताओं के लिए विटामिन्स का विकल्प मौजूद है। प्रीनेटल विटामिन शिशु के विकास के लिए जरूरी हैं डॉक्टर भी इसकी सलाह कंसीव करने से कम से कम तीन महीने पहले से लेने की सलाह देते हैं। प्रीनेटल में विटामिन और न्यूट्रिएंट्स को शिशु के विकास की जरूरतों को ध्यान में रख कर बनाया जाता है। ऐसे ही पोस्टनेटल विटामिन्स (Postnatal Vitamins)भी शिशु और मां दोनों के लिए आवश्यक हैं। डॉक्टर की सलाह के बाद इन्हें लेना भी अनिवार्य है। अब जान लेते है कुछ पोस्टनेटल विटामिन्स और सप्लीमेंट्स के बारे में।
पोस्टनेटल विटामिन्स कौन से हैं? (Postnatal Vitamins)
प्रसव के बाद महिलाओं के लिए ब्रेस्टफीडिंग कराना जरूरी है। इसलिए इस दौरान आपको प्रेग्नेंसी के समय लिए गए खास न्यूट्रिएंट्स का सेवन और भी अधिक मात्रा में करना चाहिए। नई बनी मां को अपने डायट में विटामिन्स, मिनरल्स और अन्य जरूरी न्यूट्रिएंट्स को लेना चाहिए। यह पोस्टनेटल विटामिन्स (Postnatal Vitamins) और सप्लीमेंट इस प्रकार हैं:
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आयरन (Iron)
नई माताओं में कई बार आयरन की कमी होती है। खासतौर, पर अगर आप प्रेग्नेंसी के दौरान एनिमिक हों। आयरन की कमी के कुछ लक्षण हैं थकावट, सांस लेने में समस्या या एनर्जी लेवल का कम होना आदि। ऐसे में महिलाओं को आयरन सप्लीमेंट लेने की भी सलाह दी जाती है। आयरन सप्लीमेंट को विटामिन सी के साथ लेना चाहिए। स्तनपान कराने वाली महिलाओं को रोजाना इसे लेने के लिए कहा जाता है। इसके साथ ही आयरन युक्त आहार को भी लेना जरूरी है।
फिश आयल (Fish Oil)
पोस्टपार्टम डिप्रेशन कई नई माताओं में सामान्य है। ऐसे में फिश आयल ओमेगा 3 और फैटी एसिड्स का एक अच्छा स्त्रोत है। जो पोस्टपार्टम डिप्रेशन को कम करने में प्रभावी है। फिश आयल को पोस्टपार्टम सप्लीमेंट के रूप में लेने से आप बेबी ब्लूज से बच सकती है। अगर आप स्तनपान करा रही हैं तो यह आपके बच्चे के दिमाग और ऑय टिश्यूज के विकास में भी लाभदायक सिद्ध हो सकता है।
विटामिन-डी (Vitamin-D)
पोस्टनेटल विटामिन्स (Postnatal Vitamins) में मुख्य है विटामिन-डी। शोध के अनुसार अधिकतर महिलाओं में विटामिन-डी की कमी होती है। विटामिन डी धुप में पर्याप्त मात्रा में होती है। लेकिन अगर आप धुप में अधिक समय नहीं बिताती हैं तो यह आपके लिए और भी गंभीर हो सकती है। मेंटल और शारीरिक दोनों स्वास्थ्य को बनाये रखने के लिए विटामिन-डी जरूरी है। एक अध्ययन के अनुसार विटामिन डी की कमी हो पोस्टपार्टम डिप्रेशन (Postpartum Depression) , कार्डियोवैस्क्युलर डिजीज (Cardiovascular Disease) और कुछ खास तरह के सांस से भी जोड़ा जाता है। अगर स्तनपान कराने वाली माताओं में विटामिन-डी की कमी होती है तो इसका प्रभाव शिशु पर भी पड़ सकता है। इसलिए प्रसव के बाद विटामिन- डी का सेवन करना चाहिए।
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विटामिन सी (Vitamin C)
चाहे आपका प्रसव वजायनल हो या सी-सेक्शन एक चीज तो सच्ची है कि आपको ठीक होने में समय लगता है। विटामिन सी शरीर को हील होने और इम्युनिटी को बढ़ाने में जरूरी है। लेकिन, इसको कितनी मात्रा में लेना है इसके बारे में डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है ।क्योंकि इसकी अधिक मात्रा में कुछ साइड इफेक्ट हो सकते हैं जैसे डायरिया या पेट का खराब होना आदि।
प्रोबायोटिक्स (Probiotics)
यह लाभदायक बैक्टीरिया सप्लीमेंट महिलाओं के सम्पूर्ण स्वास्थ्य के लिए जरूरी है। प्रोबायोटिक्स डायजेस्टिव ट्रैक्ट की म्यूकस मेमब्रेन (Mucus membranes of the digestive Tract), यूरिनरी (Urinary) और वजायनल ट्रैक्ट (Vaginal Tract) को सही बनाए रखते हैं। यानी यह सप्लीमेंट महिला के वजायनल टिश्यू को भी हेल्दी बनाए रखने में मददगार है। प्रसव के बाद यह नई मां को जल्दी ठीक होने में मदद कर सकता है।
आयोडीन (Iodine)
आपको अपने थायरॉयड को सही बनाए रखने और आपके बच्चे के मस्तिष्क व नर्वस सिस्टम को विकसित करने में मदद करने के लिए इस मिनरल की आवश्यकता हो सकती है। खाद्य पदार्थ जैसे आयोडीन युक्त नमक, डेयरी उत्पाद, फिश आदि में आयोडीन भरपूर होता है। लेकिन, आप इसके सप्लीमेंट्स भी ले सकती हैं। इस बात का ध्यान रखें कि अधिकतर प्रीनेटल विटामिन्स में आयोडीन नहीं होता है। अगर आपके प्रीनेटल विटामिन (Prenatal Vitamin) में भी आयोडीन नहीं है। तो आपको इससे भरपूर आहार का रोजाना सेवन करना चाहिए। इसके सही स्तर को सुनिश्चित करने के लिए अलग आयोडीन सप्लीमेंट की आवश्यकता हो सकती है।
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एक स्वस्थ शिशु की परवरिश का पहला स्टेप यह है कि मां खुद को स्वस्थ और खुश रखें। नई बनी माताओं को पोस्टनेटल विटामिन्स (जिनमें विटामिन, मिनरल्स और अन्य न्यूट्रिएंट्स आदि शामिल हैं) को अवश्य लेना चाहिए। आप किस तरह के पोस्टनेटल विटामिन्स (Postnatal Vitamins) और सप्लीमेंट्स ले रहे हैं, इसका भी ध्यान रखें। क्योंकि, इससे आपका और आपके शिशु दोनों का स्वास्थ्य प्रभावित होते हैं। इस बात को याद रखना जरूरी है कि इन सप्लीमेंट्स से आपकी पोस्टनेटल रिकवरी जल्दी होती है। हर महिला और उसका शरीर अलग होते हैं और उनकी जरूरतें भी अलग होती है। ऐसे में आपको कौन से पोस्टनेटल विटामिन्स (Postnatal Vitamins) और सप्लीमेंट्स लेने चाहिए, इसके लिए आप अपने डॉक्टर की सलाह ले सकते हैं।
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