मुलेठी (Mulethi)
टेस्टोस्टेरोन (Testosterone) के लेवल को कम करने का राज मुलेठी (Mulethi) में छिपा है। रिसर्च रिपोर्ट्स के अनुसार ऑव्युलेशन प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए भी मुलेठी का सेवन किया किया जा सकता है। इसमें मौजूद पौष्टिक खाद्य पदार्थ PCOS के लिए नैचुरल ट्रीटमेंट (Natural treatment of PCOS) के साथ-साथ सर्दी-जुकाम या खांसी (Cold and Cough) से भी राहत दिलाने में बेहद कारगर माना जाता है।
कैसे करें मुलेठी का सेवन?
एक चम्मच मुलेठी के चूर्ण को गर्म पानी में मिक्स करें और फिर इसका सेवन चाय की तरह करें।
पुदीना (Mint)
सलाद, बिरयानी, हेल्दी ड्रिंक्स में अपने खुशबु के लिए पुदीना अत्यधिक प्रसिद्ध है और पसंद भी किया जाता है, उतना ही यह सेहत के लिए भी लाभकारी होता है। पुदीने में मौजूद पौष्टिक तत्व PCOS के लिए नैचुरल ट्रीटमेंट (Natural treatment of PCOS) की तरह भी कारगर माना जाता है। नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन (NCBI) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार पुदीने (Mint) का सेवन पीसीओएस में करने से विशेष लाभ मिल सकता है।
कैसे करें पुदीने का सेवन?
पुदीने का सेवन आसानी से किया जा सकता है। पुदीने की 6 से 8 पत्तियों को साफ कर एक कप पानी में 10 से 12 मिनट उबाल लें और फिर चाय की तरह इसका सेवन करें।
नोट: PCOS के लिए नैचुरल ट्रीटमेंट (Natural treatment of PCOS) के रूप में ऊपर बताये गए हर्ब्स का इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन इनका सेवन अपनी मर्जी से ना करें। आयुर्वेद एक्सपर्ट से कंसल्ट करने के बाद ही करें, क्योंकि इन हर्बल प्रॉडक्ट्स (Herbal products) का सेवन कितना और कब करना चाहिए, इसकी सलाह शारीरिक बनावट को ध्यान में रखकर बताई जाती है।
पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (Polycystic Ovary Syndrome [PCOS]) की समस्या नैचुरल ट्रीटमेंट (Natural treatment of PCOS) के साथ-साथ डायट का भी विशेष ख्याल रखना पड़ता है। हेल्दी डायट फॉलो करने से बॉडी हॉर्मोन को बैलेंस रखने में मदद मिलती है और मेंस्ट्रुअल साइकिल (Menstrual cycle) भी ठीक रहता है। पीसीओएस की समस्या से बचने के लिए फ्रोजेन और पैक्ड फूड का सेवन ना करें। पीसीओएस की समस्या होने पर या इस तकलीफ से खुद को बचाए रखने के लिए साबुत अनाज का सेवन जरूर करें। पीसीओएस की समस्या अगर आप पीड़ित हैं, तो ऐसे PCOS के लिए नैचुरल ट्रीटमेंट, हेल्दी डायट (Healthy Diet) के साथ-साथ फ्रूट्स के सेवन पर भी विशेष ध्यान देना चाहिए।
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PCOS की समस्या होने पर कौन-कौन से फ्रूट्स (Fruits) का सेवन करें?
नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (NCBI) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) होने पर निम्नलिखित फ्रूट्स का सेवन किया जा सकता है। जैसे:
स्ट्रॉबेरी (Strawberries)- हल्का खट्टा और हल्के मीठे स्वाद से भरपूर स्ट्रॉबेरी सेहत के लिए अच्छा माना जाता है। मिनिरल से भरपूर स्ट्रॉबेरी में प्रोटीन एवं नियासिन जैसे अन्य पौष्टिक तत्व मौजूद होते हैं। PCOS के लिए नैचुरल ट्रीटमेंट (Natural treatment of PCOS) स्ट्रॉबेरी फल के सेवन से भी किया जा सकता है।
ब्लूबेरी (Blueberries)- ब्लूबेरी में मौजूद खनिज तत्व कैंसर (Cancer), डायबिटीज (Diabetes), मोटापा (Obesity) एवं कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) लेवल को बैलेंस रखने में अत्यधिक सहायक है। पीसीओएस की समस्या पर वजन बढ़ने (Weight gain) की समस्या सबसे आम होती है और वेट कंट्रोल कर पीसीओएस (PCOS) की समस्या को कम किया जा सकता है।
रास्पबेरी (Raspberries)- लाल, काले एवं बैंगनी रंग का यह फल सेहत के लिए अत्यधिक लाभकारी माना है। इस फल में विटामिन-सी (Vitamin C) के साथ-साथ अन्य जरूरी पोषक तत्व मौजूद होते हैं, जिस कारण इसे PCOS के लिए नैचुरल ट्रीटमेंट (Natural treatment of PCOS) के रूप में भी सेवन किया जाता है।
पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (Polycystic Ovary Syndrome) की समस्या होने पर या इस परेशानी के लिए इन ऊपर बताये 3 फ्रूट्स को अपने पसंद के अनुसार रेग्यूलर खाने की आदत डालें।
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