मोटापा यानी ओबेसिटी (Obesity) के मामले पिछले कुछ सालों में बहुत अधिक बढ़ चुके हैं, खासतौर पर बच्चों में। इसके कई कारण हैं जैसे फास्ट फूड, शारीरिक गतिविधियों में कमी और तनाव आदि। यह एक जटिल विकार है, जिसमे शरीर में वसा की मात्रा अधिक बढ़ जाती है। मोटापा (Obesity) होने से शरीर में कई रोगों के होने की संभावना भी बढ़ जाती है जैसे डायबिटीज, हाय ब्लड प्रेशर और हार्ट संबंधित रोग आदि। अगर आप इस समस्या से पीड़ित हैं, तो आप अपने वजन को कम कर के सेहत से जुडी समस्याओं में सुधार कर सकते हैं। कुछ दवाईयां और सर्जरी भी ओबेसिटी (Obesity) की समस्या को कम करने के कुछ तरीकों में शामिल हैं। लेकिन, मोटापा (Obesity) या वजन कम करना कोई आसान काम नहीं है। इसके लिए आपको कड़ी मेहनत करने की जरूरत है। पाएं, ओबेसिटी (Obesity) से जुडी हर जानकारी।
मोटापा क्या है?
मोटापा यानी ओबेसिटी एक कंडीशन होती है, जिसमें शरीर का बीएमआई यानी कि बॉडी मास इंडेक्स 35 से ज्यादा हो जाता है। बीएमआई बॉडी फैट को मापने का एक तरीका है, जिसमें आपको पता चलता है कि आपने हेल्दी बॉडी वेट मेंटेन किया है या नहीं। हालांकि बीएमआई को एक परफेक्ट मेजरमेंट नहीं माना जाता, ये आपकी हाइट के अनुसार आपके आइडियल वेट का जनरल आइडिया माना होता है।
मोटापा किन कारणों से होता है (Causes of Obesity)?
मोटापा (Obesity) होने के कई कारण हैं लेकिन आजकल इसका मुख्य कारण है आधुनिक और बिगड़ती जीवनशैली। अगर आप स्वास्थ्य और फिट रहना चाहते हैं, तो सबसे पहले अपने लाइफस्टाइल को बदलें। आपके शरीर और जीवन में खुद बदलाव आ जाएगा। जानिए, क्या हैं मोटापा (Obesity) होने के मुख्य कारण।
कुछ बीमारियां (Some Disease)
इस बारे में एंडोक्राइनोलॉजिस्ट डाॅक्टर डी हिमांशू का कहना है कि मोटापा होने के कई कारण हो सकते हैं, सबसे पहले तो गलत खानपान और खराब लाइपफस्टाइल और दूसरा या तो किसी डिजीज के शिकार होना। इसके अलावा कुछ बीमारियां जैसे कुशिंग सिंड्रोम (Cushing’s syndrome) या प्रेडर-विली सिंड्रोम (Prader-Willi syndrome) आदि मोटापा (Obesity) होने के कारणों में शामिल हैं। इसके साथ ही कुछ दवाईयां जैसे एंटीडिप्रेसेंट (Antidepressant), एंटी-सीजर दवाएं (Anti-seizure Medicines) भी इस समस्या को बढ़ा सकती हैं।
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कम शारीरिक गतिविधियां (Low Physical Activity)
अगर आप अधिकतर काम बैठ कर ही करते हैं। व्यायाम या अन्य शारीरिक गतिविधि में रूचि नहीं दिखाते हैं, तो आपमें मोटापा (Obesity) होने की संभावना बढ़ सकती है। क्योंकि, जब आप कम एक्टिव होते हैं, तो आप जितनी कैलोरी ग्रहण कर रहे हैं, उससे कहीं कम बर्न कर रहे होते हो। इससे मोटापा (Obesity) होने की संभावना बढ़ जाती है।
आहार (Food)
अगर आपका भोजन ही संतुलित या स्वस्थ नहीं होगा तो आपका वजन बढ़ना सामान्य है। आजकल हम घर के खाने से बाहर के आहार को अधिक प्राथमिकता देते हैं। जिससे हमारा शरीर अधिक कैलोरीज ग्रहण करता है और यह मोटापे का कारण बनता है।
सामाजिक कारण (Social Reasons)
ऐसा माना जाता है कि कुछ समाजिक कारण भी ओबेसिटी (Obesity) की समस्या को बढ़ा सकते हैं। जैसे अगर आपके पास इतने पैसे न हों कि आप हेल्दी आहार खा सके या अधिक देर तक बैठ कर काम करना आपकी मजबूरी हो, जिम जाने का समय आपको न मिलता हो आदि। इन स्थितियों में भी आपका वजन बढ़ सकता है और आप मोटापा (Obesity) से पीड़ित हो सकते हैं।
उम्र (Age)
वैसे मोटापा (Obesity) और उम्र का कोई संबंध नहीं है। लेकिन, उम्र के बढ़ने के साथ हार्मोनल परिवर्तन, कोई बीमारी या शारीरिक गतिविधियों के कम होने के कारण भी यह समस्या बढ़ सकती है।
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गर्भावस्था (Pregnancy)
जब कोई महिला गर्भवती होती है, तो उसका वजन बढ़ता है। प्रसव के बाद भी यह वजन कम करने अधिकांश महिलाओं के लिए मुश्किल होता है। इससे भी मोटापा (Obesity) की समस्या होती है।
पर्याप्त नींद न लेना (Sleep)
ऐसा माना जाता है कि नींद भी मोटापा (Obesity) बढ़ने का एक कारण हो सकती है। ऐसा माना जाता है कम या बहुत अधिक नींद लेने से हार्मोन्स में बदलाव आता है और यह हार्मोन भूख बढ़ाते हैं। भूख बढ़ने के साथ ही आप अधिक मात्रा में कैलोरीज लेते हैं और वजन बढ़ता है।
अनुवांशिक (Genetic)
मोटापा (Obesity) का एक कारण अनुवांशिक भी होता है। ऐसा माना जाता है कि अगर किसी के माता-पिता मोटे हैं, तो बच्चे भी मोटे होते हैं। लेकिन, ऐसा जरूरी भी नहीं है। इसके साथ ही पारिवारिक आदतें भी मोटापे को बढ़ावा दे सकती हैं। जैसे अगर आप सबको अधिक वसा वाला आहार पसंद हो।
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मोटापे के लक्षण क्या हैं (Symptoms of Obesity)?
मोटापे के लक्षणों (Symptoms of Obesity) में सबसे पहला है वजन का बढ़ना। लेकिन, इसके कुछ अन्य लक्षण भी हैं, जिन पर आपको नजर रखनी चाहिए। अगर आपको यह लक्षण नजर आएं तो तुरंत अपने डॉक्टर से सलाह लें और अपनी जीवनशैली में परिवर्तन लाने के लिए तैयार हो जाएं। यह लक्षण इस प्रकार हैं:
- सांस फूलना (Breathlessness)
- बहुत ज्यादा पसीना आना (Sweating profusely)
- जल्दी थक जाना (Tiredness)
- खर्राटे आना (Snoring)
- कमर और जोड़ों में दर्द (Back and Joint Pain)
- सही से नींद न आना (Poor sleep)
- ब्लड प्रेशर का बढ़ना (High Blood Pressure)
- डायबिटीज और थायराइड जैसी परेशानियां होना (Diabetes and Thyroid)
मोटापे का निदान कैसे किया जाता है (Diagnosis of Obesity)?
मोटापा (Obesity) आजकल की सबसे आम और गंभीर समस्या है। क्योंकि, मोटापा (Obesity) कई अन्य बीमारियों का कारण बन सकता है। हालांकि, अगर सही समय पर इसका निदान और उपचार हो जाए तो इस समस्या से बचा जा सकता है। जानिए, डॉक्टर मोटापा का निदान कैसे करते हैं।
बॉडी मास इंडेक्स (Body Mass Index)
मोटापे के निदान के लिए सबसे पहला तरीका है बॉडी मास इंडेक्स। ऐसा माना जाता है कि अगर किसी का बॉडी मास इंडेक्स तीस से अधिक है तो वो मोटापा (Obesity) का शिकार है। बॉडी मास इंडेक्स का पता व्यक्ति के वजन और ऊंचाई को विभाजित कर के किया जा सकता है।
- अगर आपका BMI 18.5 से कम है तो आपको अंडरवेट माना जाता है
- अगर BMI 18.5 से ज्यादा लेकिन 24.9 से कम है तो आपका वजन बिलकुल सही है
- अगर BMI 25 से लेकर 29.9 तक है तो आप ओवरवेट है
- अगर आपका BMI 30 से ज्यादा है तो आपको मोटापा (Obesity) है
मेडिकल हिस्ट्री जांच कर (Medical History)
आपकी मेडिकल हिस्ट्री देखा कर भी डॉक्टर यह निदान कर सकते हैं कि आप मोटापा (Obesity) का शिकार हैं या नहीं। इसके साथ ही आपके पेट से भी पता चल सकता है कि आप मोटापे से पीड़ित हैं या नहीं।
ब्लड टेस्ट (Blood Test)
डॉक्टर ब्लड टेस्ट से भी यह पता कर सकते हैं कि आपके ब्लड में वसा की मात्रा कितनी है।
मोटापे का इलाज कैसे किया जाता है (Treatment of Obesity)?
जब डॉक्टर को इस बारे में सुनिश्चित हो जाता है कि आप मोटापा (Obesity) से पीड़ित हैं ,तो वो सबसे पहले आपकी डायट और खान-पान में परिवर्तन करने को कहेंगे। इसके साथ ही आपको कुछ अन्य सलाहें भी दी जा सकती हैं। जानिए, कैसे किया जाता है मोटापा (Obesity) का इलाज।
आहार में बदलाव (Change in Food)
मोटापे को दूर करने का सबसे बेहतरीन उपाय है अपने आहार का ध्यान रखना। मोटापा (Obesity) होने पर आपको अपने खानपान में से आपको चीनी, नमक और अन्य हानिकारक चीजों की जगह हरी सब्जियों और फलों को देनी है। डॉक्टर आपको एक डायट चार्ट दे सकते हैं जिसके अनुसार आपको खाना है।
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व्यायाम (Exercise)
व्यायाम करना भी वजन कम करने और मोटापा (Obesity) दूर करने का आसान तरीका है। आप एक्सरसाइज, योगा आदि को जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा बना लें।
तनाव से दूर रहें (Stay away from Depression)
ऐसा माना जाता है कि तनाव भी ओबेसिटी का एक कारण हो सकता है। अगर ऐसा है तो आप इसके दूर रहने की कोशिश करें। ध्यान लगाएं और खुश रहें। डॉक्टर आपको मनोवैज्ञानिक से मिलने कि सलाह भी दे सकते हैं।
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दवाईयां (Medicines)
मोटापा (Obesity) की समस्या से राहत पाने के लिए आपको इसकी दवाईयां भी दी जा सकती है। लेकिन, यह दवाईयां तभी दी जाती हैं जब आपको आहार में परिवर्तन या व्यायाम करने से अच्छे परिणाम नहीं मिल रहे हों। इसके साथ ही अगर आपका आपका बॉडी मास इंडेक्स (BMI) 30 या उससे अधिक है और मधुमेह, उच्च रक्तचाप या स्लीप एपनिया जैसी समस्याएं हैं। तो डॉक्टर आपको यह दवाईयां देने के बारे में सोच सकते हैं। मोटापे की दवा देने से पहले डॉक्टर आपकी पूरी जांच करेंगे और इस बारे में भी विचार करेंगे कि इससे आपको कोई दुष्प्रभाव तो नहीं होगा।
बेरियाट्रिक सर्जरी (Bariatric Surgery)
जब अधिक मोटे लोगों में मोटापा (Obesity) कम करने का कोई भी तरीका काम नहीं करता है, तो उन्हें बेरियाट्रिक सर्जरी की सलाह दी जाती है। इस सर्जरी में मरीज के पेट और पेट की आंतों में कुछ परिवर्तन किए जाते हैं। जिससे शरीर में मौजूद अतिरिक्त वसा को निकाला जाता है और वजन कम होने में मदद मिलती है। हालांकि, इसकी सलाह डॉक्टर कम देते हैं क्योंकि इसके कई साइड इफेक्ट भी हो सकते हैं। सर्जरी के बाद भी मरीज के लिए अपनी स्वास्थ्य खाने और व्यायाम की आदतों को जारी रखना जरूरी है। विभिन्न प्रकार की बेरियाट्रिक सर्जरी के बारे में जानिए :
गैस्ट्रिक स्लीव सर्जरी (Gastric Sleeve Surgery)
इस सर्जरी में लेप्रोस्कोपी इक्विपमेंट का प्रयोग किया जाता है ताकि पेट को कम किया जा सके। इस सर्जरी को बहुत अधिक मोटापा (Obesity) से पीड़ित लोगों पर ही किया जाता है। हालांकि, इसे बिलकुल सुरक्षित माना जाता है लेकिन फिर भी इसके साथ भी कुछ जोखिम जुड़े हुए हैं।
गैस्ट्रिक बाय पास सर्जरी (Gastric By Pass Surgery)
इस सर्जरी में सर्जन मरीज पेट के ऊपर एक थैली बनाते हैं और छोटी आंत को काटकर इस थैली से जोड़ा जाता है। ऐसा करने से भोजन और पेय पदार्थ इस थैली से आंत के इस हिस्से में जाते हैं और पेट को बाईपास कर दिया जाता है।
एडजस्टेबल गैस्ट्रिक बैंड (Adjustable Gastric Band)
इस सर्जरी में मरीज के पेट के ऊपरी हिस्से में एक एडजस्टेबल बैंड लगाया जाता है। इस बैंड की मदद से पेट की अतिरिक्त वसा को बाहर निकाला जाता है।
ड्यूडेनल स्विच सर्जरी (Duodenal switch surgery)
ड्यूडेनल स्विच सर्जरी में भी ड्यूडेनम को छोटी आंत के साथ जोड़ दिया जाता है। इसमें पेट के ऊपरी हिस्से को बांध दिया जाता है ताकि आहार सीधा छोटी आंत तक पहुंचे और मरीज को पेट भरा हुआ है, ऐसा महसूस हो।
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बच्चों में मोटापे का इलाज (Obesity Treatment in children)
बच्चों में आजकल मोटापे की समस्या बढ़ती जा रही है। क्योंकि, आजकल बच्चे बाहर खेलने या अन्य शारीरिक गतिविधियों की तुलना में घर पर बैठ कर गेम्स खेलने या टीवी देखने में समय बिताते हैं। अगर बच्चे को मोटापा (Obesity) है तो उनका इलाज भी जरूरी है। जानिए कैसे हो सकता है बच्चों में मोटापा (Obesity) का इलाज:
- बच्चों में मोटापा कम करने के लिए डॉक्टर कम कैलोरी वाला आहार खाने की सलाह देंगे। बच्चों को एक दिन में कितनी कैलोरीज लेनी चाहिए, यह बात उसकी उम्र और लम्बाई पर निर्भर करती है। आपके बच्चे के स्वास्थ्य, हाइट और उम्र के अनुसार डॉक्टर आपको आहार को लेकर सही सलाह दे सकते हैं।
- बच्चे को रोजाना शारीरिक गतिविधियां करने के कहें। व्यायाम या किसी खेल को उसके जीवन का अहम हिस्सा बना लें। इसके साथ ही ध्यान रखें कि बच्चा रोजाना एक या दो घंटे से अधिक समय टीवी देखने या मोबाइल गेम्स खेलने में व्यर्थ न करें।
- बच्चों को छोटी उम्र में ही मोटापे के दुष्प्रभावों और एक्टिव रहने व संतुलित आहार के बारे में समझाएं। बचपन में सिखाई यह अच्छी आदतें पूरी उम्र उसके साथ रहेंगी।
- अगर बच्चे को हाय ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure), डायबिटीज (Diabetes) या स्लीप एप्निया (Sleep Apnea) जैसी समस्याएं हैं तो उसका खास ध्यान रखें और उचित उपचार कराएं। कुछ स्थितियों में डॉक्टर ओर्लिस्टेट (Orlistat) की सलाह भी दे सकते हैं।
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मोटापा (Obesity) की वजह से कौन- कौन सी समस्याएं हो सकती हैं
अधिकतर लोग मोटापे को एक आम बीमारी मानते हैं और इसे कम करने के लिए कुछ खास उपाय नहीं करते। लेकिन सच यह है, कि आगे मोटापे को अगर नियंत्रित न किया जाए ,तो यह भयानक हो सकता है। जानिए इसके कारण कौन सी समस्याएं हो सकती हैं:
- हाय ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure)
- टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 Diabetes)
- कुछ तरह के कैंसर (Cancer)
- इनफर्टिलिटी (infertility)
- दिल से जुड़े रोग (Heart Problems)
- स्ट्रोक (Stroke)
- अस्थमा (Asthma)
- गठिया (Arthritis)
- तनाव (Depression)
- फेफड़ों और लिवर से जुड़े रोग (Lungs and Liver Problems)
- स्लीप एप्निया (Sleep Apnea)
- गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज (GastroOesophageal Reflux Disease)
मोटापा कम करने के टिप्स (Tips for obesity)
अगर आप मोटापा (Obesity) से पीड़ित हैं तो सबसे पहले डॉक्टर से जांच करा कर उनसे सही सलाह लें। इसके साथ ही आपको अपने लाइफस्टाइल में कुछ परिवर्तन करने होंगे। जानिए, किन बातों का ख्याल रखकर आप इस समस्या से कुछ हद तक छुटकारा पा सकते हैं।
- अपने दिन की शुरुआत सैर, योग या व्यायाम से करें। देर तक सोने की आदत छोड़ दें। वजन कम करने में योग भी बहुत लाभदायक है। कुछ योगासन जैसे भुजंगासन (Bhujangasana), सूर्य नमस्कार (Surya Namaskar), प्राणायाम (Pranayam) करने से आप इस समस्या से जल्दी छुटकारा पा सकते हैं।
- हमेशा ऐसे भोजन का सेवन करें जो जल्दी पचने वाला हो। अधिक वसा या कैलोरी युक्त आहार आपके लिए नुकसानदायक हो सकता है। एक साथ ज्यादा मात्रा में खाने की जगह दिन में चार या पांच बार थोड़ा-थोड़ा खाएं।
- अपने भोजन में फल, सब्जियों, दालें आदि अवश्य होनी चाहिए।
- कभी भी वजन को कम करने के लिए भोजन को कम मात्रा में खाना या बिलकुल ही छोड़ देना, एक अच्छी आदत नहीं है। याद रखें नाश्ता दिन का मुख्य आहार है।
- इसके साथ ही आप हमेशा एक्टिव और खुश रहने की कोशिश करें। पर्याप्त नींद लें और तनाव से बचे।
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मोटापा (Obesity) को कभी भी हलके में न लें। क्योंकि, यह समस्या जान के लिए खतरा बन सकती है। अगर आप मोटापे से पीड़ित नहीं भी हैं, तब भी अपने वजन को हमेशा संतुलित बनाए रखने की कोशिश करें। याद रहें एक्टिव रहना और हेल्दी आदतों का पालन करने से न केवल आप लंबी उम्र पाएंगे बल्कि आपका जीवन क्वालिटी भरा होगा।
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