डायबिटीज के बारे में आपने अवश्य सुना ही होगा क्योंकि यह एक सामान्य लेकिन गंभीर समस्या है। डायबिटीज के दो मुख्य प्रकार हैं, जिन्हें टाइप 1 और टाइप 2 डायबिटीज के नाम से जाना जाता है। अगर किसी व्यक्ति में वयस्क होने के बाद मधुमेह के लक्षण विकसित होते हैं, तो यह टाइप 2 डायबिटीज की जगह टाइप 1 डायबिटीज का शुरुआती रूप हो सकता है। इस तरह की डायबिटीज होने पर डॉक्टर GDA एंटीबॉडी टेस्ट की सलाह देते हैं। क्योंकि, वयस्क होने के बाद टाइप 1 डायबिटीज का कारण ग्लूटामिक एसिड डिकार्बोक्सिलेस (Glutamic acid decarboxylase) हो सकता है, जिसे GDA भी कहा जाता है। आज हम GAD एंटीबॉडीज और डायबिटीज (GAD Antibodies and Diabetes) के बारे में आपको बेहद महत्वपूर्ण जानकारी देने वाले हैं। जानिए GAD एंटीबॉडीज और डायबिटीज (GAD Antibodies and Diabetes) के बारे में विस्तार से। सबसे पहले GAD एंटीबॉडीज के बारे में जान लेते हैं।
GAD एंटीबॉडीज और डायबिटीज: GAD एंटीबॉडीज क्या है?
टाइप 1 डायबिटीज अधिकतर बच्चों में पाई जाती है। लेकिन, अगर किसी व्यक्ति में टाइप 1 डायबिटीज युवावस्था या अधिक उम्र के होने पर विकसित होती है, उसे लटेंट ऑटोइम्यून डिजीज इन एडल्ट्स यानी LADA कहा जाता है। GAD एंटीबॉडीज, डायबिटीज से जुडी एंटीबॉडीज के एक समूह से संबंधित हैं, जो इम्यून सिस्टम को इंसुलिन प्रोड्यूसिंग पैंक्रियाटिक सेल्स (Pancreatic Cells) को नष्ट करने का निर्देश देते हैं। ऐसे में जब इंसुलिन का उत्पादन बंद हो जाता है, तो यह डायबिटीज विकसित होती है। ऑटोएंटीबॉडीज वो एंटीबॉडीज या इम्यून प्रोटीन्स होती है, जो किसी व्यक्ति के खुद के टिश्यू या ऑर्गन्स को टारगेट या रियेक्ट करती हैं। GAD एंटीबॉडीज की टेस्टिंग से डॉक्टर को यह बात निदान करने में मदद मिलती है कि रोगी LADA से पीड़ित है या नहीं? अगर ऐसा है, तो वो इसके उपचार को निर्धारित करते हैं। अब GAD एंटीबॉडीज और डायबिटीज (GAD Antibodies and Diabetes) के बारे में जानें।
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GAD एंटीबॉडीज और डायबिटीज (GAD Antibodies and Diabetes)
हमारे पैंक्रियास को एंजाइम ग्लूटामिक एसिड डिकार्बोक्सिलेस (Glutamic acid decarboxylase) यानी GAD की जरूरत होती है। ताकि, यह सामान्य रूप से फंक्शन कर सके। एंटीबॉडीज जो इस एंजाइम को टारगेट करते हैं उन्हें GAD एंटीबॉडी कहा जाता है। एंटीबॉडी एक प्रोटीन होती है, जिसका उपयोग इम्यून सिस्टम फॉरेन ऑब्जेक्ट्स पर हमला करने के लिए करते हैं। यह फॉरेन ऑब्जेक्ट्स जैसे वायरस या बैक्टीरिया आदि अक्सर संभावित रूप से हानिकारक होते हैं।
कई बार इम्यून सिस्टम ऑटोएंटीबॉडीज भी बनाता है। यह ऐसे एंटीबॉडीज हैं जो गलती से सामान्य कोशिकाओं पर हमला करते हैं। यह कोशिकाएं हानिकारक नहीं होती हैं। जब ऐसा होता है, तो यह एक ऑटोइम्यून डिसऑर्डर का कारण बनता है। टाइप 1 डायबिटीज से पीड़ित लगभग 75 प्रतिशत लोगों के खून में GAD ऑटोएंटीबॉडीज़ पाए जाते हैं। GAD एंटीबॉडी कई अन्य कार्य भी करते हैं जैसे:
- यह तो आप जान ही गए होंगे की GAD एक एंजाइम है, जो शरीर को गामा-अमीनोब्यूटिरिक एसिड (Gamma-aminobutyric acid) नामक एक विशिष्ट न्यूरोट्रांसमीटर (Specific neurotransmitter) का उत्पादन करने में मदद करता है। न्यूरोट्रांसमीटर वो केमिकल मैसेंजर्स हैं, जो इम्यून सिस्टम के माध्यम से मस्तिष्क से शरीर के बाकी हिस्सों में सूचना और निर्देश ले जाते हैं।
- GAD पैंक्रियास में और नर्वस सिस्टम में मौजूद रहता है और इसके फंक्शन्स में मांसपेशियों को आराम देना और अन्य प्रक्रियाओं के बीच पैंक्रियास के फंक्शन में मदद करना शामिल है।
- GAD इम्यून सिस्टम को भी ट्रिगर करता है। ताकि, वो हेल्दी सेल्स के अगेंस्ट ऑटोएंटीबॉडीज को बना सकें।
- GAD एंटीबॉडीज और डायबिटीज (GAD Antibodies and Diabetes) के बारे में यह जानना बेहद जरूरी है कि ऑटोइम्यूनिटी, टाइप 1 डायबिटीज और LADA का कारण बनती है। अन्य डायबिटीज से संबंधित ऑटोएंटीबॉडीज भी इन स्थितियों के विकास में भूमिका निभाती हैं।
GAD एंटीबॉडीज और डायबिटीज (GAD Antibodies and Diabetes) के बीच में यह संबंध है कि GAD एंटीबॉडी को पहचानना टाइप 1 डायबिटीज या LADA के निदान का एक तरीका है। डॉक्टर उन लोगों में GAD एंटीबॉडी के लिए टेस्ट करते हैं जब लोगों को अधिक उम्र के होने पर टाइप 1 डायबिटीज के जैसे लक्षण नजर आते हैं क्योंकि टाइप 1 डायबिटीज के लक्षण अक्सर कम उम्र में ही नजर आते हैं। अब जानिए कि शरीर में हाय GAD एंटीबॉडी लेवल्स का कारण क्या है?
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हाय GAD एंटीबॉडी लेवल्स का कारण क्या है? (Causes of High GAD Antibody levels)
टाइप 1 डायबिटीज इम्यून सिस्टम मेलफंक्शन के कारण होती है। यह समस्या तब शुरू होती है जब किसी का इम्यून सिस्टम पैंक्रियास में अटैक करता है और बीटा सेल्स को डिस्ट्रॉय करता है। यह सेल्स इंसुलिन बनाते हैं, जो ब्लड ग्लूकोज लेवल को रेगुलेट करने के लिए जरूरी हॉर्मोन हैं। एक बार जब इम्यून सिस्टम पैंक्रियाटिक बीटा सेल्स (Pancreatic beta cells) को नष्ट कर देता है, तो उनकी रिपेयर नहीं हो पाती। इसके बिना इंसुलिन के खून में ग्लूकोज बनता है और सेल्स को पर्याप्त एनर्जी नहीं मिल पाती है। टाइप 2 डायबिटीज में आपका पैंक्रियास पर्याप्त इंसुलिन नहीं बना पाता है या आपका शरीर इसे पर्याप्त रूप से प्रयोग नहीं कर पाता है। टाइप 2 डायबिटीज की शुरुआत इंसुलिन रेजिस्टेंस के रूप में होती है। GAD ऑटोएंटीबॉडीज़ की उपस्थिति इम्यून सिस्टम अटैक का संकेत है, जो टाइप 1 डायबिटीज की तरफ इशारा करती है। हालांकि, GAD ऑटोएंटीबॉडीज़ होने का अर्थ केवल टाइप 1 डायबिटीज ही नहीं है। यह एंटीबॉडी अन्य स्थितियों के साथ भी जुडी हुई हैं, जैसे:
- सेरिबैलर इटैक्सिआ (Cerebellar ataxia): यह ब्रेन डिसऑर्डर अचानक अनकोऑर्डिनेटेड मसल मूवमेंट का कारण बनता है।
- स्टिफ पर्सन सिंड्रोम (Stiff person syndrome): यह एक न्यूरोलॉजिकल कंडीशन है जिसके कारण स्टिफ मसल्स और मसल स्पाज्म की समस्या होती है।
- अन्य ऑटोइम्यून डिजीज (Other autoimmune diseases): इनमें रयूमेटाइड अर्थराइटिस (Rheumatoid arthritis) और थायरॉइड डिजीज (Thyroid disease) शामिल है ।
अब तो आप GAD एंटीबॉडीज और डायबिटीज (GAD Antibodies and Diabetes) के बारे में यह तो समझ ही गए होंगे कि अगर आपको डायबिटीज है और आपमें GAD ऑटोएंटीबॉडीज का निदान हुआ है, तो इसका अर्थ है कि आपको टाइप 1 डायबिटीज होने की संभावना अधिक है। GAD एंटीबॉडीज के निदान के लिए GAD एंटीबॉडीज टेस्ट किया जाता है, आइए जानें इसके बारे में।
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GAD एंटीबॉडी टेस्ट का उद्देश्य क्या है?
GAD एंटीबॉडीज और डायबिटीज (GAD Antibodies and Diabetes) के लिंक के बारे में जानने के लिए यह टेस्ट बेहद जरूरी है। डॉक्टर डायबिटीज के निदान के लिए डायग्नोस्टिक टूल्स का प्रयोग करते हैं, जैसे हाय ग्लूकोज और हाय HbA1c. की जांच आदि। अगर उन्हें लगता है कि आपको डायबिटीज है, तो वो सबसे पहले इसके प्रकार के बारे में जानते हैं। टाइप 1 डायबिटीज और टाइप 2 डायबिटीज दो अलग-अलग कंडीशंस हैं। इस हर एक स्थिति के लिए आपको अलग उपचार और मैनेज करने के तरीकों की जरूरत होती है।
आपकी स्थिति के बारे में अधिक जानने के लिए डॉक्टर ग्लूटामिक एसिड डिकार्बोक्सिलेस टेस्ट (Glutamic acid decarboxylase test) यानी GAD test की सलाह दे सकते हैं। इस टेस्ट को GADA या एंटी-GAD (Anti GAD) टेस्ट भी कहा जाता है। टाइप 1 डायबिटीज से जुडी अन्य एंटीबॉडीज इस प्रकार हैं:
- आइलेट सेल साइटोप्लाज्मिक ऑटोएंटीबॉडीज (islet cell cytoplasmic autoantibodies )
- इंसुलिनोमा -एसोसिएटेड-2 ऑटोएंटीबॉडीज़ (IA-2As)insulinoma-associated-2 autoantibodies
- इंसुलिन ऑटोएंटीबॉडीज़ (insulin autoantibodies), जो वयस्कों की तुलना में बच्चों में अधिक सामान्य है
यह सभी टेस्ट एक सामान्य ब्लड टेस्ट के माध्यम से किये जाते हैं। इसके लिए आपको कोई तैयारी की जरूरत नहीं होती है जैसे फास्टिंग। इसमें केवल रोगी की नस से खून लिया जाता है और उसे जांच के लिए भेजा जाता है। अगर आपमें GAD या अन्य किसी ऑटोएंटीबॉडीज का निदान होता है, तो इसका अर्थ है कि आपको टाइप 1 डायबिटीज है। अगर आपमें GAD या अन्य ऑटोएंटीबॉडीज का निदान नहीं होता है, तो हो सकता है कि आप टाइप 2 डायबिटीज से पीड़ित हों।
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GAD एंटीबॉडीज और डायबिटीज: क्या GAD एंटीबॉडीज के कारण कोई लक्षण नजर आ सकते हैं?
अगर डॉक्टर ने आपको GAD टेस्ट की सलाह दी है, तो इसका अर्थ है कि या तो उन्हें आप में डायबिटीज के लक्षण नजर आए हैं या आपमें डायबिटीज का निदान हुआ है। डायबिटीज के लक्षण इस प्रकार हैं::
- अधिक भूख या प्यास (Excessive thirst and hunger)
- लगातार मूत्र त्याग (Frequent urination)
- नजर का धुंधला होना (Blurry vision)
- थकावट (Fatigue)
- कमजोरी (Weakness)
- वजन का कम होना (Weight loss)
- किसी कट या घाव को ठीक होने में अधिक समय लगना (Cuts or sores that take a long time to heal)
GAD एंटीबॉडीज और डायबिटीज (GAD Antibodies and Diabetes) के निदान के बाद डॉक्टर इस समस्या को मैनेज करने पर काम करेंगे। इसके लिए रोगी में डायबिटीज के उपचार के बारे में विचार किया जाएगा। जानिए कैसे हो सकता है इस समस्या का उपचार?
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क्या डायबिटीज का उपचार संभव है? (Treatment of Diabetes)
डायबिटीज का न तो इलाज है, न ही यह रोग रिवर्सिबल है। लेकिन, इसे मैनेज किया जा सकता है। अगर ब्लड ग्लूकोज लेवल को सही समय पर मैनेज न किया जाए, तो यह गंभीर और जानलेवा हो सकती है। इसके कारण होने वाली गंभीर समस्याएं इस प्रकार हैं
- नजर संबंधी समस्या (Vision problems)
- नर्व डैमेज (Nerve damage)
- कार्डियोवैस्कुलर डिजीज (Cardiovascular disease)
- किडनी डैमेज (Kidney damage)
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टाइप 1 और डायबिटीज को अच्छे से मैनेज किया जा सकता है। इनके उपचार का मुख्य उद्देश्य ब्लड ग्लूकोज लेवल को कंट्रोल में रखना होता है। इससे डायबिटीज के कारण होने वाली जटिलताओं से भी बचा जा सकता है। इस समस्या को मैनेज करने के लिए लाइफस्टाइल में बदलाव बेहद जरूरी है। जीवनशैली में यह बदलाव इस प्रकार से संभव है:
GAD एंटीबॉडीज और डायबिटीज के लिए डायट (Diet)
डायबिटीज को मैनेज करने में डायट बेहद महत्वपूर्ण है। आपका आहार ऐसा होना चाहिए, जिससे ब्लड ग्लूकोज को सही रहने में मदद मिले। डॉक्टर आपको ऐसी डायट की सलाह दे सकते हैं, जिसमें न्यूट्रिशनल वैल्यू अधिक हो और कैलोरीज कम से कम हों। GAD एंटीबॉडीज और डायबिटीज (GAD Antibodies and Diabetes) दोनों की स्थिति में सही डायट जरूरी है
GAD एंटीबॉडीज और डायबिटीज के लिए व्यायाम (Exercise)
रोजाना व्यायाम करने से न केवल आप स्वस्थ रहेंगे बल्कि आपका ब्लड ग्लूकोज लेवल भी सही रहेगा। इसलिए दिन में लगभग तीस मिनट एक्सरसाइज के लिए अवश्य निकालें।
दवाईयां (Medicines)
अगर आपको टाइप 2 डायबिटीज हैं, तो आपको दवाईयों की जरूरत हो सकती है। ऐसी कई दवाईयां हैं, जो ग्लूकोज लेवल को कंट्रोल में रखने में मदद कर सकती हैं। टाइप 1 डायबिटीज से पीड़ित सभी रोगी और टाइप २ डायबिटीज से पीड़ित कुछ रोगियों को इंसुलिन थेरेपी की जरूरत भी हो सकती है। आपको कितनी इंसुलिन की जरूरत है, यह जानने के लिए आपकी ब्लड ग्लूकोज लेवल को मॉनिटर करना आवश्यक है। इंसुलिन थेरेपी में त्वचा में इंसुलिन इंजेक्ट करना शामिल है। कुछ इंसुलिन बहुत कम समय में तेजी से काम करती हैं। रोगी को इंसुलिन पंप की सलाह भी दी जा सकती है। जो एक डिवाइस है। इस पंप से आपको जरूरत पड़ने पर इंसुलिन डिलीवर हो सकती है।
हालांकि, डायबिटीज का उपचार समय के साथ बदल सकता है। अगर आपको डायबिटीज संबंधी जटिलताएं हैं, तो उनका उपचार भी जरूरी है। अपने डॉक्टर से जानें कि GAD एंटीबॉडीज और डायबिटीज (GAD Antibodies and Diabetes) की स्थिति में आपको कौन इस दवाईयों आदि की आवश्यकता है।
क्या आप जानते हैं कि डायबिटीज को रिवर्स कैसे कर सकते हैं? तो खेलिए यह क्विज!
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टाइप 1 डायबिटीज का कोई इलाज नहीं है। लेकिन शोधकर्ता अभी कुछ अन्य तरीकों पर काम कर रहे हैं जैसे पैंक्रियास ट्रांसप्लांट (Pancreas transplant) और स्टेम सेल ट्रांसप्लांट (Stem cell transplant) आदि। अगर आपको टाइप 2 डायबिटीज की समस्या है, तो आप लंबे समय तक ब्लड ग्लूकोज लेवल को सामान्य रख सकते हैं और दवाई की जरूरतों को कम कर सकते हैं। यानी, इसके लिए अपने लाइफस्टाइल में बदलाव और ब्लड ग्लूकोज लेवल को मॉनिटर करना आवश्यक है।
यह तो थी GAD एंटीबॉडीज और डायबिटीज (GAD Antibodies and Diabetes) के बारे में पूरी जानकारी। ग्लूटामिक एसिड डिकार्बोक्सिलेस एंटीबॉडी यानी GAD एंटीबॉडी की उपस्थिति एक इम्यून सिस्टम के अटैक का संकेत देती है, जो टाइप 1 मधुमेह की ओर इशारा करती है। हालांकि GAD एंटीबॉडीज केवल डायबिटीज का कारण नहीं होती बल्कि कई अन्य स्थितियों का कारण भी हो सकती है। ऐसे में जरूरी है सही समय पर इनका निदान और उपचार। अगर आपके दिमाग में इस समस्या को लेकर कोई भी सवाल है तो अपने डॉक्टर से इसके बारे में जानना न भूलें।
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