और पढ़ें : अनियंत्रित डायबिटीज से जुड़ी स्थिति “डायबिटिक कोमा” का इस तरह से संभव है सही उपचार!
LADA डायबिटीज का निदान कैसे होता है? (Diagnosis of LADA Diabetes)
LADA डायबिटीज (LADA Diabetes) युवावस्था में होती है और इसे अधिकतर टाइप 2 डायबिटीज समझ लिया जाता है। लेकिन, अधिकतर लोग जो इससे पीड़ित होते हैं उनकी उम्र चालीस से अधिक होती है और कुछ लोग सत्तर या अस्सी उम्र में भी इस समस्या का अनुभव कर सकते हैं। इस डायबिटीज के निदान में कुछ समय लग सकता है क्योंकि अधिकतर लोग इसे टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 Diabetes) समझ लेते हैं। टाइप 2 ट्रीटमेंट जैसे मेटफोर्मिन (Metformin)भी इस डायबिटीज के लक्षणों को मैनेज करने में मददगार साबित हो सकती है। आमतौर पर इस समस्या से पीड़ित लोगों को टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 Diabetes) के मुकाबले इंसुलिन की अधिक जरूरत होती है और उनमें ब्लड शुगर लेवल को कम करने के लिए दवाईयों का रिस्पांस पुअर होता है। LADA डायबिटीज (LADA Diabetes) से पीड़ित लोग:
क्या आप जानते हैं कि डायबिटीज को रिवर्स कैसे कर सकते हैं? तो खेलिए यह क्विज!
LADA के लिए टेस्ट (Tests For LADA)
किसी भी तरह की डायबिटीज के निदान के लिए यह टेस्ट कराने जरूरी हैं:
- फास्टिंग प्लाज्मा ग्लूकोस टेस्ट (Fasting Plasma Glucose Test) : यह टेस्ट रोगी से खून का सैंपल ले कर किया जाता है, इस टेस्ट से पहले रोगी को आठ घंटे तक भूखा रहना पड़ता है।
- ओरल ग्लूकोज टोलेटरन्स टेस्ट (Oral Glucose Tolerance Test) : इस टेस्ट में भी खून का सैंपल ले कर किया जाता है। इस टेस्ट से पहले रोगी को आठ घंटे फास्ट रखना पड़ता है और टेस्ट से दो घंटे पहले हाय ग्लूकोज वाला पेय पीना पड़ता है।
- इसके साथ ही रैंडम प्लाज्मा ग्लूकोज टेस्ट (Random Plasma Glucose Test) और खास एंटीबॉडी के लिए एक और ब्लड टेस्ट किया जा सकता है। जानिए कैसे संभव है इस समस्या का उपचार।
और पढ़ें : डायबिटीज के मरीजों के लिए इन 5 तरह के आटों का सेवन फायदेमंद है!
LADA का उपचार कैसे किया जाता है? (Treatment of LADA Diabetes)
LADA डायबिटीज (LADA Diabetes) शरीर में पर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन नहीं करने के परिणामस्वरूप होती है। लेकिन, चूंकि इसकी शुरुआत धीरे-धीरे होती है, ओरल मेडिकेशन्स जो टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 Diabetes) का इलाज करती हैं, शुरुआत में इसका इलाज करने के लिए काम कर सकती हैं। हालांकि, इसके लिए कुछ खास इलाज नहीं है। लेकिन, उपचार का लक्ष्य पैंक्रियाटिक सेल फंक्शन (Pancreatic Cell Function) को प्रिज़र्व करना है। ऐसा करने के लिए, रोगी को इंसुलिन इंजेक्शन भी दिए जा सकते हैं।
कुछ एंटीडायबिटिक दवाईयां भी पैंक्रियाटिक सेल डिस्ट्रक्शन (Pancreatic Cell Destruction) को धीमा करने में मदद कर सकती हैं। जिसमे DPP-4 इन्हिबिटर्स (DPP-4 Inhibitors) और ग्लूकागन-लाइक पेप्टाइड-1 रिसेप्टर एगोनिस्ट (Glucagon-Like Peptide-1 Receptor Agonists) शामिल हैं। इंसुलिन ट्रीटमेंट भी इस डायबिटीज के लिए बेहतरीन है। हालांकि, डॉक्टर रोगी के लक्षणों के अनुसार अलग उपचार की सलाह दे सकते हैं।
और पढ़ें: प्रेग्नेंसी के दौरान कितना होना चाहिए नॉर्मल ब्लड शुगर लेवल?
LADA डायबिटीज से जुडी जटिलताएं क्या हैं? (Complications of LADA Diabetes)
डायबिटीज से पीड़ित लोग इस समस्या के कारण अधिक प्यास या भूख और लगातार पेशाब की समस्या महसूस कर सकते हैं। अगर ऐसा है तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। LADA डायबिटीज (LADA Diabetes) से जुडी कुछ जटिलताएं इस प्रकार हैं:
- किडनी डैमेज (Kidney Damage)
- नर्व डैमेज (Nerve damage)
- आंख और विजन के डिसऑर्डर (Disorders of the Eye and Vision)
- कुछ एक्सपर्ट्स के मुताबिक इस समस्या से पीड़ित लोगों को टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 Diabetes) से पीड़ित लोगों के मुकाबले अधिक कार्डिओवैस्कुलर स्थितियां को सामान करना पड़ता है। इन लोगों का ब्लड कोलेस्ट्रॉल भी टाइप 2 डायबिटीज से पीड़ित लोगो से अधिक होता है।
- डायबिटिक कीटोएसिडोसिस (Diabetic Ketoacidosis) LADA से जुडी एक कम्प्लीकेशन है और डायबिटिक कीटोएसिडोसिस केटोएसिडोसिस के कारण डायबिटीज कोमा भी हो सकता है।

LADA डायबिटीज (LADA Diabetes) के साथ रहने वाले लोगों में टाइप 2 मधुमेह (Type 2 Diabetes) के खास लक्षण हो सकते हैं। लेकिन, उनका शरीर एंटीबॉडी का उत्पादन करता है, जो शरीर द्वारा ब्लड शुगर को नियंत्रित करने के तरीके को प्रभावित करते हैं। LADA से प्रभावित लोग इंसुलिन इंजेक्शन या अन्य दवाइयों का प्रयोग कर के ब्लड शुगर को कंट्रोल कर सकते हैं और अग्नाश्य में होने वाले नुकसान को भी कम कर सकते हैं। अभी इस समस्या से बचाव का कोई तरीका नहीं है। लेकिन, टाइप 1 डायबिटीज (Type 1 Diabetes) की तरह ही कुछ जेनेटिक फैक्टर है जो इस कंडीशन को बदतर बनाने के मददगार है।
इसके जल्दी निदान और सिम्पटम्स को मैनेज करके कम्प्लीकेशन से बचा जा सकता है। इसके साथ ही अपने जीवनशैली में बदलाव ला कर भी आप डायबिटीज को मैनेज कर सकते हैं जैसे सही आहार का सेवन, व्यायाम, तनाव से बचना, पर्याप्त नींद आदि। अगर आपको इसका कोई भी लक्षण नजर आता है तो तुरंत मेडिकल हेल्प लेना भी जरूरी है।