सर्दियों का मौसम अपने साथ कई तरह का बदलाव लाता है, जिसका असर स्वास्थ्य पर भी पड़ता है। ठंड में बच्चों, डायबिटीज पेशेंट, हार्ट और बीपी पेशेंट्स के लिए कई शरीरिक समस्याएं बढ़ जाती है। डायबिटीज के रोगियों के लिए ठंड के मौसम में खतरे काफी बढ़ जाते हैं। इसलिए ठंड में डायबिटीज वालों को स्ट्रोक और अटैक का खतरा अधिक होता है। ऐसा इसलिए क्योंकि डायबिटीज वालों का इम्यून सिस्टम काफी कमजोर होता है और रक्त का संचार भी उतना अच्छा नहीं होता है। जिस कारण दिल का खतरा और भी बढ़ जाता है। जानें डायबिटीज विंटर केयर गाइड को बारे में-
सर्दियों में डायबिटीज (Diabetes Winter care Guide) वालों को खतरा
डायबिटीज एक ऐसी स्थिति है, जो शरीर में ग्लूकोज के लेवल को प्रभावित करती है। आपके शरीर को सही से काम करने के लिए रक्त में ग्लूकोज का सही लेवल होना बहुत जरूरी है। ग्लूकाेज से शरीर में ऊर्जा का निमार्ण होता है। आपके शरीर को ठीक से काम करने के लिए ऊर्जा का होना बहुत जरूरी है। शरीर में एनर्जी का निमार्ण आप जो कार्बोहाइड्रेट लेते हैं, उससे होता है।
इंसुलिन एक हार्मोन है, जो शरीर में बनता है। इंसुलिन आपके शरीर को रक्त शर्करा (ग्लूकोज) को ऊर्जा में बदलने में मदद करता है। खाने के बाद, आपका रक्त शर्करा (ग्लूकोज) बढ़ जाता है। ग्लूकोज में यह वृद्धि आपके अग्न्याशय को रक्तप्रवाह में इंसुलिन जारी करने के लिए ट्रिगर करती है। इंसुलिन रक्त के माध्यम से आपके शरीर की कोशिकाओं तक जाता है। यह कोशिकाओं को खुलने और ग्लूकोज को अंदर आने देता है। एक बार अंदर जाने के बाद, कोशिकाएं ग्लूकोज को ऊर्जा में बदल देती हैं या बाद में उपयोग करने के लिए स्टोर कर लेती हैं। इंसुलिन के बिना, आपका शरीर ऊर्जा के लिए ग्लूकोज का उपयोग नहीं कर सकता है। इसके बजाय, ग्लूकोज आपके रक्त में रहता है।
सर्दियों में डायबिटीज वालों के लिए खतरा और भी बढ़ जाता है। सर्दी के मौसम में ठंड के शुगर का लेवल तेजी से बढ़ता है और इसी के साथ अन्य खतरे भी। सर्दियों का असर बाॅडी के ग्लूकोज लेवल पर भी पड़ता है।
और भी पढ़ें: बुजुर्गों में टाइप 2 डायबिटीज के लक्षण और देखभाल के उपाय
डायबिटीज टाइप-2 (Diabetes Type 2) वालों के लिए विंटर केयर गाइड : एक्स्पर्ट गाइड
ठंड के मौसम में लोगों की लाइफस्टाइल बदल जाती है, फिर चाहें वो मॉर्निंग में उठने का समय हो, एक्सरसाइज हो या डायट हो। शायद 20 प्रतिशत लोग ही ऐसे हैं, जो पूरे साल अपनी स्ट्रिक्ट लाइफस्टाइल को फॉलो करते हैं। ऐसी ही लोग पूरे साल हेल्दी रहते हैं और उनकी इम्यूनिटी भी अच्छी रहती है। लेकिन अधिकतर लोगों से ऐसा नहीं हो पाता है। अधिकतर लोगों की ठंड में लाइफस्टाइल बिगड़ ही जाती है। ठंड में डायबिटीज वालों की लाइफस्टाइल खराब होना उनके लिए खतरे की घंटी हो सकती है। ठंड का डायबिटीज वालों के शुगर लेवल पर काफी प्रभाव पड़ता है। जिसके कारण भी कई बार शुगर बढ़ जाता है। डायबिटीज वालों को इस ठंड मौसम में कई बातों का ध्यान रखना आवश्यक है।
[mc4wp_form id=”183492″]
डायबिटीज वालों के लिए एक्सरसाइज: फिटनेस एक्स्पर्ट जीतू सिंह द्वारा
डायबिटीज विंटर केयर गाइड में पैसेफिक स्पोटर्स क्लब , दिल्ली के फिटनेस एक्पर्ट जीतु सिंह का कहना है कि डायबिटीज वालों को फिट रहने के लिए नियमित व्यायाम करना चाहिए। डेली एक्सरसाइज करने से शरीर मजबूत होता है और रक्त संचार भी सही बना रहता है। एक्सराइज करने से उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी अच्छी बनी रहती है। लेकिन डायबिटीज वालों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि ज्यादा ठंड में बाहर न निकलें। आप वॉक के अलावा घर पर कुछ एक्सरसाइज कर सकते हैं, जैसे कि-
डायबिटीज विंटर केयर गाइड: सीढ़ियां चढ़ना
डायबिटीज वालों के लिए सीढ़ियां चढ़ना सबसे अच्छी एक्सरसाइज होती है। वो घर पर भी ये एक्सरसाइज कर सकते हैं। यह एक ऐसी एक्सरसाइज है, जिसे घर पर आसानी से किया जा सकता है। इसे आप दैनिक जीवनशैली में शामिल कर सकते हैं। सीढ़ियां चढ़ने के कई फायदे हैं, ये कैलोरी बर्न करने, मांसपेशियों को टाइट करने और वजन को कंट्रोल करना आदि। यह आपके दिल और फेफड़ों के लिए भी कई प्रकार से फायदेमंद माना जाता है। यह एक्सरसाइज आपके ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में भी फायदेमंद है।
डायबिटीज विंटर केयर गाइड में डांस करना
डायबिटीज रोगियों के लिए डांस आसान और प्रभावकारी है एक्सरसाइज है। इसे घर पर भी रहकर आसानी से किया जा सकता है। इससे पूरे शरीर की एक्सरसाइज होती है। इसी के साथ ही ब्लड शुगर भी कंट्रोल रहता है। इससे कैलोरी को बर्न करने और कोलेस्ट्रॉल को कम करने में भी डांस प्रभावकारी है। यह आपके दिल के लिए भी बहुत अच्छी एक्सरसाइज मानी जाती है। जितनी आपकी बाॅडी फिट रहेगी, उतना ही आपके शरीर के शुगर का लेवल भी ठीक रहेगा। इससे वेट लॉस भी होता है।
डायबिटीज विंटर केयर गाइड में ताई ची
ब्लड शुगर को कम करने के लिए ताई ची बहुत ही अच्छी एक्सरसाइज है। यह बहुत ही पुराना और प्रभावकारी व्यायाम है। इसके और भी कई फायदे हैं, जैसे कि मांसपेशियों मजबूत होती हैं, साथ ही कोलेस्ट्रॉल और ब्डल प्रेशर को कंट्रोल रहने में भी मदद मिलती है।
वॉक
डायबिटीज वालों के लिए वॉक सबसे अच्छी एक्सरसाइज है और इसके कई फायदे भी हैं। चलने से भी ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है। डायबिटीज पेशेंट ठंड में घर के अंदर ही वॉक कर सकते हैं। रोजाना 20 से 25 मिनट की वॉक जरूरी है। अगर हो सकें तो दोनों समय वॉक करें। ये सेहत के लिए बहुत अच्छा है।
आप चाहे तो शारीरिक गतिविधि के लिए इन विकल्पों को अपना सकते हैं।
- जैसे कि आगर आप फोन पर किसी से बात कर रहे हैं, तो टलते हुए भी कर सकते हैं।
- घर की सफाई करना भी एक सबसे अच्छी एक्सरसाइज है।
- लिफ्ट की बजाए सीढ़ियों का इस्तेमाल करें।
- घर में अगर छोटे बच्चे हैं, तो उनके साथ खेलें।
- बेड में लेटने के बाद कुछ समय खाली हो तो पैरों से साइकलिंग की तरह चलाएं।
- इसके अलावा आप कुछ-कुछ समान की शॉपिंग करने खुद जाएं। हर समान ऑनलाइन न मंगाएं।
नोट: डायबिटीज वालों के लिए ज्यादा सुबह ठंड में बाहर जानें से बचना चाहिए। ऐसे में उन्हें स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। वो घर के अंदर ही रहकर एक्सरसाइज और वॉक करने की कोशिश करें।
और पढ़ें: सिंथेटिक दवाओं से छुड़ाना हो पीछा, तो थामें आयुर्वेद का दामन
शुगर को कम करने के लिए घर पर करें ये योग: योग गुरू योगेश यादव द्वारा
डायबिटीज विंटर केयर गाइड रे में लखनऊ केद्रीय योगा सेंटर के योग गुरू योगेश यादव का कहना है कि डायबिटीज पेशेंट अपने बॉडी में शुगर के लेवल को सही बनाए रखने के लिए डायट के साथ कुछ योग भी कर सकते हैं, जैसे कि-
सुप्त बद्ध कोणासन
सुप्त बद्ध कोणासन एक रेस्टोरेटिव आसन है, जो नर्व्स सिस्टम को फिट रखने के साथ बॉडी में शुगर लेवल को नियंत्रित बनाए रखता है। ये आसन स्ट्रेस लेवल को कम करने में भी मदद कर सकता है, जिससे ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर लेवल कम करने में मदद मिलती है। आप इस एक्सरसाइज को रोज कर सकते हैं। इस एक्सरसाइज को 10 मिनट रोज करें।
विपरीत करणी योग
ये योगासन रीस्टोरेटिव योग का हिस्सा है जो, शरीर में रिपेयरिंग करता है। ये याेग स्ट्रेस के लेवल को कम करने में मद्दगार है। इसी के साथ ही ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर का लेवल भी कंट्रोल में रहता है। इससे शरीर का रक्तसचांर भी सही बना रहता है। इसे भी 10 मिनट रोज करें।
सर्वांगासन
डायबिटीज विंटर केयर गाइड में आपको योगा की भी सलाह दी जाती है। शुगर के साथ पूरे शरीर के लिए भी ये योग काफी प्रभावकारी है। ये सिर, गर्दन और कंधे के सहारे उल्टे होकर किए जाने वाले इस योगासन के बहुत फायदे हैं। इससे सर्कुलेशन सुधरता है और थायरॉयड ग्रंथि स्टिम्युलेट हेाती है। ये आसन दिमाग को शांत रखता है और स्ट्रेस को दूर करने में मदद करता है।
पश्चिमोत्तानासन
ये योगासन किसी थेरिपी की तरह काम करता है। इसे पश्चिमोत्तानासन में बैठकर आगे की तरफ झुकना होता है। ये योग डायबिटीज और ब्लड प्रेशर दोनों ही समस्या के लिए प्रभावकारी है। ये वेट लॉस में मदद करता है।
हलासन
लेटने के बाद टांगों को पीछे ले जाकर किया जाने वाला ये आसन थायरॉयड ग्लैंड को स्टिम्युलेट करता है। इसके अलावा ये सर्कुलेशन बढ़ाकर स्ट्रेस को कम करने में मदद करता है। हलासन कमर दर्द, सिरदर्द और अनिद्रा / इंसोम्निया की शिकायत को दूर करने में किसी थेरेपी की तरह ही मदद करता है।
डायबिटीज वालों के लिए सर्दी में डायट
डायबिटीज पेशेंट क्या खाते हैं और क्या नहीं, ये दोनों ही बात उनकी बॉडी में शुगर के लेवल को सही बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। डायबिटीज विंटर केयर गाइड के खानपान के ध्यान की भी सलाह दी जाती है। मौसम के हिसाब से डायबिटीज वालों की डायट भी बदल जाती है। हेल्दी डायट से उनका ब्लड शुगर लेवल भी नियंत्रित रहता है। ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने के लिए डायबिटीज वालों को अपनी डायट का खास ध्यान रखना चाहिए। सर्दी के मौसम में लोग स्टफ्ड परांठे और ऑयली फूड ज्यादा पसंद करते हैं। लेकिन डायबिटीज वालों को ऐसी गलती नहीं करनी चाहिए। उन्हें अपनी डायट में ऐसी चीजों का सेवन करना चाहिए। क्योंकि डायबिटीज के मरीजों के लिए मौसम के हिसाब से खाने में बदलाव जरूरी है। ऐसा इसलिए क्योंकि शुगर के मरीजों का इम्यून सिस्टम सामान्य लोगों की तुलना में कमजोर होता है और मेटाबॉलिज्म को भी ब्लड शुगर लेवल प्रभावित करता है। इसलिए उन्हें ज्यादा सोच समझकर खाना चाहिए। शुगर पेशेंट को अपने डायट में ऐसे फड्स शामिल करने चाहिए, जो उनके ब्लड शुगर लेवल को संतुलित रखने में मदद करता है। तो चलिए बताते हैं कि सर्दियों के मौसम में डायबिटीज वालों की डायट कैसी होनी चाहिए-
डायबिटीज विंटर केयर गाइड: ब्रेकफास्ट में
सर्दियों के मौसम में डायबिटीज के मरीजों को अपने ब्रेकफास्ट का खास ध्यान रखना चाहिए। उन्हें नाश्ते में फाइबर और प्रोटीन युक्त फूड लें। डायबिटीज के रोगियों को प्रोटीन की जरूरत अधिक होती है। ग्लूकोज से शरीर में ऊर्जा का निमार्ण होता है, लेकिन मधुमेह रोगियों के शरीर में ग्लूकोज का पाचन ठीक से नहीं होता है।उनमें इसकी जगह प्रोटीन का पाचन होने लगता है। इसलिए डायबिटीज वालों को अपने डायट में प्रोटीन की अधिक मात्रा लेनी चाहिए। फाइबर और प्रोटीन के लिए वे अपने ब्रेकफास्ट में ओट्स, शकरकंद, उबले अंडे, ब्राउन ब्रेड, दलिया, पोहा, मूंग दाल का चिला, बॉयल्ड चना आदि लेना चाहिए। नाश्ते में 1 गिलास टोंनड मिल्क भी उनके लिए लेना काफी अच्छा रहता है।
डायबिटीज विंटर केयर गाइड: लंच में
इसी तरह डायबिटीज वालों को अपने लंच का भी खास ध्यान रखना चाहिए। उन्हें लंच में भी फाइबर और प्रोटीन की अधिक मात्रा वाले फूड का सेवन करना चाहिए। उन्हें लंच में मूंग, अरहर और चना आदि दाल का सेवन करना चाहिए। इसके साथ सब्जियों में साग, हरी पत्तेदार सब्जिया, मूली का साग, करेला और परवल आदि का सेवन करें। गेंंहू की जगह मल्टीग्रेन आटे की रोटी, बाजरे की रोटी या मक्के की रोटी खा सकते हैं। सलाद में गाजर, प्याज, चुकंदर और मूली आदि का सेवन किया जा सकता है।
डायबिटीज विंटर केयर गाइड: डिनर
डायबिटीज के मरीजों को रात में लाइट फूड का सेवन करना चाहिए। क्योंकि उनमें रात को शुगर के लेवल का बढ़ने का खतरा ज्यादा होता है, खासतौर पर सर्दियों के मौसम में। रात में उन्हें बिल्कुल भी कार्बोहाईड्रेट और प्रोसेस्ड फूड नहीं लेना चाहिए। खासकर डिनर का खास ख्याल रखना चाहिए। रात के डिनर में लाइट फूड में रोटी, हल्के ऑयल वाले फूड लें।
मधुमेह रोगी करें इन चीजों का परहेज
- नमक से परहेज करें।
- ज्यादा मात्रा में गुड़ का सेवन नहीं करना चाहिए।
- कैंडी, आइसक्रीम और मिठाई न खाएं।
- कार्बोहाईड्रेट और प्रोसेस्ड फूड नहीं लेना चाहिए
- जिसी भी प्रकार के ड्रिंक और जूस से बचें।
नोट: आपको कितनी मात्रा में क्या चीजें लेनी है और कितनी कैलोरी लेनी है, यह बात आपके शुगर लेवल और बीएमआई पर भी निर्भर करती है। शुगर लेवल के अचानक बढ़ने से किडनी और हार्ट पर अचानक प्रेशर पड़ता है, जो खतरनाक हो सकता है।
और पढ़ें: शुगर फ्री नहीं! अपनाएं टेंशन फ्री आहार; आयुर्वेद देगा इसका सही जवाब
डायबिटीज के मरीजों के लिए 10 जरूरी सूपरफूड, जिसे रोज लें
अमरूद
अमरूद को सर्दियों का सुपरफूड्स माना जाता है। इसमें फाइबर की अधिक मात्रा भी शामिल होती है। इसलिए आप अमरूद का भी रोज सेवन जरूर करें। इससे शुगर का लेवल भी कंट्रोल में रहता है। क्योंकि इसमें कम मात्रा में ग्लाइसेमिक सूचकांक होता है। इसके सेवन से आपको ज्ल्दी भूंख नहीं लगती है। अमरूद को फ्रिज में रखने की गलती न करें। इसे बाहर ही रखें।
पालक
पालक में भी फाइबर अधिकम मात्रा में पाया जाता है और यह पचाने में भी आसान है। यह एक गैर-स्टार्च वाली सब्जी है और इसमें भी ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम मात्रा में पाया जाता है। यह डायबिटीज वालों के लिए काफी फायदेमंद है। इसमें कार्बोहाइड्रेट भी काफी कम होता है। इसलिए पालक में लो कार्ब होने के कारण शुगर के मरीजों लिए काफी अच्छा माना जाता है। इसलिए पालक को अपनी डायट में शामिल करें। सदिर्यों में आप पालक का जूस भी पी सकती हैं। इसके एक बाउल सूप में 7 कैलोरी होती है। यह शरीर में खून को भी बढ़ाता है। 5 ग्राम पालक में 0.80 के लगभग कैलोरी पायी जाती है।
चुकंदर
टाइप -2 मधुमेह वाले लोगों के लिए चुकंदर फायदेमंद माना जाता है। चुकंदर में फाइबर, पोटेशियम, आयरन और मैंगनीज पाया जाता है, जो ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में फायदेमंद है। चुकंदर में कई जरूरी पोषक तत्व पाए जाते हैं, जोकि डायबिटीज वालों के लिए जरूरी है। इसमें कई तरह के मिनरल और विटामिन होते हैं। डायबिटीज के लिए चुकंदर फायदेमंद माना जाता है। इसे उबाल कर, कच्चा या सलाद के रूप में, कैसे भी खा सकते हैं। इसका ग्लाइकेमिक इंडेक्स 64 होता है, इसलिए शुगर का स्तर बढ़ता नहीं है। इससे शरीर में खून की मात्रा भी सही बनी रहती है। सर्दियों में इसका सेवन जरूर करना चाहिए।
मेथी
शुगर वालों के लिए मेथी एक सुपरफूड है और इसका सेवन डायबिटीज वालों को हर मौसम में करना चाहिए। सूखी मेथी के अलावा सार्दियों में मेथी की पत्ती का सेवन भी अधिक लाभदायक माना जाता है। यह ब्लड शुगर लेवल को मैनेज करने के लिए कारगर माना जाता है। यह कई स्वास्थ्य लाभों से भरपूर है। इसमें हाइड्रॉक्सिसिलुसीन नामक एक एमिनो एसिड होता है, जो एक तरह का मधुमेह रोधक है। इसके सेवन से इंसुलिन स्राव का बढ़ाता है। इसमें मौजूद ग्लैक्टोमेनन डाइजेशन के रेट को कंट्रोल करता है। जिससे शरीर में कार्ब्स जल्दी ब्रेकडाउन नहीं होते हैं और शरीर में ब्लड शुगर का लेवल भी नियंत्रण में रहता है। हरी मेथी की सब्जी का प्रयोग आपके दिल को सेहतमंद रखने में मदद करता है। मेथी सब्जी खाने से पेट साफ रहता है और अपच की समस्या नहीं होती है।
गाजर
डायबिटीज के रोगियों के लिए गाजर बेहद फायदेमंद है। इसमें फाइबर भरपूर मात्रा में पायाी जाती है और ये आपके खून में बहुत धीरे-धीरे शुगर रिलीज करता है। कई पोषक तत्वों से भरपूर, गाजर में विटामिन ए और मिनरल्स की अच्छी मात्रा पायी जाती है, जोकि डायबिटीज वालो की सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होती हैं। मधुमेह के मरीजों के लिए कच्चा गाजर खाना चाहिए। इसमें कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स के साथ कार्ब भी कम मात्रा में हाेता है, जो रक्त में शर्करा के क्रमिक रिलीज को सुनिश्चित करने में मदद करती है। गाजर को आप सलाद के रूप में खाएं। जर्नल ह्यूमन जेनेटिक्स में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि कॉमन जेनेटिक भिन्नता वाले लोगों में बीटा कैरोटीन के हाई ब्लड शूगर लेवल, जो शरीर में विटामिन ए के रूप में परिवर्तित होता है, टाइप -2 मधुमेह के जोखिम को कम कर सकता है।
नारंगी
संतरे सहित सभी खट्टे फलों को अक्सर विशेषज्ञों में सुपरफूड माना जाता है। अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन नींबू सहित सभी खट्टे फलों को ‘डायबिटीज सुपरफूड्स’ मानता है। कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स के साथ, सलाद या ताजा घर के बने रस जैसे व्यंजनों में संतरे शामिल कर सकते हैं। ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने के लिए नारंगी को भी डाइट में शामिल किया जा सकता है।
लौंग
लौंग में नाइजेरिसिन तत्व होता है, जो डायबिटीज के रोगियों में नियमित रक्त शर्करा के स्तर की सहायता कर सकते हैं। यह खून से अवशोषित करने के लिए कोशिकाओं की क्षमता और इंसुलिन का उत्पादन करने की क्षमता भी बढ़ाता है। विभिन्न अध्ययनों के अनुसार, लौंग ब्लड शुगर स्पाइक्स की जांच में मदद करता है और इंसुलिन उत्पादन को बढ़ावा देता है। लौंग का अर्क इंसुलिन के स्राव को बढ़ाने में मदद कर सकता है और इंसुलिन के लिए शरीर की प्रतिक्रिया में सुधार करता है। आप सुबह के चाय के कप में लौंग को शामिल कर सकते हैं। इससे ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में काफी मदद मिल सकती है।
और पढ़ें: डायबिटीज रिवर्सल हुआ अब आसान, ट्राय तो करें!
डायट में इन बातों का रखें ध्यान
सर्दियों के मौसम में त्वचा में रूखेपन के कारण खुजली होती है। ऐसी स्थिति में अधिक खुजलाने पर त्वचा की पहली परत छिल जाती है जिसके कारण पानी निकलने लगता है और घाव हो जाते हैं। मधुमेह रोगियों के लिए यहां मुश्किल हो जाती है, क्योंकि घाव भरने में समय लगता है। ऐसे मरीज की त्वचा छिलना या घाव बनना खतरनाक भी हो सकता है। इसलिए मधुमेह रोगी को शुगर का स्तर नियंत्रित रखना चाहिए।
दूसरे मौसम में भी मधुमेह के रोगियों को ऑयली आहार के सेवन से बचने की सलाह दी जाती है। लेकिन सर्दियों के मौसम में इनको इससे विशेष सावधानी बरतनी चाहिए, क्योंकि इस समय इम्यून सिस्टम बहुत कमजोर हो जाता है। इसलिए डायबिटिक्स को तेल, घी, चिकनाई एवं वसा वाली वस्तुएं अत्यन्त कम मात्रा में खानी चाहिए। इसके अलावा डिब्बाबंद, बोतलबंद एवं प्रोसेस्ड व रिफाइंड वस्तुओं से बचें। डायबिटीज विंटर केयर गाइड में आप इन सभी बातों का ध्यान रखें ।
अन्य चीजें
डायबिटीज के रोगियों को एक बार में अधिक खाने से बचना चाहिए, बल्कि कम मात्रा में कई बार में खाना इनके लिए फायदेमंद माना जाता है। डायबिटीज के रोगी ब्रेड, चावल, दाल आदि चिकित्सक की सलाह के बाद ही खायें। संतरा, सेब, पपीता, अमरूद आदि 200 से 250 ग्राम प्रतिदिन खा सकते हैं। दूध-दही आदि सामान्य मात्रा में ही लें। सूप एवं नारियल पानी भी ज्यादा मात्रा में न लें। सलाद अंकुरित अनाज, खारी, मूली, टमाटर, पत्तेदार सब्जियां शिमला मिर्च, लौकी आदि का सेवन कर सकते हैं।
और पढ़ें: मधुमेह के रोगियों को कौन-से मेडिकल टेस्ट करवाने चाहिए?
डायबिटीज फुट केयर टिप्स
जैसा कि पहले उल्लेख किया गया है, डायबिटीज नर्व क्षति या रक्त के अनुचित संचलन को जन्म दे सकती है, इसलिए डायबिटीज फुट केयर बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। स्वस्थ रहने के लिए, स्वस्थ जीवन शैली को विकसित करके मधुमेह का प्रबंधन महत्वपूर्ण है। डायबेटिक को दूर रखने और एक स्वस्थ जीवन शैली बनाए रखने के लिए, इनका पालन किया जाना चाहिए-
- एक नियमित मेडिकल चेकअप जिसमें कोलेस्ट्रॉल, ब्लड शुगर के साथ-साथ पैरों की पूरी जांच शामिल है
- नियमित रूप से ब्लड शुगर की जांच और मूल्यांकन करते रहें
- नियमित रूप से व्यायाम करना
- संतुलित आहार और सब्जियों और फलों का प्रतिदिन सेवन
हालाँकि, कुछ डायबिटीज़ फ़ुट केयर टिप्स हैं जिनका नियमित रूप से पालन किया जा सकता है-
- डायबिटीज विंटर केयर गाइड: पैरों का निरीक्षण करना: अगर कोई दर्द नहीं है, तो भी फफोले, लालिमा या खराश के किसी भी लक्षण का पता लगाने के लिए पैरों के हर हिस्से की जांच सुनिश्चित करें। यदि आप इस तरह के किसी भी लक्षण को देखते हैं तो जल्द से जल्द अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
- डायबिटीज विंटर केयर गाइड: पैरों को धोना: हल्के साबुन और गर्म पानी से पैरों को नियमित रूप से धोना एक आदत है, यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण डायबिटीज फुट केयर टिप है। अगर आपको नसों को नुकसान पहुंचा है और सनसनी की कमी है, तो उंगलियों से पानी का तापमान जांचें। अगर आपको डायबिटीज पैर दर्द है, तो भी इस कदम को करने से आपका दर्द कम हो सकता है। साथ ही, बाज़ार में ऐसे कई डायबिटीज़ फ़ुट केयर उत्पाद उपलब्ध हैं जिनका उपयोग साबुन के बजाय पैरों को भिगोने के लिए किया जा सकता है।
- डायबिटीज विंटर केयर गाइड: पैरों को सुखाना: किसी भी तरह के संक्रमण की घटना से बचने के लिए धोने के बाद पैरों को हमेशा सूखा रखना जरूरी है। एक साफ तौलिया के साथ पैरों को सुखाने की सलाह दी जाती है।
- डायबिटीज विंटर केयर गाइड: त्वचा को मॉइस्चराइज़ करना: पैरों को सूखने के बाद डायबिटीज़ फ़ुट केयर उत्पादों या किसी भी तरह के माइल्ड मॉइस्चराइज़र का उपयोग करने से त्वचा को शुष्क होने से बचाने की सलाह दी जाती है।
टो नेल के लिए, केवल नाखून नरम होने पर उन्हें काटना सुनिश्चित करें। इसके अलावा, काटते समय कोनों को काटें नहीं क्योंकि इससे संक्रमण हो सकता है। खराब दृष्टि वाले रोगियों के लिए, किसी भी गंभीर चोट से बचने के लिए स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से संपर्क किया जा सकता है।
डॉक्टर की सलाह
डायबिटीज विंटर केयर गाइड इस बारे में किंग जॉर्ज हॉस्पिटल के डॉक्टर डी हिमांशू का कहाना है कि सबसे पहले तो आपको ये पता होना चाहिए कि डायबिटीज मरीजों को पैरों की देखभाल क्यों करनी चाहिए? डॉ. के मुताबिक, डायबिटीज के कारण जब नर्व डैमेज होती हैं तो पैरों पर उसका बहुत नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। डायबिटीज के कारण डायबिटीक न्यूरोपैथी (मधुमेह स्नायुरोग) विकार हो जाता है जिसमें पैर सुन्न हो जाते हैं। ऐसे में पैरों पर कोई दरार पड़ती है या कट लगता है तो मरीज को उसके बारे में समय रहते नहीं पता चलता है। कई बार चलते हुए पैर में मोच आ जाती है या बैलेंस बिगड़ जाता है तब भी डायबिटीज मरीजों को किसी चोट का अहसास तक नहीं होता। यदि मोच आ भी गई तो कितना दर्द है या कितनी तेज पैर में लगी है इसका भी उन्हें अहसास नहीं हो पाता। मरीज को यदि कोई इंफेक्शन हो गया या फिर कोई इंजरी हुई है तो उसको आसानी से पता नहीं चल पाता।
डायबिटीज होने से शरीर में ब्लड सर्कुलेशन सही से नहीं हो पाता नतीजन, इलाज के दौरान मरीज को यदि कोई ड्रग या दवाएं दी जाएं तो उनका असर भी कम हो जाता है. ऐसे में जरूरी है कि पैरों की देखभाल समय रहते कर लें। उन्होंने कहा कि इस बदलाव की वजह से शरीर में ग्लूकोज और फेरिफेरल टिशू (सतही उत्तकों) में इनसुलिन की मात्रा बढ़ जाती है। सर्दियों में लोग तनाव ज्यादा लेते हैं और अवसाद के शिकार हो जाते हैं। इस तनाव की प्रतिक्रिया में ब्लड शुगर का स्तर बढ़ जाता है। सर्दियों का मौसम चल रहा है तो ज़ाहिर सी बात है कि हर कोई सर्दी या फ्लू जैसी किसी समस्या से ग्रस्त हो जाता है। ऐसे में अगर कोई डायबिटीज़ से जूझ रहा है तो उसके लिए सर्दी और फ्लू जैसे संक्रमण थोड़ा और गंभीर हो सकता है।
और पढ़ें: Diabetic Eye Disease: मधुमेह संबंधी नेत्र रोग क्या है? जानें कारण, लक्षण और उपाय
डायबिटीज वालों को फ्लू होने पर क्या करें
- डायबिटीज़ वाले व्यक्तियों में संक्रमण होने के मौके ज़्यादा होते हैं। इसलिए इससे जूझ रहे व्यक्तियों को यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि वे सर्दी और फ्लू की बीमारी से बचे रहें। आपको सर्दियों में फ्लू से बचाव के लिए नीचे कुछ टिप्स दिए जा रहे हैं जिन्हें अपनाकर आप हेल्दी रह सकते हैं।
- आमतौर पर देखा गया है कि लोग सर्दियों में पानी पीना कम कर देते हैं। ऐसे में प्यासे रहने की बजाय बहुत सारे तरल पदार्थों का सेवन करना चाहिए, क्योंकि अगर कोई ठीक से अपना खाना नहीं खा रहा है और प्यासा भी रहता है तो उसके ब्लड ग्लूकोज़ लेवल पर बूरा प्रभाव पड़ सकता है। प्यासा रहना कई समस्याओं का कारण बन सकता है।
- आपको यह सुनिश्चित करना है कि आप ज़्यादा आराम करें, क्योंकि यह आपके शरीर को विभिन्न बीमारियों से लड़ने में मदद करता है। जब आप लगातार व्यस्त रहते हैं और फ्लू से पीड़ित होते हैं तो इससे आपका शरीर कमजोर हो जाता है। लिहाजा शरीर को एक पूर्ण आराम देना बहुत महत्वपूर्ण है।
- इस परिस्थिति में लोगों को जस्ता और विटामिन सी के सेवन की सलाह दी जाती है, क्योंकि विटामिन सी फ्लू में लाभदायक होता है। आम तौर पर नारंगी, नींबू और विभिन्न फल व सब्जियां विटामीन सी के अच्छे स्त्रोत होते हैं। इसमें नारंगी का जूस लेना भी काफी लाभदायक होता है।
- हालांकि अगर आप उच्च तापमान से पीड़ित हैं, तो आपको हमेशा सलाह दी जाती है कि पहले अपने एक्सपर्ट से मिलें। सभी डायबिटीज़ की दवाएं पेरासिटामोल के अनुकूल हैं। फिर भी एक बार डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है, क्योंकि उच्च तापमान आपके शरीर में अन्य संक्रमण का संकेत भी हो सकता है।