डायबिटीज (Diabetes) और हाय ब्लड प्रेशर (High blood pressure) वो दो बीमारियां हैं, जिसके कारण न केवल रोगी का जीवन प्रभावित होता है बल्कि यह कई अन्य कॉम्प्लीकेशन्स का कारण भी बन सकती हैं। समय के साथ यह रोग गंभीर हो जाते हैं। हाय ब्लड प्रेशर की समस्या के लक्षणों को पहचानना और सही समय पर इसका उपचार जरूरी है। BP कंट्रोल (BP control)करने में हेल्दी लाइफस्टाइल जैसे सही आहार भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसके लिए कई चीजें लाभदायक हो सकती हैं, उन्हीं में से एक है पोटैशियम। आज हम बात करने वाले हैं पोटैशियम से BP कंट्रोल (BP control from Potassium) के बारे में। पोटैशियम से BP कंट्रोल (BP control from Potassium) के बारे में जानने से पहले ब्लड प्रेशर और पोटैशियम के बारे में जानकारी होना आवश्यक है।
ब्लड प्रेशर यानी BP: पाएं पूरी जानकारी (Blood pressure)
ब्लड प्रेशर, ब्लड के उस प्रेशर को कहा जाता है, जो आर्टरीज के वॉल्स के अगेंस्ट लगाया जाता है। आर्टरीज हार्ट से शरीर के अन्य हिस्सों तक ब्लड को लेकर जाती हैं। हमारे शरीर दिन में कई बार ब्लड प्रेशर में उतार-चढ़ाव होता रहता है। लेकिन, इससे हार्ट को नुकसान हो सकता है और अगर ब्लड प्रेशर अधिक समय तक हाय रहता है, तो यह कई अन्य हेल्थ प्रॉब्लम्स का कारण बन सकता है। हाय ब्लड प्रेशर (High blood pressure) को हायपरटेंशन भी कहा जाता है। हाय ब्लड प्रेशर (High blood pressure) से कई हेल्थ प्रॉब्लम्स की संभावनाएं बढ़ सकती हैं जैसे हार्ट डिजीज, हार्ट अटैक और स्ट्रोक आदि। इसके उपचार के लिए दवाईयों और जीवनशैली में बदलाव आदि शामिल हैं। पोटैशियम से BP कंट्रोल (BP control from Potassium) से पहले जानिए क्या हैं इसके लक्षण।
हाय ब्लड प्रेशर के लक्षण (Blood pressure symptoms)
हायपरटेंशन आमतौर पर एक साइलेंट कंडिशन है। इससे पीड़ित अधिकतर लोग इसके कोई भी लक्षण का अनुभव नहीं करते हैं। लेकिन, कई सालों तक इस समस्या के बाद गंभीर स्थिति में इसके लक्षण नजर आ सकते हैं। इसके लक्षण इस प्रकार हैं
- सिरदर्द (Headaches)
- सांस लेने में समस्या (Shortness of breath)
- नाक से खून आना (Nosebleeds)
- आंखों में ब्लड स्पॉट (Blood spots in eyes)
- चक्कर आना (Dizziness)
अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन (American Heart Association) के अनुसार अगर आपको हाय ब्लड प्रेशर (High blood pressure) की समस्या है, तो आपको नियमित रूप से ब्लड प्रेशर की जांच करानी चाहिए। ऐसा माना जाता है कि पोटैशियम से BP कंट्रोल (BP control from Potassium) किया जा सकता है। लेकिन, इन दोनों के बीच के संबंध को जानने से पहले पोटैशियम के बारे में जान लेते हैं।
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क्या है पोटैशियम ? (Potassium)
पोटैशियम वो मिनरल है जिसकी जरूरत हमारे शरीर को होती है, ताकि हम सही से काम कर सकें। यह एक तरह का इलेक्ट्रोलाइट है। इससे नर्व को फंक्शन करने और मसल्स को कॉन्ट्रैक्ट होने में मदद मिलती है। यह हमारी हार्टबीट को नियमित रहने में भी मदद करता है। यही नहीं, पोटैशियम न्यूट्रिएंट्स को सेल्स में मूव करने और वेस्ट प्रोडक्ट्स को सेल्स से बाहर निकलने में भी मदद करता है। अधिकतर लोग जिन खाद्य पदार्थों को खाते या पीते हैं, उनसे पर्याप्त मात्रा में पोटैशियम ग्रहण कर लेते हैं। पोटैशियम के बेहतरीन स्त्रोत इस प्रकार हैं:
- हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक, मेथी आदि (Leafy greens)
- फल जैसे अंगूर और ब्लैकबेरी (Fruit)
- जड़ वाली सब्जियां जैसे गाजर, आलू आदि (Root vegetables)
- खट्टे फल जैसे संतरे और ग्रेपफ्रूट (Citrus fruits)
हमारी किडनीज शरीर में पोटैशियम की सही मात्रा को बनाए रखने में मदद करती हैं। यदि, किसी को किडनी की पुरानी बीमारी है, तो उसकी किडनी ब्लड से अतिरिक्त पोटैशियम नहीं निकाल पाती हैं। कुछ दवाएं पोटैशियम के स्तर को भी बढ़ा सकती हैं। हमारे द्वारा खाए जाने वाले पोटैशियम की मात्रा को कम करने के लिए आपको एक विशेष आहार की आवश्यकता हो सकती है। पोटैशियम से BP कंट्रोल (BP control from Potassium) किया जा सकता है, लेकिन पोटैशियम की सही मात्रा शरीर के जरूरी अन्य फंक्शन के लिए भी फायदेमंद हो सकती है, जैसे :
- ब्लड प्रेशर (Blood pressure)
- नार्मल वाटर बैलेंस (Normal water balance)
- मसल कॉन्ट्रैक्शंस (Muscle contractions)
- नर्व इम्प्लसिस (Nerve impulses)
- डायजेशन (Digestion)
- हार्ट रिदम (Heart rhythm)
शरीर पोटैशियम को प्राकृतिक रूप से प्रड्यूस नहीं कर पाता है, तो पोटैशियम रिच फ़ूड का सही बैलेंस में सेवन करना जरूरी है। कम मात्रा में पोटैशियम से कई गंभीर हेल्थ इशूज हो सकती हैं। अब जानते हैं पोटैशियम से BP कंट्रोल (BP control from Potassium) के बारे में।
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पोटैशियम से BP कंट्रोल किया जा सकता है या नहीं? (BP control from Potassium)
इलेक्ट्रोलाइट मिनरल्स को कहा जाता है जैसे सॉडियम, पोटैशियम और मैग्नीशियम। यह टिश्यूज और बॉडी फ्लूइड में मौजूद होते हैं। यह मिनरल्स नर्व फंक्शन, मसल्स फंक्शन, फ्लूइड रेगुलेशन और ब्लड प्रेशर के लिए महत्वपूर्ण माने जाते हैं। सोडियम भी ब्लड प्रेशर में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हालांकि, पोटैशियम से BP कंट्रोल (BP control from Potassium) के बारे में अभी पर्याप्त जानकारी मौजूद नहीं है। लेकिन यह मिनरल कई फूड्स में पाया जाता है जो मसल्स को सही से काम करने में मदद करते हैं। खासतौर पर उस मसल्स को जो हार्ट बीट (Heart beat)और ब्रीदिंग (Breathing) को कंट्रोल करती हैं।
ऐसा माना जाता है पोटैशियम से रिच खाद्य पदार्थ हाय ब्लड प्रेशर (High blood pressure) को मैनेज करने के लिए फायदेमंद हो सकते हैं। क्योंकि, पोटैशियम सोडियम के प्रभाव को कम करता है। जितना अधिक आप पोटैशियम का सेवन करते हैं, उतना ही अधिक यूरिन के माध्यम से सोडियम आप लूज करते हैं। पोटैशियम ब्लड वेसल वॉल्स में टेंशन से राहत पाने में भी मददगार है, जिससे भविष्य में ब्लड प्रेशर को लो रखने में मदद होती है।लेकिन, पोटैशियम को कितनी मात्रा में लेना आपके लिए सही रहेगा। इसके बारे में भी जानकारी होना आवश्यक है। क्योंकि पोटैशियम का सेवन किडनी के रोगियों के लिए हानिकारक हो सकता है।
किसी अन्य हेल्थ कंडिशंस की स्थिति या कुछ खास दवाईयां जिन्हें आप ले रहे हैं, उनके साथ पोटैशियम का सेवन करना भी नुकसानदायक साबित हो सकता है। इसके बारे में डॉक्टर की सलाह लेना आवश्यक है। पोटैशियम ब्लड प्रेशर हेल्थ के लिए एक वेल-राउंडेड प्लान का एक कॉम्पोनेन्ट है। भले ही पोटैशियम, सोडियम के रक्तचाप बढ़ाने वाले प्रभावों को कम कर सकता है, अधिक पोटैशियम के सेवन के साथ ही हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाना भी जरूरी है। पोटैशियम से BP कंट्रोल (BP control from Potassium) के बारे में अधिक जानकारी से डॉक्टर से बात करना जरूरी हैहै।
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पोटैशियम से BP कंट्रोल: पोटैशियम का अधिक सेवन हानिकारक हो सकता है?
जैसा की पहले ही बताया गया है कि बहुत अधिक पोटैशियम किडनी डिसऑर्डर से पीड़ित लोगों के लिए हार्मफुल है। क्योंकि, इस कंडिशन में किडनी ब्लड से पोटैशियम को कम करने में सक्षम होती हैं, इसलिए बहुत अधिक पोटैशियम का निर्माण हो सकता है। हाय ब्लड प्रेशर (High blood pressure) की तरह हाय पोटैशियम के कारण अधिक लक्षण नजर नहीं आते हैं। लेकिन, पेट में समस्या, लो ,वीक या अनियमित पल्स और बेहोशी पोटैशियम के हाय लेवल के कुछ लक्षण हैं। ओवर-द-काउंटर पोटैशियम सप्लीमेंट (Potassium supplements) को लेने से पहले डॉक्टर से अवश्य पूछ लें।
साल्ट सब्स्टीट्यूट लेने से पहले भी डॉक्टर से इस बारे में जानना जरूरी है। क्योंकि, इसके कारण कुछ खास हेल्थ कंडिशंस से पीड़ित लोगों या जो लोग हाय ब्लड पोटैशियम के लिए ACE इन्हिबिटर्स का इस्तेमाल करते हैं, उन का पोटैशियम लेवल बढ़ सकता है। यह तो थी पोटैशियम से BP कंट्रोल (BP control from Potassium) के बारे में जानकारी। BP कंट्रोल करने के कई अन्य तरीके भी हैं। इनके बारे में जानकारी होना भी आवश्यक है। आइए जानें ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने के अन्य तरीकों के बारे में।
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BP को कंट्रोल कैसे करें? (How to control BP)
अगर आपको हाय ब्लड प्रेशर (High blood pressure) की समस्या है, तो यह जरूरी है कि आप उन तरीकों को अपनाएं। ताकि, आप इसके लक्षणों को बदतर होने से बचा सकें और इससे अन्य कॉम्प्लीकेशन्स से भी बचा जा सके। इसके कुछ आसान तरीके इस प्रकार हैं:
हेल्दी डायट का सेवन करें (Eat healthy diet)
ब्लड प्रेशर को कंट्रोल में रखने के लिए, आपको अपने आहार में सोडियम की मात्रा को सीमित रखना चाहिए, जबकि पोटैशियम की मात्रा को बढ़ाना है। पोटैशियम को BP कंट्रोल के लिए लाभदायक माना गया है। इसके साथ ही ऐसे आहार का सेवन करें जिसमें फैट कम हो। अधिक फलों, सब्जियों और साबुत अनाज का सेवन करना भी आवश्यक है।
पोटैशियम से BP कंट्रोल: नियमित व्यायाम करें (Getting regular exercise)
एक्सरसाइज करने से न केवल वजन सही रहता है। बल्कि, ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में भी मदद मिलती है। दिन में कुछ समय व्यायाम के लिए अवश्य निकालें।
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वजन को सही बनाए रखें (Maintain right weight)
हेल्दी रहने और BP कंट्रोल करने के लिए वजन का सही होना भी आवश्यक है। वजन के अधिक होने या मोटापे से हाय ब्लड प्रेशर (High blood pressure) का जोखिम बढ़ जाता है। वजन को कंट्रोल में रखकर आप अन्य हेल्थ प्रॉब्लम्स से भी बच सकते हैं।
एल्कोहॉल की मात्रा को सीमित रखें (Limit alcohol)
बहुत अधिक एल्कोहॉल से भी ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है। इससे आप अधिक कैलोरीज भी ग्रहण करते हैं, जिससे वजन बढ़ सकता है। ऐसे में इसका कम मात्रा में ही सेवन करें।
स्मोकिंग करने से बचें (Don’t smoke)
सिगरेट स्मोकिंग करने से ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है और आपको हार्ट अटैक (Heart attack) और स्ट्रोक (Stroke) का जोखिम अधिक हो सकता है। अगर आप स्मोकिंग नहीं करते हैं, तो इसकी आदत भी न डालें। लेकिन अगर आप स्मोकिंग करते हैं, तो उसे छोड़ने के तरीकों के बारे में डॉक्टरों से बात करें।
पोटैशियम से BP कंट्रोल: स्ट्रेस को मैनेज करें (Managing stress)
स्ट्रेस को मैनेज करना बेहद जरूरी है। इससे इमोशनल और फिजिकल हेल्थ में सुधार होता है। इसके साथ ही हाय ब्लड प्रेशर (High blood pressure) भी कंट्रोल में रखने में मदद मिलती है। इसके लिए आप मेडिटेशन कर सकते हैं, व्यायाम कर सकते हैं या म्यूजिक सुन सकते हैं। अगर यह समस्या बहुत अधिक है, तो अपने डॉक्टर से इस बारे में अवश्य बात करें।
Quiz: हाय बीपी (हाय ब्लड प्रेशर) चेक कराने से पहले किन बातों का जानना आपके लिए हो सकता है जरूरी?
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उम्मीद है कि पोटैशियम से BP कंट्रोल (BP control from Potassium) के बारे में यह जानकारी आपको पसंद आई होगी। इसके साथ ही नियमित रूप से अपनी जांच कराना और ट्रीटमेंट प्लान का पूरी तरह से पालन करना भी जरूरी है। हेल्दी लाइफस्टाइल से भी ब्लड प्रेशर को लो रखने में आपकी मदद हो सकती है। अगर इस टॉपिक के बारे में आपके मन में कोई भी सवाल है तो अपने डॉक्टर से इस बारे में जरूर जानें। आप हमारे फेसबुक पेज पर भी अपने सवालों को पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।
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