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प्रेग्नेंसी के लिए सेक्स ही नहीं, रखना होगा इन बातों का भी ख्याल

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Shayali Rekha द्वारा लिखित · अपडेटेड 21/09/2021

    प्रेग्नेंसी के लिए सेक्स ही नहीं, रखना होगा इन बातों का भी ख्याल

    अक्सर देखा गया है कि कंसीव करने को लेकर कपल्स परेशान रहते हैं। कई कोशिशों के बाद भी वे पेरेंट्स बनने में खुद को असमर्थ महसूस करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि जाने अनजाने आप ऐसी कई गलतियां करते हैं, जिससे आपको कंसिव करने में प्रॉब्लम हो सकती है। इन गलतियों में आपके सेक्स (Sex) करने का तरीका, लाइफस्टाइल (Lifestyle), एक्सरसाइज (Exercise) की कमी, जैसी बातें भी शामिल है। साथ ही बहुत से लोग प्रेग्नेंट होने के लिए सही सेक्स पोजिशन (Sex position) नहीं अपनाते, जिसके कारण कंसीव करने में दिक्कत हो सकती है। आपको जानकर हैरानी होगी कि इन सभी के अलावा ओव्यूलेशन से लेकर सेक्स करने का सही समय भी मायने रखता है। अगर आप प्रेग्नेंट होने की सोच रही हैं तो यह आर्टिकल आपके लिए बहुत काम का साबित हो सकता है। क्योंकि इसमें प्रेग्नेंट होने के लिए सेक्स पोजिशन से लेकर सेक्स के सही समय तक की जानकारी तो मिलेगी ही, साथ ही आपको कंसीव करने के दौरान लिए जानेवाले प्रिकॉशंस, प्रेगनेंसी से जुड़े मिथ्स और फैक्ट्स (pregnancy myths and facts) आदि की भी जानकारी मिलेगी। 

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    प्रेग्नेंट होने के लिए सेक्स (Sex for Baby planning) करने का सही समय क्या है?

    इस बारे में हैलो स्वास्थ्य ने वाराणसी (उत्तर प्रदेश) स्थित काशी मेडिकेयर की गाइनेकोलॉजिस्ट डॉ. शिप्रा धर से बात की। डॉ. शिप्रा बताती हैं कि “किसी भी महिला को प्रेग्नेंट होना है, तो उसे सेक्स को सही तरीके से करना होगा। क्योंकि गर्भधारण के लिए सेक्स की टाइमिंग बहुत मायने रखती है। अगर महिलाएं, सही समय पर सेक्स कर के प्रयास करें, तो एक साल के अंदर ही वे गर्भधारण कर सकती हैं। इसके अलावा ओव्यूलेशन का भी ध्यान रखना चाहिए। जो पीरियड शुरू होने के ठीक 11वें दिन से 14वें दिन के बीच में होता है। इस वक्त सेक्स करने पर कोई भी महिला आसानी से प्रेग्नेंट हो सकती है।

    हर महीने महिलाओं की एक फर्टाइल विंडो (Fertile window) होती है। यही फर्टाइल विंडो (fertility window) सेक्स करने के सही समय माना जाता है। फर्टाइल विंडो को ओव्युलेशन पीरियड (ovulation period) भी कहा जाता है। ओव्युलेशन पीरियड में या इसके आसपास के दिनों में सेक्स करने से महिला के गर्भवती होने की संभावना ज्यादा बढ़ जाती है। गर्भवती होने के लिए महिला के गर्भाशय में मौजूद अंडाणु, शुक्राणु या स्पर्म से निषेचित होता है। स्पर्म एक महिला के वजायना से गर्भाशय में पहुंच कर लगभग 5 दिन तक रहता है, ऐसे में जब भी अंडाणु या ओवा फेलोपियन ट्यूब से रिलीज होता है, तो फर्टिलाइजेशन (fertilization) हो जाता है। यही पूरी प्रक्रिया ‘फर्टाइल विंडो’ के अंतर्गत आती है। 

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    ओव्यूलेशन को कैसे पहचानें? (What is ovulation)

    लगभग सभी डॉक्टर यही बताते हैं कि ज्यादातर महिलाओं का मासिक चक्र या मेंस्ट्रुअल सायकल (menstrual cycle) 28 दिन की होता है, तो उसके ओव्‍युलेशन का समय पीरियड शुरू होने के 11वें से 14वें दिन के बीच हो सकता है। उदारण के लिए, मान लीजिए कि आपका पीरियड (periods) किसी महीने की 1 तारीख को आया है, तो आपके ऑव्यूलेशन का समय 11 से 14 तारीख के बीच होगा।

    वहीं, जिन महिलाओं के पीरियड्स अनियमित रहते हैं, उनमें ओव्‍युलेशन (ovulation period) कब हो रहा है, इसका सटीक पता लगाना थोड़ा मुश्किल होता है। अगर ओव्‍युलेशन पीरियड का पता नहीं लगाया जा सके, तो ओव्‍युलेशन के लक्षणों से भी इसका पता लगाया जा सकता है। ओव्यूलेशन के लक्षण निम्न हो सकते हैं, लेकिन सभी महिलाओं में ये अलग-अलग हो सकते हैं :

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    ये तो हुई सेक्स करने के समय और ओव्युलेशन (ovulation) की जानकारी। लेकिन प्रेग्नेंट होने के लिए सेक्स पोजिशन के अलावा आपको कुछ और बातों का ख्याल रखने की जरूरत होती है। इन्हें हम गर्भधारण की तैयारी भी कह सकते हैं। आइए जानते हैं, आपको किन बातों का ख्याल रखने की जरूरत है।

    गर्भधारण (Conception) से पहले ध्यान रखनेवाली बातें

    ख़ुद को करें तैयार : जैसे प्रेग्नेंसी रोकने के लिए आप एक प्लान बनाकर, कॉन्ट्रासेप्शन लेती हैं, उसी तरह प्रेग्नेंसी के लिए भी आपको ख़ुद को तैयार करने की जरूरत पड़ती है। इसके लिए प्लान बनाकर उस पर काम करने की जरूरत होती है। इस प्लानिंग में आपको प्रेग्नेंसी को सपोर्ट करनेवाली सभी बातों को जोड़ना होगा और उस पर अमल करना होगा।

    डॉक्टर की मदद लें: जैसा कि हमने पहले बताया, आपको एक प्लान बना कर चलना होगा। इसलिए अपने प्लान में डॉक्टर का कंसल्टेशन भी जरूर जोड़ें। जब आप डॉक्टर से बात करते हैं, तो वह आपको जल्द से जल्द गर्भधारण करने से जुड़ी जरूरी जानकारी देते हैं। साथ ही वो आपको गर्भधारण को सपोर्ट करनेवाले कुछ सप्लिमेंट दे सकते हैं। जो आपके शरीर को गर्भधारण के लिए तैयार करने में मदद कर सकते हैं।

    मेडिकल जांच करवाएं: जब आप डॉक्टर से बात करेंगे, तो हो सकता है कि कुछ चेकअप्स करने की सलाह डॉक्टर आपको दे। गर्भधारण से जुड़े टेस्ट आपकी सटीक स्थिति बता देते हैं, जिसके अनुसार डॉक्टर आपको प्रेग्नेंट होने के लिए सेक्स पोजिशन (sex position), लाइफस्टाइल चेंजेस (Lifestyle changes), ओव्युलेशन (ovulation) के अनुसार प्लानिंग आदि को लेकर सलाह दे सकते हैं।

    इस जानकारी के बाद भी एक सवाल जो सबके मन में आता है, वो है महीने में कितने बार सेक्स करने पर गर्भधारण किया जा सकता है। चलिए इसकी जानकारी भी ले लेते हैं।

    इस बारे में शहानी हॉस्पिटल की डायरेक्टर संतोष शहानी का कहना है कि गर्भवती महिला के लिए उचित पोषण (Balance diet) लेना बहुत जरूरी है। केवल खुद के लिए ही नहीं, बल्कि शिशु के अच्छे स्वास्थ के लिए भी जरूरी है। उचित पोषण सेफ बाथ् सर्वोत्तम तरीकों में से एक है। प्रेग्नेसी के दौरान जेस्टेशनल डायबिटीज (Gestational diabetes) से बचने के लिए जरूरी है कि आप चीनी का सेवन कम करते हुए भरपूर मात्रा में प्रोटीन और सब्जियां को अपने प्लेट में शामिल करें। पोषण युक्त खानपान से गर्भावस्था से संबंधित स्थितियों के जोखिम (Risk) को कम करने में मदद मिलती है। सही खानपान से शरीर में एनर्जी भी बनी रहती है। ताकि डिलीवरी के समय (During Delivery) आपका शरीर मजबूत बना रहे। एक अध्ययन में पाया गया कि जिन महिलाओं ने गर्भावस्था के अपने अंतिम चार हफ्तों में प्रतिदिन छह खजूर का सेवन किया, उन्हें सेफ बर्थ में काफी मदद मिले।

    प्रेग्नेंट होने के लिए सेक्स (Pregnancy sex) महीने में कितने बार करना चाहिए?

    कुछ अध्ययनों में ये बात सामने आई है कि दो से तीन दिनों के अंतराल पर सेक्स करने से स्पर्म की क्वालिटी की गुणवत्ता बेहतर होती है। वहीं कुछ स्टडीज से यह भी पता चला है कि हर एक या दो दिन में सेक्स करने वाले कपल्स में ज्यादा प्रेग्नेंसी देखी गई है। इसलिए एक्सपर्ट ये सलाह देते हैं कि बेबी कंसीव करने के लिए हफ्ते में कम से कम दो से तीन बार सेक्स करना चाहिए। वहीं, सेक्स को किसी काम की तरह न करें, बल्कि इसे पूरी फीलिंग और इमोशन के साथ करें, क्योंकि मेंटल प्लेजर का भी असर कंसीविंग पर पड़ता है। सिर्फ गर्भधारण के लिए सेक्स ना करें, बल्कि सेक्स को पूरी तरह से एंजॉय करें। 

    प्रेग्नेंट होने के लिए सेक्स पोजिशन (Baby planning sex position) कौन से हैं? 

    अब बात करते हैं प्रेग्नेंट होने के लिए सेक्स पोजिशन की। अब तक तो आप गर्भधारण के लिए जरूरी बातें जान ही गए होंगे। लेकिन एक बात जो बेहद महत्वपूर्ण है, वो है प्रेग्नेंट होने के लिए सेक्स पोजिशन (Baby planning sex position) कौन सी होनी चाहिए। हालांकि सेक्स को एंजॉय करने के लिए आप कई पोजिशन चुन सकते हैं, लेकिन गर्भधारण के लिए कुछ खास पोजिशन होती हैं, जिससे आपके कंसीव करने के चांसेज बढ़ जाते हैं। आइए जानते हैं प्रेग्नेंट होने के लिए सेक्स पोजिशन कौन सी हैं?

    मिशनरी सेक्स पोजिशन (Missionary sex position)

    मिशनरी सेक्स पोजिशन में भी कई तरह के सेक्स पोजिशन शामिल हैं, जो निम्न हैं : 

    1. मिशनरी सेक्स पोजिशन में बिस्तर पर महिला नीचे की तरफ रहती है और पुरुष महिला के ऊपर की तरफ रहता है। मिशनरी पोजिशन में इस पोज को ‘मैन ऑन टॉप’ कहा जाता है। यह प्रेग्नेंट होने या कंसीव करने के लिए बेस्ट माना जाता है। क्योंकि इस पोजिशन में पेनिस के द्वारा पेनिट्रेशन वजायना के अंदर तक होता है। जिससे स्पर्म इजैक्युलेशन के दौरान सर्विक्स एरिया के पास रिलीज होते हैं। 
    2. मिशनरी सेक्स पोजिशन (Missionary sex position) में स्नो एंगल पोजिशन भी प्रेग्नेंट होने के लिए सेक्स पोजिशन में बेहतर माना गया है। इस सेक्स पुजिशन में महिला अपने पीठ के बल नीचे लेटी रहती है और पुरुष महिला पार्टनर की तरफ पीठ कर के उसके पैरों की तरफ मुंह करता है। इसके बाद महिला के थाई के ऊपर पुरुष बैठ जाता है। इस पोजिशन में पेनिस के द्वारा पेनिट्रेशन ज्यादा हो पाता हैं। पेनिट्रेशन करते समय इस पोजिशन में आप महिला साथी के थाई को सहलाएं, इससे उन्हें एंजॉयमेंट और ऑर्गैज्म की प्राप्ति होगी। 
    3. मिशनरी सेक्स पोजिशन (Missionary sex position)  में प्रेटजेल पोजिशन प्रेग्नेंट होने के लिए सेक्स करते समय जरूर अपनाना चाहिए। इस सेक्स पोजिशन में महिला पार्टनर पीठ के बल बिस्तर पर लेट जाती हैं और उनका एक पैर पुरुष के थाई के नीचे और दूसरा पैर पुरुष की कमर को लपेटे हुए होता है। इस पोजिशन में सेक्स करने से पेनिस डीप पेनिट्रेशन कर पाता है। 

    और पढ़ें : शावर सेक्स का बनाया है प्लान तो पहले चुनें सेफ सेक्स पुजिशन 

    एन्विल सेक्स पोजिशन (Anvil sex position)

    प्रेग्नेंट होने के लिए सेक्स में एन्विल सेक्स पोजिशन है। इस सेक्स पोजिशन (Anvil sex position) में महिला के कमर के नीचे तकिया रखना होता हैं, तो यह अच्छा माना जाता है। क्योंकि इससे हिप्स को ऊपर करने में आसानी होती है जो बेबी कंसिविंग में मदद करता है। जब हिप्स ऊंचा होता है तो महिलाओं का सर्विक्स एरिया में पेनिस करीब आ जाता है। ऐसे में स्पर्म आसानी से सर्विक्स में पहुंच जाता है। जल्दी प्रेग्नेंट होने के लिए सेक्स पोजिशन (Anvil sex position) में ये आपके काम आ सकती है। 

    डॉगी सेक्स पोजिशन (Doggy sex position)

    प्रेग्नेंट होने के लिए सेक्स पोजिशन में डॉग के स्टाइल में रहता है, इसलिए इसे डॉगी सेक्स पोजिशन (Doggy sex position) कहा जाता है। इसमें पुरुष पार्टनर महिला पार्टनर को घुटने के बल बैठा कर कमर से झुका देता है। इसके बाद पीछे की तरफ से इंटरकोर्स करता है। इस दौरान वजायना में पेनिस द्वारा रियर साइड पेनिट्रेशन होता है। इसलिए इसे रियर एंट्री पोजिशन भी कह सकते हैं। इस पोजिशन में स्पर्म इजैक्युलेशन (sperm ejaculation) के दौरान सर्विक्स एरिया के पास ही रिसीव होता है। इससे प्रेग्नेंट होने का चांसेस बढ़ जाता है।

    स्पूनिंग पोजिशन (Spooning position)

    स्पूनिंग सेक्स पोजिशन महिलाओं की फेवरेट सेक्स पोजिशन होती है। इसमें वे अपने पार्टनर के शरीर से खुद को पूरी तरह जुड़ा हुआ महसूस करती हैं और इमोशनल बॉन्डिंग भी मजबूत होती है। स्पूनिंग पोजिशन (Spooning position) में महिला और पुरुष एक-दूसरे के बगल में लेटकर सेक्स करते हैं। इसमें पुरुष जिस  ओर करवट  लेकर लेटता है, महिला भी उसी करवट पर ऐसे लेटती है कि उसकी पीठ पुरुष की तरफ हो। साइड इंटरकोर्स प्रेग्नेंट होने के लिए सेक्स पोजिशन (Spooning position) में से एक है। क्योंकि इस सेक्स पोजिशन में स्पर्म सही तरीके से गर्भाशय में जा पाता है। 

    रिवर्स काउगर्ल पोजिशन (Reverse cowgirl position)

    रिवर्स काउगर्ल पोजिशन प्रेग्नेंट होने के लिए सेक्स पोजिशस (Baby planning sex position) में से एक है। इस सेक्स पोजिशन में पुरुष अपने पीठ के बल बिस्तर लेट जाता है, उसके ऊपर महिला बैठ जाती है। इस दौरान महिला का मुंह पुरुष के पैर की तरफ होता है। इस सेक्स पोजिशन को महिला अपने हिसाब से कंट्रोल कर पाती है। वहीं, पेनिस का पेनिट्रेशन कितने डीप में चाहिए यह भी महिला खुद ही तय करती है। 

    और पढ़ें : ये 7 आरामदायक सेक्स पोजीशन (पुजिशन) जिसे महिलाएं करती हैं पसंद

    क्या प्रेग्नेंट होने के लिए सेक्स के दौरान ल्यूब्रिकेंट (Vaginal Lubricants) का इस्तेमाल सही है?

    कई दंपति सेक्स करते समय सेक्स ल्यूब्रिकेंट (Sex Lubricants) का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन विशेषज्ञों की मानें तो कुछ तरह के ल्यूब्रिकेंट स्पर्म पर बुरा असर डाल सकते हैं और इससे बेबी कंसीव करने में प्रॉब्लम का सामना करना पड़ सकता है। बाजार में मिलने वाले वॉटर बेस्ड ल्यूब्रिकेंट से शुक्राणु की गति में लगभग 60 प्रतिशत की कमी आ सकती है। इसलिए, अगर ल्यूब्रिकेंट का उपयोग करना भी है तो स्पर्म-फ्रेंडली ल्यूब्रिकेंट्स ठीक रहेंगे। 

    इसे प्रेग्नेंट होने के लिए सेक्स के दौरान ल्यूब्रिकेंट (Sex Lubricants) के इस्तेमाल को लेकर एक अध्ययन किया गया। जिसमें 296 महिलाओं को शामिल किया गया। 29 फीसदी महिलाएं कभी-कभार ही ल्यूब्रिकेंट का इस्तेमाल करती थी, जिसमें से 57 फीसदी महिलाएं ल्यूब्रिकेंट कभी भी नहीं इस्तेमाल करती थी, वहीं 14 प्रतिशत महिलाएं हमेशा ल्यूब्रिकेंट का इस्तेमाल करती थी। जो महिलाएं हमेशा ल्यूब्रिकेंट (Sex Lubricants) का इस्तेमाल करती थी, उनमें भी गर्भवती होने की संभावना उतनी ही पाई गई, जितना ल्यूब्रिकेंट का इस्तेमाल ना करने वाली महिलाओं पाई गई। ऐसे में ल्यूब्रिकेंट के कारण स्पर्म की क्वालिटी या मोबिलिटी में बहुत ज्यादा फर्क नहीं पाया गया। 

    जैसे आपके मन में इस सवाल ने घर किया था, ऐसे और भी सवाल और धारणाएं हमारे मन में होती है। इसलिए अब हम आपको गर्भधारण से जुड़े कुछ मिथ्स और फैक्ट्स बताने जा रहे हैं। जो आपकी मदद कर सकते हैं।

    गर्भधारण से जुड़े मिथ्स और फैक्ट्स (Pregnancy myths and facts) जानना है बेहद जरूरी

    मिथ: पीरियड्स टाइम पर आएं, तो कोई दिक्कत नहीं हो सकती।

    फैक्ट: पीरियड्स का सायकल 28 दिन का हो सकता है। लेकिन यदि आपके पीरियड्स डेट तो डेट आ रहे हैं, तो इसका मतलब ये नहीं है कि आप आसानी से कंसीव कर लेंगी। दरअसल कंसीव करने के पीछे कई और फ़ैक्टर्स काम करते हैं, जिसमें हॉर्मोनल लेवल (Hormonal Level) से लेकर आपके पीरियड्स में होनेवाली ब्लीडिंग के तरीके को भी देखा जाता है।

    मिथ: विटामिन डी की कमी का असर फ़र्टिलिटी पर पड़ता है। 

    फैक्ट: हम में से कई लोग विटामिन डी (vitamin D) की कमी से जूझ रहे होते हैं, लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि वे कंसीव नहीं कर पाते। यदि आपको विटामिन डी की डेफ़िशियंसी है, तो आपको जरूर अपने डॉक्टर से बात करनी चाहिए, लेकिन इसका असर आपकी प्रजनन क्षमता पर नहीं पड़ता।

    मिथ: कंसीव करने के लिए रोज सेक्स करना जरूरी है। 

    फैक्ट: ये धारणा हम में से कई लोगों के बीच बनी रहती है। लेकिन डॉक्टर के अनुसार कंसीव करने के लिए आपको ऑल्टरनेट डे या सप्ताह में 3 बार सेक्स करना चाहिए। कंसीव करने के लिए कंसिसटेंसी की जरूरत होती है और आप इस पैटर्न को फ़ौलो कर सकते हैं। जरूरी ये है कि आप सेक्स को काम की तरह नहीं, बल्कि एंजॉय करके करें।

    अब तक हमने जाना प्रेग्नेंट होने की तैयारी और प्रक्रिया के दौरान किन बातों का ख्याल रखा जाना चाहिए। लेकिन अब कुछ और जरूरी बातों के बारे में जानेंगे, जो इस प्रक्रिया के दौरान आपकी मदद कर सकती हैं।

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    प्रेग्नेंट होने के लिए टिप्स क्या हैं? (Tips for getting pregnant)

    प्रेग्नेंट होने के लिए सेक्स पोजिशन (Baby planning sex position) के बारे में तो आपने जाना, लेकिन गर्भधारण के लिए इतना ही काफ़ी नहीं है। आपको जरूरत है अपने लाइफस्टाइल में बदलाव लाने की। क्योंकि जब आपका लाइफस्टाइल बेहतर बनेगा, तो आपके गर्भधारण की सम्भावना अपने आप बढ़ जाएगी। चलिए जानते हैं आपको गर्भधारण की प्रक्रिया के दौरान किन बातों का ख्याल रखना चाहिए। 

    ऑर्गैजम (Orgasm) तक पहुंचना जरूरी 

    जैसा कि पहले ही बताया गया कि प्रेग्नेंट होने के लिए सेक्स पोजिशन ही नहीं जरूरी है। इसके साथ ही सेक्स की फीलिंग का पूरा होना जरूरी है। प्रेग्नेंट होने के लिए इंटरकोर्स के दौरान ऑर्गैजम होना बहुत जरूरी है। अध्ययनों की मानें तो ऑर्गेजम (Orgasm) के दौरान महिलाओं की वजायना और यूट्रस की मसल्स में कॉन्ट्रैक्शन होते हैं जिससे स्पर्म सर्विक्स की तरफ आराम से पुश होता है।

    स्मोकिंग ना करें (Quit Smoking) 

    स्मोकिंग करने से आपके शरीर को ही नुक्सान नहीं पहुंचता, बल्कि बांझपन और गर्भपात की संभावना भी बढ़ सकती है। वहीं, पुरुषों में स्पर्म की मोबिलिटी पर भी इसका बुरा असर देखा जा सकता है। इसलिए अगर आप कंसीव करना चाहती हैं, तो आपको और आपके पार्टनर को स्मोकिंग से दूरी बनानी चाहिए।

    वजन (Weight) को कंट्रोल करें 

    अगर महिला के शरीर का वजन बहुत ज्यादा या बहुत कम है, तो इसका सीधा असर प्रजनन क्षमता पर पड़ता है। ऐसी स्थिति में बेबी कंसील करने में प्रॉब्लम होती है। वजन न सिर्फ़ आपके लिए नयी बीमारियों की सौग़ात लेकर आता है, बल्कि ये आपके गर्भधारण में भी रुकावटें पैदा करता है। 

    कैफीन (caffeine) का प्रयोग ना करें

    आज कल के लाइफस्टाइल में लोग बड़ी मात्रा में कैफीन का सेवन करते हैं। एक दिन में पांच कप से ज्यादा कॉफी या चाय पीना गर्भधारण करने में मुश्किल पैदा कर सकता है। क्योंकि कैफीन प्रजनन क्षमता को कम कर सकता है। इसलिए आपको सीमित मात्रा में कैफीन लेने की हिदायत दी जाती है। 

    एल्कोहॉल (Alcohol) को कहें ना

    आज कल ड्रिंक्स के दौर कहां नहीं चलते, जिसके कारण अक्सर हम एल्कोहॉल का सेवन कर लेते हैं। लेकिन यदि ये आड़ात में शुमार हो जाए, तो आपको इसका बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। खास तौर पर तब जब आप गर्भधारण की प्रक्रिया से गुज़र रहे हों। एल्कोहॉल आपकी प्रजनन क्षमता पर सीधा असर डालता है। इसलिए एल्कोहॉल से आपको दूरी बरतनी चाहिए।

    एक्सरसाइज (Exercise) का थामें हाथ

    रोजाना एक्सरसाइज करना वैसे भी आपकी सेहत को बेहतर बना सकता है। लेकिन जब गर्भधारण की कोशिश कर रहे हों, तो आपको एक्सरसाइज जरूर करनी चाहिए। एक्सरसाइज करने से आपके शरीर का ब्लड फलो बेहतर होता है और प्रजनन क्षमता बढ़ती है। इसलिए एक्सरसाइज करने की सलाह डॉक्टर हमेशा देते हैं।

    आपने जाना कि प्रेग्नेंट होने के लिए सेक्स से साथ ही कई सारी चीजें मायने रखती है। इसके लिए आप अगर जल्द प्रेग्नेंट होना चाहती हैं, तो अपना फर्टिलिटी विंडो, सेक्स का समय, सेक्स पोजिशन (Baby planning sex position) और लाइफस्टाइल का ध्यान रखें। इसके अलावा अगर गर्भधारण में अगर फिर भी प्रॉब्लम हो रही है तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

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    के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

    डॉ. प्रणाली पाटील

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    Shayali Rekha द्वारा लिखित · अपडेटेड 21/09/2021

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