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एथेरोमेटस एओर्टा : यह कंडिशन बन सकती है हार्ट फेलियर की वजह, समय पर ट्रीटमेंट है आवश्यक

एथेरोमेटस एओर्टा : यह कंडिशन बन सकती है हार्ट फेलियर की वजह, समय पर ट्रीटमेंट है आवश्यक

शरीर के अन्य अंगों की तरह दिल का सही से काम करना बेहद जरूरी है। हार्ट शरीर में ब्लड पंप करता है। लेकिन, किन्हीं कारणों से हार्ट के लिए सही से काम करना मुश्किल हो सकता है। हार्ट का सही से काम न करना कई बार गंभीर हार्ट समस्याओं का कारण बन सकता है जैसे हार्ट फेलियर (Heart Failure), हार्ट अटैक (Heart Attack) आदि। आज हम बात करने वाले हैं दिल की एक ऐसी ही समस्या के बारे में जिसे एथेरोमेटस एओर्टा (Atheromatous Aorta) कहा जाता है। आइए, जानते हैं क्या है एथेरोमेटस एओर्टा (Atheromatous Aorta) और किस तरह से संभव है इसका निदान व उपचार।

एथेरोमेटस एओर्टा (Atheromatous Aorta) क्या है?

एओर्टा वो मुख्य आर्टरी है जो ब्लड को हार्ट से शरीर के अन्य भागों तक ले कर जाती है। खून हार्ट के एओटिक वॉल्व (Aortic valve) के माध्यम से पास करता है। उसके बाद यह एओर्टा के माध्यम से ट्रेवल करता है और वॉकिंग केन शेप की कर्व बनाता है। जिससे अन्य प्रमुख धमनियों को मस्तिष्क, मांसपेशियों और अन्य कोशिकाओं तक ऑक्सीजन युक्त रक्त पहुंचाने में आसानी होती है। जब एओर्टा में कोई समस्या होती है, तो हृदय और पूरे शरीर की ब्लड सप्लाई खतरे में पड़ सकती है। एथेरोमेटस एओर्टा (Atheromatous Aorta) उस कंडीशन को कहा जाता है, जिसमें एओर्टा वॉल्स (Aorta Walls) पर प्लाक का निर्माण होता है। जो एक मुख्य ब्लड वेसल (Blood Vessel) है।

इन प्लाक्स में कैल्शियम होता है और इस प्लाक को वेसल वॉल्स में एक्स-रे (X-Ray) पर नोटिस किया जा सकता है। इसे शरीर की अन्य आर्टरीज भी देखा जा सकता है। यह ब्लॉकेज इस बात का संकेत हो सकती हैं कि रोगी को हृदय, पैर और मस्तिष्क जैसी धमनियों में ब्लॉकेज विकसित होने का अधिक जोखिम होता है। अब जानते हैं कि एथेरोमेटस एओर्टा (Atheromatous Aorta) के लक्षण क्या हैं?

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एथेरोमेटस एओर्टा के लक्षण (Symptoms of Atheromatous Aorta)

एओर्टा में मौजूद यह बिल्डअप एक आर्टरी को तंग कर सकता है जिसे ब्लड फ्लो मुश्किल हो जाता या कई मामलों में यह आर्टरी के ब्लॉक होने का कारण भी बन सकता है। कई बार यह प्लाक टुकड़ों में टूट सकता है। अगर ऐसा होता है तो शरीर में ब्लड क्लॉट (Blood Clots) बनने लगते हैं जिसके कारण भी आर्टरी वाल्स (Artery Walls) ब्लॉक हो जाती हैं। अगर यह समस्या बढ़ जाए तो इससे कई हेल्थ इशूज (Health Issues) भी हो सकते हैं जिसमें हार्ट अटैक और स्ट्रोक शामिल है। इसके कई लक्षण तब तक सामने नहीं आते हैं जब तक ब्लॉकेज नहीं हो जाती। लेकिन इसके सामान्य लक्षण इस प्रकार हैं:

  • छाती में दर्द या एंजाइना (Chest pain or Angina)
  • ब्लॉक आर्टरी के कारण बाजू, टांग या शरीर के अन्य अंगों में दर्द होना (Pain in your leg, arm etc)
  • सांस लेने में समस्या  (Shortness of breath)
  • थकावट (Fatigue)
  • भ्रम (Confusion)
  • सर्कुलेशन न हो पाने के कारण टांगों की मसल्स का कमजोर होना (Muscle weakness)

जैसा की आप जानते हैं कि इस समस्या के कारण हार्ट अटैक (Heart Attack) और स्ट्रोक (Stroke) जैसी समस्याएं हो सकती हैं। ऐसे में इसके लक्षणों के बारे पता होना जरूरी है ताकि तुरंत मेडिकल हेल्प ली जा सके। इसके लक्षण इस प्रकार हैं:

  • छाती में दर्द (Chest pain)
  • कंधे, पीठ, गर्दन, बाजू और जबड़ों में दर्द  (Pain in the shoulders, back, neck, arms, and jaw)
  • पेट में दर्द (Abdominal pain)
  • पसीना आना (Perspiration)
  • चक्कर आना (Lightheadedness)
  • जी मचलना या उल्टी आना (Nausea or vomiting)
  • बोलने में समस्या (Trouble speaking)
  • देखने में समस्या (Vision problems)
  • बैलेंस नहीं कर पाना (Loss of balance)
  • अचानक या गंभीर सिरदर्द  (Sudden, Severe headache)

यह तो थे एथेरोमेटस एओर्टा (Atheromatous Aorta) के लक्षण। अब जान लेते हैं कि इसके कारण क्या हैं?

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एथेरोमेटस एओर्टा के कारण (Causes of Atheromatous Aorta)

एथेरोमेटस एओर्टा (Atheromatous Aorta) की स्थिति में एओर्टा वॉल्स (Aorta Walls) पर प्लाक का निर्माण होता है। जिसके कारण यह आर्टरी ब्लॉक हो सकती है। इस समस्या का कारण अनहेल्दी फ़ूड को भी माना जा सकता है। हालांकि, नेशनल हार्ट लंग एंड ब्लड इंस्टिट्यूट (National Heart, Lung, and Blood Institute) के अनुसार इस समस्या के सही कारणों के बारे में जानकारी नहीं है। लेकिन, आर्टरी की इनर लेयर को नुकसान होने से यह समस्या हो सकती है। इस इंजरी के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं:

  • हाय ब्लड प्रेशर (High blood pressure)
  • डायबिटीज (Diabetes)
  • मोटापा (Obesity)
  • हाय कोलेस्ट्रॉल (High cholesterol)
  • स्मोकिंग (Smoking)
  • इंफ्लेमेटरी डिजीज (Inflammatory diseases)

उम्र का बढ़ना (Aging), फैमिली हिस्ट्री (Family History), शारीरिक गतिविधियों में कमी (Less Physical Activities), अधिक स्ट्रेस (More Stress) आदि इसके रिस्क फैक्टर्स हो सकते हैं। अब जानिए किस तरह से संभव है इस बीमारी का निदान?

एथेरोमेटस एओर्टा (Atheromatous Aorta)

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एथेरोमेटस एओर्टा का निदान (Diagnosis of  Atheromatous Aorta)

एथेरोमेटस एओर्टा (Atheromatous Aorta) के निदान के लिए डॉक्टर सबसे पहले रोगी से उसकी फैमिली मेडिकल हिस्ट्री, पर्सनल मेडिकल हिस्ट्री आदि के बारे में जानेंगे। इसके साथ ही रोगी की फिजिकल जांच भी की जाती है। कुछ अन्य टेस्ट्स की सलाह भी दी जा सकती है, ताकि इस स्थिति का निदान संभव हो सके। यह टेस्ट्स इस प्रकार हैं:

ब्लड टेस्ट्स (Blood Tests)

ब्लड टेस्ट्स के माध्यम से मरीज के खून में फैट्स, कोलेस्ट्रॉल, शुगर और प्रोटीन की मात्रा को जांचा जा सकता है।

एंजियोग्राफी (Angiography)

इस टेस्ट में खास एक्स-रे (X-ray) का प्रयोग किया जाता है ताकि ब्लॉकेज को लोकेट किया जा सके और जांचा जा सकता है। एक कंट्रास्ट डाई को भी आर्टरी में इंजेक्ट किया जाता है, ताकि एक्स-रे पर ब्लॉकेज को दिखाया जा सके। एक कैथेटर के माध्यम से इसे आर्टरी में इंसर्ट किया जाता है।

चेस्ट एक्स-रे (Chest X-Rays)

चेस्ट एक्स-रे के माध्यम से छाती में अंदर की तस्वीर ली जा सकती है, ताकि परेशानी के बारे में जाना जा सके।

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सीटी स्कैन (CT Scan)

सीटी स्कैन के माध्यम से भी शरीर के अंदर की तस्वीर ली जा सकती है ताकि लार्ज आर्टरीज के सख्त होने और तंग होने के बारे में जाना जा सके।

इकोकार्डियोग्राम (Echocardiogram )

यह एक पेनलेस टेस्ट है, जिसमें हार्ट के वॉल्व्स और चैम्बर्स की तस्वीरें ली जाती हैं और पम्पिंग एक्शन और रेट को जाना जा सकता है।

एक्सरसाइज स्ट्रेस टेस्ट (Exercise stress test)

एक्सरसाइज स्ट्रेस टेस्ट के द्वारा फिजिकली एक्टिव होने पर हार्ट फंक्शन को जांचा जा सकता है। यह तो थे एथेरोमेटस एओर्टा (Atheromatous Aorta) के निदान करने के तरीके। अब जानिए इसके उपचार के बारे में।

एथेरोमेटस एओर्टा का उपचार (Treatment of Atheromatous Aorta)

एथेरोमेटस एओर्टा (Atheromatous Aorta) के उपचार में अपने आहार में फैट और कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को कम करने के लिए लाइफस्टाइल में बदलाव करना शामिल है। इसके साथ ही डॉक्टर दवाईयों (Medications) और सर्जरी (Surgery) आदि का भी सुझाव दे सकते हैं। अब सबसे पहले जान लेते हैं दवाईयों के बारे में:

मेडिकेशंस (Medications)

मेडिकेशंस एथेरोमेटस एओर्टा (Atheromatous Aorta) की समस्या को बदतर होने से बचाया जा सकता है। इसके उपचार के लिए कई दवाईयों की सलाह दी जा सकती हैं। यह मेडिकेशंस इस प्रकार हैं:

  • कोलेस्ट्रॉल-लो करने की मेडिकेशंस (Cholesterol-lowering medications), जिसमें स्टेटिंस (Statins ) और फायब्रेट (Fibrates) शामिल हैं।
  • एंजियोटेंसिन कंवर्टिंग एंजाइम (Angiotensin-Converting Enzyme) इन्हिबिटर्स, जो आर्टरीज को तंग होने से बचाती हैं।
  • बीटा-ब्लॉकर्स (Beta-blockers) या कैल्शियम चैनल ब्लॉकर्स (Calcium Channel Blockers) ताकि ब्लड प्रेशर को लो किया जा सके।
  • डाययुरेटिक्स (Diuretics) या वाटर पिल्स का प्रयोग किया जा सकता है क्योंकि इससे भी ब्लड प्रेशर को लो किया जा सकता है।
  • एंटीकोग्युलेंट (Anticoagulants) और एंटीप्लेटलेट(Antiplatelet) ड्रग्स ताकि आर्टरीज में ब्लड क्लॉट होने से बचा जा सके।
  • एस्पिरिन (Aspirin) उन लोगों के लिए खासतौर पर प्रभावी है जिन्हें हार्ट अटैक (Heart Attack) और स्ट्रोक (Stroke) जैसी बीमारियां होने ही हिस्ट्री हो। एस्पिरिन अन्य हेल्थ कंडीशंस के जोखिम को कम करने में भी प्रभावी है।

इसके अलावा भी डॉक्टर कुछ अन्य दवाईयों की सलाह दे सकते हैं। लेकिन, किन्हीं स्थितियों में सर्जरी की जरूरत भी हो सकती है। जानते हैं सर्जरीज के बारे में।

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सर्जरी (Surgery)

अगर रोगी में लक्षण गंभीर हों या गंभीर स्थितियों में सर्जरी भी की जा सकती है। जानिए कौन सी हैं यह सर्जरीज?

इनके अलावा भी रोगी की कंडिशन के अनुसार सर्जरी की सलाह दी जा सकती है। दिल की समस्याओं जिसमें एथेरोमेटस एओर्टा (Atheromatous Aorta) भी शामिल है, इसके उपचार के लिए रोगी को अपनी जीवनशैली में परिवर्तन के लिए कहा जाता है। जीवनशैली में परिवर्तन के लिए यह तरीके अपनाए जा सकते हैं:

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जीवनशैली में परिवर्तन (Lifestyle changes)

एथेरोमेटस एओर्टा (Atheromatous Aorta) के लक्षणों को मैनेज करने और हार्ट डिजीज से बचाव के लिए लाइफस्टाइल में परिवर्तन जरूरी है। डॉक्टर रोगी को इन चीजों की सलाह दे सकते हैं:

सही आहार का सेवन करना (Eat Right Food)

अगर आप दिल संबंधी समस्याओं के जोखिम से बचना चाहते हैं तो सबसे पहले जरूरी है अपने खानपान का ध्यान रखना। जानिए कैसा होना चाहिए आपका आहार?

  • अपने आहार में चीनी की मात्रा को कम करें। इसके लिए ऐसे खाद्य पदार्थों को लेने से बचें जिनमें अधिक चीनी हो जैसे सोडा, मीठी चाय, मिठाई आदि।
  • अधिक फायबर का सेवन करें। साबुत अनाज का सेवन करना बेहद जरूरी है। इसके साथ ही फलों और सब्जियों का भी अधिक से अधिक सेवन करें।
  • हेल्दी फैट्स (Healthy Fats) को भी अपने भोजन में जगह दें। ओलिव आयल, मेवे या एवोकाडो आदि कुछ हेल्दी विकल्प हैं। सैचुरेटेड फैट्स (Saturated Fats) को सीमित मात्रा में लें। इसके साथ ही ट्रांस फैट्स को भी नजरअंदाज करें जैसे प्रोसेस्ड फ़ूड। यह शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को बढ़ाने का कारण बन सकते हैं।
  • सोडियम (Sodium) को कम मात्रा में लें। आहार में बहुत अधिक सोडियम को लेने से ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है। इसलिए, अपने आहार में सोडियम को शामिल करने से बचें। हार्ट हेल्दी फ़ूड के बारे में जानने के लिए
  • अपने डॉक्टर से अवश्य संपर्क करें। एक डायटिशियन भी इसमें आपको मदद कर सकता है।

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एल्कोहॉल और स्मोकिंग न करें (Avoid Smoking and Alcohol)

एल्कोहॉल के सेवन से बचें। नियमित रूप से शराब पीने से ब्लड प्रेशर (Blood Pressure) बढ़ सकता है। यही नहीं इससे वजन भी बढ़ सकता है और नींद में भी समस्या आ सकती है। यही नहीं इसमें कैलोरीज भी अधिक होती है। इसके साथ ही स्मोकिंग करना भी छोड़ दें। स्मोकिंग करने से भी हार्ट डिजीज की परेशानी बढ़ सकती हैं जिनमें से एक है एथेरोमेटस एओर्टा (Atheromatous Aorta)। ऐसे में आपको बिलकुल भी स्मोकिंग नहीं करनी चाहिए।

नियमित व्यायाम करें (Regular Exercise)

नियमित व्यायाम करना न केवल दिल की समस्याओं को मैनेज करने बल्कि संपूर्ण रूप से स्वस्थ रहने में भी जरुरी है। दिन में कम से कम तीस मिनट व्यायाम के लिए अवश्य निकालें। अगर आप व्यायाम नहीं कर सकते हैं तो सैर करें। इससे एक्टिव रहने में भी आपको मदद मिलेगी।

हेल्दी वजन बनाए रखें (Maintain Healthy weight)

स्वस्थ रहने के लिए वजन का सही होना भी जरूरी है। अधिक वजन कई समस्याओं का कारण बन सकता है जिनमें  एथेरोमेटस एओर्टा (Atheromatous Aorta) भी एक है। इसके लिए अपने खाने पीने का ध्यान रखें, व्यायाम करें। अगर आपको काम करने में समस्या हो रही है तो अपने डॉक्टर की सलाह भी आप ले सकते हैं।

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हेल्थ कंडिशंस को मैनेज करें (Manage Health Conditions)

कुछ हेल्थ कंडिशंस, हार्ट डिजीज (Heart Disease) के लिए रिस्क फैक्टर्स हैं जैसे डायबिटीज (Diabetes), हाय ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure) या हाय कोलेस्ट्रॉल (High Cholesterol)। इन्हें मैनेज करने के लिए सही उपचार, नियमित जांच और डॉक्टर की सलाह लेना बेहद जरूरी है।

तनाव से बचें (Avoid Stress)

तनाव भी दिल संबंधी समस्याओं के लिए जोखिम का एक कारण बन सकता है। इसलिए तनाव से बचाव बेहद जरूरी है। अगर आप तनाव से बचना चाहते हैं तो योगा या मैडिटेशन करें। अपने प्रियजनों के साथ समय बिताएं। लेकिन, अगर आपको लगता है कि यह समस्या कम नहीं हो रही है तो डॉक्टर की मदद लेना आवश्यक है।

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यह तो थी एथेरोमेटस एओर्टा (Atheromatous Aorta) के बारे में पूरी जानकारी। ऐसा माना जाता है कि उम्र के बढ़ने के साथ यह समस्या होना बेहद आम है। हालांकि कुछ लोगों के लिए यह समस्या जोखिम भरी नहीं होती है। लेकिन, आर्टरी में अधिक ब्लॉकेज होने के कारण यह समस्या गंभीर हो सकती है। इस बीमारी की संभावना उन स्थितियों में भी बढ़ सकती है। अगर आपको डायबिटीज, हाय ब्लड प्रेशर आदि समस्याएं हों, आप स्मोकिंग करते हों या आपका वजन अधिक हो। एओर्टा में प्लाक के जमने के कारण होने वाली यह समस्या की स्थिति के जल्दी निदान के लिए नियमित रूप से जांच जरूरी है। इसके साथ ही बहुत आवश्यक है अपने लाइफस्टाइल को हेल्दी बनाए रखना। अगर आपके दिमाग में एथेरोमेटस एओर्टा (Atheromatous Aorta) से संबंधित कोई भी चिंता या सवाल हो तो अपने डॉक्टर से इसके बारे में पूछना न भूलें।

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डिस्क्लेमर

हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

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Current Version

11/12/2021

Nikhil deore द्वारा लिखित

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. हेमाक्षी जत्तानी

Updated by: Nikhil deore


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के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

डॉ. हेमाक्षी जत्तानी

डेंटिस्ट्री · Consultant Orthodontist


Nikhil deore द्वारा लिखित · अपडेटेड 11/12/2021

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