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खाना पचाने के लिए आयुर्वेदिक दवा (Ayurveda for digestion) व घरेलू उपाय
पाचन तंत्र मजबूत करने के उपाय में शामिल करें धनिया
खाना पचाने के लिए आयुर्वेदिक दवा के साथ आप घरेलू उपाय भी कर सकते हैं। वैदिक चिकित्सा में बड़े पैमाने पर धनिया का इस्तेमाल किया जाता है। धनिया के बीज की तासीर ठंडी होती है और ये दानें अपने पाचक गुणों के लिए जाने जाते हैं। धनिया शरीर में अतिरिक्त गर्मी और एसिड को ठंडा करता है और एक नेचुरल कार्मिनेटिव (एक ऐसा पदार्थ है जो हमारे पाचन तंत्र से गैस को खत्म करता है) माना जाता है। इस कारण से, यह इर्रिटेबल बाउल डिजीज (IBD), रिफ्लक्स और एसिडिटी को कम करने में विशेष रूप से उपयोगी है।
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पाचन तंत्र मजबूत करने का एक उपाय- जीरा
कमजोर पाचन शक्ति को मजबूत करने के लिए जीरा काफी फेमस है। जीरा पाचन को बढ़ाता है और गैस, जी मिचलाना, ब्लॉटिंग और पेट की जलन को कम करता है। यह ब्लड स्ट्रीम में पोषक तत्वों के अवशोषण को तेज करता है और बड़ी आंत में पानी के अवशोषण में मदद करके दस्त को कम करता है।
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पाचन तंत्र मजबूत करने का एक उपाय- अदरक
बेहतर पाचन के लिए आयुर्वेद में अदरक का इस्तेमाल खूब किया जाता है। यह कम हुई डायजेस्टिव फायर को बढ़ाने और स्वस्थ पाचन एंजाइमों के स्राव को बढ़ावा देने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली जड़ी बूटी है। अदरक एक त्रिदोषज जड़ी बूटी (Tri-doshic herb) है। मतलब यह वात, पित्त और कफ को संतुलित करती है। अदरक को उसके उत्तेजक गुण की वजह से जाना जाता है। इसे मांसपेशियों में दर्द और स्वस्थ रक्त परिसंचरण में मदद करने के लिए जाना जाता है। यह विशेष रूप से मतली, पेट फूलना, हिचकी और एसिड रिफ्लक्स (Acid reflux) को कम करने के लिए उपयोगी है।
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पाचन शक्ति बढ़ाने के लिए करें सौंफ का सेवन
सौंफ के नाजुक और सुगंधित बीज अपने पाचक गुणों के लिए जाने जाते हैं। गैस और ब्लॉटिंग से राहत देने के अलावा सौंफ मतली और एसिड रिफ्लक्स को कम करने में मददगार है। सौंफ एक प्राकृतिक एंटीस्पास्मोडिक (Antispasmodic) है, यही वजह है कि इसका उपयोग बाउल टेंशन (Bowel tension) और पेट के निचले हिस्से में दर्द (Abdominal pain) को कम करने के लिए किया जाता है। सौंफ बिना पित्त को बढ़ाए पाचन अग्नि को बढ़ाने में विशेष रूप से प्रभावी है।
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पाचन शक्ति बढ़ाने के लिए आंवला
आंवला पेट के लिए बेहद ही गुणकारी है। आंवला पाउडर को एक कप पानी में मिलाएं और खाली पेट इसका सेवन करें। मजबूत पाचन शक्ति के लिए यह बहुत ही अच्छी आयुर्वेदिक रेमेडी है।
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पाचन के लिए आयुर्वेद में इलायची का महत्व
इलायची, जिसे ‘सभी मसालों की रानी’ के रूप में भी जाना जाता है, साधारण खाद्य पदार्थों के स्वाद को बढ़ाने के साथ ही पाचन को भी दुरुस्त करती है। यह कई तरह के फूड्स से अम्लीय प्रभावों को कम करती है। इसी तरह, यह अक्सर दूध उत्पादों और मिठाइयों में सुगंधित स्वाद और पाचन गुणों के लिए इस्तेमाल की जाती है।
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पाचन के लिए आयुर्वेद: एलोवेरा
पाचन शक्ति को दुरुस्त करने के लिए एलोवेरा का सेवन करे। इसके सेवन से सभी तरह के पाचन सम्बन्धी रोग दूर होते हैं, जिसमें पेट का अल्सर भी शामिल है। एलोवेरा जेल को पानी के साथ मिलाकर इस्तेमाल किया जा सकता है।
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पाचन के लिए आयुर्वेद: त्रिफला
मजबूत डाइजेस्टिव सिस्टम के लिए त्रिफला (आंवला, हरड़ और बहेड़ा) का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। कमजोर पाचन तंत्र को ठीक करने के लिए एक चम्मच त्रिफला चूर्ण का सेवन खाली पेट करने की सलाह दी जाती है। तीन जड़ी-बूटियों का यह मिश्रण आपके डाइजेस्टिव सिस्टम को स्ट्रॉन्ग करने के साथ ही कब्ज से निजात दिलाता है।
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हल्दी
हल्दी, पाचन तंत्र के लिए पाचन अग्नि में मदद करती है और शरीर में ऊतकों में जमा विषाक्त पदार्थों को हटाने में मदद करती है। यह जीआई ट्रैक्ट में बिना पचे भोजन के निर्माण को कम करने काम करती है। अपने एंटीबैक्टीरियल गुणों के कारण, हल्दी पेट और आंतों में रोगजनक बैक्टीरिया को रोकने में मदद करती है और अपच, पेट के अल्सर और इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम को ठीक करने में मदद करती है। हालांकि, हल्दी का उपयोग कम मात्रा में किया जाना चाहिए, क्योंकि अधिक मात्रा में सेवन करने पर यह पित्त को बढ़ा सकती है।
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खाना पचाने के लिए आयुर्वेदिक दवा व थेरेपी
घरेलू उपाय के साथ खाना पचाने के लिए आयुर्वेदिक दवा और थेरेपी भी आप ले सकते हैं। कमजोर पाचन शक्ति को ठीक करने के लिए आयुर्वेदिक थेरिपी इस प्रकार हैं –
पाचन तंत्र मजबूत करने के उपाय : सर्वांग स्वेदन