गर्भावस्था में नट्स खाने से गर्भवती महिला और गर्भ में पल रहे शिशु की पोषण संबंधी जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलती है। पुराने जमाने में गर्भवती महिलाओं को नट्स खाने से रोका जाता था। बाद में साइंटिस्ट्स ने इसे स्पष्ट किया कि गर्भावस्था में नट्स का सेवन पूरी तरह से स्वस्थ व सुरक्षित है। हालांकि, आपको उन्हें सीमित मात्रा में खाने की कोशिश करनी चाहिए। प्रेग्नेंसी में नट्स का सेवन करना मां और शिशु दोनों के लिए फायदेमंद होता है।
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मुंबई की आर्युवेदिक एक्सपर्ट और मेडिकल कंटेट रिव्यूर डॉ शरयु कहती हैं कि, ‘प्रेग्नेंट महिला को प्रतिदिन 20-25 ग्राम नट्स का सेवन करना चाहिए। इतनी मात्रा में नट्स का सेवन करना सुरक्षित होता है। प्रेग्नेंसी के दौरान एक निश्चित क्वांटिटी में किसी भी नट्स का सेवन करना महिला और गर्भ में पल रहे शिशु के लिए लाभदायक होता है। नट्स एकाग्रता, सोचने की शक्ति, अच्छी याद्दाश्त बढ़ाने में मदद करते हैं। पीनट्स में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट्स एनीमिया के ट्रीटमेंट में मददगार है तो वहीं यह मेमोरी बूस्ट भी करता है। फ्लक्स सीड्स में ओमेगा 3 पाए जाते हैं जो दिमागी क्षमता बढ़ाने में सहायक होते हैं। ‘
गर्भावस्था में नट्स:
बादाम:
गर्भावस्था में प्रतिदिन मुट्ठी भर भीगे हुए बादाम खाएं। यह शिशुओं में एलर्जी को कम करने में मदद करता है। बादाम गर्भावस्था में होने वाली प्रीएक्लेम्पसिया बीमारी के खतरे को कम करता है और कब्ज में राहत पहुंचाता है। गर्भावस्था में नट्स खाने के लिए बादाम को चुने यह आसानी से हर जगह उपलब्ध है और खाने में स्वादिष्ट भी है।
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गर्भावस्था में बादाम खाने के फायदे:
बादाम के 30 ग्राम सर्विंग में अन्य नट्स की तुलना में अधिक फाइबर और विटामिन-ई होता है। यह मैग्नीशियम और मैंग्नीज का एक श्रेष्ठ स्रोत है। बादाम में मैग्नीशियम और पोटैशियम के साथ विटामिन-ई की एंटी-ऑक्सिडेंट प्रॉपर्टीज, खराब एलडीएल और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को संतुलित करते हैं। इस प्रकार गर्भावस्था में नट्स में बादाम का सेवन हृदय रोग के जोखिम से शिशु और मां दोनों को सुरक्षित रखता है।
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मूंगफली:
गर्भावस्था में नट्स खाने का सबसे सस्ता और अच्छा विकल्प है मूंगफली। मूंगफली खाना फायदेमंद होता है। इसमें बहुत अधिक मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है। एक कटोरी मूंगफली खाने से 828 कैलारी मिलती है। मूंगफली में विटामिन-ई, फोलेट, नियासिन, मैग्नीशियम और पोटेशियम जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं जो गर्भावस्था के दौरान शिशु और मां दोनों के लिए बहुत आवश्यक है। गर्भावस्था में नट्स के रूप में मूंगफली का सेवन करें यह आपकी सेहत के लिए अच्छा विकल्प है।
गर्भावस्था में मूंगफली खाने के फायदे:
मूंगफली में सबसे अधिक मात्रा में प्रोटीन होता है और साथ ही इसमें विटामिन ई, फोलेट, नियासिन, मैग्नीशियम और पोटैशियम भी होता है। चाइनीज खाद्य चिकित्सा में, मूंगफली की छिलके खाना कम प्लेटलेट काउंट वाले लोगों को खाने की सलाह दी जाती है। गर्भावस्था में नट्स के बहुत से विकल्प है लेकिन मूंगफली कम दाम में हर तरह के फायदे के लिए जाना जाता है।
मैकडेमिया नट्स:
यह मोनोअनसैचुरेटेड वसा से परिपूर्ण होते हैं। साथ ही ये प्रोटीन और फोलेट से समृद्ध होते हैं। ये तत्व गर्भावस्था के दौरान आवश्यक होते हैं। गर्भावस्था में नट्स खाने की सलाह डॉक्टर भी देता है। ऐसे में आपके पास नट्स के बहुत ऑप्शन हैं। मैकडेमिया नट्स भी आप ट्राई कर सकती हैं।
गर्भावस्था में मैकडेमिया खाने के फायदे:
गर्भावस्था में नट्स में मैकडेमिया तो चुनें चूंकि मैकडेमिया नट्स ग्लूटेन-फ्री होते हैं इसलिए वे आमतौर पर ऐसे फूड्स बनाने में उपयोग किए जाते हैं जो ग्लूटेन-फ्री हों। ये महत्वपूर्ण विटामिन-बी से समृद्ध होते हैं, जो मेटाबॉलिज्म के कार्यों के लिए महत्वपूर्ण माने जाते हैं। इसमें मोनोअनसैचुरेटेड वसा और पॉलीफिनॉल्स होते हैं, जो कोरोनरी आर्टरी डिजीज के कारकों को कम करने में मदद करते हैं।
पिस्ता:
पिस्ता दूसरी सबसे बड़ी पॉलीफिनॉल्स और फ्लेवोनॉइड सामग्री वाले नट है। यह पोटैशियम, विटामिन-बी 6, तांबा और मैंगनीज का एक उत्कृष्ट स्रोत भी हैं। शोध से पता चला है कि पिस्ता को ब्रेकफास्ट में शामिल करने से ग्लाइसिमिक कंट्रोल, ब्लड प्रेशर, मोटापा में लाभकारी प्रभाव होता है। गर्भावस्था में नट्स के तौर पर आप अपने नाश्ते में पिस्ता चुनें।
पिस्ता खाने के फायदे
पिस्ता प्रोटीन, फाइबर और एंटी-ऑक्सीडेंट से भरपूर होता है। पिस्ता में कम ग्लाइसिमिक इंडेक्स पाया जाता है, इसलिए वे गर्भवती महिलाओं के लिए बहुत उपयुक्त माने जाते हैं। अगर किसी गर्भवती महिला को डायबिटीज है तो पिस्ता का उपयोग फायदा पहुंचाता है। गर्भावस्था में नट्स के लिए अच्छा विकल्प है पिस्ता।
काजू:
अन्य नट्स की तुलना में काजू में कम वसा पाई जाती है। उनमें एनाकार्डिक एसिड होता है, जो इंसुलिन सेंसिटिविटी में सुधार करता है, जो मधुमेह के रोगियों के लिए फायदेमंद है। गर्भावस्था में नट्स के लिए आप काजू खाना भी शुरू कर सकते हैं।
गर्भावस्था में नट्स (काजू) खाने के फायदे
काजू में मोनोअनसैचुरेटेड फैटी एसिड जैसे- ओलिक और पामिटोलेइक एसिड भरपूर मात्रा होते हैं, जो ब्लड में एचडीएल कोलेस्ट्रॉल को बनाकर एलडीएल कोलेस्ट्रॉल के कम करने में मदद करते हैं। तो अगर आपका डॉक्टर आपको नट्स खाने की सलाह देता है तो आप काजू का विकल्प चुन सकते हैं।
अखरोट:
यह कई पोषक तत्वों से भरपूर होता है। गर्भावस्था में नट्स के उपयोग करने के लिए डॉक्टर्स विशेष रूप से अखरोट का सेवन करने के लिए कहते हैं। यह गर्भावस्था में हार्ट और मेटाबॉलिज्म को भी लाभ पहुंचाता है। एक शोध में कहा गया है कि गर्भावस्था के दौरान अखरोट खाने से बच्चे के मस्तिष्क की क्षमता और याददाश्त बढ़ाने में मदद मिलती है।
गर्भावस्था में नट्स (अखरोट) खाने के फायदे:
अखरोट में विटामिन-ई, मैंग्नीज, थायमिन, फोलेट और फैटी एसिड का उच्च स्तर मस्तिष्क और दिमाग के कॉग्निटिव एक्टिविटी में सुधार करते हैं। साथ ही बाद में डीजेनरेटिव डिजीज (आर्थराइटिस, ऑस्टियोअर्थराइटिस, अल्जाइमर्स, पार्किंसंस, कैंसर आदि) को रोकने में मदद करते हैं। वे फोलेट के भी अच्छे स्रोत हैं, जो गर्भावस्था के दौरान शिशु की रीढ़ और मस्तिष्क के विकास में महत्वपूर्ण होते हैं।
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गर्भावस्था में नट्स का सेवन करने से पहले क्या ध्यान रखें?
कई लोगों को नट्स और ड्राई-फ्रूट्स इतने पसंद होते हैं कि वे दिन में लगातार इन्हें खाते रहते हैं। यह जान लें कि नट्स में ताजे फलों की तुलना में काफी अधिक कैलारी पाई जाती है। इसलिए इनका इस्तेमाल करते वक्त यह ध्यान रखें कि गर्भावस्था में आप नट्स की कितनी मात्रा का सेवन कर रही हैं?
आप दिन में बादाम के चार से सात टुकड़े, अखरोट के चार भाग, दो खजूर और एक बार में लगभग आठ पिस्ता खा सकती हैं। यह भी सलाह दी जाती है कि शरीर के पोषक तत्वों को बेहतर तरीके से अवशोषित करने में मदद करने के लिए आप दोपहर से पहले गर्भावस्था में नट्स का सेवन करें। साथ ही अगर आपको किसी प्रकार के नट्स से एलर्जी है तो प्रेग्नेंसी के दौरान इनका सेवन न करें।
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