एनीमिया (Anemia) ग्लोबल हेल्थ प्रॉब्लम है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) के हिसाब से पूरे विश्व में 32.4 मिलियन महिलाएं एनीमिया की समस्या से पीड़ित हैं। इनमें 0.8 मिलियन महिलाएं गंभीर रूप से इस समस्या से जूझ रही हैं। जो महिलाएं प्रेग्नेंसी के समय अपने खान-पान पर ध्यान नहीं देती हैं उन्हें एनीमिया की समस्या से गुजरना पड़ सकता है। किशोरावस्था और पीरियड्स के साथ ही गर्भावस्था में एनीमिया (Anemia during pregnancy) सबसे अधिक होता है। अक्सर महिलाओं को आयरन फूड्स के बारे में जानकारी न होने के कारण खून की कमी हो जाती है। ऐसे में वे आयरन की गोलियां लेना शुरू कर देती हैं। इसलिए एनीमिया के घरेलू उपाय (Home remedies of Anemia) को जानना बेहद जरूरी है।
इस लेख में हम एनीमिया (Anemia) के साथ ही एनीमिया के घरेलू उपाय के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे। ये उपाय एनीमिया से लड़ने और इसे दूर करने में मदद करेंगे।
और पढ़ें : क्या आपने कभी ली है सॉल्ट थेरिपी (हेलोथेरिपी), जानें इसके अद्भुत फायदे
एनीमिया (Anemia) क्या है?
शरीर में खून की कमी को एनीमिया कहते हैं। एनीमिया रोग में शरीर में फॉलिक एसिड (Folic acid), आयरन और B12 की कमी हो जाती है। शरीर में किसी कारण से जब रेड ब्लड सेल्स में कमी आ जाती है तो व्यक्ति एनीमिया रोग से ग्रसित हो जाता है। शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा तय मात्रा से कम हो जाती है।
एनीमिया के लक्षण क्या हैं? (Symptoms of Anemia)
एनीमिया होने पर निम्न लक्षण सामने आते हैं :
- थकान
- त्वचा और आंखों में पीलापन
- बेहोशी या चक्कर आना
- बार-बार प्यास लगना
- बहुत ज्यादा पसीना होना
- कमजोरी महसूस होना
- अनियमित पल्स रेट
- सांस लेने में समस्या
- पैर के निचले हिस्से में ऐंठन होना
- दिल की धड़कनों का अनियमित होना
- हाथ और पैरों का ठंड़ा होना
- सिरदर्द होना
- सीने में दर्द होना
और पढ़ें : कहीं आपको भी न हो जाएं गंभीर बीमारियां, जानें प्लास्टिक कुकवेयर के नुकसान
एनीमिया होने के कारण क्या हैं? (Cause of Anemia)
- हमारे खून में रेड ब्लज सेल्स (RBC) मौजूद होती हैं, जो कोशिकाओं तक ऑक्सिजन पहुंचाने का काम करती हैं। उनमें कमी होने पर एनीमिया (Anemia) होता है।
- हमारा शरीर तेजी से रेड ब्लड सेल्स (Blood cells) को नष्ट करने लगता है तब भी एनीमिया (Anemia) होता है।
- कुछ एनीमिया के प्रकार में रेड ब्लड सेल्स के अलावा व्हाइट ब्लड सेल्स (WBC) की भी कमी हो जाती है।
- कुछ अन्य परिस्थितियों के कारण भी एनीमिया हो जाता है, जैसे- प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं में खून की कमी हो जाती है। जिसके लिए डॉक्टर आयरन की गोलियां देते हैं।
- कुछ मामलों में एनीमिया (Anemia) आनुवांशिक भी हो सकता है।
- पीरियड्स के दौरान हैवी ब्लीडिंग होना।
- किडनी रोग (Kidney disease), इंफेक्शन (Infection), मलेरिया (Malaria), लीवर में दिक्क्त या थायरॉइड (Thyroid) की समस्या के कारण भी एनीमिया की समस्या हो सकती है।
एनीमिया कितने प्रकार का होता है? (Types of Anemia)
एनीमिया निम्न प्रकार की होती है :
आयरन डेफिसिएंसी एनीमिया (Iron Deficiency Anemia)
आयरन डेफिसिएंसी एनीमिया के प्रकार में से एक है। जिसका मतलब है कि खून में आयरन की कमी से होने वाला एनीमिया (Anemia)। हिमोग्लोबिन (Hemoglobin) में मौजूद आयरन ऑक्सिजन के साथ बंध बनाकर खून के जरिए ऑक्सिजन को कोशिकाओं तक पहुंचाते हैं। जब शरीर में आयरन की कमी हो जाती है, तो इस स्थिति में कोशिकाओं तक पूरी मात्रा में आयरन नहीं पहुंच पाता है और इसे ही आयरन डेफिसिएंसी एनीमिया (Iron Deficiency Anemia) कहते हैं।
और पढ़ें : कहीं क्लीनर की महक आपको बीमार ना कर दें!
[mc4wp_form id=’183492″]
पर्निसियस एनीमिया (Pernicious Anemia)
पर्निसियस एनीमिया विटामिन बी12 (Vitamin B12) की कमी के कारण होने वाला एनीमिया के प्रकार में से एक है। पर्निसियस एनीमिया में शरीर द्वारा विटामिन बी12 अवशोषित नहीं हो पाता है। विटामिन बी12 हेल्दी रेड ब्लड सेल्स बनाने के लिए जिम्मेदार होता है।
एनीमिया के प्रकार पर्निसियस एनीमिया को घातक कहा जाता है। इसका कारण यह है कि पारनिसियस एनीमिया का समय पर इलाज न कराने से वह जानलेवा बीमारी में बदल सकता है, लेकिन अब पारनिसियस एनीमिया का इलाज बी12 इंजेक्शन या उसके सप्लिमेंट्स से आसानी से किया जा सकता है।
सिकल सेल एनीमिया (Sickle Cell Anemia)
सिकल सेल एनीमिया एक वंशानुगत (हेरिडिटरी) एनीमिया है। यह वह स्थिति होती है, जिसमें शरीर के अन्य भागों में ऑक्सिजन ले जाने के लिए पर्याप्त हेल्दी रेड ब्लड सेल्स नहीं होती हैं। सामान्यतः रेड ब्लड सेल्स का आकार गोल होता हैं और खून की नसों के माध्यम से आसानी से आगे बढ़ सकती हैं, जिससे शरीर के सभी हिस्सों में ऑक्सिजन ले जाने में मदद मिलती है।
सिकल सेल एनीमिया होने पर ये कोशिकाएं सिकल (हसिएं) के शेप में बदल जाती हैं और कठोर एवं चिपचिपी हो जाती हैं। सिकल सेल्क को पतली ब्लड वेसल्स में जाने में परेशानी हो सकती है, जिससे शरीर के कुछ हिस्सों में खून का संचार और ऑक्सिजन का जाना धीमा हो सकता है या रुक सकता है। इस स्थिति में पर्याप्त मात्रा में ब्लड न मिलने पर टिश्यू डैमेज होने के साथ ही अंगों को नुकसान पहुंचता है।
और पढ़ें : डिश वॉश लिक्विड से क्या त्वचा को नुकसान पहुंचता है?
मेगैलोब्लास्टिक एनीमिया (Megaloblastic Anemia)
एनीमिया के प्रकार में से एक मेगैलोब्लास्टिक एनीमिया है। मेगैलोब्लास्टिक एनीमिया में बोन मैरो असामान्य से रेड ब्लड सेल्स का निर्माण करने लगता है। रेड ब्लड सेल्स का आकार या तो सामान्य से बड़ा होता है या सामान्य से छोटा होता है, लेकिन ये अबनॉर्मल ब्लड सेल्स ऑक्सीजन को कैरी नहीं कर पाती हैं, क्योंकि ये सेल्स स्वस्थ और मैच्योर नहीं होती हैं। मेगैलोब्लास्टिक एनीमिया होने का प्रमुख कारण विटामिन बी12 (Vitamin B12) या विटामिन बी9 (Vitamin-B9) की कमी होना है। हमारे शरीर को इन दोनों विटामिन की बहुत अधिक जरूरत होती है। मेगैलोब्लास्टिक एनीमिया को इलाज के लिए डॉक्टर विटामिन बी12 और विटामिन बी9 के सप्लीमेंट्स देते हैं, साथ ही डायट में भी विटामिन की मात्रा को जोड़ने के लिए कहते हैं।
एप्लास्टिक एनीमिया (Aplastic Anemia)
एप्लास्टिक एनीमिया में बोन मैरो डैमेज (Bone marrow disease) हो जाती है और रेड ब्लड सेल्स (RBC), व्हाइट ब्लड सेल्स (WBC) और प्लेटलेट्स बनाना बंद कर देती है। जिससे एप्लास्टिक एनीमिया (Aplastic anemia) हो जाता है। एप्लास्टिक एनीमिया आनुवांशिक है। जो पेरेंट्स से बच्चों में जाता है। एप्लास्टिक एनीमिया (Anemia) होने का जोखिम रेडिएशन या कीमोथेरिपी (Chemotherapy) कराने वाले लोगों में ज्यादा होता है। इसके अलावा किसी बीमारी के कारण बोन मैरो डैमेज होने के कारण भी एप्लास्टिक एनीमिया हो सकता है।
यह भी पढ़ें : गर्भपात के बाद प्रेग्नेंसी में किन बातों का रखना चाहिए ख्याल?
विटामिन डेफिसिएंसी एनीमिया (Vitamin Deficiency Anemia)
रेड ब्लड सेल्स के निर्माण के लिए आयरन के साथ-साथ विटामिन बी12, विटामिन सी (Vitamin-C) और फोलेट की जरूरत पड़ती है। जिसकी कमी होने से रेड ब्लड सेल्स का निर्माण नहीं हो पाता है, जिसे विटामिन डेफिसिएंसी एनीमिया कहते हैं। विटामिन डेफिसिएंसी एनीमिया तब होता है जब हम अपने आहार में विटामिन बी12 (Vitamin B12) , विटामिन सी (Vitamin-B) और फोलेट नहीं लेते हैं। कभी-कभी हमारा शरीर विटामिन बी12, विटामिन सी और फोलेट को अवशोषित करना बंद कर देता है तो भी विटामिन डेफिसिएंसी एनीमिया की स्थिति पैदा हो जाती है।
एनीमिया के घरेलू उपाय क्या हैं? (Home remedies for anemia)
एनीमिया के घरेलू उपाय में सबसे पहले कहा जाता है कि हमें आयरन युक्त फूड्स खाना चाहिए। आइए जानते हैं कि एनीमिया के घरेलू उपाय में आप क्या-क्या खा सकते हैं :
एनीमिया के घरेलू उपाय: सहजन की पत्तियां खाएं
सहजन की पत्तियां या ड्रमस्टिक की पत्तियों का सेवन करने से एनीमिया में राहत मिल सकती है। एनीमिया के घरेलू उपाय के रूप में सहजन की पत्तियों में विटामिन ए और सी, आयरन, कैल्शियम व मैग्नीशियम भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। 10 से 15 सहजन की पत्तियां अच्छे से धोकर काट लें और पीस लें। इसे जूस की तरह बनाएं और एक चम्मच शहद मिलाकर पिएं, लेकिन अगर आप गर्भवती हैं या बच्चे को दूध पिलाती हैं तो इसका सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर से पूछ लें।
और पढ़ेंः घमोरियां मिटाने के नुस्खे, जो इस गर्मी में आपको देंगे राहत
एनीमिया के घरेलू उपाय: विटामिन बी को डायट में करें शामिल
खाने में विटामिन बी यानी फोलेट को शामिल करने से बॉडी में एनीमिया की कमी को दूर हो सकती है। रेड ब्लड सेल का पार्ट हीमोग्लोबिन होता है। बिना फोलेट के रेड ब्लड सेल्स मैच्योर नहीं हो पाती हैं। अगर खाने में फोलेट उचित मात्रा में नहीं पहुंचता है तो फोलेट डिफिसिएंसी एनीमिया होने की संभावना रहती है। साथ ही हीमोग्लोबिन का लेवल भी कम हो जाता है। इसलिए एनीमिया के घरेलू उपाय के तौर पर आपको फोलेट की मात्रा अपने भोजन में संतुलित रूप से रखनी चाहिए। खाने में फोलेट प्राप्त करने के लिए इन फूड्स को शामिल करना चाहिए,
एनीमिया के घरेलू उपाय: विटामिन C लेना भी है जरूरी
एनीमिया के घरेलू उपाय में सिर्फ आयरन ही नहीं विटामिन सी लेना भी शामिल है। शरीर में आयरन तेजी से एब्जॉर्व हो इसके लिए विटामिन सी लेना बहुत जरूरी है। अगर आपको एनीमिया है तो आयरन के साथ ही विटामिन सी रिच फूड को भी शामिल करें। एनीमिया के घरेलू उपाय के रूप में आप निम्न चीजों को खा सकते हैं :
- खट्टे फल और रस
- स्ट्रॉबेरीज
- संतरे
- कीवी
- टमाटर
- शिमला मिर्च
एनीमिया के घरेलू उपाय: खजूर खाएं
एनीमिया के घरेलू उपाय में खजूर का उपयोग बेहद लाभकारी साबित हो सकता है। डेट या खजूर को बच्चे या फिर बूढ़े, सभी खाना पसंद करते हैं। खजूर में फाइबर, पोटैशियम, विटामिन-B विटामिन-C और मैग्नेशियम पाया जाता है। ये सभी न्यूट्रिएंट्स शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। अगर किसी भी इंसान का वजन कम है तो भी वो खजूर खा सकता है। डेट या खजूर शरीर का वजन सही रखने के साथ ही ब्लड की मात्रा को भी बैलेंस रखता है।
और पढ़ें : इन घरेलू उपायों से करें प्रेग्नेंसी में होने वाले एनीमिया का इलाज
एनीमिया के घरेलू उपाय : चुकंदर का सेवन करें
बीट रूट का रंग बहुत कुछ कहता है। बीटरूट में विटामिन-बी9, विटामिन-सी, फाइबर, पोटेशियम और आयरन पर्याप्त मात्रा में मौजूद होते है। चुकंदर खाने से शरीर को अन्य कई फायदे पहुंचते हैं। अगर चुकंदर को रोजाना खाने में शामिल किया जाए तो खून की कमी की समस्या यानी एनीमिया से बचा जा सकता है।
एनीमिया के घरेलू उपाय : अनार से ठीक हो जाए कई बीमार
खून की कमी (Blood loss) को दूर करने के लिए अगर सबसे पहले किसी फल का नाम लिया जाता है तो वह है अनार। अनार सबसे पौष्टिक फलों में से एक माना जाता है। अनार में विटामिन सी, फॉस्फोरस, फाइबर, कैल्शियम, आयरन जैसे अन्य पोषक तत्व पाए जाते हैं। यही कारण है कि यह शरीर को कई बीमारियों से सुरक्षा प्रदान करता है और शरीर में हुए खून की कमी को भी पूरा करने में मदद करता है।
एनीमिया के घरेलू उपाय : कीवी सिर्फ डेंगू में खाने वाला फल नहीं
कीवी (Kiwi) का नियमित सेवन शरीर में खून की कमी को पूरा करता है। अगर कीवी का सेवन डॉक्टर की परामर्श के साथ किया जाए तो बेहतर रहेगा। कई बार लोगों को जानकारी नहीं होती है कि किसी भी फल को कितनी मात्रा में खाना चाहिए। ऐसे में डॉक्टर से परामर्श करना सही रहेगा। कीवी विटामिन के, विटामिन सी, विटामिन ई, फोलेट, पोटेशियम आदि का अच्छा स्त्रोत है। इसका बोटेनिकल नाम एक्टिनिडिया डेलिसिओसा (Actinidia deliciosa) है, जो कि एक्टिनिडियाएसी (Actinidiaceae) फैमिली से आता है। कीवी के नियमित सेवन से शरीर में ब्लड लेवल को बढ़ाया जा सकता है। इसको सामान्यत: डेगू के मरीजों को खाने की सलाह दी जाती है, लेकिन यह बेहद काम का फल है।
एनीमिया के घरेलू उपाय : केले का करें सेवन
केले (Banana) में मैग्नेशियम, पोटैशियम, फायबर, प्रोटीन, विटामिन-बी6, विटामिन-सी, और फोलेट जैसे पौष्टिक तत्व मौजूद होते हैं। केले के नियमित सेवन से शरीर में पौष्टिक तत्वों की कमी नहीं होती है और शरीर फिट रहता है। अगर किसी व्यक्ति को खून (Blood) की कमी हो गई है तो बनाना का सेवन करना बेहतर रहेगा।
एनीमिया के घरेलू उपाय: टमाटर का लाल रंग दूर करेगा एनीमिया
अपने लाल रंग के कारण लोगों में प्रिय टमाटर अपने रंग के हिसाब से शरीर में रक्त की मात्रा को भी बढ़ाता है। टमैटो में अच्छी मात्रा में विटामिन-c मौजूद होता है। टमाटर का सेवन कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से बचने में मदद करता है। टमाटर में लाइकोपीन पाया जाता है। ये एक तरह का कैरोटीनॉयड (Carotenoid) है, जो प्रोस्टेट कैंसर (Prostate cancer) के खतरे को भी कम करता है और शरीर में खून की सही मात्रा में बनाए रखता है।