बच्चे हों या बड़े फूल गोभी और ब्रोकली खाने में सभी थोड़े बहुत नखरे दिखाते हैं। आपको बता दें कि फूल गोभी भारतीय सब्जी है, जबकि ब्रोकली एक विदेशी सब्जी है, जो कि अब भारत में भी उगाई जाने लगी है। भारत के कई हिस्सों में अभी भी फूल गोभी और ब्रोकली को काफी हद तक एक जैसा माना जाता है और सिर्फ यही नहीं पोषण के मामले में भी यह काफी हद तक एक जैसी हैं। हाल के वर्षों में भारत में युवाओं ने फूलगोभी की जगह ब्रोकली को ज्यादा महत्व दिया है, उनके हिसाब से ब्रोकली फूलगोभी से ज्यादा हेल्दी है। तो आइए, इस आर्टिकल में जानते हैं कि फूल गोभी और ब्रोकली (Cauliflower and broccoli) में कौन ज्यादा हेल्दी है।
फूल गोभी और ब्रोकली (Cauliflower and broccoli), क्या है ज्यादा हेल्दी?
- हाल के समय में भारत में फूल गोभी की जगह ब्रोकली के बढ़ते सेवन की वजह से आपके मन में यह सवाल जरूर आ सकता है कि आखिर इनमें से ज्यादा हेल्दी कौन-सी सब्जी है। आपको बता दें कि, फूल गोभी और ब्रोकली दोनों ही हेल्दी वेजिटेबल हैं, जो कि क्रूसीफेरस (Cruciferous) फैमिली से संबंध रखती हैं।
- फूल गोभी का वैज्ञानिक नाम ब्रेसिका ओलेरेसिया किस्म बोट्राइटिस (Brassica oleracea var. botrytis) और ब्रोकली का वैज्ञानिक नाम ब्रेसिका ओलेरेसिया किस्म इटैलिक (Brassica oleracea var. italic) है।
- दोनों ही सब्जियां एक ही फैमिली से हैं और पोषण के मामले में भी दोनों काफी हद तक समान है। लेकिन, इनमें मौजूद विटामिन और मिनरल्स की मात्रा में थोड़ा अंतर मिल सकता है। इसके अलावा, हर किसी व्यक्ति की प्राथमिकता के मुताबिक इनका फायदेमंद होना निर्धारित हो सकता है।
- जैसे, कैल्शियम के लिए ब्रोकली का सेवन करना फायदेमंद रहेगा और कम कैलोरी के लिए फूल गोभी का सेवन करना फायदेमंद रहेगा। लेकिन, फूल गोभी और ब्रोकली दोनों में ही यह दोनों पोषण तत्व पाए जाते हैं। अब आप समझ गए होंगे कि इनमें से किसी एक का हेल्दी होना आपकी जरूरत पर निर्भर कर सकता है।
यह भी पढ़ें: विटामिन-ई की कमी को न करें नजरअंदाज, डायट में शामिल करें ये चीजें
फूल गोभी और ब्रोकली (Cauliflower and broccoli) से मिलने वाला पोषण
हमारी विटामिन और मिनरल की दैनिक जरूरी मात्रा का एक बहुत बड़ा हिस्सा फूल गोभी और ब्रोकली के सेवन से प्राप्त किया जा सकता है। इन दोनों ही खाद्य पदार्थों में प्रचुर मात्रा में पोषण मौजूद होता है।
फूल गोभी और ब्रोकली के एक कप में निम्नलिखित विटामिन, मिनरल होते हैं
- विटामिन बी6 – दैनिक जरूरत का 11 प्रतिशत
- विटामिन सी – दैनिक जरूरत का 77 प्रतिशत
- विटामिन के – दैनिक जरूरत का 20 प्रतिशत
- कैलोरी – 25
- फोलेट – दैनिक जरूरत 14 प्रतिशत
- फाइबर – 3 ग्राम
- पैंटोथैनिक एसिड – दैनिक जरूत का 7 प्रतिशत
- मैगनीशियम – दैनिक जरूरत का 4 प्रतिशत
- मैंगनीज – दैनिक जरूरत का 8 प्रतिशत
- पोटैशियम – दैनिक जरूरत का 9 प्रतिशत
- फास्फोरस – दैनिक जरूरत का 4 प्रतिशत
फूल गोभी और ब्रोकली के एक कप में निम्नलिखित मात्रा में पोषण मौजूद होता है।
- प्रोटीन – 2.6 ग्राम
- फाइबर – 2.4 ग्राम
- कार्ब्स – 6 ग्राम
- फैट – 0.3 ग्राम
- विटामिन के – दैनिक जरूरत का 116 प्रतिशत
- विटामिन सी – दैनिक जरूरत का 135 प्रतिशत
- विटामिन ए – दैनिक जरूरत का 11 प्रतिशत
- विटामिन बी9 (फोलेट) – दैनिक जरूरत का 14 प्रतिशत
- पोटैशियम – दैनिक जरूरत का 8 प्रतिशत
- सेलेनियम – दैनिक जरूरत का 3 प्रतिशत
- फास्फोरस – दैनिक जरूरत का 6 प्रतिशत
यह भी पढ़ें: कब्ज का रामबाण इलाज है सीताफल, जानें इसके फायदे
फूल गोभी और ब्रोकली : फूलगोभी के फायदे
फूल गोभी में एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-वायरल और एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं। फूल गोभी का सेवन करने से आपको निम्नलिखित फायदे मिलते हैं। जैसे-
- फूल गोभी में एक जरूरी पोषक तत्व मौजूद होता है, जिससे आपकी याद्दाश्त मजबूत होती है। फूलगोभी में कोलीन होता है, जो कि पर्याप्त नींद, मसल्स मूवमेंट, सीखने की क्षमता और याद्दाश्त के लिए महत्वपूर्ण होता है। यह आपके सेलुलर मेंब्रेन के स्ट्रक्चर को मेंटेन करने, फैट को अवशोषित करने और लंबे समय से हो रही सूजन को घटाने में मदद करता है।
- फूल गोभी में फाइबर और पानी की काफी मात्रा होती है, जो कि पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने, कोलन कैंसर के खतरे को घटाने और कब्ज की समस्या से बचाने में मदद करते हैं। कई शोध में सामने आया है कि डाइटरी फाइबर इम्यून सिस्टम को रेगुलेट करने और सूजन को कम करने में सहायक होते हैं। डाइटरी फाइबर का सेवन करने से स्ट्रोक, हाइपरटेंशन, डायबिटीज, कोरोनरी हार्ट डिजीज, कुछ गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल डिजीज और ओबेसिटी का खतरा कम होता है। इसके अलावा, यह कॉलेस्ट्रोल और ब्लड प्रेशर को कम करने और इंसुलिन सेंसिटिविटी को सुधारने और मोटापे से ग्रसित व्यक्तियों को वजन घटाने में भी फायदेमंद होता है।
- फूल गोभी में व्यक्ति की विटामिन-के की दैनिक जरूरत का एक अच्छा हिस्सा मौजूद होता है। विटामिन-के की कमी को बोन फ्रैक्चर और हड्डियों की कमजोरी की समस्या के साथ जोड़कर देखा जाता है। इसलिए, फूल गोभी का सेवन करने से विटामिन-के प्राप्त होता है, जो कि शरीर में कैल्शियम के अवशोषण करने की प्रक्रिया में सुधार करता है और यूरिन में कैल्शियम के निकलने की समस्या को कम करता है।
- फूल गोभी और ब्रोकली के बारे में यह भी जानें कि फूल गोभी में एंटीऑक्सीडेंट्स की अच्छी मात्रा होती है, जो कि सेल्युलर म्यूटेशन को रोकने और फ्री रेडिकल्स से होने वाले ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करने में सहायक होते हैं। इसके साथ ही, इस खाद्य पदार्थ में सल्फर कंटेनिंग कंपाउंड होता है, जिसे सल्फोराफेन (Sulforaphane) कहा जाता है। सल्फोराफेन शरीर में विभिन्न प्रकार के कैंसर से लड़ने में मददगार होता है और इसी तत्व की वजह से क्रूरीफेरस फैमिली की सब्जियों में कड़वा स्वाद आता है। शोधकर्ताओं का कहना है कि, सल्फोराफेन शरीर में हिस्टोन डीएसेटाइलज (Histone Deacetylase; HDAC) एंजाइम को बाधित करता है। यह एंजाइम शरीर में कैंसरीकृत सेल्स के बनने में सहायक तत्व की भूमिका निभाता है।
- फूल गोभी में कैलोरी की मात्रा बहुत कम होती है। जिस वजह से वजन कम करने की कोशिश करने वाले लोगों के लिए यह एक उचित खाद्य पदार्थ है। इसके साथ ही, इसके भार का 92 प्रतिशत हिस्सा पानी की वजह से होता है, जिस वजह से वजन कम करने वाले लोग बिना किसी चिंता के इसका सेवन कर सकते हैं।
- फूल गोभी के लो-कार्ब खाद्य पदार्थ होने की वजह से लो-कार्ब डाइट अपनाने वाले लोग इसे अनाज और दालों के विकल्प के तौर पर अपना सकते हैं।
यह भी पढ़ें: लो कैलोरी डाइट प्लान (Low Calorie Diet Plan) क्या होता है?
फूल गोभी और ब्रोकली : फूल गोभी के आशंकित नुकसान
फूल गोभी का संतुलित सेवन करना स्वास्थ्यवर्धक होता है, लेकिन इसके अत्यधिक सेवन से आपको कुछ आशंकित नुकसानों का भी सामना करना पड़ सकता है। आइए, इन दुष्प्रभावों के बारे में जानते हैं।
- जो लोग कौमैडिन (Coumadin) या वारफेरिन (Warfarin) जैसी खून पतला करने की दवाओं का सेवन कर रहे होते हैं, उन्हें अचानक से फूल गोभी जैसे विटामिन- के युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन ज्यादा नहीं करना चाहिए। अगर, आप भी ऐसी ही किसी दवा का सेवन कर रहे हैं, तो फूल गोभी को अपनी डाइट में शामिल करने से पहले डॉक्टर से परामर्श जरूर लें। इसके अलावा, विटामिन के का अत्यधिक सेवन करने से शरीर में ब्लड क्लॉट बनने का खतरा बढ़ जाता है।
- फूल गोभी में फाइबर की प्रचुर मात्रा होती है। जिस वजह से इसका अत्यधिक सेवन करने पर आपको पेट फूलने व सूजन की समस्या हो सकती है। इसलिए, फूल गोभी का सेवन बढ़ाते हुए आपको सावधानी बरतने की जरूरत होती है।
- ऐसा जरूरी नहीं है कि फूल गोभी का सेवन करने से आपको इन दुष्प्रभावों का सामना जरूर करना पड़ेगा। हो सकता है कि आपको इन दुष्प्रभावों का सामना करना ही न पड़े या आपको इनसे अलग किसी और दुष्प्रभाव का सामना भी करना पड़ सकता है। अगर, आपके मन में इस खाद्य पदार्थ से संबंधित दुष्प्रभावों के बारे में चिंता है, तो अपने डॉक्टर या न्यूट्रीशनिस्ट से संपर्क करें।
फूल गोभी और ब्रोकली : ब्रोकली के फायदे
ब्रोकली में प्रचुर मात्रा में विटामिन, मिनरल और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो कि हमें कई प्रकार के स्वास्थ्य फायदे देते हैं। आइए, जानते हैं कि ब्रोकली का सेवन करने से हमें कौन-कौन से फायदे मिलते हैं।
- ब्रोकली में विटामिन-सी बहुतायत मात्रा में होता है, जो कि शरीर में कोलेजन के उत्पादन में मदद करता है। कोलेजन बॉडी सेल्स, शारीरिक अंगों और त्वचा के लिए मुख्य सपोर्ट सिस्टम के रूप में कार्य करता है। विटामिन-सी एक प्रकार का एंटीऑक्सीडेंट भी होता है, जो कि त्वचा के क्षतिग्रस्त होने या उम्र बढ़ने की वजह से आने वाली झुर्रियों से बचाने में भी सहायता प्रदान करता है।
- ब्रोकली में मौजूद विटामिन-सी की वजह से इम्यून सिस्टम भी मजबूत होता है। जिससे सामान्य फ्लू या अन्य इंफेक्शन से बचाव होता है।
- फूल गोभी और ब्रोकली की समानता की वजह से ब्रोकली में भी डाइटरी फाइबर मौजूद होता है, जो कि कब्ज से छुटकारा दिलाने में भी मदद करता है और पाचन तंत्र को भी स्वस्थ बनाता है।
- कई शोध में सामने आया है कि ब्रोकली का सेवन करने से टाइप-2 डायबिटीज से बचाव होता है, क्योंकि ब्रोकली शरीर में शुगर लेवल को संतुलित रखती है। यह संतुलन ब्रोकली में सल्फोराफेन तत्व होने की वजह से होता है।
- जब इम्यून सिस्टम पर बैक्टीरिया या वायरस हमला करते हैं, तो इसकी प्रतिक्रिया के रूप में शारीरिक अंगों में सूजन होती है। हालांकि, सूजन होने के कई और भी कारण हो सकते हैं, जैसे- आर्थराइटिस या टाइप-1 डायबिटीज आदि। ब्रोकली में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो कि शरीर में किसी भी वजह से होने वाली सूजन को कम करने में मदद करते हैं।
- ब्रोकली का सेवन हड्डियों को मजबूत भी करता है। क्योंकि, इसमें मौजूद कैल्शियम और विटामिन-सी की मदद मिलने पर कोलेजन के उत्पादन की वजह से हड्डियों को मजबूती मिलती है। इसके साथ ही, ब्रोकली में विटामिन-के भी होता है, जो कि बोन फ्रैक्चर और हड्डियों की कमजोरी के खतरे को कम करता है।
- ब्रोकली में फाइबर और पोटैशियम की मात्रा होती है और एक स्टडी के मुताबिक डाइट में सोडियम की मात्रा कम करने और पोटैशियम की मात्रा बढ़ाने से हाई ब्लड प्रेशर का खतरा कम होता है और रक्त धमनियां रिलैक्स होती हैं। इस कारण कार्डियोवस्कुलर डिजीज का खतरा कम होता है।
यह भी पढ़ें: तीसरी तिमाही की डायट में महिलाएं इन चीजों को करें शामिल
फूल गोभी और ब्रोकली- ब्रोकली के आशंकित नुकसान
ब्रोकली का अत्यधिक सेवन करने से कुछ नुकसानों की आशंका होती है। आइए, इन दुष्प्रभावों के बारे में जानते हैं।
- फूल गोभी और ब्रोकली एक ही फैमिली से है, जिस वजह से ब्रोकली में भी विटामिन-के काफी मात्रा में होता है, जिसका अत्यधिक सेवन करने से ब्लड क्लॉट बनने की आशंका रहती है। इसके अलावा, कौमेडिन या वारफेरिन जैसी खून पतला करने वाली दवाओं के साथ ब्रोकली का सेवन करना समस्या पैदा कर सकता है।
- ब्रोकली का सेवन करने से आपको गैस या पेट फूलने की समस्या का भी सामना करना पड़ सकता है।
- ब्रोकली में मौजूद फास्फोरस आपके खून में इकट्ठा हो सकता है, जिससे किडनी की समस्या हो सकती है। इसलिए, अगर आपको कभी किडनी की कोई समस्या रही है या आपकी किडनी अस्वस्थ है, तो ब्रोकली का सेवन करने से पहले आपको अपने डॉक्टर के साथ जरूरी परामर्श कर लेना चाहिए।
- इसके अलावा, ब्रोकली में कुछ एलर्जी पैदा करने वाले तत्व हो सकते हैं, जिसकी वजह से व्यक्ति को सूजन, सांस लेने में तकलीफ और रैशेज का सामना करना पड़ सकता है। अगर आपको एलर्जी की समस्या है, तो ब्रोकली का सेवन करने से पहले आपको अपने डॉक्टर से बात करनी चाहिए।
- ऐसा जरूरी नहीं है कि ब्रोकली का सेवन करने से आपको इन दुष्प्रभावों का सामना जरूर करना पड़ेगा। हो सकता है कि आपको इन दुष्प्रभावों का सामना करना ही न पड़े या आपको इनसे अलग किसी और दुष्प्रभाव का सामना भी करना पड़ सकता है। अगर, आपके मन में अगर इस खाद्य पदार्थ से संबंधित दुष्प्रभावों के बारे में चिंता है, तो अपने डॉक्टर या न्यूट्रीशनिस्ट से संपर्क करें।
हैलो हेल्थ ग्रुप किसी भी प्रकार की चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार मुहैया नहीं कराता।
और पढ़ें :
वेजिटेरियन लोग वजन बढ़ाने के लिए डाइट में शामिल करें ये चीजें
दूसरी तिमाही की डायट में इतनी होनी चाहिए पोषक तत्वों की मात्रा
उम्र के हिसाब से जरूरी है महिलाओं के लिए हेल्दी डायट
वजन बढ़ाने के लिए दुबले पतले लोग अपनाएं ये आसान उपाए
[embed-health-tool-bmr]