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डायबिटीज और जॉइंट पेन : क्या डायबिटीज में जोड़ों का दर्द होना सामान्य है?

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Nikhil deore द्वारा लिखित · अपडेटेड 21/02/2022

    डायबिटीज और जॉइंट पेन : क्या डायबिटीज में जोड़ों का दर्द होना सामान्य है?

    डायबिटीज आजकल एक आम समस्या बनती जा रही है। इस बीमारी का मुख्य कारण माना जाता है, हमारी बिगड़ती जीवनशैली को। डायबिटीज का अर्थ है शरीर में ब्लड ग्लूकोज की मात्रा का बहुत अधिक बढ़ जाना। अगर इस बीमारी के लक्षणों को मैनेज और ब्लड ग्लूकोज को कंट्रोल कर लिया जाए तो मरीज सामान्य जीवन जी सकता है। आज हम आपको जानकारी देने वाले हैं डायबिटीज और जॉइंट पेन (Diabetes and Joint Pain) के बारे में।

    अमेरिकन आर्थराइटिस फाउंडेशन (American Arthritis Foundation) के अनुसार अगर स्थिति को मैनेज न किया जाए, तो डायबिटीज से पीड़ित व्यक्ति को आर्थराइटिस और जॉइंट पेन होने की संभावना दो गुना अधिक बढ़ जाती है। इसके अलावा डायबिटीज से संबंधित अन्य फैक्टर जैसे आर्टेरियल डिजीज (Arterial Disease) , मोटापा (Obesity) और डायबिटिक न्यूरोपैथी (Diabetic Neuropathy) आदि के कारण भी जोड़ों की दर्द होने की संभावना बढ़ जाती है। आइए, जानते हैं डायबिटीज और जॉइंट पेन (Diabetes and Joint Pain) के बारे में विस्तार से।

    डायबिटिक आर्थ्रोपैथी क्या है? (Diabetic Arthropathy)

    डायबिटिक नर्व डैमेज के कारण जॉइंट्स में होने वाली समस्याओं को डायबिटिक आर्थ्रोपैथी कहा जाता है। डायबिटीज जैसी बीमारी की वास्तविकता यह है कि यह रोग शरीर पर भारी पड़ता है। समय के साथ, यह एक बीमारी ऐसी स्थिति में विकसित हो सकती है, जिसे डायबिटिक आर्थ्रोपैथी, यानी क्षतिग्रस्त जोड़ों के रूप में जाना जाता है। इसमें त्वचा का थिक होना, कंधे के जोड़ों में दर्द, कार्पल टनल सिंड्रोम (Carpal Tunnel Syndrome) की शुरुआत और पैरों में बदलाव जैसी परेशानियां हो सकती हैं। शरीर के जोड़ हड्डियों के बीच कुशनिंग और सुरक्षा प्रदान करने में मदद करते हैं। जब ये क्षेत्र बिगड़ने लगते हैं, तो यह कुशनिंग और सुरक्षा कमजोर हो जाती है, जिससे हड्डियों में दर्द होता है। डायबिटिक आर्थ्रोपैथी के कई प्रकार होते हैं। आइए जानते हैं इसके प्रकारों के बारे में:

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    चारकोट’स जॉइंट (Charcot’s Joint)

    चारकोट’स जॉइंट को न्यूरोपैथिक अर्थ्रोपैथी (Neuropathic Arthropathy) या चारकोट’स फुट (Charcot’s Foot) के नाम से भी जाना जाता है। इस स्थिति में नर्व फंक्शन में कमी के कारण हड्डियां, जोड़ और सॉफ्ट टिश्यू में खराबी शामिल है। पैर और टखने को प्रभावित करने वाली, यह प्रोग्रेसिव स्थिति आमतौर पर एक अनुपचारित चोट या संक्रमण के बाद होती है। यह समस्या विशेष रूप से डायबिटिक रोगियों में डायबिटिक नर्व डैमेज (न्यूरोपैथी) से जुड़ी सेंसेशन के नुकसान के कारण भी हो सकती है। चारकोट’स जॉइंट के सामान्य लक्षण इस प्रकार हैं :

    उपचार के बिना, चारकोट’स जॉइंट के कारण जोड़ों का आकार बदल सकता है या यह काम करना बंद कर देते हैं। कुछ बदतर स्थितियों में इन्हें काटना भी पड़ सकता है। अगर आप इन में से कोई भी लक्षण महसूस करते हैं तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें, ताकि आप परमानेंट डैमेज से बच सके। डायबिटीज और जॉइंट पेन (Diabetes and Joint Pain) से संबंधित दूसरी समस्या है ऑस्टियोआर्थराइटिस। आइए जानते हैं इसके बारे में।

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    ऑस्टियोआर्थराइटिस (Osteoarthritis)

    यह आर्थराइटिस का सबसे सामान्य प्रकार और टाइप 2 डायबिटीज से पीड़ित लोगों को होने वाले लगातार हेल्थ इश्यूज में से एक है। हालांकि, इसे डायबिटीज के कारण होने वाली समस्या नहीं कहा जा सकता है। लेकिन इन दोनों समस्याओं के रिस्क फैक्टर एक जैसे हो सकते हैं जैसे उम्र और मोटापा।  हालांकि, हाल के अध्ययनों से पता चला है कि हाइपरग्लेसेमिया के होने से आर्थराइटिस के विकास और ग्रोथ पर भी असर पड़ सकता है। ऑस्टियोआर्थराइटिस को जोड़ों के बीच खराब कार्टिलेज के रूप में जाना जाता है  जो समय के साथ बदतर हो सकते हैं। ऑस्टियोआर्थराइटिस के सामान्य लक्षण इस प्रकार हैं:

    • इनएक्टिविटी या अधिक प्रयोग करने के बाद जोड़ों का स्टिफ होना या उनमे दर्द होना  (Stiff or Sore joints)
    • मोशन की सीमित रेंज जो मूवमेंट के साथ आसान हो जाती है (Limited Range of Motion)
    • झुकने पर क्लिक जैसी आवाज या झंझरी महसूस होना (Clicking or Grating sensation when bending)
    • जोड़ों में या इसके आसपास सूजन या दर्द होना (Swelling or pain)

    उम्र, हेल्थ कंडीशंस जैसे डायबिटीज या मोटापा आदि के कारण जोड़ों में समस्या आना सामान्य है। ऐसे में इस समस्या के उपचारों में दवाईयां, फिजियोथेरेपी या कई बार सर्जरी भी शामिल होती है। ताकि दर्द को कम किया जाए और जॉइंट मूवमेंट को सही से किया जाए। इसके साथ ही डॉक्टर लाइफस्टाइल को भी हेल्दी बनाए रखने की सलाह दे सकते हैं जैसे वजन को सही रखें, व्यायाम करें, सही आहार का सेवन आदि। अब जानते हैं रूमेटाइड आर्थराइटिस के बारे में।

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    रूमेटाइड आर्थराइटिस  (Rheumatoid Arthritis )

    डायबिटीज और जॉइंट पेन (Diabetes and Joint Pain) के बारे में जानने के लिए इस समस्या के बारे में जानना भी जरूरी है। रूमेटाइड आर्थराइटिस को ऑटोइम्यून डिजीज से जोड़ा जाता है लेकिन इस समस्या के सही कारणों की जानकारी नहीं है। टाइप 1 डायबिटीज को भी ऑटोइम्यून डिजीज माना जाता है। इसका अर्थ यह है कि जिन लोगों को टाइप 1 डायबिटीज की समस्या होती है। उनमें समय के साथ रूमेटाइड आर्थराइटिस होने की संभावना भी रहती है। रूमेटाइड आर्थराइटिस और टाइप 1 डायबिटीज शरीर में इंफ्लेमेट्री मार्कर शेयर करते हैं, इंटरल्यूकिन -6 (Interleukin-6) और सी-रिएक्टिव प्रोटीन (C-Reactive Protein) के स्तर को बढ़ाते हैं।इसके सामान्य लक्षण इस प्रकार हैं

    • जोड़ों में या आसपास दर्द और सूजन (Joint pain, swelling)
    • स्टिफनेस जो खासतौर पर सुबह होती है (Stiffness)
    • कई जोड़ों का प्रभावित होना जिसमे छोटे, नॉन-वेट बेयरिंग जॉइंट शामिल हैं (Multiple joints)
    • एक जैसे जोड़ जो शरीर की दोनों साइड्स को प्रभावित करते हैं (Same Joints Affected on Both sides of Body)

    डायबिटीज के कारण जोड़ डैमेज हो सकते हैं जिससे जीवन और मूवमेंट दोनों मुश्किल हो सकते हैं। इसके लक्षण बिना किसी चेतावनी के आते और जाते रहते हैं और कई दिनों या महीनों तक रह सकते हैं। हालांकि, इस रोग का कोई उपचार नहीं है, लेकिन कुछ ट्रीटमेंट ऑप्शंस से इन्हें मैनेज करने में मदद मिल सकती है। इन ट्रीटमेंट ऑप्शन के बारे में जानने के लिए डॉक्टर की सलाह करें। डायबिटीज और जॉइंट पेन (Diabetes and Joint Pain) में अंतिम है गठिया की बीमारी।जानिए इसके बारे में।

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    गठिया (Gout)

    गठिया का कारण यूरिक एसिड के लेवल का बहुत अधिक बढ़ना होता है  जिसके परिणामस्वरूप जोड़ों में और उसके आसपास क्रिस्टल बन सकते हैं। जिससे जोड़ों में लालिमा, सूजन और दर्द हो सकता है। गठिया भी आ और जा सकता है। कई लोग इसके नियमित एपिसोड्स अनुभव करते हैं जबकि कुछ लोगों को यह समस्या कभी कभी होती है। टाइप 2 डायबिटीज से पीड़ित लोगों के लिए लाइफस्टाइल में बदलाव सलाह दी जाती है, जिससे गठिये के एपिसोड्स से भी बचा जा सकता है। यदि गाउट यानी गठिया का अटैक होता है, तो इसके लक्षणों से राहत के लिए आमतौर पर एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स प्रभावी होती हैं।

    डायबिटीज में मस्कुलोस्केलेटल जटिलताएं आम हैं और इससे दर्द और विकलांगता भी हो सकती है। यह समस्याएं आमतौर पर लंबी अवधि और जटिलताओं से पीड़ित डायबिटीज के रोगियों में होते हैं। यानी, यह समस्याएं अधिकतर उन लोगों में होती है जिनमें डायबिटीज अच्छे से कंट्रोल नहीं हुई होती। अब जानते हैं कि डायबिटीज और जॉइंट पेन (Diabetes and Joint Pain) के उपचार के लिए क्या करें?

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    डायबिटीज और जॉइंट पेन के लिए उपचार (Treatment of Diabetes and Joint Pain)

    डायबिटीज और जॉइंट पेन (Diabetes and Joint Pain) के उपचार के लिए दवाईयां, थेरेपीज लेने के साथ ही लाइफस्टाइल में बदलाव करना बेहद जरूरी है। डायबिटीज की स्थिति में इन्सुलिन की भी जरूरत पड़ती है। अगर आप डायबिटीज और जॉइंट पेन (Diabetes and Joint Pain) की समस्या से छुटकारा पाना चाहते हैं, तो अपनी डायट में बदलाव करें। इसके लिए हेल्दी फैट्स और न्यूट्रिएंट्स का सेवन करें। इनसे न केवल डायबिटीज कंट्रोल करने में मदद मिलेगी, बल्कि जोड़ों के दर्द पर भी अच्छा प्रभाव पड़ेगा। जॉइंट पेन के उपचार इस प्रकार संभव है :

    • तुरंत आराम के लिए कोर्टीसोन के जॉइंट इन्फ्लेमेशन इंजेक्शंस (Joint Inflammation Injection of Cortisone)
    • स्टिफ कलाई या घुटने की फ्लेक्सिबिलिटी को रिस्टोर करने के लिए जेंटल मसाज (Gentle Massage)
    • जोड़ों की समस्या को दूर करने के लिए कायरोप्रैक्टिक एडजस्टमेंट (Chiropractic Adjustment) : कायरोप्रैक्टिक एडजस्टमेंट जोड़ों और रीढ़ की हड्डी में की जाने वाली मैनीपुलेशन (Manipulation) है, जो शरीर के दर्द को कम करने में मदद करती है। इससे सिरदर्द और पीठ के निचले हिस्से, गर्दन का दर्द भी दूर हो सकता है।
    • जोड़ों के नुकसान पहुंचाए बिना किए जाने वाले व्यायाम (Exercise)

    क्या आप जानते हैं कि डायबिटीज को रिवर्स कैसे कर सकते हैं? तो खेलिए यह क्विज!

    डायबिटीज से संबंधित जॉइंट पेन को दूर करने के लिए सबसे पहले उसे पहचानना जरूरी है।  इन स्थितियों का इलाज संभव नहीं है, लेकिन इस दौरान होने वाली दर्द, बैचैनी या अन्य समस्याओं को दूर करने के लिए उपचार मौजूद हैं।  अगर आप अपने पैरों या टांगों में सूजन, लालिमा, दर्द या सुन्नता महसूस करते हैं, तो इन लक्षणों को जल्द से जल्द दूर करने की जरूरत है।  अगर आपको डायबिटीज है या आपको लगता है कि इससे आपको जोड़ों की समस्या होने का जोखिम है तो इसके बारे में डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है। डायबिटीज से छुटकारा पाने के लिए सही लाइफस्टाइल के साथ ही ब्लड ग्लूकोज की नियमित जांच, व्यायाम, तनाव से बचना और वजन कम करना आदि बेहद जरूरी है। इसके लिए आप डॉक्टर से सलाह लें। अब जानते हैं कुछ उपाय डायबिटीज और जॉइंट पेन (Diabetes and Joint Pain) से आराम पाने के लिए।

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    डायबिटीज और जॉइंट पेन से छुटकारा पाने के लिए क्या करें? (Prevention of Diabetes and Joint Pain)

    डायबिटीज में जॉइंट पेन होना सामान्य है। ऐसे में इन समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए आपको कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए। इन कुछ तरीकों से आपको आराम भी मिलेगा और इससे आपको जोड़ों को मूव करने में भी आसानी होगी:

    • मसल्स और टेंडॉन्स को रिलेक्स और मूव करने के लिए स्ट्रेचिंग करना जरूरी है। इसके लिए फिजिकल थेरेपिस्ट या ट्रेनर की मदद ले सकते हैं। बार-बार हाय इम्पेक्ट व्यायाम जैसे रनिंग, जंपिंग औरएरोबिक्स आदि को करने से बचें।
    • अगर जॉइंट्स में कोई समस्या हो, तो जॉइंट्स को आराम करने दें ताकि यह सही से ठीक हो सके। जोड़ों पर हीट और कोल्ड थेरेपी का प्रयोग करें।
    • अगर आपका वजन अधिक है, तो उसे कम करें। क्योंकि ऐसा करने से न केवल आपको डायबिटीज से आराम मिलेगा बल्कि, जोड़ों के दर्द से भी छुटकारा मिलगा।
    • ठंडे मौसम में अपने प्रभावित जोड़ों को जैसे घुटनों, हाथों को गर्म रखें।
    • एसिटामिनोफेन (Acetaminophen) और आइबूप्रोफेन (Ibuprofen) जैसी दवाईयां दर्द और सूजन को कम करने में मददगार होती है।
    • डॉक्टर की सलाह के अनुसार आप सप्लीमेंट्स भी ले सकते हैं जैसे ग्लूकोसामाइन (Glucosamine) , विटामिन डी (Vitamin D), ओमेगा 3 फिश आयल (Omega-3 Fish oil) आदि। यह जॉइंट पेन के लिए बहुत लाभदायक है।
    • सपोर्टिव डिवाइस भी इस समस्या से मददगार साबित हो सकते हैं। घुटनों में यह समस्या होने पर ब्रेसेस, सपोर्टिव शूज आदि बाज़ार में उपलब्ध हैं। ऐसे ही दर्दभरे हैंड जॉइंट्स के लिए अन्य डिवाइस भी मिल जाते हैं।
    • स्मोकिंग करने से बचें। स्मोकिंग करने से कनेक्टिव टिश्यूज में स्ट्रेस पड़ सकता है। जिससे जॉइंट पेन की समस्या बदतर हो सकती है।

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    बैलेंस्ड डायट, नियमित व्यायाम, ब्लड ग्लूकोज को कंट्रोल करके और हेल्दी वेट को मेंटेन रख कर आप डायबिटीज और जॉइंट पेन (Diabetes and Joint Pain) की समस्या को कंट्रोल कर सकते हैं। लाइफस्टाइल में सुधार और साथ में केयरफुल मेडिकल इंटरवेंशनस (Careful Medical Interventions) जॉइंट पेन को मैनेज करने की कुंजी है। अंडरलायिंग डायबिटिक कंडीशन को नियंत्रित करने से रोगियों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार की दिशा में एक लंबा रास्ता तय होगा। लेकिन, ऐसा नहीं है कि यह दोनों समस्याएं होने पर आप सामान्य जीवन नहीं जी सकते हैं। आपको बस अपनी डायबिटीज को नियंत्रित रखना और हेल्दी आदतों को अपनाना है। इससे न केवल आपके जीवन की गुणवत्ता बढ़ेगी बल्कि आपको डायबिटीज की अन्य जटिलताओं से बचने रहने में भी आसानी होगी। डायबिटीज और जॉइंट पेन (Diabetes and Joint Pain) के बारे में जानने के लिए एक्सपर्ट से सलाह लें।

    डिस्क्लेमर

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