वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) के रिपोर्ट के अनुसार भारत में सबसे ज्यादा मधुमेह (डायबिटीज) के मरीज हैं। ब्लड में शुगर की मात्रा बढ़ने से मधुमेह (Diabetes) हो जाती है। आज के दौर में बडे ही नहीं बच्चे भी इस बीमारी का शिकार हो रहे हैं। इसका कारण बदलती जीवनशैली और खान-पान है। जिससे मधुमेह जैसी बीमारी घर कर लेती है।
डायबिटीज (Diabetes) क्या है?
मधुमेह (डायबिटीज) को मेडिकल भाषा में डायबिटीज मेलिटस कहते हैं। यह मेटाबॉलिज्म (उपापचयी क्रिया) से जुड़ी आम बीमारी है। डायबिटीज में आपका शरीर इंसुलिन हॉर्मोन (Insulin hormone) को बनाने और उसे इस्तेमाल करने की क्षमता खो देता है। डायबिटीज की बीमारी होने पर आपके शरीर में ग्लूकोज की मात्रा बहुत ज्यादा बढ़ जाती है। यह स्तिथि आगे चल कर आंखों, किडनी, खून की नसों और दिल से संबंधित समस्याओं की द्योतक बनती हैं।
मधुमेह (डायबिटीज) के लक्षण क्या हैं? (Diabetes Symptoms)
मधुमेह (डायबिटीज) के लक्षण निम्न हैं:
- पॉलीडीप्सिया, बार-बार प्यास लगना
- पॉल्यूरिया, बार-बार पेशाब होना
- बिना किसी कारण के वजन घटना
- थकान महसूस होना
- मितली और उल्टी आना
- दृष्टि संबंधी समस्याएं होना, जैस- धुंधला दिखाई देना
- महिलाओं में बार-बार योनि संक्रमण होना
- मुंह सूखना
- घाव भरने में ज्यादा समय लगना
- त्वचा में खुजली होना, कमर और योनि के आस-पास भी खुजली होना
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आपको बता दें कि अलग-अलग व्यक्ति के शरीर पर मधुमेह (डायबिटीज) के लक्षण अलग-अलग प्रभाव डालते हैं। इसलिए जरूरी नहीं है कि सभी में ऊपर बताए गए सारे लक्षण सामने आए। ज्यादा जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से जरूर बात कर लें।
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मधुमेह (डायबिटीज) होने के कारण क्या हैं? (Causes of Diabetes)
- लगातार वजन बढ़ना
- सिगरेट और तम्बाकू का सेवन करना
- घर या ऑफिस में बढ़ते प्रेशर की वजह से मानसिक तनाव होना
- जरूरत से ज्यादा काम करना
- खान-पान सही न रहना और कम पानी पीना
- सात से आठ घंटे की पूरी नींद नहीं लेना
- मीठे का सेवन ज्यादा करना
डायबिटीज के प्रकार क्या हैं? (Types of Diabetes)
सामान्यतः डायबिटीज दो प्रकार की होती है। जिसमें टाइप-1 डायबिटीज और टाइप-2 डायबिटीज हैं।
टाइप-1 डायबिटीज (Type 1 Diabetes)
जब शरीर में इंसुलिन हॉर्मोन बनना बंद हो जाता है तब टाइप-1 डायबिटीज होता है। इस स्थिति में ब्लड शुगर लेवल को नॉर्मल रखना पड़ता है। जिसके लिए व्यक्ति को पूरी तरह से इंसुलिन इंजेक्शन पर निर्भर रहना पड़ता है। टाइप-1 डायबिटीज (Type 1 Diabetes) ज्यादातर बच्चों और किशोरों में होने वाली बीमारी है। बच्चों और किशोरों के अलावा युवा वयस्कों में टाइप-1 डायबिटीज (Type 1 Diabetes) अचानक से हो सकता है। शरीर में स्थित अग्नाशय से इंसुलिन नहीं बनने के कारण टाइप-1 डायबिटीज हो जाता है। डायबिटीज का सटीक इलाज संंभव नहीं है, इसलिए इंजेक्शन की मदद से इंसुलिन के लेवल को कंट्रोल किया जाता है।
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टाइप-2 डायबिटीज (Type 2 Diabetes)
जब हमारे शरीर में इंसुलिन की मात्रा कम होने लगे और शरीर उसे ठीक से इस्तेमाल नहीं कर पाए। तो ऐसी स्थिति में टाइप-2 डायबिटीज यानी कि टाइप-2 मधुमेह हो जाता है। इसकी शिकायत शुरू होते ही डायबिटीज के सभी लक्षण सामने आने लगते हैं। टाइप-2 डायबिटीज होना बहुत ही सामान्य बात है और यह 40 वर्ष से ज्यादा उम्र के लोगों को प्रभावित करती है।
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मधुमेह (डायबिटीज) को कंट्रोल करने के नुस्खे (Home remedies for Diabetes)
- ग्रीन टी (Green Tea)- मधुमेह (डायबिटीज) के मरीज को रोजाना 2 कप ग्रीन टी (Green Tea) पीना चाहिए। ग्रीन टी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट शुगर लेवल (Sugar level) को कंट्रोल करते हैं, जिससे मधुमेह (डायबिटीज) के मरीज को फायदा होता है लेकिन, ग्रीन टी का सेवन बहुत ज्यादा न करें।
- तुलसी (Tulsi)- सुबह खाली पेट तुलसी की 3-4 पत्तियों को खाने से इंसुलिन का लेवल बढ़ता है। तुलसी में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट इंसुलिन की मात्रा बढ़ाने में सहायक होता है।
- भिंडी (Lady finger)- भिंडी में मौजूद फाइबर मधुमेह (डायबिटीज) के मरीजों के लिए रामबाण है। भिंडी के ऊपर और नीचे के हिस्से को काट कर एक ग्लास पानी में पूरी रात छोड़ दें और फिर सुबह इसे पी लें। ऐसा नियमित रूप से करने से फायदा होता है।
- धनिया (Coriander)- नियमित रूप से खाने में धनिए का इस्तेमाल करने से मधुमेह (डायबिटीज) के मरीजों को लाभ होता है।
- हरी सब्जी (Green vegetables)- आहार में हरी पत्तेदार सब्जियां का सेवन करें। जैसे पत्ता गोभी, फूलगोभी, लौकी, बैंगन, करेला, मेथी, सहजन, पालक और परवल।
- फल (Fruits)- संतरा, नाशपाती, मौसमी, खरबूजा, पपीता, आंवला और जामुन जैसे फलों का नियमित रूप से सेवन कर सकते हैं। वहीं केला, आम, सेब, खजूर और अंगूर जैसे फलों में ग्लूकोज की मात्रा अधिक होती है इसलिए इनका सेवन ना करें।
- मखाना (Fox Nut)- मधुमेह के मरीज के लिए मखाने का सेवन बहुत फायदेमंद होता है। मखाना शरीर में इन्सुलिन की मात्रा को बढ़ाता है और ग्लूकोज की मात्रा कम रखने में मदद करता है।
- कम कैलोरी (Low calorie)- खाने में कम कैलोरी वाली चीजों को शामिल करें।
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मधुमेह (डायबिटीज) के मरीज इन बातों का रखें ध्यान (Tips For Diabetes Patient)
- शुगर लेवल (Sugar level) की जांच नियमित रूप से करें।
- खाने में मीठी चीजों का सेवन बंद कर दें।
- पैक्ड फूड खाने से परहेज करें।
- सॉफ्ट ड्रिंक्स भी शुगर लेवल बढ़ाती हैं।
- नियमित रूप से पैदल चलें।
- व्यायाम (Exercise) और योग से भी फायदा मिलेगा।
- तले हुए आहार (Fired food) से परहेज करें।
- आलू का सेवन नहीं करें।
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इसके अलावा आप योगासन के द्वारा खुद को मधुमेह के साथ स्वस्थ रख सकते हैं :
कपालभाति (Kapalabhati)
कपालभाति करने ये मधुमेह (डायबिटीज) में राहत मिलती है। डायबिटीज के मरीज नियमित रूप से इस योग को करे तो वह अपना शुगर लेवल कंट्रोल में रख सकते हैं। कपालभाति करने का तरीका है, पहले पैरों को मोड़ कर यानी कि पालथी मार कर या क्रॉस-लेग पुजिशन (Cross leg position) में फर्श पर बैठ जाएं। एक गहरी सांस लें और फिर एक ध्वनि बनाते हुए, जल्दी-जल्दी लेकिन टुकड़ों में सांस छोड़ें। कपालभाति करते समय हमेशा याद रखें, आपको धीरे-धीरे गहरी सांस लेना है और जल्दी-जल्दी सांस छोड़ना है। ऐसा राजना लगभग 10 बार करें।
मंडूकासन (Mandukasana)
घुटनों के बल फर्श पर बैठ जाएं। अब अपने दोनों हाथों की मुट्ठी बनाएं और उन्हें अपने नाभि के अगल-बगल पेट पर रखें। अपने पेट पर दोनों मुट्ठियों को से दबाव बनाएं। अब अपने माथे से जमीन को छूने की कोशिश करें। जितना हो सके नीचे जमीन की ओर झुकें। ऐसा 20 सेकंड के लिए करें और फिर छोड़ दें। इस योगासन को रोजाना लगभग 10 बार करें। इस योगासन से इंसुलिन की मात्रा नियंत्रित रहती है।
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अनुलोम-विलोम (Anulom Vilom)
अनुलोम-विलोम डायबिटीज को कंट्रोल में रखने का सबसे असरदार तरीका है। आपको अपनी दाएं नाक को बंद करना है और बाएं नाक से सांस लेना है। फिर बाएं नाक को बंद करना और दाएं नाक से सांस छोड़ना है। इस योगासन को 10 बार रोजाना करें।
मधुमेह (डायबिटीज) एक ऐसी बीमारी है जिससे कई और बीमारियां हो सकती हैं। इसलिए मधुमेह (डायबिटीज) होने पर डॉक्टर से सम्पर्क में रहें और समय-समय शुगर लेवल की जांच करवाते रहें। दवा के साथ-साथ परेहज करने से आप स्वस्थ रहेंगे।
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