अगर आपसे कोई पूछे कि दुनिया में सबसे कीमती चीज क्या है? तो आपका उत्तर हो सकता है सोना, चांदी, हीरे या ऐसी ही कोई अन्य चीज। लेकिन, सच तो यह है कि हमारा स्वास्थ्य (Health) यानी हेल्थ ही हमारा असली खजाना है। अगर आप बीमार हैं तो आप दुनिया की किसी भी चीज का मजा नहीं ले सकते। हेल्दी वो व्यक्ति नहीं होता, जिसे कोई बीमारी न हो या जो शारीरिक रूप से फिट हो। हेल्थ का मतलब है संपूर्ण स्वास्थ्य (Health)। यानी, स्वास्थ्य का असली अर्थ है शारीरिक, सामाजिक, मानसिक और भावनात्मक तन्दुरुस्ती। अच्छा स्वास्थ्य (Health) तनाव को मैनेज करने और अधिक सक्रिय जीवन जीने का नाम भी है। पाएं, स्वास्थ्य (Health) के बारे में पूरी जानकारी। अपने आपको हेल्दी बनाएं रखने के लिए जरूरी चीजों के बारे में जानना न भूलें।
क्या हैं स्वास्थ्य के प्रकार? (Types of Health)
हम अक्सर स्वास्थ्य (Health) को दो भागों में ही विभाजित करते हैं, जो हैं शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य (Mental Health)। हालांकि, आध्यात्मिक, भावनात्मक और समाजिक स्वास्थ्य भी समग्र स्वास्थ्य (Health) में योगदान देते हैं। लेकिन मेडिकल विशेषज्ञों ने इन्हें तनाव के निचले स्तर से जोड़ा है, जो मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार के लिए जरूरी है। जैसे जो लोग अच्छी आर्थिक स्थिति में होते हैं तो उन्हें फाइनेंस को लेकर कम चिंता होती है। जिससे उन्हें शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रहने में मदद मिलती है। आइए, जानें स्वास्थ्य के प्रकारों (Types of Health) के बारे में:
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क्या है शारीरिक स्वास्थ्य? (Physical Health)
कहा जाता है कि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ दिमाग का निवास होता है। जिस व्यक्ति की फिजिकल हेल्थ सही है, उसके काम करने की शारीरिक संभावनाएं अधिक होती हैं। यानी, शारीरिक स्वास्थ्य (Health) आपकी संपूर्ण हेल्थ का मुख्य भाग है। शारीरिक स्वास्थ्य (Physical Health ) को बनाएं रखने के लिए सही एक्सरसाइज और पौष्टिक आहार भी मुख्य भूमिका निभाते हैं। इसके साथ ही आपका एक अच्छी जीवनशैली का पालन करना भी जरूरी है। उदाहरण के लिए, शारीरिक फिटनेस को बनाए रखना, मनुष्य की हृदय कार्यक्षमता (Cardiovascular Efficiency) को बढ़ाता है व मांसपेशियों की मजबूती और लचीलेपन को सुधारने में भी मददगार होता है। निम्नलिखित तरीके आपके शारीरिक स्वास्थ्य (Physical Health) को सही रखने और समस्याओं के जोखिम को कम करने में मददगार हो सकते हैं, जैसे:
- ठीक ढंग से हाइजीन का पालन करना
- सेक्स के दौरान कंट्रासेप्शन का प्रयोग
- तंबाकू, एल्कोहॉल या अन्य ड्रग्स का प्रयोग न करना
- कार्यस्थल में कम खतरा होना
- डॉक्टर की सलाह के अनुसार वेक्सिनेशन कराने से
व्यक्ति के जीवन की समग्र गुणवत्ता में सुधार करने के लिए अच्छे शारीरिक स्वास्थ्य (Physical Health) के साथ ही मानसिक स्वास्थ्य (Mental Health) का सही होना भी जरूरी है।
मानसिक स्वास्थ्य (Mental Health)
मानसिक स्वास्थ्य (Mental Health) एक व्यक्ति की भावनात्मक, सामाजिक और मनोवैज्ञानिक तन्दुरुस्ती को दर्शाता है। मानसिक स्वास्थ्य उतना ही महत्वपूर्ण है जितना शारीरिक स्वास्थ्य (Physical Health)। अच्छे मानसिक स्वास्थ्य (Mental Health) को अवसाद, चिंता, या किसी अन्य विकार की अनुपस्थिति से वर्गीकृत किया जाता है। यह एक व्यक्ति की क्षमता पर भी निर्भर करता है।
मानसिक स्वास्थ्य (Mental Health) को बनाएं रखने के लिए :
- जीवन का आनंद लें और खुश रहें
- जीवन के विभिन्न तत्वों को संतुलित करें, जैसे परिवार और पैसा
- सुरक्षित महसूस करें
- हमेशा सकारात्मक सोचें
शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य (Mental Health) का संबंध बेहद मजबूत है। उदाहरण के लिए, यदि कोई पुरानी बीमारी किसी व्यक्ति के रोजाना के कार्यों को पूरा करने की क्षमता को प्रभावित करती है। तो यह अवसाद और तनाव का कारण बन सकती है। एक मानसिक बीमारी, जैसे अवसाद या एनोरेक्सिया, शरीर के वजन और समग्र कार्य को प्रभावित करती है।
भावनात्मक स्वास्थ्य (Emotional Health)
भावनात्मक स्वास्थ्य (Emotional Health) वह है जिसमें आपकी मानसिक स्थिति, विचार, भावनाएं और व्यवहार आपके नियंत्रण में होते हैं। यह भी कह सकते है कि मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य (Emotional Health) आपकी संपूर्ण मनोवैज्ञानिकता को दर्शाता है। भावनात्मक स्वास्थ्य में वह सारी चीज़ें शामिल है जैसे कि किस तरह से आप अपने बारे में सोचते हैं, आपके रिश्तों की गुणवत्ता और अपनी भावनाओं को नियंत्रित करने की क्षमता आदि। अच्छा मानसिक स्वास्थ्य सिर्फ मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का ना होना ही नहीं है। बल्कि अवसाद, चिंता, या अन्य मनोवैज्ञानिक मुद्दों से मुक्त होना भी है।
शारीरिक स्वास्थ्य (Physical Health) में मुख्य हेल्थ कंडिशंस कौन सी हैं?
हालांकि, मनुष्य के संपूर्ण स्वास्थ्य (Health) के लिए शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य (Mental Health) का सही होना जरूरी है। लेकिन, कुछ ऐसी सामान्य शारीरिक समस्याएं हैं जिससे आजकल कई लोग प्रभावित हैं, जैसे:
अर्थराइटिस (Arthritis)
आर्थराइटिस बहुत सामान्य शारीरिक समस्या है, जिससे अधिक लोग पीड़ित रहते हैं। ऐसा माना जाता है कि हमारे देश में हर दूसरा मरीज इस समस्या से पीड़ित है। इस रोग के बढ़ने से रोगी का चलना-फिरना भी मुश्किल हो जाता है। इसका सबसे ज्यादा असर घुटनों और हमारे रीढ़ की हड्डी पर होता है। इसके साथ ही यह बीमारी शरीर के अन्य कई अंगों पर भी बुरा असर ड़ाल सकती है।
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अस्थमा (Asthma)
यह बीमारी हमारे फेफड़ों पर अपना प्रभाव डालती है। वयस्कों के साथ-साथ बच्चे भी इस समस्या से पीड़ित हो सकते हैं। अस्थमा मामूली हो सकता है या यह दैनिक गतिविधियों में हस्तक्षेप कर सकता है। कुछ मामलों में, यह जानलेवा भी हो सकता है।
कैंसर (Cancer)
कैंसर को भयानक बीमारी के रूप में जाना जाता है। हालांकि, ब्रेस्ट, सर्वाइकल, और कोलोरेक्टल कैंसर होने पर जल्दी स्क्रीनिंग करवाने से इन रोगों के सही और जल्दी उपचार में मदद मिलती है। हमारा शरीर कई कोशिकाओं से बना होता है जिनमें विभाजन होता रहता है। लेकिन जब किसी खास अंग की कोशिकाओं को हमारा शरीर नियंत्रित नहीं कर पाता तो यह अधिक मात्रा में बढ़ने लगती हैं, तब उसे कैंसर कहा जाता है।
डायबिटीज (Diabetes)
डायबिटीज एक पुरानी बीमारी है जो हमारे ब्लड में ग्लूकोज की मात्रा अधिक होने से होती है। डायबिटीज एक गंभीर बीमारी है जिसका कोई खास उपचार नहीं है। अपनी जीवनशैली में बदलाव ला पर हम इस समस्या से राहत पा सकते हैं।
दिल संबंधी रोग (Heart Problems)
हार्ट रोग को कार्डियोवैस्कुलर समस्या कहा जाता है। हृदय रोग के अधिकांश रूप आज बहुत इलाज योग्य हैं। उच्च रक्तचाप को सामान्य और कोलेस्ट्रॉल को बहुत कम स्तर तक सीमित करने से कोरोनरी धमनियों इसमें कुछ हद तक कम कर सकते हैं। हृदय रोग का सबसे प्रमुख कारण धूम्रपान करना, मोटापा, डायबिटीज, उच्च रक्तचाप होना और हमारी खराब लाइफस्टाइल हो सकता है।
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मानसिक स्वास्थ्य (Mental Health) में मुख्य हेल्थ कंडिशंस कौन सी हैं?
मानसिक बीमारी वो स्वास्थ्य (Health) स्थिति है, जिसमें आपकी भावनाएं, सोच, या व्यवहार आदि खास भूमिका निभाते हैं। जानिए इस शारीरिक स्वास्थ्य में हेल्थ कंडिशंस के बारे में विस्तार से:
एंग्जायटी डिसऑर्डर (Anxiety disorder)
एंग्जायटी डिसऑर्डर के लक्षण हैं हमेशा कुछ गलत होने की संभावना होने के विचार मन में आना, बहुत अधिक घबराना या चिंता करना आदि। एंग्जायटी किसी को भी किसी भी चीज से हो सकती है और किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकती है। आजकल बच्चों में भी यह सामान्य है।
बाइपोलर एंड रिलेटेड डिसऑर्डर्स (Bipolar and Related Disorders)
बाइपोलर विकार को उन्माद, हाइपोमेनिया और डिप्रेशन के रूप में भी परभाषित किया जा सकता है। बाइपोलर I, बाइपोलर II,सैक्लोथिमिआ इसके प्रकार हैं।
डिप्रेसिव विकार (Depressive disorder)
सभी डिप्रेसिव विकारों के सामान्य लक्षण उदासी,चिड़चिड़ा मूड और परेशान महसूस करना। इस स्थिति में व्यक्ति हर कार्य को करने में अपनी रूचि खो देता है और नकारात्मक सोचता है। इसमें डिप्रेसिव विकार और प्रीमेंस्ट्रुअल डिसऑर्डर (PMDD) शामिल हैं। इस बारे में पीजीआई हॉस्पिटल, लखनऊ के मनोचिकित्सक डॉक्टर अनंंत का मल्होत्रा का कहना है कि तनाव के दौरान दिमाग में आने वाली नकारात्मक सोच कई हेल्थ रिस्क को बढ़ा सकती है। नकारात्मक प्रभाव संकट के रूप में जाना जाता है। सकारात्मक या नकारात्मक स्थिति, तनाव की धारणा पर निर्भर करती है, साथ ही उनके नियंत्रण की भावना और सामना करने की क्षमता पर निर्भर करती है। लंबे समय तक तनाव बने रहना संकट की ओर ले जाता है।जो बदले में हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। कई अध्ययनों ने खराब शारीरिक स्वास्थ्य और स्ट्रेस के बीच एक मजबूत संबंध पाया है। जो हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली यानि कि इम्यूनिटी को भी प्रभावित करता है।
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ईटिंग डिसऑर्डर (Eating disorder)
ईटिंग डिसऑर्डर में व्यक्ति कभी बहुत अधिक खाता है तो कभी बिलकुल ही खाना बंद कर देता है। इससे उसका वजन कम हो जाता है। एनोरेक्सिया और बुलिमीया इसके उदाहरण हैं।
कौन से फैक्टर्स हमारे स्वास्थ्य (health) को प्रभावित करते हैं ?
ऐसी कई चीजें या फैक्टर्स हैं जो हमारे स्वास्थ्य (Health) पर बुरा प्रभाव डालते हैं। ऐसे में जरूरी है इन सब चीज़ों से दूर रहना। जानिए इनके बारे में विस्तार से:
सामाजिक फैक्टर्स
अच्छा स्वास्थ्य (Health) हमें हमारे लक्ष्य तक पहुंचें में मदद करता है जैसे शिक्षा, नौकरी या जो भी आपकी इच्छा हो। अपने स्वास्थ्य की पूरी तरह से देखभाल करने पर भी कुछ ऐसे कारक होते हैं जो इसमें बाधा बनते हैं। कुछ समाजिक फैक्टर्स इस प्रकार हैं
- आय (Income) : हमारे पास कितना धन है और कितना आपको और आपके परिवार को चाहिए। यह फैक्टर आपके स्वास्थ्य (Health) को प्रभावित करता है। ऐसा माना जाता है कि अधिक कमाने वाले लोगों का स्वास्थ्य (Health) कम कमाने वाले लोगों से अधिक अच्छा रहता है।
- शिक्षा (Education): उच्च शिक्षा यानि अच्छी आय। आय और शिक्षा दोनों अच्छी हेल्थ के लिए जरूरी हैं।
- सोशल कनेक्शंस (Social Connections): सोशल कनेक्शंस और हेल्दी रिश्ते भी हेल्थ समस्याओं से बचने में मददगार हैं।
- जहां आप रहते हैं अच्छे घर के साथ ही यह जरूरी है कि आपका पड़ोस ,वहां कि सुरक्षा और अन्य सुविधाएं कैसी हैं
आहार
आप कैसा आहार ले रहे हों, इस बात का आपके स्वास्थ्य (Health) के साथ गहरा नाता है। अगर आप हेल्दी और अच्छा खाते हैं तो आपका स्वास्थ्य (Health) अच्छा होगा। अन्यथा आपको सेहत से जुडी समस्याएं हो सकती हैं। आजकल भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग फास्ट फूड को प्राथमिकता देते हैं। जिसके कारण वो मोटापा (Obesity), हार्ट संबंधी समस्याओं (Heart Problem) आदि से पीड़ित हो रहे हैं। यही शारीरिक समस्याएं कई मानसिक परेशानियों का कारण भी बन सकती हैं।
आपके आसपास का वातावरण
हम जहां रहते हैं वहां का वातावरण कैसा है यह चीज बहुत अधिक महत्व रखती है। जैसे शहरों में रहने वाले लोग गांव में रहने वाले लोगों की तुलना में कम स्वस्थ रहते हैं। उसका कारण है प्रदूषण, खराब जीवनशैली और तनाव।
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हेल्थ केयर
आप अपनी हेल्थ की कितनी केयर करते हों। यह भी एक महत्वपूर्ण फैक्टर है। अगर किसी शारीरिक समस्या (Physical Problem) के लक्षण आपको नजर आते हैं और आप तुरंत डॉक्टर से जांच और इलाज कराते हैं। तो आप जल्दी स्वस्थ हो सकते हैं। लेकिन, अगर आप समय पर इसका इलाज नहीं कराते, तो यह गंभीर समस्या बन सकती हैं। इसलिए अपना ध्यान रखें जैसे सही खाएं, व्यायाम करें, पर्याप्त नींद लें और खुश रहें।
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रिश्तों की गुणवत्ता
आपके रिश्ते आपके जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। लेकिन अगर आप किसी ऐसे रिश्ते में हैं जिसमें आप एडजस्ट नहीं कर पा रहे या जिसके कारण आपकी समस्याएं बढ़ रही हैं। तो आप तनाव में रहेंगे और इससे कई स्वास्थ्य (Health) संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। जो शारीरिक और मानसिक दोनों हो सकती हैं। इसलिए, अपने जीवन में रिश्तों की गुणवत्ता को बनाएं रखें।
कैसे रहें स्वस्थ?
जब आप तंदुरुस्ती के बारे में सोचते हैं तो क्या आप केवल अपने शरीर के बारे में सोचते हैं? लेकिन, कई चीजें हमारी तन्दुरुस्ती को प्रभावित करती हैं। जैसे हमारा शरीर, मन, पर्यावरण, आत्मा, कम्युनिटी, भावनाएं, आर्थिक समस्याएं और कार्य। यह आपके जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित कर सकता है। जिससे हमारे स्वास्थ्य (Health) पर असर होता है। जानिए कैसे रहें पूरी तरह से तंदुरुस्त।
शरीर
- स्वस्थ रहने के लिए अपने शरीर का ध्यान रखें इसका अर्थ है शारीरिक गतिविधियां (Physical Activities) करें, हेल्दी फूड (Healthy food) खाएं और पर्याप्त नींद (Enough Sleep) लें।
- अपने दिन में से कम से कम तीस मिनट निकालें और एक्टिव रहें।
- रेगुलर चेकअप कराएं।
- तंबाकू, ड्रग्स या अल्कोहल से दूर रहें।
- व्यायाम, योगा और मैडिटेशन करें।
दिमाग
- अपने दिमाग के स्वास्थ्य (Health) के लिए हमेशा कुछ क्रिएटिव करते रहें और अपने ज्ञान और स्किल्स को बढ़ाने के तरीके ढूंढें।
- कुछ सीखने के लिए किसी क्लास को ज्वाइन करें या किताब पढ़ें।
- क्रॉसवर्ड पजल या सुडोकू खेलें।
- अपनी कल्पना को प्रोत्साहित करें।
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काम
- अपने स्किल्स को बढ़ाने के लिए कुछ न कुछ करते रहें। अपने काम, नौकरी या कॉलेज को पूरा महत्व दें।
- अपने सहकर्मियों के साथ बात करते रहें।
- जहां आपको लगे वहां मदद लें।
- अपने करियर के लक्ष्यों तक पहुंचने के लिए अपने कौशल और आत्मविश्वास का विकास करें।
- जब आप लगे कि यह काम आपके लिए सही नहीं है या इससे आपको मानसिक व शारीरिक परेशानी हो रही है तो किसी एक्सपर्ट या प्रियजन से सलाह लें।
आत्मा
- अपने उद्देश्य की भावना का विस्तार करें और जीवन में अर्थ खोजें।
- अपने प्रकृति और दूसरों के लिए समय निकालें।
- अपने आध्यात्मिक दृष्टिकोण (Spiritual Outlook) को शेयर करने के लिए सही लोगों से मिलें।
- अपनी पसंद के संगठन के साथ वालंटियर बनें।
धन संबंधी मामले
- अपने पैसे की स्थिति को स्वीकार करें और अपने स्वास्थ्य (Health) का ख्याल रखें।
- बजट बनाएं और सोच-समझकर खर्च करें।
- बचत खाते खुलवाएं और वक्त करें।
- किसी रिटायरमेंट स्पेशलिस्ट से मिलें।
कम्युनिटी
- लोगों से मिले-जुले, अपने आसपास एक अच्छा सपोर्ट सिस्टम बनाएं।
- अपने जान पहचान के लोगों और प्रियजनों से कॉल, ईमेल, टेक्स्ट आदि के माध्यम से कॉन्टेक्ट में रहें।
- सोशल ग्रुप (Social Group) या क्लब का हिस्सा बनें।।
इमोशंस
- जीवन में प्रभावी ढंग से जीने की कोशिश करना और संतोषजनक रिश्ते बनाए रखना आपकी भावनाओं को सही बनाएं रखने में मदद करेगा।
- इमोशंस सम्बन्धी समस्याओं (Emotional Problems) के लिए मदद लें।
- स्ट्रेस से निपटने के लिए हेल्दी तरीके अपनाएं।
- चुनौतियों को अवसर के रूप देखें।
वातावरण
- ऐसी जगह पर रहें, जहां आप खुश और सुरक्षित महसूस करें।
- अपनी रूचि के अनुसार घर सजाएं ।
- प्रकृति के साथ समय बिताएं ।
हेल्थ इंश्योरेंस के बारे में क्या जानते हैं आप (Health Insurance)
हेल्थ इंश्योरेंस के बारे में आपने अवश्य सुना होगा। यह वो इंश्योरेंस है, जो पॉलिसी धारक को हेल्थ इमरजेंसी के मामले में मेडिकल एक्सपेंसिस के लिए कवरेज प्रदान करता है। जिस व्यक्ति ने बीमा कराया है, उसके द्वारा चुनी गई हेल्थ इंश्योरेंस योजना सर्जिकल खर्चों, डे केयर एक्सपेंसेस और गंभीर बीमारियों आदि सहित विभिन्न खर्चों के लिए कवरेज प्रदान करती है। हेल्थ इंश्योरेंस के कई लाभ हैं जैसे कैशलेस मेडिकल ट्रीटमेंट, अस्पताल का पूरा खर्चा, एम्बुलेंस का खर्चा, मेडिकल चेकअप सुविधा आदि।
हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी क्या है (Insurance Policy)
एक स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी बीमाकर्ता और पॉलिसीधारक के बीच एक कॉन्ट्रैक्ट है, जिसमें इंश्योरेंस कंपनी बीमा धारक द्वारा किए गए मेडिकल एक्सपेंसेस के लिए फाइनेंस कवरेज प्रदान करती है। हेल्थ पॉलिसी मेडिकल एक्सपेंसेस या कैशलेस उपचार की भरपाई का लाभ भी प्रदान करती है।
भारत में मौजूद स्वास्थ्य संबंधी सुविधाएं, जिनका फायदा आप उठा सकते हैं (Health facilities in India, which you can take Advantage of)
अन्य देशों की तरह हमारे देश में भी देशवासियों के स्वास्थ्य के लिए कुछ बेहतरीन कदम उठाए गए हैं। इसमें लोगों को मेडिकल इश्यूज के बारे में जागरूक करना, इंफ्रास्ट्रक्चर को सही बनाए रखना और हेल्थ इंश्योरेंस सुविधाओं को बढ़ावा देना आदि शामिल है। इन सब चीजों को लेकर कई उपाय भारत सरकार द्वारा समय-समय पर किए जाते हैं। इन्हीं में से एक है हेल्थ इंश्योरेंस योजनाएं। यह एक केंद्र या राज्य सरकार द्वारा संचालित योजना है। जिसे कम कीमत के इंश्योरेंस कवर पर पर्याप्त हेल्थ कवर प्रदान करने के लिए बनाया गया है। ऐसी हेल्थ इंश्योरेंस आमतौर पर सालाना आधार पर दी जाती हैं। सरकारी हेल्थ इंश्योरेंस योजना कई तरह की हैं, जैसे:
- आयुष्मान भारत योजना (Ayushman Bharat Yojana)
- प्रधान मंत्री सुरक्षा बीमा योजना (Pradhan Mantri Suraksha Bima Yojana)
- आम आदमी बीमा योजना (Aam Aadmi Bima Yojana)
- सेंट्रल गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम (Central Government Health Scheme)
- एम्प्लॉयमेंट स्टेट इंश्योरेंस स्कीम (Employment State Insurance Scheme)
- जनश्री बीमा योजना (Janshree Bima Yojana)
सरकारी स्वास्थ्य बीमा योजनाओं की विशेषताएं और लाभ क्या हैं?
सरकारी स्वास्थ्य बीमा योजनाओं को जनता के लाभ और सहूलियत के लिए बनाया गया हैं। जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं:
- सरकारी स्वास्थ्य बीमा योजनाएं कम कीमत पर दी जाती हैं।
- इस पॉलिसी के साथ, बीपीएल परिवार भी बीमा लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
- यह पॉलिसी गरीब के लोगों के लिए कवरेज सुनिश्चित करती है।
- पॉलिसी में बेहतर स्वास्थ्य सेवा के लिए निजी और सरकारी दोनों अस्पतालों में उपचार शामिल है।
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हम अक्सर धन, रिश्तों, काम आदि के मुकाबले अपने स्वास्थ्य (Health) को प्राथमिकता नहीं देते। लेकिन, यह सही नहीं है। इसलिए अपने स्वास्थ्य (Health) के महत्व को समझते हुए वो सब करें, जो आपको करना चाहिए। इसमें सबसे जरूरी है अपनी जीवनशैली में बदलाव लाना। इसके लिए आप अपने डॉक्टर या किसी एक्सपर्ट की सलाह ले सकते हैं। स्वास्थ्य को नजरअंदाज करना भविष्य में किसी बड़ी मुसीबत का संकेत हो सकता है।