हार्ट इंफेक्शन वो गंभीर संक्रमण है, जिसके कारण हार्ट डैमेज और अन्य जानलेवा कंडीशंस के होने की संभावना बढ़ जाती है। बैक्टीरिया (Bacteria), वायरस (Virus) और दुर्लभ मामलों में कवक (Fungus) इसका कारण हो सकते हैं। इस स्थिति में अन्य नामों में कार्डिएक इंफेक्शन (Cardiac infection) और हार्ट वॉल्व इंफेक्शन (Heart Valve Infection) शामिल है। हार्ट इंफेक्शन के इलाज के लिए सामान्यतया एंटीबायोटिक्स और अन्य दवाईयों का प्रयोग किया जाता है। हालांकि, गंभीर मामलों में सर्जरी की आवश्यता भी हो सकती है। आज हम बात करने वाले हैं हार्ट इंफेक्शन में मायोकार्डियल बायोप्सी (Myocardial biopsy in Heart Infections) के बारे में। जानिए, हार्ट इंफेक्शन में मायोकार्डियल बायोप्सी (Myocardial biopsy in Heart Infections) क्या है और किस तरह से किया जाता है इस प्रोसीजर को। इससे पहले हार्ट इंफेक्शन के लक्षणों के बारे में जान लेते हैं।
हार्ट इंफेक्शन के लक्षण (Symptoms of Heart Infections)
हार्ट इंफेक्शन में मायोकार्डियल बायोप्सी (Myocardial biopsy in Heart Infections) से पहले हार्ट इंफेक्शन के लक्षणों के बारे में जानना जरूरी है। हार्ट इंफेक्शन के लक्षण बहुत जल्दी विकसित हो सकते हैं और यह जानलेवा होते हैं। हालांकि कुछ लोगों में यह धीरे-धीरे भी विकसित हो सकते हैं। हार्ट इंफेक्शन के सामान्य लक्षण इस प्रकार हैं:
- छाती में दर्द खासतौर पर सांस लेते हुए (Chest pain)
- खांसी (Cough)
- थकावट( Fatigue)
- बुखार (Fever)
- ठंड लगना और पसीना आना (Chills and sweats)
- बीमार होने की भावना (General feeling of being unwell)
- मसल में दर्द (Muscle Aches)
- सांस लेने में समस्या (Shortness of Breath)
- पेट में सूजन (Swelling in Abdomen)
और पढ़ें : जान लीजिए इस गंभीर हार्ट इंफेक्शन के कारण, ताकि समय रहते कर सकें बचाव
हार्ट इंफेक्शन के गंभीर लक्षण एक जानलेवा स्थिति का संकेत हो सकते हैं। इस स्थिति में तुरंत डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है। यह गंभीर लक्षण इस प्रकार हो सकते हैं:
- छाती में दर्द (Chest pain)
- भ्रम (Confusion)
- कुछ भी समझने में समस्या होना (Difficulty understanding Speech)
- गंभीर सिरदर्द (Severe Headache)
- बोलने में समस्या होना (Having trouble Speaking)
- अचानक नजरों में बदलाव (Sudden vision changes)
- शरीर और चेहरे के एक तरफ अचानक कमजोरी, सुन्नता या पक्षाघात (Sudden weakness, Numbness or Paralysis)
अगर आप इन गंभीर लक्षणों को न भी अनुभव कर रहे हों। तब भी हार्ट इंफेक्शन के लक्षण नजर आने पर तुरंत मेडिकल केयर लेनी जरूरी है। यह तो थे इसके लक्षण। इस समस्या के निदान के लिए कई बार हार्ट बायोप्सी (Heart Biopsy) की सलाह भी दी जा सकती है। आइए, अब जानते हैं हार्ट इंफेक्शन में मायोकार्डियल बायोप्सी (Myocardial biopsy in Heart Infections) के बारे में।
और पढ़ें : नमक की ज्यादा मात्रा कैसे बढ़ा देती है हार्ट इंफेक्शन से जूझ रहे पेशेंट की मुसीबत?
हार्ट इंफेक्शन में मायोकार्डियल बायोप्सी क्या है? (Myocardial biopsy in Heart Infections)
मायोकार्डियल बायोप्सी को हार्ट बायोप्सी (Heart Biopsy) भी कहा जाता है। बायोप्सी एक ऐसा मेडिकल टेस्ट है जिसे आमतौर पर सर्जन (Surgeon), इंटरवेंशनल रेडियोलाजिस्ट (Interventional Radiologist) या इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट ( Interventional cardiologist) द्वारा किया जाता है। इसमें रोगी के हार्ट से सैंपल सेल्स या टिश्यूज को एक्सट्रेक्ट किया जाता है, ताकि बीमारी की उपस्थिति या गंभीरता के बारे में जाना जा सके। मायोकार्डियल बायोप्सी एक इनवेसिव प्रोसीजर है, जिसका प्रयोग हार्ट डिजीज को डिटेक्ट करने के लिए किया जाता है। इनमें हार्ट इंफेक्शन भी शामिल है। इस बायोप्सी को करने के लिए एक डिवाइस का प्रयोग किया जाता है जिसे बायोप्टोम (Bioptome) कहा जाता है। ताकि हार्ट मसल टिश्यू को निकाला जा सके और लेबोरेटरी में एनालिसिस के लिए भेजा जा सके। अब जानते हैं कि मायोकार्डियल बायोप्सी क्यों जरूरी है?
और पढ़ें : हार्ट इंफेक्शन्स में कोर्टिकोस्टेरॉइड ड्रग्स: जानिए किस तरह करते हैं मदद
हार्ट इंफेक्शन में मायोकार्डियल बायोप्सी की जरूरत क्यों होती है? (Myocardial biopsy in Heart Infections)
मायोकार्डियल बायोप्सी कई बीमारियों के निदान के लिए जरूरी है। इससे हार्ट ट्रांसप्लांट (Heart transplant) के बाद रिजेक्शन की उपस्थिति का मूल्यांकन या पुष्टि भी की जा सकती है। कई अन्य स्थितियों के निदान के लिए भी इसका प्रयोग किया जाता है।हार्ट मसल्स की सूजन और खास अन्य कार्डिएक डिसऑर्डर्स जैसे कार्डियोमेयोपैथी cardiomyopathy या कार्डिएक एमीलॉयडोसिस (Cardiac Amyloidosis) की स्थिति में, अगर सामान्य डायग्नोस्टिक टूल्स जैसे इकोकार्डियोग्राम (Echocardiogram,), इलेक्ट्रोकार्डियोग्राफी (Electrocardiography) और चेस्ट एक्स रे (Chest X-Ray) लाभदायक साबित न हो। तो उस स्थिति में मायोकार्डियल बायोप्सी की सलाह दी जाती है। अगर रोगी की चेस्ट कंडीशन बिना कोई कारण नजर आने के बदतर हो जाए तो भी हार्ट बायोप्सी (Heart Biopsy) का प्रयोग किया जा सकता है। जानिए कैसे की जाती है इस टेस्ट की तैयारी?
हार्ट इंफेक्शन में मायोकार्डियल बायोप्सी की तैयारी कैसे की जाती है? (Myocardial biopsy in Heart Infections)
हार्ट इंफेक्शन में मायोकार्डियल बायोप्सी (Myocardial biopsy in Heart Infections) के लिए आपको कुछ बातों के बारे में पहले ही जानकारी होना बेहद जरूरी है। हालांकि, इस बारे में पहले ही डॉक्टर आपको पूरी जानकारी दे देंगे। लेकिन, आपको इन चीजों के बारे में पता होना बेहद जरूरी है:
- हार्ट बायोप्सी (Heart Biopsy) को अस्पताल में एक आउटपेशेंट प्रोसीजर (Outpatient Procedure) की तरह किया जाता है। आमतौर पर जब कोई रोगी अस्पताल में किसी टेस्ट के लिए आता है, लेकिन, किसी समस्या के निदान के लिए उसे इस प्रोसीजर के लिए एक रात पहले अस्पताल में एडमिट कर लिया जाता है।
- इस प्रोसीजर के लिए आपको अस्पताल के गाउन को पहनना होगा। इस प्रोसीजर के दौरान अपने गहने या कीमती सामान को घर छोड़ कर आना ही एक अच्छा विचार है।
- आपके डॉक्टर इस बारे में आपको सही सलाह दे सकते हैं कि आप इस प्रोसीजर से पहले क्या खा या पी सकते हैं। सामान्य तौर पर इस टेस्ट से पहले छे या आठ घंटों तक रोगी को भोजन और कोई भी फ्लूइड न लेने की सलाह दी जाती है।
- मायोकार्डियल बायोप्सी से पहले आपको कौन सी दवाईयां लेनी हैं। इसके बारे में भी अपने डॉक्टर से पूछ लें। अगर आप कोई सप्लीमेंट या हर्बल उत्पाद का सेवन कर रहे हैं। तो पहले ही अपने डॉक्टर को बता दें। अगर आप कोई अन्य दवाई ले रहे हैं तो इसके बारे में भी आपके डॉक्टर को पता होना जरूरी है।
- अगर आपको डायबिटीज है तो अपने डॉक्टर से पूछ लें कि टेस्ट के दिन आपको दवाईयों को कैसे एडजस्ट करना है। अगर आपको कोई एलर्जी है तो भी डॉक्टर को बता दें।
और पढ़ें : दालचीनी के लाभ: हार्ट अटैक के खतरे को करती है कम, बचाती है बैक्टीरियल इंफेक्शन से
यह तो थी इस प्रोसीजर से पहले की तैयारी। अब जानिए कि हार्ट इंफेक्शन में मायोकार्डियल बायोप्सी (Myocardial biopsy in Heart Infections) को किया कैसे जाता है?
हार्ट इंफेक्शन में मायोकार्डियल बायोप्सी को कैसे किया जाता है? (Myocardial biopsy in Heart Infections)
हार्ट इंफेक्शन में मायोकार्डियल बायोप्सी (Myocardial biopsy in Heart Infections) से पहले इस प्रोसीजर के फायदों के साथ-साथ इससे जुड़े रिस्क्स के बारे में भी जान लें। इस टेस्ट को करने का तरीका इस प्रकार है:
- इस टेस्ट से पहले डॉक्टर मरीज को हॉस्पिटल गाउन पहनने के लिए देंगे। उसके बाद रोगी की बाजु में इंट्रावेनस (IV) लाइन को शुरू कर दिया जाएगा। ताकि उसके माध्यम से दवाईयां और फ्लुइड्स मरीज को दिए जा सके।
- मरीज को एक खास टेबल पर लिटाया जाता है। रोगी को प्रोसीजर से पहले सेडेटिव मेडिकेशंस दी जा सकती हैं, ताकि वो प्रोसीजर के दौरान रिलेक्स रहें। लेकिन, इस प्रोसीजर के दौरान रोगी जागा रहेगा।
- डॉक्टर रोगी की गर्दन की राइट साइड को सुन्न करने के लिए लोकल ऐनेस्थेटिक का प्रयोग भी कर सकते हैं। गर्दन के ब्लड वेसल में छोटे चीरे के माध्यम से एक प्लास्टिक इंट्रोड्यूसर शीथ (Plastic introducer Sheath) को डाला जाता है। इसके बाद बायोप्टोम (Bioptome) को इसमें इंसर्ट किया जाता है। एक्स-रे, जिसे फ्लोरोस्कोपी (Fluoroscopy) कहा जाता है, इसका उपयोग बायोप्टोम को ठीक से स्थिति में लाने के लिए किया जाता है। बायोप्टोम का प्रयोग हार्ट मसल के सैंपल लेने के लिए किया जाता है।
- इसके बाद डॉक्टर सैंपल ले लेते हैं।
- जब सैंपल ले लिया जाता है तो शीथ को निकाल दिया जाता है और चीरे के स्थान से ब्लीडिंग को रोकने के लिए हल्का से दबाव डाला जाता है।
- टेस्ट के बाद ड्राइव करना सुरक्षित नहीं है क्योंकि इस दौरान दी जाने वाली दवाईयों या सेडेटिव से आप चक्कर आना या बेहोशी जैसी समस्याओं को अनुभव कर सकते हैं। इसलिए आपके साथ आपके किसी का होना बेहद जरूरी है।
और पढ़ें : इंफेक्टिव एंडोकार्डाइटिस: हार्ट का यह इंफेक्शन हो सकता है जानलेवा!
इस प्रोसीजर में तीस से साथ मिनट लगते हैं। लेकिन इसकी तैयारी और रिकवरी में कई घंटे लग सकते हैं। हालांकि रोगी प्रोसीजर के दिन ही घर जा सकता है। अब जानिए इसे जुड़ी जटिलताओं के बारे में।
मायोकार्डियल बायोप्सी से जुड़ी जटिलाएं (Complications of Myocardial biopsy)
इस प्रोसीजर के जोखिमों की वजह से प्रक्रिया से पहले आपको एक सहमति फॉर्म पर हस्ताक्षर करने पड़ेंगे। हालांकि, मायोकार्डियल या हार्ट बायोप्सी (Heart Biopsy) के नाम से ही मरीज थोड़ा डर जाते हैं। क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इसके कारण कई जटिलताएं होने की संभावना होती है। हालांकि अगर इसे एक अनुभवी डॉक्टर द्वारा किया जाए तो जटिलताओं की संभावना दुर्लभ होती है। इससे जुड़े कुछ सामान्य रिस्क्स इस प्रकार हैं:
- ब्लड क्लॉट्स (Blood clots)
- ब्लीडिंग (Bleeding)
- एब्नार्मल हार्ट रिदम (Abnormal heart rhythm)
- इंफेक्शन (Infection)
- आर्टरी में चोट (Injury to Artery)
- उस नर्व का डैमेज होना जो स्पीच को कंट्रोल करती है (Damage to Nerve that Controls Speech)
यह तो थी इस प्रोसीजर से जुड़ी जटिलताएं। अब जानिए क्या कहता है इस बायोप्सी का परिणाम?
हार्ट इंफेक्शन में मायोकार्डियल बायोप्सी का परिणाम? (Result of Myocardial biopsy in Heart Infections)
घर जाने से पहले डॉक्टर आपको इस बारे में भी जानकारी देंगे कि आपको इस प्रोसीजर के बाद अपना ध्यान कैसे रखना है और आप कब अपनी सामान्य एक्टिविटीज फिर से कर सकते हैं? इस प्रोसीजर के बाद इसका परिणाम आने में कुछ दिन लग सकते हैं। जब इस बायोप्सी का परिणाम आता है, तो डॉक्टर इसे आपके साथ डिस्कस करेंगे। अगर रिजल्ट नेगेटिव है तो इसका अर्थ है कि आपके हार्ट टिश्यूज सामान्य हैं। पॉजिटिव बायोप्सी रिजल्ट का अर्थ है कि इंफेक्शन के कारण सूजन मौजूद हो सकती है। यह एक गंभीर समस्या है और यह हार्ट फेलियर का कारण भी बन सकती है। यदि बायोप्सी को हार्ट ट्रांसप्लांट के बाद किया गया है, तो यह पॉजिटिव परिणाम रिजेक्शन सेल्स की उपस्थिति का संकेत भी दे सकता है। लेकिन, कई कंडिशंस एब्नार्मल बायोप्सी का कारण भी बन सकती हैं जैसे:
- एल्कोहॉल के अधिक पर लॉन्ग टर्म सेवन से हार्ट डैमेज (Heart damage)
- कार्डिएक एमीलॉयडोसिस (Cardiac Amyloidosis)
- कार्डियोमायोपैथी के विभिन्न प्रकार (Various types of Cardiomyopathy)
- मायोकार्डिटिस (Myocarditis)
- हार्ट ट्रांसप्लांट का रिजेक्शन (Rejection of a heart transplant)
अगर डॉक्टर को यह एब्नार्मल बायोप्सी का संदेह होता है तो रोगी को फिर से इस प्रोसीजर को कराने के लिए कहा जा सकता है। अगर यह बायोप्सी यह बताती है कि आपके हार्ट मसल्स में डैमेज हुआ है, तो इसके कारणों पर इसका इलाज निर्भर करेगा। अगर आपको हार्ट इंफेक्शन है तो उसके अनुसार आपका इलाज संभव है। जानते हैं हार्ट इंफेक्शन का उपचार कैसे किया जा सकता है?
और पढ़ें : एरिथमिया के घरेलू उपाय क्या हार्ट बीट को कर सकते हैं कंट्रोल?
हार्ट इंफेक्शन का उपचार कैसे किया जाता है? (Treatment of Heart Infections)
हार्ट इंफेक्शन में मायोकार्डियल बायोप्सी (Myocardial biopsy in Heart Infections) के माध्यम से इस समस्या का निदान होने के बाद डॉक्टर रोगी के उपचार पर फोकस करते हैं। इसके उपचार के कई तरीके हैं जैसे दवाईयां, सर्जरी और जीवनशैली में बदलाव आदि। आमतौर पर इसके लिए यह तरीके अपनाए जाते हैं:
- एंटीबायोटिक्स (Antibiotics)
- हार्ट फेलियर के उपचार के लिए दवाईयां (Medications for heart failure)
- कॉर्टिकॉस्टेरॉइड्स (Corticosteroids)
- दवाईयां जो शरीर की सूजन को कम करती हैं (Drugs that Reduce Inflammation)
- सर्जरी (Surgery)
और पढ़ें : एब्नॉर्मल हार्ट रिदम: किन कारणों से दिल की धड़कन अपने धड़कने के स्टाइल में ला सकती है बदलाव?
Quiz : कितना जानते हैं अपने दिल के बारे में? क्विज खेलें और जानें
यह तो थी हार्ट इंफेक्शन में मायोकार्डियल बायोप्सी (Myocardial biopsy in Heart Infections) के बारे में पूरी जानकारी। इन तरीकों के अलावा डॉक्टर रोगी को अपने लाइफस्टाइल में बदलाव के लिए भी कहेंगे जैसे सही आहार का सेवन, नियमित व्यायाम करना, पर्याप्त नींद, तनाव से बचाव, एल्कोहॉल का सेवन न करना आदि। इसके साथ ही डॉक्टर की सलाह का पालन करना और नियमित जांच भी जरूरी है। हार्ट इंफेक्शन (Heart Infection) या हार्ट डिजीज (Heart Disease) का कोई भी लक्षण नजर आने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह लेना भी अनिवार्य है ताकि आप जटिलताओं से बच सकें। इस बात को याद रखें कि मायोकार्डियल बायोप्सी एक सामान्य टेस्ट है, जो हार्ट संबंधी कई समस्याओं के निदान के लिए जरूरी है।
[embed-health-tool-heart-rate]