यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTIs) सबसे ज्यादा होने वाला ब्लैडर इंफेक्शन (Bladder Infection) है। जिसके लिए बैक्टीरिया जिम्मेदार होता है। वहीं, महिलाओं की शारीरिक बनावट ऐसी होती है कि उन्हें जल्दी इंफेक्शन हो जाता है। वहीं, यूटीआई जैसी समस्या होने पर परेशानी भी काफी होती है। फिर लोग डॉक्टर के पास भागते हैं। लेकिन, कहा गया है कि जानकारी होना किसी भी समस्या का पहला हल है। इसलिए अगर आप यूटीआई के लिए जागरूक रहेंगे तो डॉक्टर के पास जाने से पहले आप यूटीआई का इलाज खुद कर चुके होंगे। आइए हैलो स्वास्थ्य आपको बताएगा यूटीआई के घरेलू इलाज के बारे में जिससे आपको तुरंत राहत होगी, लेकिन उससे पहले यूटीआई के लक्षणों (Symptoms of UTI) को समझें :
यह भी पढ़ें : यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन से बचने के 8 घरेलू उपाय
यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTIs) के लक्षणों को समझें
यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTIs) का सबसे पहला इलाज है उसके लक्षणों को जानना। यूटीआई के लक्षण निम्न प्रकार हैं :
- बार-बार पेशाब लगना
- साफ नहीं बल्कि धुंधली पेशाब होना
- पेशाब से बदबू आना
- पेशाब करने में दर्द या जलन महसूस होना
- पेट के निचले हिस्से में हल्का दर्द होना
- ज्यादा देर तक टॉयलेट पास होना
- संक्रमण के कारण बुखार आना
- किडनी में संक्रमण होना
- ब्लैडर इंफेक्शन (Bladder infection) हो जाना
- मितली या उल्टी आना
अगर आप गर्भवती (Pregnancy) हैं और आपको यूटीआई की समस्या हुई है तो आप डॉक्टर से तुरंत मिलें। क्योंकि यूटीआई के अलावा यीस्ट इंफेक्शन (Yeast infection) या कुछ और भी हो सकता है। जिसके लिए डॉक्टर यूरीन टेस्ट के द्वारा ही आपके यूटीआई व अन्य इंफेक्शन की जांच करते हैं।
और पढ़ें : क्या आप जानते हैं कि फीमेल कॉन्डम इन मामलों में है फेल
यूटीआई के घरेलू इलाज (Natural remedies of UTI)
यूटीआई को यूं तो एंटीबायोटिक्स की मदद से ठीक किया जाता है। यूटीआई संबंधित लक्षणों के दिखने पर आप डॉक्टर से संपर्क करें, इसके साथ ही कुछ यूटीआई के घरेलू इलाज को भी अपना सकते हैं।
1. यूटीआई के घरेलू इलाज में पानी है अव्वल
एंटीबायोटिक्स से यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन का इलाज किया जा सकता है, लेकिन इसके साथ ही आपको ज्यादा से ज्यादा मात्रा में पानी पीते रहना चाहिए। आपको हर घंटे में एक गिलास पानी पीना चाहिए। पानी का जितना ज्यादा सेवन करेंगे उससे मूत्रमार्ग में यूटीआई के बैक्टीरिया पेशाब के साथ बाहर निकल जाएंगे। जिससे यूटीआई जल्दी से जल्दी ठीक हो जाएगा। ज्यादा पानी पीने से आपको पेशाब भी बहुत लगेगी, तो आपको जब भी पेशाब आए तो आप कर लें। पेशाब को रोकने की कोशिश न करें। अगर आप पेशाब को रोकंगे तो यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन बद से बदतर हो जाएगा।
और पढ़ें : स्ट्रेस कहीं सेक्स लाइफ खराब न करे दे, जानें किस वजह से 89 प्रतिशत भारतीय जूझ रहे हैं तनाव से
2. उत्तेजक पदार्थों के सेवन को कहें ‘ना’
यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन में मादक पदार्थों का सेवन न करें। ये दवा के असर को कम करने के साथ ही आपकी रिकवरी में बाधक बनता है। उत्तेजक पदार्थों के सेवन से ब्लैडर तक ब्लड का फ्लो धीमा हो जाता है। इसके अलावा आप सॉफ्ट ड्रिंक्स, कैफीन (Caffeine) और एल्कोहॉल का भी सेवन न करें।
3. यूटीआई के घरेलू इलाज में शामिल है विटामिन सी
विटामिन सी एक एंटीऑक्सिडेंट है, जो इम्यून सिस्टम को बढ़ाने में मदद करता है। क्रैनबेरी का जूस पीने से विटामिन सी की भरपूर मात्रा मिलती है। एक अध्ययन के अनुसार विटामिन सी (Vitamin C), प्रोबायोटिक्स और क्रैनबेरी को 20 दिनों तक रोज लेने और फिर 10 दिन तक इस कॉम्बिनेशन को बंद कर दें। इसे फिर 10 दिन बात शुरू करें। फिर इस प्रक्रिया को तीन महीनों तक करें। जिससे आपको यूटीआई नहीं होगा। वहीं, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ का कहना है कि 19 साल से ज्यादा उम्र की महिला को 75 मिलीग्राम विटामिन सी रोज लेनी चाहिए। वहीं, पुरुषों को लगभग 90 मिलीग्राम विटामिन सी रोज लेना चाहिए।
और पढ़ें : तरह-तरह के कॉन्डम फ्लेवर्स से लगेगा सेक्स लाइफ में तड़का
4. यूटीआई में प्रोबायोटिक्स खाएं
यूटीआई के घरेलू इलाज में प्रोबायोटिक्स को सबसे सटीक इलाज माना गया है। लाभदायक बैक्टीरिया को प्रोबायोटिक्स कहते हैं। ये प्रोबायोटिक्स यूरिनरी ट्रैक्ट को नुकसानदायक बैक्टीरिया से बचाता है। प्रोबायोटिक्स का सेवन करने से लैक्टोबेसिलस की मात्रा में इजाफा होता है। जो मूत्र में हाइड्रोजन परॉक्साइड बनाता है, जो खुद में एक एंटीबैक्टीरियल का काम करता है। प्रोबायोटिक्स के लिए आप निम्न चीजों का सेवन कर सकते हैं :
5. हीटिंग पैड का करें इस्तेमाल
यूटीआई के घरेलू इलाज में सेंकाई करना भी शामिल है। क्योंकि, यूटीआई में पेट के निचले हिस्से में दर्द होता है। साथ ही जलन भी महसूस होती है। इस दर्द को कम करने के लिए आप हीटिंग पैड का इस्तेमाल करें। अगर हीटिंग पैड नहीं हैं तो पानी को गर्म कर के एक कांच की बॉटल में भरें और उससे पेट में दर्द होने वाले स्थान पर सेंकाई करें।
और पढ़ें : डायबिटीज के कारण इन अंगों में हो सकता है त्वचा संक्रमण
यूटीआई को दोबारा आने से कैसे रोकें?
यूटीआई के दोबारा होने का कारण है योनि और यूरिनरी ट्रैक्ट को हाइजीन या साफ न रखना। कभी-कभी असुरक्षित सेक्स (Unprotected sex) करने से भी यूटीआई की समस्या होती है। इसके अलावा अगर आप सेक्स के समय शुक्राणुनाशक (Spermicides) का प्रयोग करती हैं तो भी यूटीआई होने के जोखिम बहुत बढ़ जाते हैं। शुक्राणुनाशक (Spermicides) का प्रयोग करने से वजायना के अच्छे बैक्टीरिया, लैक्टोबैसिलाई मर जाते हैं। जिससे इश्चीरिया कोलाई को संक्रमण फैलाने का मौका मिल जाता है। इसलिए दोबारा यूटीआई हो जाता है। इसे रोकने के निम्न उपाय हैं :
करौंदा है बड़े काम की चीज
यूटीआई के घरेलू इलाज में क्रैनबेरी यानी कि करौंदा यूटीआई में बहुत फायदेमंद औषधि है। यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन में लोग करौंदे को घरेलू उपाय के तरह प्रयोग करते हैं। करौंदे का जूस बना कर पीने से संक्रमण ठीक होता है। आप एक दिन में 750 मिलीलीटर से 1 लीटर तक क्रैनबेरी जूस ले सकते हैं। इसे एक साथ न पी कर आप तीन से चार बार में पिएं। इससे यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन के बैक्टीरिया फ्लश हो कर बाहर निकल जाएगा। लेकिन, अगर आपके परिवार में किसी को किडनी (Kidney) से संबंधित समस्या है, तो आप भी करौंदे का जूस न पिएं।
यूटीआई के घरेलू इलाज में जूस की जगह आप क्रैनबेरी का कैप्सूल भी ले सकते हैं। लेकिन अगर आप खून को पतला करने की दवाएं खा रहे हैं तो आप क्रैनबेरी कैप्सूल न लें। एक अध्ययन के अनुसार अगर एक महिला रोज एक क्रैनबेरी की टैबेलेट लेती है या दिन में तीन बार क्रैनबेरी जूस पीती है तो उसे यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन नहीं हो सकता है। क्योंकि महिलाओं के योनि में लैक्टोबैसिलस नामक बैक्टीरिया रहता है और वह यूटीआई के बैक्टीरिया को खत्म करता है। करौंदा लैक्टोबैसिलस को बढ़ावा देने का काम करता है।
और पढ़ें : रिपोर्ट : एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस का शिकार हो रहे मुंबईवासी, कहीं आप भी तो नहीं कर रहे ये गलती?
एंटीबायोटिक्स का पूरा कोर्स लें
अक्सर यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTIs) एंटीबायोटिक्स के सेवन से ही ठीक होते हैं। डॉक्टर के परामर्श पर ही एंटीबायोटिक्स का सेवन करें। जिससे संक्रमण सात से आठ दिनों में ठीक हो जाएगा। यूटीआई में दी जाने वाली एंटीबायोटिक्स हैं- नाइट्रोफ्यूरैनटोनिन और ट्रिमेथॉप्रिम के साथ सल्फामेथॉक्साजोल। इसके अलावा सिप्रोफ्लॉक्सासीन, फॉस्फोमाइसिन और लेवोफ्लॉक्सासीन भी दिया जाता है।
डॉक्टर द्वारा दी गई एंटीबायोटिक्स का कोर्स पूरा करें। अगर आपने दवा के कोर्स को पूरा नहीं किया तो यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTIs) फिर से हो सकता है। यूं तो यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTIs) के लक्षण तीन से चार दिन में खत्म हो जाता है, लेकिन फिर भी दवाओं के कोर्स को पूरा करना बेहद जरूरी है।
हाइजीन सेक्स करें
संक्रमण को रोकने का सबसे आसान उपाय है सेफ सेक्स करना। सेक्स करने के बाद योनि और पेनिस को साफ करना चाहिए। इससे अगर योनि में कोई बैक्टीरिया चला भी गया है, तो यूरीन के साथ बाहर चला आए। इसके बाद गुप्तांग तो पोछ कर के सफाई कर लें। वहीं, सेक्स के दौरान ल्यूब्रिकेंट्स के रूप में तेल या बॉडी लोशन का इस्तेमाल न करें, क्योंकि ये इंफेक्शन को बढ़ावा देने में मदद करते हैं। इसके अलावा हमेशा सुरक्षित सेक्स करें। यूटीआई के घरेलू इलाज या इंफेक्शन से बचने के लिए हाइजीन का ध्यान रखें।
गुप्तांगों को साफ करने का तरीका बदलें
यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन होने का कारण गुप्तांगों को साफ करने का गलत तरीका भी है। यूटीआई को रोकने के लिए हमेशा यूरिनरी ट्रैक्ट की साफ सफाई रखें। पेशाब करने के बाद आगे से पीछे की तरफ मूत्रमार्ग को पोछें। अगर आप पीछे से आगे की तरफ पोछेंगे तो बैक्टीरिया बाहर निकलने के बजाए अंदर जाएगा। इस तरह से यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन जल्दी ठीक नहीं हो पाएगा।
यूटीआई को रोकने के लिए इन चीजों को कहें ‘न’
यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन को रोकने के लिए या यूटीआई के घरेलू इलाज के लिए आप केमिकल और कॉस्मेटिक्स का इस्तेमाल गुप्तांगों पर करना बंद करें। जैसे- वजायनल स्पंज, सेक्स टॉयज आदि का इस्तेमाल न करें। इससे बैक्टीरिया आपके शरीर के बाहर नहीं आ पाते हैं।
हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है। अगर आपको किसी भी तरह की समस्या हो तो आप अपने डॉक्टर से जरूर पूछ लें।
किडनी से जुड़ी बीमारियों में क्या करें और क्या ना करें? जानने के लिए नीचे दिए इस वीडियो लिंक पर क्लिक करें।