भारत सरकार द्वारा चलाए जा रहे अभियान ‘स्वच्छ भारत अभियान’ के अंतर्गत घर-घर शौचालय बनाने की मुहीम तेज हुई है। आज देश के लगभग सभी घरों में शौचालय उपलब्ध है, लेकिन क्या आपको पता है कि शौचालय यानी कि टॉयलेट का स्वास्थ्य से भी सीधा संबंध है। अगर टॉयलेट गंदा रहता है तो हमें कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। क्योंकि टॉयलेट में लगभग 30 से ज्यादा बीमारियां पैदा करने वाले बैक्टीरिया मौजूद होते हैं। इसलिए टॉयलेट को हम टॉयलेट क्लीनर से साफ करते हैं, लेकिन टॉयलेट क्लीनर भी हमारे सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकते हैं। टॉयलेट क्लीनर में मौजूद कैमिकल से हमें सांस लेने में समस्या और सिरदर्द हो सकता है। इसलिए आप चाहें तो खुद से नैचुरल टॉयलेट क्लीनर बना सकते हैं। आइए जानते हैं कैसे?
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टॉयलेट क्लीनर क्या है?
टॉयलेट क्लीनर टॉयलेट को साफ करने वाला एक पदार्थ है। जिसकी मदद से टॉयलेट में मौजूद बैक्टीरिया को साफ करते हैं और दाग-धब्बों को हटाते हैं। टॉयलेट क्लीनर में मुख्य पांच तरह के कैमिकल पाए जाते हैं, जो हमारे सेहत के लिए नुकसानदायक साबित हो सकते हैं। टॉयलेट क्लीनर में पाए जाने वाले निम्न कैमिकल हमारे सेहत के लिए हानिकारक साबित हो सकते हैं :
हाइड्रोक्लोरिक एसिड (HCl)
यूं तो एसिड से टॉयलेट को साफ करने के लिए मनाही है। क्योंकि एसिड से टॉयलेट तो साफ हो जाता है, लेकिन उससे निकलने वाला धुंआ हमारे फेफड़ों को नुकसान पहुंचाता है। वहीं, अगर गलती से त्वचा पर गिर गया तो त्वचा को जला देता है, लेकिन जब आप बाजारों से एसिड के जगह टॉयलेट क्लीनर ले के आते हैं तो आपको जानकर हैरानी होगी कि सभी तरह के कमर्शियल टॉयलेट साफ करने वाले लिक्विड में कुछ प्रतिशत हाइड्रोक्लोरिक एसिड मिला रहता है।
हाइड्रोक्लोरिक एसिड को म्यूरेटिक एसिड भी कहते हैं। हाइड्रोक्लोरिक एसिड एक ज्वलंत पदार्थ है, जो मनुष्य के टिश्यू को आसानी से डैमेज कर सकता है। इससे निकलने वाली गैस से सांस लेने संबंधी परेशानियां हो सकती हैं।
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सोडियम लॉरिल इथर सल्फेट (SLES)
सोडियम लॉरिल इथर सल्फेट के गुण साबुन जैसे होते हैं। सोडियम लॉरिल इथर सल्फेट बाथरूम साफ करने वाले एसिड के रूप में जाए जाते हैं। ये पानी के सतही तनाव (Surface tension) को कम करके स्टेन को साफ करता है। सोडियम लॉरिल इथर सल्फेट हाइड्रोक्लोरिक एसिड की तरह ही एक नुकसान पहुंचाने वाला एसिड है। ये हमारी आंखों और त्वचा को नुकसान पहुंचा सकता है। सोडियम लॉरिल इथर सल्फेट टॉयलेट क्लीनर में मिला होता है।
सेट्रीमोनियम क्लोराइड (CTAC)
सेट्रीमोनियम क्लोराइड को सेटिल ट्राइमेथिल अमोनियम क्लोराइड भी कहते हैं। सेट्रीमोनियम क्लोराइड टॉयलेट क्लीनर के रूप में पाए जाने वाला एक कैमिकल है। जो हमारी आंखों और त्वचा में जलन पैदा कर सकता है। अगर सेट्रीमोनियम क्लोराइड को गलती से निगल लिया जाए तो ये जानलेवा साबित हो सकता है। इसके साथ ही इसका प्रयोग करते समय कॉन्टेक्ट लेंस को निकाल देना चाहिए। क्योंकि अगर गलती से एक भी बूंद कॉन्टैक्ट लेंस पर पड़ी तो ये कॉन्टैक्ट लेंस को पिघला सकता है।
सोडियम हाइड्रॉक्साइड (NaOH)
सोडियम हाइड्रॉक्साइड एक बेहद ज्वलंत एसिड है। जो हमारे शरीर को थर्ड डिग्री बर्न दे सकता है। सोडियम हाइड्रॉक्साइड को टॉयलेट क्लीनर में इस्तेमाल किया जाता है। जब भी इस एसिड का इस्तेमाल किया जाता है तो हमें सुरक्षात्मक कवच जरूर पहनना चाहिए। सोडियम हाइड्रॉक्साइड हमारे शरीर में मौजूद लिपिड और प्रोटीन को डिकम्पोज कर सकता है।
अगर सोडियम हाइड्रॉक्साइड व्यक्ति की आंखों में चला गया तो वह अंधा भी हो सकता है। इसलिए इसे बच्चों की पहुंच से दूर रखें। इसकी एक निश्चित मात्रा ही इस्तेमाल करना चाहिए, क्योंकि ये एक हजार्डस कैमिकल है।
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सोडियम हाइपोक्लोराइट (bleach)
सोडियम हाइपोक्लोराइट यानी कि ब्लीच, जिसे लोग टॉयलेट क्लीनर के रूप में इस्तेमाल करते हैं। इसके पैकेट पर साफ-साफ शब्दों में लिखा रहता है कि ब्लीच को आंखों, कान और नाक से दूर रखें। हालांकि, हम सोडियम हाइपोक्लोराइट को सीधे टॉयलेट क्लीनर के रूप में इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं। इसलिए इसे टॉयलेट साफ करने वाले लिक्विड के इंग्रीडिएंट के साथ मिलाया जाता है। अगर कभी गलती से सोडियम हाइपोक्लोराइट हमारी आंखों या त्वचा पर आ जाए तो हमें तुरंत अपने डॉक्टर से मिलना चाहिए।
ये तो बात हो गई टॉयलेट क्लीनर में इस्तेमाल होने वाले इंग्रीडिएंट की, लेकिन क्या आपको पता है कि टॉयलेट को साफ करने वाले लिक्विड को फ्लश करने के बाद भी उसके अंश टॉयलेट सीट पर रह जाते हैं। जिससे निकलने वाली गैसें हमारे सेहत से लिए हानिकारक साबित हो सकती हैं।
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टॉयलेट क्लीनर का सेहत पर प्रभाव क्या होता है?
टॉयलेट साफ करने वाले लिक्विड का इस्तेमाल करने से हमारे शरीर को निम्न नुकसान हो सकते हैं :
- ब्लड का एसिड लेवल बदल जाता है, जिसके कारण हमारे अंग भी डैमेज हो सकते हैं।
- आंखों, कानों, नाक और गले के संपर्क में आने पर जलन और दर्द हो सकता है।
- आंखों की रोशनी जा सकती है।
- त्वचा जल सकती है।
- गले में जलन और दर्द हो सकता है।
- हार्ट कोलैप्स।
- लो ब्लड प्रेशर।
- गले में सूजन होने के कारण सांस लेने में समस्या।
- सांस की नली में जलन महसूस होना।
- सिरदर्द।
- दौरे पड़ना।
- कोमा में भी जा सकते हैं।
- त्वचा पर छाले पड़ सकते हैं।
- मल में खून आना।
- इसोफेगस में जलन होना।
- डायरिया।
- मितली और खून की उल्टी हो सकती है।
- पेट में तेज दर्द भी हो सकता है।
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कैमिकल की जगह इस्तेमाल करें नैचुरल टॉयलेट क्लीनर
आपको पहले ही बता दिया गया है कि टाॅयलेट साफ करने वाले लिक्विड में मौजूद कैमिकल से हमें क्या नुकसान हो सकता है। ऐसे में अगर आपको पता चले कि नैचुरल टॉयलेट क्लीनर भी है, तो शायद आप खुश हो जाएंगे और उसे ही इस्तेमाल करने के लिए कहेंगे। तो जानते हैं उनके बारे में।
व्हाइट विनेगर
विनेगर के सेहत पर फायदे तो कई सुने होंगे, लेकिन शायद आप ये नहीं जानते हों कि ये एक नैचुरल टॉयलेट साफ करने के वाले लिक्विड के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। विनेगर एक माइल्ड एसिड है और ये पूरी तरह सुरक्षित है। जो टॉयलेट को डिसइंफेक्ट कर सकता है और उससे आने वाली बदबू को भी दूर कर सकता है।
बोरेक्स
एक होता है बोरेक्स और एक होता है बोरिक एसिड, अक्सर लोग इसमें कंफ्यूज हो जाते हैं। बोरिक एसिड टॉक्सिक होता है। जबकि बोरेक्स का नाम सोडियम टेट्राबोरेट होता है। सोडियम टेट्राबोरेट हमारे शरीर के लिए उतना ही टॉक्सिक हो सकता है, जितना टेबल सॉल्ट या बेकिंग सोडा। बोरेक्स की टॉक्सिसिटी भी तभी होती है, जब उसे अधिक मात्रा में इस्तेमाल किया जाता है। बोरेक्स कई काम करने वाला क्लीनर है। ये सफेदी, स्टेन को हटाने और डिओडराइज करने के काम आता है।
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लेमन जूस या सिट्रिक एसिड
सिट्रिक एसिड लेमन जूस में पाया जाता है। पानी के निशानों और टफ स्टेन को साफ करने के लिए सिट्रिक एसिड काम आता है।
एसेंशियल ऑयल
प्योर एसेंशियल ऑयल की मदद से आप खुद ही टॉयलेट क्लीनर बना सकते हैं। इसेंशियल ऑयल में एंटीबैक्टिरीयल, एंटीवायरल और एंटीफंगल गुण होते हैं। अध्ययनों में पाया गया है कि टी ट्री ऑयल में बैक्टीरिया को मारने की क्षमता होती है। इसलिए अगर इसे टॉयलेट क्लीनर में 0.5%-1.0% के सांद्र रूप में मिलाया जाता है तो यह एक अच्छा एंटी बैक्टीरियल हो सकता है। टी ट्री ऑयल के अलावा लेवेंडर, सिट्रस ऑयल, पिपरमिंट, रोजमैरी, यूकिलिप्टस आदि तेलों का भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
बेकिंग सोडा
बेकिंग सोडा न सिर्फ खाना पकाने के बल्कि टॉयलेट क्लीन करने के काम भी आता है। बेकिंग सोडा प्राकृतिक रूप से जर्म से लड़ता है और टॉयलेट को डियोडराइज भी करता है। इसके साथ ही बेकिंग सोडा टॉयलेट बोल के स्टेन को भी साफ करता है।
नैचुरल टॉयलेट क्लीनर कैसे बनाएं?
कैमिकल्स से निजात पाने के लिए आपको खुद से ही नैचुरल टॉयलेट क्लीनर बनाना चाहिए। आइए जानते हैं कि आप किस तरह से नैचुरल टॉयलेट क्लीनर बना सकते हैं :
टी ट्री स्क्रब
टी ट्री स्क्रब टी ट्री ऑयल से बनाया जाता है। जैसा कि हमने पहले बताया टी ट्री ऑयल में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं, जिससे टॉयलेट की सतह पूरी तरह से साफ हो जाती है।
सामग्री
- आधा कप बेकिंग सोडा
- एक कप व्हाइट विनेगर
- आधा टीस्पून टी ट्री ऑयल
विधि
विनेगर और टी ट्री ऑयल को एक साथ एक स्प्रे बॉटल में डाल लें। इसके बाद इस मिश्रण को टॉयलेट बोल पर स्प्रे करें या उन जगहों पर स्प्रे करें, जिन्हें आप साफ करना चाहते हैं। इसे कुछ मिनट के लिए वैसे ही छोड़ दें। फिर जहां पर आपने मिश्रण को स्प्रे किया था, वहीं पर बेकिंग सोडा को छिड़क दें। इसके बाद टॉयलेट ब्रश से टॉयलेट बोल को स्प्रे करें। इसके बाद इसे फ्लश कर दें।
हैवी ड्यूटी टॉयलेट फॉर्मूला
टॉयलेट बोल पर जब पानी के निशान जम जाते हैं तो इसे साफ करने के लिए हैवी ड्यूटी टॉयलेट फॉर्मूला की जरूरत पड़ती है। इसके इस्तेमाल से टॉयलेट से आने वाली बदबू भी दूर होती है।
सामग्री
- ¾ कप बोरेक्स
- एक कप व्हाइट विनेगर
- 10 बूंद लेवेंडर इसेंशियल ऑयल
- 5 बूंद लेमन इसेंशियल ऑयल
विधि
सभी समग्रियों को एक बॉटल में एक साथ मिक्स करें। टॉयलेट बोल को पानी से भिगाएं। इसके बाद टॉयलेट ब्रश से साफ करें। इसके बाद टॉयलेट बोल में पूरे मिश्रण को डालें। फिर इसे पूरी रात के लिए छोड़ दें। इस दौरान ध्यान दें कि कोई भी टॉयलेट का इस्तेमाल न कर सके। सुबह टॉयलेट बोल को ब्रश की मदद से स्क्रब करें और पानी से फ्लश कर के साफ करें।
लेजी डे टॉयलेट स्क्रब
अगर आपका कभी टॉयलेट साफ करने का मन नहीं है तो आप लेजी डे टॉयलेट स्क्रब का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए एक बॉटल में विनेगर और बेकिंग सोडा को एक बॉटल में डाल कर अच्छे से शेक करें। इस मिश्रण को टॉयलेट बोल में डाल दें। कुछ समय के बाद फ्लश कर दें।
इसके अलावा अगर आप चाहें तो पहले विनेगर डाल कर फिर बाद में बेकिंग सोडा को टॉयलेट बोल में छिड़क दें। इसके बाद इसे ब्रश से रगड़ कर फ्लश कर दें।
हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की कोई मेडिकल जानकारी नहीं दे रहा है। अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
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