भारत एक ऐसा देश हैं, जहां पर सभी का आदर सत्कार होता है। चाहे वो हमारे पूर्वज ही क्यों ना हो। हमारे हिंदी पंचाग की तिथियों के अनुसार एक महीना ऐसा भी है, जिसमें हम अपने पूर्वजों को याद कर उनकी सेवा करते हैं। इसे पितृ पक्ष माह के नाम से जाना जाता है, जो 15 दिनों का होता है। इन 15 दिनों में हमें कुछ खाद्य पदार्थों को खाने की पाबंदी होती है। इसमें खास तौर पर तामसिक भोजन का परहेज किया जाता है। इसके धार्मिक और वैज्ञानिक दोनों कारण माने जाते हैं। धार्मिक कारणों की बात करें, तो इन 15 दिनों में हम अपने पूर्वजों को सात्विक भोजन परोसते हैं, साथ ही वही सात्विक भोजन हम भी ग्रहण करते हैं। इसका वैज्ञानिक कारण ये है कि आयुर्वेद के अनुसार हमारे शरीर को तामसिक भोजन नहीं खाना चाहिए। तामसिक भोजन खाने से शरीर में ऐसे कैमिकल बनते हैं, जो शारीरिक समस्या पैदा कर सकते हैं। इसलिए पितृ पक्ष डायट आपको खास तौर पर इस महीने अपनानी चाहिए। आइए जानते हैं कि आपकी पितृ पक्ष डायट कैसी होनी चाहिए?
कब है पितृ पक्ष?
हिंदू पंचांग के अनुसार पितृ पक्ष हिंदी महीने के अश्विन मास के कृष्ण पक्ष में पड़ता है, जिसकी शुरुआत पूर्णिमा से होती है और अमावस्या पर खत्म होती है। इसी क्रम में 2020 में इस बार हिंदू पंचाग के अनुसार पितृ पक्ष 1 सितंबर को शुरू हो रहा है और 17 सितंबर को खत्म होगा। आपको बता दें कि इस बार का पितृ पक्ष लगभग 16 दिनों का है। जिसमें 1 सितंबर को पूर्णिमा का श्राद्ध और 2 सितंबर को प्रतिपदा का श्राद्ध है। इसी तरह से अगले 16 दिनों तक श्राद्ध की विधि की जाती है। इसके बाद 17 सितंबर को अमावस्या का श्राद्ध है, जिस पर जा कर पितृ पक्ष समाप्त होगा। आइए जानते हैं पितृ पक्ष डायट पर एक्सपर्ट का क्या कहना है?
वाराणसी (उत्तर प्रदेश) के जागृति योगा इंस्टिट्यूट की डायरेक्टर सुचारिता मंडल कहती हैं, “पितृ पक्ष हो या कोई और समय सात्विक भोजन का सेवन हमेशा करना चाहिए। सात्विक भोजन का मन और तन दोनों पर सकारात्मक प्रभाव दिखाई देता है। फिलहाल जहां तक बात रही पितृ पक्ष डायट की, तो इसमें हमें सात्विक भोजन का सेवन ही करना चाहिए। इसमें हमें ऐसे खाद्य पदार्थों को शामिल करना होता है, जिसके गुण तामसिक ना हो। खास तौर पर मांसाहारी या उसकी तरह नजर आनेवाले खाद्य पदार्थों का समावेश होता है, जैसे कटहल, सोयाबिन बड़ी आदि। लेकिन बात करें सात्विक खाद्य पदार्थों की, तो आप इसमें ग्वार की सब्जी, बाजरे की खिचड़ी, पालक की भुर्जी, पुदीना राइस, कद्दू की सब्जी आदि का सेवन कर सकते हैं। ये फूड्स सात्विक होने के साथ-साथ न्यूट्रीशन से भरपूर होते हैं।”
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पितृ पक्ष डायट में क्यों ना करें तामसिक भोजन का सेवन?
आयुर्वेद के अनुसार आहार दो तरह के होते हैं, सात्विक और तामसिक। सात्विक आहार में ऐसी चीजें खाई जाती हैं, जो आपके शरीर में सात्विक तत्वों का संचार करे और साथ ही साथ पोषण से भरपूर भी हो। रही बात तामसिक खाद्य पदार्थों की, तो ये हमारे शरीर में तामसिक तत्वों, जैसे क्रोध, आलस, लोभ, इत्यादि को बढ़ावा देते हैं। इसलिए हमें इन तामसिक खाद्य पदार्थों से दूरी बनानी चाहिए। आइए जानते हैं तामसिक भोजन में किन पदार्थों का सामवेश होता है।
- मीट
- मछली
- प्याज
- लहसुन
- मशरूम
- ज्यादा या कम पके फल
- एवोकैडो
- तरबूज
- खुबानी
- बेर
- गेंहू
- ब्राउन राइस
- उड़द दाल
- पनीर
इन फूड्स का सेवन पितृ पक्ष में वर्जित माना जाता है। स्वास्थ्य की दृष्टि से इस प्रकार के भोजन को खाने से शरीर में ऐसे रसायनों का निर्माण होता है, जो स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म देते हैं। इसलिए ही इसे पितृ पक्ष डायट में शामिल नहीं किया जाता है।
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पितृ पक्ष डायट में सात्विक भोजन शामिल करें
पितृ पक्ष डायट में सात्विक भोजन को ही शामिल करना चाहिए। इससे आपका शरीर नैचुरल तरीके से डिटॉक्स भी होता है और आपके शरीर को जरूरी पोषण भी मिलता है। इससे आप गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से अपने शरीर का बचाव भी कर सकते हैं। आइए जानते हैं सात्विक भोजन में कौन से खाद्य पदार्थों का सामवेश होता है।
सब्जियां
सब्जियां या कहें हरी पत्तेदार भाजियां हमारे भोजन का प्रमुख भाग मानी जाती हैं, इनमें शरीर के लिए जरूरी माने जानेवाले सभी मिनरल्स, विटामिन्स और अन्य पोषक तत्व होते हैं। पालक, गाजर, सेलेरी, आलू, ब्रोकली, सलाद पत्ता, मटर, गोभी आदि का सेवन सात्विक भोजन में किया जा सकता है।
फल
सब्ज़ियों की ही तरह फल भी सात्विक भोजन का जरूरी भाग माने जाते हैं। इसमें सेब, केला, पपीता, आम, चेरी, अमरूद आदि फल और फलों के जूस का सेवन सात्विक भोजन में किया जा सकता है। लेकिन ये फल ना ही ज्यादा पके और ना ही ज्यादा कच्चे होने चाहिए, तभी आप पितृ पक्ष डायट में इसका सेवन कर सकते हैं।
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अनाज
अनाज की बात करें, तो ये शरीर को ऊर्जा देने का काम करते हैं। पितृ पक्ष डायट के अंतर्गत जौ, राजगिरा या बथुआ, बाजरा, क्विनोआ, जंगली चावल या सांव का सेवन सात्विक आहार में शामिल है।
नट्स और बीज
अखरोट, मूंगफली, तिल के बीज, फ्लेक्स सीड, सूर्यमुखी के बीजों आदि का सेवन भी सात्विक भोजन के अंतर्गत किया जा सकता है।
वसा और तेल
जहां तक खानेवाले तेलों की बात है, इनमें ऑलिव ऑयल, तिल का तेल, फ्लेक्स सीड ऑयल, घी आदि का सेवन सात्विक भोजन के रूप में किया जा सकता है।
डेयरी प्रोडक्ट
डेयरी प्रोडक्ट का सात्विक भोजन से गहरा सम्बंध है। पितृ पक्ष डायट में दूध, दही, मक्खन का सेवन सात्विक आहार के रूप में किया जा सकता है।
दाल और फलियां
मूंग दाल, चने, बीन्स स्प्राउट, टोफू आदि का सेवन पितृ पक्ष डायट में किया जा सकता है।
मसाले और हर्ब्स
धनिया, तुलसी, जायफल, जीरा, मेथी, हल्दी, अदरक आदि का सेवन भी सात्विक भोजन में किया जा सकता है।
मीठा
सात्विक भोजन में शदह और गुड़ का सेवन मीठे के लिए कर सकते हैं।
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पितृ पक्ष डायट में क्या रेसिपी बनाएं?
अब जब जल्द ही पितृ पक्ष की शुरुआत होने जा रही है, तो इस बार सात्विक भोजन की लिस्ट में आपको इन कुछ रेसेपीज को जरूर शामिल करना चाहिए। ये रेसिपीज न सिर्फ आपकी सेहत बेहतर बनाएंगी, बल्कि आपके शरीर में सात्विक तत्वों का प्रवाह भी बनाए रखेगी। सुचारिता मंडल ने पितृ पक्ष डायट में खाने वाली रेसिपी के बारे में बताया कि इनमें आप किन चीजों और किन तरीकों से बना सकते हैं। तो आइए शुरू करते हैं पितृ पक्ष डायट की ये खास रेसिपी बनाना –
पितृ पक्ष डायट: पुदीना राइस
सामग्री
- बासमती चावल – 2 कप
- पुदीने की पत्तियां – 2 कप
- हरी मिर्च – 4 से 5
- अदरक – एक इंच का टुकड़ा
- तेल या घी – एक टेबलस्पून
- तेजपत्ता – 3
- काली मिर्च – 6 से 7 दाने
- लौंग – 4
- दालचीनी – 2 छोटे टुकड़ें
- नमक – स्वादानुसार
विधि
- सबसे पहले चावल को अच्छे से धो लें और पका कर अलग रख लें।
- पुदीने की पत्तियां, हरी मिर्च, अदरक को मिक्सी में डाल कर अच्छे से पीस कर पेस्ट बना लें।
- कढ़ाई में तेल डालें, फिर उसमें तेज पत्ता, काली मिर्च, लौंग, दालचीनी को डाल कर 30 सेकेंड तक भूनें। फिर इसमें पुदीने का पेस्ट डालें और धीमे-धीमे चला कर दो से तीन मिनट तक पकाएं।
- इसके बाद मसालों में नमक मिलाएं और फिर चावल डालें। चावल में पुदीने के मसाले को अच्छे से मिलाएं और चार से पांच मिनट तक धीमी आंच पर ढंक कर छोड़ दें।
- इसके बाद आप इसे दही के साथ गर्मागर्म सर्व करें।
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पितृ पक्ष डायट: बाजरे की खिचड़ी
सामग्री
- बाजरा – 200 ग्राम
- मूंग की दाल – 150 ग्राम
- अदरक – 1 इंच का टुकड़ा (बारीक कटा हुआ)
- हरी मिर्च – 2
- हल्दी पाउडर – आधा टी स्पून
- हरी मटर – 1 कटोरी
- घी – 2 टेबलस्पून
- हींग – 1 चुटकी
- जीरा – 1 टी स्पून
- नमक – स्वादानुसार
- हरा धनिया – 1 टेबलस्पून
सामग्री
- बाजरे को पानी से धो कर साफ कर लें। फिर इससे पानी पूरी तरह से निकाल दें।
- कुकर में घी डालें और गर्म करें।
- घी में हींग और जीरे का तड़का दें। इसके बाद उसमें हरी मिर्च, अदरक, हल्दी पाउडर, मटर को डाल कर दो से तीन मिनट तक भूनें।
- इन मसालों में बाजरे और मूंग दाल को डाल कर दो से तीन मिनट तक भूनें। इसके बाद बाजरे और दाल की मात्रा से चार गुना ज्यादा पानी डालें और कुकर का ढक्कन बंद कर दें।
- कुकर की एक सीटी आने के बाद आंच को एकदम धीमा कर दें और खिचड़ी को पांच मिनट तक पकने दें। इसके बाद गैस को बंद कर दें।
- कुकर की गैस निकलने के बाद खिचड़ी पर धनिया की पत्तियां छिड़कें और दही के साथ गर्मागर्म परोसें।
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पितृ पक्ष डायट: पालक भुर्जी
सामग्री
- पालक – एक गड्डी
- घी – दो टेबलस्पून
- अदरक का पेस्ट- एक टीस्पून
- टमाटर – दो से तीन कटे हुए
- जीरा पाउडर – 1 टीस्पून
- धनिया पाउडर – 1 टीस्पून
- हरी मिर्च – 4 से 5
- धनिया की पत्तियां बारीक कटी हुई
- अदरक – एक इंच का टुकड़ा
- नमक – स्वादनुसार
विधि
- पालक को धो कर बारीक काट लें।
- कढ़ाई में एक टेबलस्पून घी डालें और गर्म करें। इसे पालक और नमक डाल कर कुछ समय तक पकाएं।
- इसके बाद अलग से एक कढ़ाई में एक टेबलस्पून घी डालें और उसमें अदरक का पेस्ट, जीरा पाउडर, धनिया पाउडर, टमाटर, हरी मिर्च डाल कर मसाला पकाएं।
- इसके बाद इसमें पालक को मिला दें और चला कर दो से तीन मिनट तक पकाएं।
- इसके बाद ऊपर से धनिया पत्ती डाल कर इसे चावल, बाजरे या मक्के की भाखरी के साथ सर्व करें।
उम्मीद करते हैं कि इस पितृ पक्ष में ये रेसिपीज आपके बहुत काम आएंगी। इन रेसिपीज को बनाएं और हमें कमेंट कर जरूर बताएं। पितृ पक्ष डायट में आप सात्विक भोजन लें और तामसिक भोजन से दूरी बनाएं रखें। इससे आप एक ओर धार्मिक कार्यों में मन लगा सकेंगे, वहीं अपने शरीर को भी डिटॉक्सिफाय करेंगे। इस विषय में अधिक जानकारी के लिए आप अपने न्यूट्रिशनिस्ट से बात कर सकते हैं।
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