रिसर्च फैक्ट में मिला बीड़ी और सिगरेट (Bidi and cigarette) से जुड़ा चौंकाने वाला आंकड़ा
ग्लोबल एडल्ट टोबैको सर्वे (गेट्स) 2016-17 की फैक्ट शीट के रिपोर्ट चौंकाने वाले थे। गेट्स-2 सर्वे की रिपोर्ट में 15 साल की उम्र से अधिक उम्र के लोगों को शामिल किया गया था। केंद्रीय परिवार कल्याण विभाग, विश्व स्वास्थ्य संगठन और टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज मुंबई द्वारा इस रिसर्च के लिए मल्टी स्टेज सैंपल डिजाइन तैयार किया गया। इसमें देशभर से कुल 74,037 लोगों को शामिल किया गया था। जिसमें से 1,685 पुरुष और 1,779 महिलाएं उत्तर प्रदेश की थी।
विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के मुताबिक विश्व की कुल आबादी की हर छठी महिला किसी न किसी रूप में तम्बाकू का सेवन कर रही है। जिनमें मजदूरी करने वाली महिलाएं और हाई प्रोफाइल पेशे से जुड़ी महिलाओं की संख्या अधिक है। मजदूरी करने वाली महिलाएं गुटखा, खैनी, बीड़ी का सेवन सबसे ज्यादा करती हैं, वहीं शौकिया तौर पर महिलाओं में सिगरेट पीने व गुटखा खाने की आदत भी काफी देखी जाती है। गेट्स सर्वेक्षण 2009-10 के अनुसार बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों में शहरी क्षेत्र की तुलना में खैनी का सेवन अधिक किया जाता है। बिहार के ग्रामीण इलाकों में लगभग 28 फीसदी लोगों अपनी आदत या स्वाद की पसंद के अनुसार खैनी का सेवन करते हैं, जबकि शहरों में लगभग 24.8 फीसदी लोग खैनी का सेवन करते हैं। इस सर्वे के दौरान यह बात भी सामने आई कि भारत में तम्बाकू से बने उत्पादों का सबसे ज्यादा उपभोग भारत के पूर्वोत्तर राज्य मिजोरम में किया जाता है। वहां लगभग 67 फीसदी बीड़ी और सिगरेट का सेवन किया जाता है।
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केरल में भी अधिक है बीड़ी और सिगरेट (Bidi and cigarette) का इस्तेमाल
साल 1990-2009 के बीच भारत के केरल राज्य के शहर कोल्लम जिले के कुरुनागापल्ली में बीड़ी और सिगरेट से जुड़ा एक अध्ययन किया था। जिसमें करीब 65,000 लोगों को शामिल किया था। अध्ययन में शामिल लोगों की उम्र 30 से 40 साल के बीच की थी। इस अध्ययन के दौरान शोधाकर्ताओं ने पाया था कि जो लोग बीड़ी और सिगरेट का इस्तेमाल करते हैं, उनमें कैंसर का खतरा अधिक देखा गया। हालांकि, कैंसर का सबसे अधिक जोखिम बीड़ी पीने वालों में देखा गया। यह अध्ययन कोल्लम के रीजनल कैंसर सेंटर द्वारा किया गया था, जिसे ‘गैस्ट्रोइंटरोलॉजी’ की विश्व पत्रिका में प्रकाशित भी किया गया है। शोध में पाया गया कि वहां पर अधिकतर लोगों ने बीड़ी पीना महज 18 साल की कम उम्र में ही शुरू कर दिया था। ऐसे लोगों में 18 से 22 उम्र के बीच 2.0 तक कैंसर का खतरा और 1.8 पेट के कैंसर होने का खतरा देखा गया।
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बीड़ी और सिगरेट में भारत में बीड़ी का चलन ज्यादा क्यों?