स्वस्थ रहने के लिए हम क्या-क्या नहीं करते? जिम जाते हैं, व्यायाम करते हैं और सबसे जरूरी है संतुलित आहार यानी सही डायट लेते हैं। डायट का अर्थ है, जो भोजन हम खाते हैं। लेकिन, आजकल लोग फिट रहने के लिए अपनी डायट में कई तरह के बदलाव करते हैं, जिसे स्पेशल डायट (Special Diet) या विशेष आहार कहा जाता है। वजन कम करने या किसी समस्या या रोग के कारण भी डॉक्टर आपको स्पेशल डायट (Special Diet) का पालन करने के लिए कह सकते हैं। जानिए क्या है स्पेशल डायट (Special Diet) और इससे जुडी अन्य जानकारियों के बारे में जानना न भूलें।
क्या है स्पेशल डायट (What is Special Diet)?
स्पेशल डायट (Special Diet) को चिकित्सीय आहार (Therapeutic diet) भी कहा जाता है। यह वो मील प्लान है, जिसमें कुछ खास खाद्य पदार्थों और न्यूट्रिएंटस को न खाने की सलाह दी जाती है। जबकि, कुछ खास न्यूट्रिएंट्स को इसमें शामिल किया जाता है। यह डायट किसी बीमारी के उपचार का हिस्सा हो सकती है। इस स्पेशल डायट (Special Diet) की सलाह आमतौर पर डॉक्टर देते हैं और किसी एक्सपर्ट डायटीशियन द्वारा इसे प्लान किया जाता है। स्पष्ट रूप से कहा जाए तो स्पेशल डायट (Special Diet) नियमित आहार का एक संशोधन है। यह संशोधन किसी खास न्यूट्रिएंट के रूप में हो सकता है। इसमें डायबिटिक डायट (Diabetic Diet), लौ कैलोरी डायट (Low Calorie Diet), वेगन डायट (Vegan Diet) आदि शामिल हैं। जानिए स्पेशल डायट के प्रकारों (Types of Special Diet) के बारे में।
और पढ़ें : पेट में अल्सर की समस्या को कम कर सकते हैं, इस तरह की डायट से
स्पेशल डायट के प्रकार कौन से हैं (Types of Special Diet)?
लोग स्वस्थ रहने के लिए कम और संतुलित खाना पसंद करते हैं और जब बात अपनी डायट सेलेक्ट करने की आती है, तो आप स्पेशल डायट के प्रकारों (Types of Special Diet) में से कुछ को चुन सकते हैं। कुछ ऐसी डायट्स हैं जिनका प्रयोग दुनिया भर के लोग अपने आहार में शामिल करते हैं। इनमें से कुछ इस प्रकार हैं:
पैलियो डायट (Paleo diet)
यह खाने का एक प्राकृतिक तरीका है, जिसमें चीनी का सेवन नहीं किया जाता। पैलियो आहार में चीनी फलों से मिलती है। हालांकि, चीनी का सेवन न करना ही इस डायट का हिस्सा नहीं है। बल्कि, प्रोसेस्ड आहार और अनाज भी इस स्पेशल डायट (Special Diet) में नहीं लिए जाते। पैलियो आहार से डेयरी भी निकाल दी जाती है। अब सवाल है कि इस डायट में क्या खाया जा सकता है? एक पैलियो डायट में मछली, सब्जियां, फल, नट्स, तेल, शकरकंदी, अंडे और मांस को खाने की सलाह दी जाती है।
ब्लड टाइप डायट (Blood Type Diet)
डॉक्टर ब्लड टाइप के अनुसार डायट पर अभी और रिसर्च कर रहे हैं। इस डायट की खास बात यह है कि ब्लड टाइप के अनुसार डायट लेने से सामान्य डायटरी जरूरतें पूरी होती हैं। जैसे अगर किसी का ब्लड टाइप O है, तो उन्हें ऐसे आहार के सेवन की सलाह दी जाती है, जिसमें प्रोटीन (Protein) अधिक हो। इसके साथ ही वजन कम करने में लिए पालक, ब्रोकली आदि की सलाह दी जाती है और डेयरी पदार्थों का सेवन नहीं करने दिया जाता।
वीगन डायट (Vegan Diet)
वेगन डायट में केवल शाकाहारी चीजों को ही खाया जा सकता है। इसमें मीट और एनिमल प्रोडक्ट्स को बिलकुल भी नहीं रखा जाता। इस डायट का प्रभाव यह होता है कि इसे खाने से कोलस्ट्रोल (Cholesterol) और सैचुरेटेड फैट (Saturated Fat) बहुत कम हो जाता है। इसके लिए प्लानिंग करनी बेहद जरूरी है। अगर इस डायट का इसका अच्छे से पालन किया जाए, तो परिणाम बहुत अच्छे आते हैं।
द मेडिटरेनीयन डायट (The Mediterranean Diet)
यह भी वेजिटेबल हैवी डायट है, जिसमें मीट के सेवन को नजरअंदाज किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस स्पेशल डायट (Special Diet) से डिप्रेशन में लाभ होता है। ब्लड प्रेशर और वजन कम करने में भी यह लाभदायक है। इसके फायदे यहीं कम नहीं होते। इस डायट को करने से तनाव, ब्लड शुगर भी नियंत्रित रहते हैं
योग और स्वास्थ्य से जुड़ी जानकारी के लिए क्लिक करें:
रॉ फूड डायट (Raw Food Diet)
इस डायट में बिना पकाएं और अनप्रोसेस्ड आहार का प्रयोग जाता है। इस आहार में ऐसे किसी भी खाद्य पदार्थ का सेवन नहीं किया जाता जिसे सिंथेटिक्स (Synthetics) या ऐडिटिवस (Additives) के साथ पास्चुरीकृत या उत्पादित किया गया हो। इस डायट का उद्देश्य एनर्जी बढ़ाना, सूजन और कम करने के साथ ही कासीनजन (Carcinogen) की संख्या को कम करना है।
केटोजेनिक डायट (Ketogenic Diet)
केटोजेनिक आहार का उपयोग लम्बे समय से मिर्गी (epilepsy) के इलाज के रूप में किया जा रहा है और इसके अन्य उपयोगों के लिए भी पता लगाया जा रहा है। इस स्पेशल डायट (Special Diet) में कार्बोहाइड्रेट का सेवन कम करना और वसा की मात्रा को बढ़ाना शामिल है। इस डायट में एवोकाडो, सीड्स या जैतून का तेल को हेल्दी वसा के रूप में रखा जाता है। वजन कम करने में यह डायट बहुत ही लाभदायक मानी जाती है।
स्पेशल डायट में किन-किन न्यूट्रिएंट्स (Nutrients in Special Diet) को शामिल किया जाता है?
स्पेशल डायट (Special Diet) का उद्देश्य यही होता है कि शरीर को सभी न्यूट्रिएंट्स मिलें और साथ ही जिस वजह से आप इस डायट को ले रहे हैं, वो भी पूरी हो। स्पेशल डायट (Special Diet) इन न्यूट्रिएंट्स को इस तरह से शामिल किया जाता है कि आपको सभी जरूरतें पूरी हों। जानिए, स्पेशल डायट (Special Diet) में किन-किन न्यूट्रिएंट्स को शामिल किया जाता है।
इस बारे में एनएफएक्स के फिटन कोच एंड डायट प्लानर आदित्य सिंह का कहना है कि खाने में सही कुकिंग ऑयल का इस्तेमाल बहुत जरूरी है, इसका प्रभाव सीधे आपके हेल्थ से जुड़ा हुआ होता है। सही कुकिंग ऑयल का चनाव कई बातों को ध्यान में रखते हुए करना चाहिए, जैसे उसमें सभी विटामिन और पोषक तत्व भी जरूर हों। हेल्दी कुकिंग ऑयल के चुनाव के समय कुकिंग फैट्स एंड ऑयल में सैचुरेटेड फैट्स (Saturated fats) भी शामिल हैं। सैचुरेटेड फैट्स में ज्यादातर एनिमल प्रोडक्ट (Animal Products) शामिल होते हैं। यह कुछ प्रकार के पौधों में भी पाए जाते हैं। वैसे तो खाना पकाने में उपयोग किए जाने वाले सैचुरेटेड फैट्स में शामिल हैं: बटर (butter), नारियल का तेल ( Coconut oil) और ताड़ का तेल (Palm Oil)। हालांकि सैचुरेटेड फैट्स स्वाद में भी सही होते हैं, यानि कि आप इसे आसानी से खा सकते हैं। लेकिन उन्हें कम मात्रा में सेवन किया जाना चाहिए, क्योंकि इसके अधिक सेवन से कोलेस्ट्रॉल (cholesterol) का स्तर भी बढ़ सकता है, जो हृदय रोग के जोखिम को बढ़ा सकते हैं।
विटामिन और मिनरल (Vitamins and Minerals)
ऐसी डायट जो सब्जियों, फल और लीन प्रोटीन भरपूर होती है वो हमें पर्याप्त मात्रा में विटामिन प्रदान करती है। इनके कई फायदे हैं जैसे इम्यून सिस्टम को मजबूत करना, कैल्शियम के अब्सॉर्प्शन में मदद आदि। मिनरल्स भी हमारे शरीर के लिए आवश्यक हैं। मेजर मिनरल हैं मैग्निसियम, कैल्शियम, फॉस्फोरस, सोडियम आदि। जिन्हें हम हरी सब्जियां, फल, अनाज आदि से प्राप्त कर सकते हैं।
और पढ़ें : गैस्ट्राइटिस डायट: इस स्थिति में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं?
प्रोटीन (Protein)
प्रोटीन को भी स्पेशल डायट में शामिल किया जाता है। यह एक ऐसा माइक्रोन्यूट्रिएंट है, जो शरीर के सही काम करने के लिए जरूरी है। इसे फिश, बींस, अंडे,सोया, नट्स आदि के माध्यम से पाया जा सकता है।
वसा (Fats)
अक्सर लोग ऐसा मानते हैं कि वसा स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। लेकिन कुछ खास तरह के वसा उत्पादों को भी स्पेशल डायट (Special Diet) में शामिल किया जाता है। कीटो डायट में खासतौर पर हेल्दी वसा को शामिल किया जाता है। जिसे आप नट्स, सीड्स, कोकोनट आयल आदि से प्राप्त कर सकते हैं।
कार्बोहाइड्रेट्स (Carbohydrates)
कार्बोहाइड्रेट्स कई स्पेशल डायट्स का मुख्य हिस्सा है। यह वो शुगर या स्टार्च हैं ,जो शरीर के सेल्स और टिश्यूस को एनर्जी प्रदान करता है। कार्बोहाइड्रेट्स दो प्रकार की होते हैं सिंपल और काम्प्लेक्स। हमें अपनी डायट में सिंपल कार्ब्स की मात्रा कम रखनी चाहिए और काम्प्लेक्स की अधिक। ब्राउन राइस, सब्जियां, दलिया,फल आदि काम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट्स का अच्छा स्त्रोत हैं।
पानी (Water)
पानी सबसे महत्वपूर्ण आवश्यक न्यूट्रिएंट है। व्यक्ति केवल कुछ दिनों के लिए पानी का सेवन किए बिना जीवित रह सकता है। डिहाइड्रेशन यानी शरीर में पानी की कमी के परिणाम भयानक हो सकते हैं। ऐसे में हर डायट में भरपूर मात्रा में पानी का होना अनिवार्य है।
विशेष डायट (Special Diet) के तहत मील्स को कैसे विभाजित किया जाता है?
ऐसा कहा जाता है कि हमारे आहार में स्टार्चयुक्त कार्बोहाइड्रेट, फल और सब्जियां, प्रोटीन, डेयरी और स्वस्थ वसा होने ही चाहिए। लेकिन, ऐसा जरूरी नहीं है कि आपके आहार में यह सभी न्यूट्रिएंट शामिल हों। इन डायट्स का उदेश्य आहार में संतुलन बनाए रखना और आपकी हेल्थ को फायदा पहुंचाना है। अगर आप कोई विशेष आहार(Special Diet) फॉलो करना चाहते हैं तो सबसे पहले डॉक्टर की सलाह लें और डायटीशियन की राय लेना भी जरूरी है। जानिए, स्पेशल डायट (Special Diet) के अंतर्गत मील्स को कैसे डिवाइड किया जाता है:
पैलियो डायट (Paleo diet)
पैलियो डायट में चीनी, अनाज और डेयरी आदि का सेवन नहीं किया जाता है। इसमें कुछ खास चीजों को ही शामिल किया जाता है। ऐसे में, इस डायट में मील का प्लान बहुत सावधानी से किया जाता है। जानिए कैसे होना चाहिए पूरे दिन का मील पैलियो डायट के अनुसार और उसमें क्या- शामिल हो सकता है।
- ब्रेकफास्ट : ब्रेकफास्ट में अंडे, फल, दलिया (ग्लूटन फ्री) आदि लिए जा सकते हैं।
- लंच : लंच में पकी हुई सब्जियां जैसे ब्रोकली, गोभी, शकरकंदी के साथ चिकन और वेजिटेबल सूप पीएं। इसमें ब्राउन राइस भी थोड़ी मात्रा में लिए जा सकते हैं।
- डिनर : डिनर में सब्जियां, क्विनोआ, ओट्स, बाजरा (कम मात्रा में) आदि को लिया जा सकता है।
ब्लड ग्रुप डायट (Blood Group Diet)
हर व्यक्ति के शरीर की जरूरतें अलग होती हैं। ऐसे में ब्लड ग्रुप के अनुसार डायट लेने से न केवल आप हेल्दी रहेंगे बल्कि आपको कई समस्याओं से भी मुक्ति मिलेगी और आपका वजन भी कम होगा। जानिए, इसके बारे में विस्तार से कि इस डायट में मील्स का विभाजन कैसे किया जा सकता है ।
और पढ़ें : स्माॅल इंटेस्टाइन की प्रॉब्लम को दूर करने के लिए अपनाएं, SIBO डायट
ए ब्लड ग्रुप (A blood Group)
ए ब्लड ग्रुप वालों के लिए वेजीटेरियन डायट (Vegetarian diet) फॉलो करना अच्छा रहता है। क्योंकि, इनकी पाचन शक्ति कमजोर होती है। इसके साथ ही इन्हें अधिक भरी आहार खाने से भी बचना चाहिए। जानिए कैसा होना चाहिए इनका आहार:
- ब्रेकफास्ट: ब्रेकफास्ट में सब्जी-रोटी, दलिया, ब्राउन ब्रेड, अंडे और फलों का सेवन करना अच्छा माना जाता है।
- लंच: लंच में दाल, ब्राउन राइस, रोटी, सब्जी ,दही आदि लिया जा सकता है।
- डिनर : डिनर में बींस, सोया, हरी सब्जियों का सेवन उत्तम है। डेयरी प्रोडक्ट्स और अधिक वसा युक्त आहार से दूर रहें।
बी ब्लड ग्रुप (B Blood Group)
बी ब्लड ग्रुप के लोगों को परहेज की जरूरत नहीं होती। लेकिन इन्हें भी डेयरी प्रोडक्ट्स और मच्छली आदि का कम सेवन करना चाहिए। कुछ दालें जैसे मसूर, चना आदि भी इनके स्वास्थ्य के लिए अच्छी नहीं मानी जाती।
- ब्रेकफास्ट: ब्रेकफास्ट में फल, अंडे, ग्रीन टी, ओट्स आदि का सेवन कर सकते हैं।
- लंच: लंच में ब्राउन राइस, सब्जी, दाल, सूप आदि का सेवन करें।
- डिनर : डिनर में भी जल्दी पचने वाली चीजों जैसे हरी सब्जियां, रोटी आदि को अपने आहार में शामिल करें।
एबी ब्लड ग्रुप (AB Blood Group)
एबी ब्लड ग्रुप के लोगों के लिए वेजीटेरियन आहार अधिक लाभदायक है क्योंकि इस ग्रुप के लोगों को अपच की शिकायत रहती है। जानिए इनका आहार कैसे विभाजित किया जा सकता है।
- ब्रेकफास्ट : ब्रेकफास्ट में दलिया, इडली, ढोकला, फल आदि ले सकते हैं।
- लंच : लंच में मछली, दाल, सब्जी, रोटी, चावल, दही आदि का सेवन करें।
- डिनर : डिनर में भी खिचड़ी, सूप, हरी सब्जियां, दाल, रोटी आदि लें।
वीगन डायट (Vegan Diet)
वेगन डायट (Vegan Diet) और द मेडिटरेनीयन डायट (The Mediterranean Diet) दोनों में केवल शाकाहारी खाद्य पदार्थों को ही शामिल किया जाता है। इसमें आप मीट या किसी भी तरह के मांसाहारी आहार का सेवन नहीं कर सकते। इसके कई फायदे हैं। जानिए किन चीजों को शामिल करें इस डायट में:
- ब्रेकफास्ट : वेगन डायट में आप ब्रेकफास्ट में इडली, ढोकला, दलिया पोहा और फल आदि को शामिल कर सकते हैं।
- लंच : लंच म आप सब्जियों के साथ दही रोटी और चावल और सलाद खाएं।
- डिनर : डिनर में आप रोटी, सब्जी, खिचड़ी और सूप का सेवन कर सकते हैं।
रॉ फूड डायट (Raw Food Diet)
आजकल यह डायट बहुत लोकप्रिय है। ऐसा माना जाता है की इससे वजन जल्दी कम होता है। इसमें खाद्य पदार्थों को कच्चा खाना होता है। जैसे फल, सब्जियां, स्प्राउट्स आदि। इस डायट के फायदे हैं लेकिन कुछ नुकसान भी हो सकते हैं।
- ब्रेकफास्ट: ब्रेकफास्ट में स्प्राउट, फल, सूखे मेवे. ओट्स दूध आदि ले सकते हैं।
- लंच: लंच में कच्ची सब्जियों या फलों का सलाद, मेवे आदि खा सकते हैं। नींबू पानी, नारियल पानी आदि भी ले सकते हैं।
- डिनर: डिनर में भी सलाद या स्प्राउट्स लेने की सलाह दी जाती है।
और पढ़ें : पुरुषों के लिए हॉर्मोन डायट क्यों जरूरी है?
केटोजेनिक डायट (Ketogenic Diet)
केटोजेनिक डायट को वजन कम करने के लिए बहुत लाभदायक माना जाता है। इसमें फैट की मात्रा अधिक और कार्बोहाइड्रेट्स की मात्रा कम रखी जाती है। इस डायट प्लान को कीटोजेनिक डायट, लो कार्ब डायट, फैट डायट आदि नामों से भी जाना जाता है।
- ब्रेकफास्ट: ब्रेकफास्ट में पनीर भुर्जी को सब्जियों के साथ या बटर में बना आमलेट लिया जा सकता है।
- लंच: लंच में आप पालक के सूप को बटर मशरुम के साथ लें।
- डिनर: डिनर में हरी सब्जियों के सलाद को बटर के साथ या बटर चिकेन को सब्जियों के साथ लिया जा सकता है।
क्या स्वास्थ्य समस्याओं में स्पेशल डायट (Special Diet) ली जा सकती है?
स्पेशल डायट्स के कई फायदे हैं, यही कारण है कि यह आजकल इतनी लोकप्रिय हैं। खासतौर पर वजन कम करने के लिए तो स्पेशल डायट (Special Diet) का प्रयोग किया ही जाता है। कई स्वास्थ्य समस्याओं में भी इन विशेष आहार को फॉलो करने की सलाह दी जाती है जैसे डायबिटीज, हार्ट प्रॉब्लम, गठिया आदि। जानिए, कौन सी स्वास्थ्य समस्या में किस तरह की स्पेशल डायट (Special Diet) ली जा सकती है?
Quiz : वेट गेन डायट प्लान से जानें क्या है खाना और क्या है अवॉयड करना?
साल्ट-रिस्ट्रिक्टेड डायट (Salt Restricted Diet)
ऐसी डायट जिसमें सोडियम की मात्रा को बिलकुल कम कर दिया जाता है, इसे साल्ट-रिस्ट्रिक्टेड (लौ सोडियम) डायट कहा जाता है। स्पेशल डायट (Special Diet) की सलाह हाइपरटेंशन के मरीजों को दी जाती है। इसमें नमक की मात्रा बहुत कम या न के बराबर रखी जाती है। इसमें बटर, लस्सी , सूप, पैक सब्जियां या फलों आदि को नहीं लेने की सलाह दी जाती है।
वसा रहित डायट (Fat Restricted Diet)
यह डायट उन मरीजों को लेने की सलाह दी जाती है जिनका वजन बहुत अधिक होता है या जिन्हें जठरांत्र विकार (Gastrointestinal disorder) होता है। इसमें कई चीजों जैसे तेल, घी आदि को नहीं लेने की सलाह दी जाती है। इन डायट के अंतर्गत साबुत अनाज, स्किम मिल्क, लौ फैट चीज, अंडे, सब्जियां आदि आते हैं।
कोलेस्ट्रॉल रिस्ट्रिक्टेड डायट (Cholesterol Restricted Diet)
अगर हमारा कोलेस्ट्रॉल कम होगा तो हमें हार्ट से संबंधित रोग भी कम होंगे। कोलेस्ट्रॉल रिस्ट्रिक्टेड डायट में कुछ ओट्स, बींस, फल आदि को शामिल किया जाता है। लेकिन जानवरों से प्राप्त होने वाले खाद्य पदार्थों जैसे मीट, अंडे, डेयरी उत्पाद को इसमें लेने की सलाह नहीं दी जाती।
वेगन डायट (Vegan Diet)
इस स्पेशल डायट (Special Diet) में सैचुरेटेड फैट और फाइबर अधिक मात्रा में होते हैं। इसलिए, यह दिल संबधी बीमारियों के लिए लाभदायक है और कैंसर के जोखिम को कम करती है। इसमें सब्जियां, फल, मवे, सीड्स आदि शामिल हैं।
[mc4wp_form id=”183492″]
कंसिस्टेंट कार्बोहायड्रेट (Diabetic Diet)
यह डायट हर मरीज के लिए अलग हो सकती है। इस स्पेशल डायट (Special Diet) में आहार डायबिटीज के मरीजों का सामान्य ही होता है, लेकिन कार्बोहाइड्रेट को इसमें नियंत्रित किया जाता है। कार्बोहाइड्रेट स्टार्च, स्टार्च वाली सब्जियां, जूस, फल, दूध और शक्कर हैं। इस डायट को लेने से पहले डॉक्टर की सलाह अनिवार्य है
रीनल डायट Renal Diet
इस स्पेशल डायट (Special Diet) को न्यूट्रिएंट्स को ध्यान में रख कर ही बनाया गया है और यह किडनी के मरीजों के लिए लाभदायक है। यदि मरीज ने डायलिसिस उपचार नहीं लिया है, तो इसमें डॉक्टर प्रोटीन युक्त चीजों जैसे आलू, टमाटर, संतरे, और केले को प्रतिबंधित कर सकते हैं। इसके साथ ही दूध और डेयरी उत्पादों, ब्रेड, चाय, सोडा, कॉफी, मटर आदि के सेवन को भी सीमित किया जा सकता है।
क्या इन स्पेशल डायट के हो सकते हैं साइड इफ़ेक्ट?
जब हम बात करते हैं स्पेशल डायट की, तो हमें समझना चाहिए कि हर व्यक्ति की जरूरत अलग-अलग होती है। ज़ाहिर है, हर तरह की डायट हर व्यक्ति को सूट नहीं होती। इसलिए अपनी जरूरत के मुताबिक़ आपको डायट का चुनाव करना चाहिए, जिससे शरीर पर किसी विशेष तरह की डायट का ग़लत असर ना पड़े। हमेशा न्यूट्रिशनिस्ट की सलाह लेकर ही अपने लिए डायट का चुनाव करना चाहिये। जिससे आपको सही मात्रा में पोषण भी मिले और आप किसी प्रकार के साइड इफ़ेक्ट से बच सकें।
इसमें कोई संदेह नहीं कि स्पेशल डायट (Special Diet) आपके स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद साबित हो सकती हैं। लेकिन, जरूरी है आपको इनके बारे में पूरी जानकारी है। अलग स्वास्थ्य समस्याओं के लिए अलग डायट लेने की सलाह दी जाती है। इसलिए आप किसी भी डायट का पालन करने से पहले अपने डॉक्टर से पूछ लें। इसके साथ ही आहार विशेषज्ञ की सलाह के अनुसार ही इसे लें।
[embed-health-tool-bmr]